निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for निर्गुण सूफी काव्य और कवि - Download Free PDF

Last updated on Jun 11, 2025

Latest निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Objective Questions

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 1:

'मलिक मुहम्मद जायसी की प्रेम कविता' हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन और नामकरण करते हुए उपर्युक्त नामकरण किस साहित्येतिहासकार ने सुझाया है?

  1. अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन
  2. रामचंद्र शुक्ल
  3. हजारी प्रसाद द्विवेदी
  4. गणपतिचंद्र गुप्त
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 1 Detailed Solution

उपर्युक्त नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।

Key Points

"मलिक मोहम्मद जायसी की प्रेम कविता" का नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।

इन्होंने यह नामकरण अपने साहित्य इतिहास ग्रंथ मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान में सुझाया है।

Important Points

जॉर्ज ग्रियर्सन

जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान, हिंदी साहित्य का पहला इतिहास ग्रंथ माना जाता है।

ग्रियर्सन ने अपने ग्रंथ में 952 कवियों को शामिल किया है।

डॉक्टर किशोरी लाल गुप्त ने "द मॉडर्न वर्नाकुलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान" का "हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास" शीर्षक से हिंदी अनुवाद किया।

इसका प्रकाशन सन 1957 ईस्वी में हुआ।  

Additional Information

जायसी

मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत है।

इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।

पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।

पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।

यह चौपाई दोहा छंद में है।

चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।

पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।

पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 2:

'पद्मावत' किस भाषा की रचना है?

  1. अवधी
  2. मैथिली
  3. मगही
  4. अपभ्रंश

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अवधी

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 2 Detailed Solution

'पद्मावत' अवधी भाषा की रचना है

Key Pointsपद्मावत-

  • रचनाकार-जायसी 
  • प्रकाशन वर्ष-1520 ई. 
  • विधा-सूफी काव्य 
  • भाषा-अवधी 
  • छंद-दोहा-चौपाई 
  • विषय-
    • इसमें 57 खंड हैं। 
    • उत्प्रेक्षा अलंकार की प्रधानता है। 
    • इसमें रत्नसेन,पद्मावती और नागमती की प्रेम कहानी वर्णित है। 
    • इसमें सभी पात्र प्रतीक रूप में प्रस्तुत हुए है। 

Important Points
जायसी-

  • जन्म-1446-1542 ई. 
  • भक्तिकाल की सूफी काव्यधारा के मुख्य कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • अखरावट 
    • आखिरी कलाम 
    • कहरनामा 
    • चित्ररेखा 
    • कान्हावत आदि।

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 3:

"इसी ग्रंथ को सूफी पद्धति का अंतिम ग्रंथ मानना चाहिये।"- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने यह किस ग्रंथ के संदर्भ में कहा है?

  1. अनुराग बाँसुरी 
  2. हंस जवाहिर 
  3. ज्ञानदीप 
  4. इंद्रावती 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : इंद्रावती 

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- इंद्रावती 

Key Pointsशुक्ल के अनुसार- इंद्रावती

  • "कवि ने जायसी के पहले के कवियों के अनुसार पाँच-पाँच चौपाइयों के उपरांत दोहे का क्रम रखा है।"
  • "इसी ग्रंथ को सूफी पद्धति का अंतिम ग्रंथ मानना चाहिये।"

Important Pointsनूर मुहम्मद-

  • "नूर मुहम्मद फारसी के अच्छे आलिम थे और इनका हिंदी काव्य-भाषा का भी ज्ञान और सब सूफी कवियों से अधिक था।"

Additional Informationशुक्ल के अनुसार- शेखनबी (ज्ञानदीप)

  • शुक्लजी ने शेखनबी के विषय में माना है कि "इनसे प्रेममार्गी सूफी कवियों की प्रचुरता की समाप्ति समझनी चाहिये। यहाँ प्रेमगाथा परंपरा समाप्त होती है। आगे भी इस शैली की कुछ रचनाएँ आयीं, पर जनता पर उनका वैसा प्रभाव नहीं पड़ता।"

शुक्ल के अनुसार- कासिमशाह (हंस जवाहिर)

  • "इनकी रचना बहुत निम्न कोटि की है। इन्होंने जगह-जगह जायसी की पदावली तक ली है, पर प्रौढ़ता नहीं है।"
 

शुक्ल के अनुसार- अनुराग बाँसुरी

  • "इसकी भाषा सूफी रचनाओं से बहुत अधिक संस्कृतगर्भित है।"
  • "हिंदी भाषा में रचना करने (इंद्रावती की) के कारण शायद इन्हें उपालंभ सुनने को मिलता था कि तुम मुसलमान होकर हिंदी भाषा में रचना करने क्यों गए।
  • "संवत् 1800 तक आते-आते मुसलमान हिंदी से किनारा खींचने लगे थे। हिंदी हिंदुओं के लिये छोड़कर अपने लिखने-पढ़ने की भाषा वे विदेशी अर्थात् फारसी ही रखना चाहते थे। जिसे 'उद्दू' कहते हैं, उसका उस समय तक साहित्य में कोई स्थान न था।"

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 4:

'पद्मावत' के निर्माण काल, विशेषताओं, और प्रतीकवाद से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?

(A) जायसी ने 'पद्मावत' का निर्माण 927 हिजरी (1520 ई.) में शुरू किया, लेकिन इसे 947 हिजरी (1540 ई.) में शेरशाह के समय पूरा किया।

(B) 'पद्मावत' को अवधी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है, जिसमें 57 खंड हैं।

(C) 'पद्मावत' में उत्प्रेक्षा अलंकार की प्रधानता है और यह समासोक्ति के निकट है।

(D) 'पद्मावत' का बांग्ला अनुवाद आलो उजाला ने 1650 ई. में स्वयं किया था।

(E) 'पद्मावत' में पद्मिनी परमसत्ता का, रत्नसेन साधक का, और राघव चेतन शैतान का प्रतीक है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए -

  1. केवल (B), (D), (E)
  2. केवल (A), (B), (C), (E)
  3. केवल (C), (D)
  4. केवल (A), (B), (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (B), (C), (E)

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- केवल (A), (B), (C), (E)

Key Points

  • (A)-
    • जायसी ने 'पद्मावत' का निर्माण 927 हिजरी (1520 ई.) में शुरू किया, लेकिन शेरशाह की प्रशंसा के कारण इसे 947 हिजरी (1540 ई.) में पूरा माना जाता है, जैसा कि शुक्ल और बच्चन सिंह ने उल्लेख किया।
  • (B)-
    • 'पद्मावत' को अवधी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है, और इसमें 57 खंड हैं।
  • (C)-
    • 'पद्मावत' में उत्प्रेक्षा अलंकार की प्रधानता है, और यह समासोक्ति के निकट है, जैसा कि अन्योक्ति और समासोक्ति के तत्त्वों के उल्लेख से स्पष्ट है।
  • (E)-
    • 'पद्मावत' में पद्मिनी परमसत्ता का, रत्नसेन साधक का, और राघव चेतन शैतान का प्रतीक है।

Additional Information

  • (D) सही होगा-
    • 'पद्मावत' का बांग्ला अनुवाद आलो उजाला ने स्वयं नहीं, बल्कि अराकान राज्य के वजीर मगन ठाकुर ने आलो उजाला से करवाया था।

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 5:

'पद्मावत' के निर्माण काल, शैली, और महत्व से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?

(A) बच्चन सिंह ने 'पद्मावत' के निर्माण काल को 947 हिजरी (1540 ई.) माना, इसे नकल की गलती सुधारते हुए।

(B) 'पद्मावत' को विजयदेव नारायण साही ने अपने ढंग की त्रासदी (ट्रेजिडी) कहा है।

(C) 'पद्मावत' में शेरशाह की प्रशंसा ग्रंथ के अंत में की गई है।

(D) 'पद्मावत' को प्रतीकात्मक काव्य कहा जाता है, जिसमें अन्योक्ति और समासोक्ति दोनों के तत्त्व हैं।

(E) जायसी ने 'पद्मावत' के निर्माण काल को "सन नौ सै सत्ताइस अहा" के रूप में उल्लेखित किया, जो 1520 ई. को दर्शाता है।

नीचे दिए गयगए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

  1. केवल (A), (B), (D)
  2. केवल (C), (E)
  3. केवल (A), (B), (D), (E)
  4. केवल (B), (C), (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केवल (A), (B), (D)

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- केवल (A), (B), (D)

 

विश्लेषण:
  • (A) सही: बच्चन सिंह ने 'सन नौ सै सत्ताइस अहा' (927 हिजरी) को नकल की गलती मानते हुए, 'सन नौ सै सैंतालीस अहा' (947 हिजरी, 1540 ई.) को सही माना।
  • (B) सही: विजयदेव नारायण साही ने 'पद्मावत' को अपने ढंग की त्रासदी (ट्रेजिडी) कहा और जायसी को मूलतः कवि माना।
  • (C) गलत: 'पद्मावत' में शेरशाह की प्रशंसा ग्रंथारंभ में की गई है, न कि अंत में (पंक्ति: “शेरशाह दिल्ली सुलतानू…”)。
  • (D) सही: 'पद्मावत' को प्रतीकात्मक काव्य कहा जाता है, जिसमें अन्योक्ति और समासोक्ति दोनों के तत्त्व हैं, और यह समासोक्ति के अधिक निकट है।
  • (E) गलत: जायसी ने निर्माण काल को "सन नौ सै सत्ताइस अहा" (927 हिजरी, 1520 ई.) उल्लेखित किया, लेकिन शेरशाह की प्रशंसा के कारण 947 हिजरी (1540 ई.) को सही माना जाता है।

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'पद्मावत' किसकी रचना है?

  1. कबीर
  2. तुलसीदास
  3. जायसी
  4. सूरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : जायसी

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 जायसी सही उत्तर है।

Key Points

  • जायसी निर्गुण धारा की प्रेमाश्रयी(सूफी) शाखा के महत्वपूर्ण कवि है।
  • जायसी प्रसिद्ध सूफी फकीर शेख मोहिदी के शिष्य व शेरशाह के समकालीन थे।
  • पद्मावत में कुल 57 खण्ड हैं।
  • पद्मावत विषय:नागमती,पद्मावती और रत्नसेन की प्रेम कहानी पर आधारित है।

Important Points

  • आचार्य शुक्ल: पद्मावत की कथा का पूर्वार्द्ध 'कल्पित' और उत्तरार्द्ध 'ऐतिहासिक' माना है।
  • विजयदेव नारायण साही ने 'पद्मावत' को हिंदी में अपने ढंग की अकेली ट्रेजिक कृति कहा है।
  • अन्य रचनाएँ:
रचना विषय
अखरावट वर्णमाला के अक्षरों पर निर्मित सिद्धन्त आधारित।
आख़िरी कलाम कयामत का वर्णन और मुगल बादशाह बाबर की प्रशंसा।
कहरनामा आध्यात्मिक विवाह का वर्णन।
मसलानामा ईश्वर भक्ति के प्रति प्रेम निवेदन।

Additional Information

कवि प्रमुख रचना
कबीर बीजक(3भाग)-रमैनी,सबद,साखी।
तुलसी रामचरितमानस,वैराग्य संदीपनी,कवितावली,गीतावली,रामाज्ञा प्रश्न आदि
सूरदास सूरसागर,सुरसरवाली,साहित्य लहरी।

निम्नलिखित महाकाव्यों में से कौन-सा महाकाव्य मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखा गया है?

  1. उर्वशी
  2. पद्मावत
  3. कामायनी
  4. रामचरित मानस

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पद्मावत

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 7 Detailed Solution

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"पद्मावत" ,"जायसी" की रचना है।

  • मलिक मुहम्मद जायसी (1467-1542) हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि थे।
  • उनकी 21 रचनाओं के उल्लेख मिलते हैं। 

Key Points

जायसी की प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

  • पद्मावत
  • अखरावट
  • आख़िरी कलाम
  • कहरनाम
  • चित्ररेखा
  • कान्हावत 

Important Points

राजा रत्नसेन मन का प्रतीक है|

शैतान - राघव चेतन

शरीर- चित्तोड़

संसार- नागमती

'मलिक मुहम्मद जायसी की प्रेम कविता' हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन और नामकरण करते हुए उपर्युक्त नामकरण किस साहित्येतिहासकार ने सुझाया है?

  1. अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन
  2. रामचंद्र शुक्ल
  3. हजारी प्रसाद द्विवेदी
  4. गणपतिचंद्र गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 8 Detailed Solution

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उपर्युक्त नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।

Key Points

"मलिक मोहम्मद जायसी की प्रेम कविता" का नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।

इन्होंने यह नामकरण अपने साहित्य इतिहास ग्रंथ मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान में सुझाया है।

Important Points

जॉर्ज ग्रियर्सन

जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान, हिंदी साहित्य का पहला इतिहास ग्रंथ माना जाता है।

ग्रियर्सन ने अपने ग्रंथ में 952 कवियों को शामिल किया है।

डॉक्टर किशोरी लाल गुप्त ने "द मॉडर्न वर्नाकुलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान" का "हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास" शीर्षक से हिंदी अनुवाद किया।

इसका प्रकाशन सन 1957 ईस्वी में हुआ।  

Additional Information

जायसी

मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत है।

इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।

पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।

पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।

यह चौपाई दोहा छंद में है।

चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।

पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।

पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।

जायसी की रचना नहीं है:

  1. मृगावती 
  2. पद्मावत
  3. अखरावट
  4. कन्हावत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मृगावती 

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 9 Detailed Solution

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"मृगावती", "कुतुबन" की रचना है, जायसी की नही। अतः प्रश्न के अनुसार उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) मृगावती सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।


Key Points

  • इनका जन्म 1515 ईस्वी में हुआ माना जाता है।
  • कुतुबन शेख बुरहान के शिष्य थे।
  • ये सूफी प्रेम काव्य परम्परा के कवि थे।
  • कवि की भाषा अवधी तथा छंद, दोहा एवं चौपाई है।
  • जायसी की रचना आखिरी कलाम में क़यामत का वर्णन है ।
  • जायसी सूफ़ी (1446 - 1542 ई.) सम्प्रदाय के प्रमुख कवि हैं, वह शेरशाह के समकालीन कवि थे ।


Additional Information

  • जायसी के सन्दर्भ में
    • आखिरी कलाम में मुग़ल बादशाह बाबर की प्रशंसा है और क़यामत का वर्णन है ।
    • आखिरी कलाम में जायसी ने अपने जन्म के विषय में लिखा है - भा अवतार मोर नौ सदी । तीस बरस ऊपर कवि बदी । 
    • आखिरी कलाम 1528 ई. में लिखा गया ।


Important Points

  • चित्ररेखा - चित्ररेखा व प्रीतम कुँवर की प्रेम कहानी ।
  • अखरावट - वर्णमाला के एक - एक अक्षर को लेकर सिद्धांत सम्बन्धी तत्वों से भरी चौपाई है ।
  • पद्मावत - रत्नसेन, पद्मावत और नागमती के प्रेम कहानी ।


Additional Information

  • शुक्ल जी का कथन - "आखिरी कलाम की भाषा पद्मावत व अखरावट की अपेक्षा अधिक ठेठ और बोलचाल की अवधी है।"

सूफी साधन के चार पड़ावों में इनमें से कौन-सा नहीं है?

  1. शरीअत
  2. तरीकत
  3. मलकत
  4. मारिफत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मलकत

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 10 Detailed Solution

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मलकत सूफी साधन के चार पड़ावों में से नहीं है,अन्य विकल्प संगत है। अत: विकल्प 3 मलकत सही उत्तर है। 

स्पष्टीकरण:

सूफी संतों की साधना में चार मकाम बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं- 

  1. शरीअत 
  2. तरी-कत
  3. मारि-फत
  4. हकीकत।

 

किसे सूफी काव्य परंपरा के पहले कवि माने जाते हैं?

  1. मुल्ला दाउद
  2. मंझन
  3. जायसी
  4. कुतुबन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मुल्ला दाउद

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 11 Detailed Solution

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  • सूफी काव्य धारा के अधिंकाश कवि मुसलमान है लेकिन इनमें धार्मिक कट्टरता का अभाव है।
  • इन कवियों ने सूफी मत के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दू घरों में प्रचलित प्रेम-कहानियों को अपना काव्य विषय बनाया।
  • हिन्दी के प्रथम सूफी कवि 'मुल्लादाऊद' को माना जाता है।

 

  • आचार्य शुक्ल ने हिन्दी का प्रथम सूफी कवि 'कुतुबन' को माना है।

Key Points

  • संत काव्य धारा के प्रमुख कवि :- कबीर दास , मलूक दास, रैदास, नानक
  • सूफी काव्य धारा के कवि:- शेख नबी, जायसी, मुल्ला दाऊद
  • रामभक्ति शाखा:- तुलसी, नाभादास, अग्रदास
  • कृष्णकाव्य :-रसखान, मीरा, छीतस्वामी, कृष्णदास 

सूफी कवि नूर मुहम्मद की रचना का नाम है

  1. मधुमालती
  2. अनुराग बाँसुरी
  3. चन्द्रावती
  4. मृगावती

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुराग बाँसुरी

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 12 Detailed Solution

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सूफी कवि नूर मुहम्मद की रचना का नाम अनुराग बाँसुरी है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 अनुराग बाँसुरी होगा ।

Key Points

रचना

रचनाकार

मधुमालती

मलिक मंझन

चन्द्रावती

सदल मिश्र

मृगावती

कुतुबन 

इनमें से कौन-सा विकल्प सुमेलित नहीं है?

  1. कुतुबन - मृगावती 
  2. जायसी - पद्मावत 
  3. मुल्ला दाऊद - लखमसेन पद्मावती कथा 
  4. ईश्वर दास - सत्यवती कथा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मुल्ला दाऊद - लखमसेन पद्मावती कथा 

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर 'मुल्ला दाऊद - लखमसेन पद्मावती कथा' है, जो सही नहींं हैं।

Key Points

  • लखमसेन पद्यावती कथा (1459) के लेखक दामोदर कवि है।
  • मुल्ला दाऊद की रचना चंदायन (1379 ई.) है।
  • डाॅ. रामकुमार वर्मा ने मुल्ला दाऊद को सूफीकाव्य का प्रथम कवि माना और चंदायन को सूफी काव्य की प्रथम रचना।

Additional Information

काव्य रचनाकार
मृगावती (1501) कुतुबन
पद्मावत (1540) जायसी
सत्यवती कथा (1501) ईश्वरदास

Important Pointsचंदायन काव्य का विषय और प्रमुख पात्रः-

काव्य विषय और पात्र
चंदायन

इसमे लोर और चंदा एक दूसरे के प्रेम प्रसंग का वर्णन है , इसमे नायिका को साँप काट लेता है तब गारुडी द्वारा उसे ठीक किया जाता है।

प्रमुख पात्रः- लोर ( लोरक ) , चंदा , नूरक आदि।

सूफ़ी प्रेमाख्यान नही है:

  1. श्याम सगाई
  2. इन्द्रावती 
  3. युसुफ़ जुलेखा
  4. हंस जवाहिर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्याम सगाई

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 14 Detailed Solution

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श्याम सगाई सूफी प्रेमाख्यान नहीं है।

 Key Points

  • श्याम सगाई - नंददास जी की प्रमुख रचना है।
    • इसमें राधा और कृष्ण की सगाई का वर्णन है
  • नंददास अष्टछाप कवि मंडल में सूरदास के पश्चात सर्वाधिक श्रेष्ठ रचना करने वाले कवि है।
    • नंददास को जड़िया कवि की उपाधि उनकी रासपंचाध्याई है रचना के आधार पर मिली है. और नंददास के यश का आधार यही 'रास पंचाध्याई' है।

 Important Points

  • नंददास की अन्य रचनाएं -
    • मान मंजरी
    • रसमंजरी
    • रूपमंजरी श्याम सगाई
    • रुकमणी मंगल
    • भंवर गीत
    • सिद्धांत पंचाध्याई
    • दशम स्कंध भागवत
    • गोवर्धन लीला
    • नाम चिंतामणि माला
    • नंददास पदावली
    • जोग लीला
  • रास पंचाध्याई रचना -
    • यह पाँच अध्यायों में विभक्त है।
    • राधा कृष्ण और गोपियों की रासलीला से संबंधित है।
    • इसे हिंदी का गीत गोविंद का जाता है।

 Additional Information

  • इंद्रावती-
    • नूर मोहम्मद की रचना जो 1744. में रची गई।
    • इसकी भाषा अवधि है।
    • सूफी प्रेमाख्यानो की अखंडित परंपरा की समाप्ति इसी से होती है।
  • यूसुफ जुलेखा –
    • शेख निसार की रचना है जो 1790स्वी में रची गई।
  • हंस जहांवीर
    • कासिम शाह की रचना है जो 1736 ई. में रची गई।
    • अवधी भाषा में है।
    • आचार्य शुक्ल जी इसे निम्म कोटि की रचना मानते हैं।

सूफी साधना के चार पड़ावों में शामिल नहीं है:

  1. मारिफत
  2. हकीकत
  3. शराफत
  4. शरीअत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : शराफत

निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 15 Detailed Solution

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सूफी साधना के चार पड़ावों में 'शराफत' शामिल नहीं है।

  • सूफी साधना के 4 पड़ाव-
    • तरीकत
    • हकीकत
    • शरिअत
    • मारिफत

Key Points

  • सूफी साधना के चार मुकाम हैं-
    • शरीयत(कर्मकाण्ड)- धर्मग्रंथों के विधान का पालन। हाल की दशा-नासूत।
    • तरीकत(उपासना)- बाहरी आकर्षणों का त्याग । हाल की दशा- मलकत।
    • मारिफ़त(ज्ञान)- सम्यक दृष्टि की प्राप्ति। हाल की दशा- जबरुत
    • हकीकत(परमतत्व)- सिद्धावस्था की प्राप्ति । हाल की दशा- लाहूत।
Important Points
  • सूफी मत की मान्यताएं
    • सूफी मत में ईश्वर को निराकार व सर्व्यापी मन गया है।
    • ईश्वर का साक्षात्कार पीर या गुरु की सहायता से ही हो सकता है।
  • सूफी मत में साधना के सात सोपान माने गए हैं-
    • इश्क(प्रेम)
    • जहद(संघर्ष)
    • स्वारिफ(वैराग्य)
    • वल्द(भावातिरेक)
    • हकीक(सत्य की अनुभूति)
    • वस्ल(परम् सत्ता की स्थिति)
    • फना(अहं का पूर्ण विलय)
Additional Information 

हिंदी के प्रमुख सूफी कवि और काव्य निम्नलिखित हैं:-

रचना या काव्य

वर्ष

कवी

मधुमालती

1545

मंझन

चंदायन

1379

मुल्ला दाऊद

मृगावती

1501

कुतुबन

पद्मावत

1540

जायसी

हंसावली

1370

कवि असाइत

माधवानल कामकंदला

1556

कुशल लाभ

रूप मंजरी

1568

नंददास

नल दमयंती

1625

नरपति व्यास

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