निर्गुण संत काव्य और कवि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for निर्गुण संत काव्य और कवि - Download Free PDF

Last updated on May 7, 2025

Latest निर्गुण संत काव्य और कवि MCQ Objective Questions

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 1:

कबीर के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?

  1. कबीर के काव्य में दाम्पत्य के द्योतक प्रतीकों का सुंदर प्रयोग हुआ है।
  2. काव्य-रचना कबीर का प्रथम लक्ष्य था।
  3. कबीर के काव्य में रहस्यवाद मिलता है।
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : काव्य-रचना कबीर का प्रथम लक्ष्य था।

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 1 Detailed Solution

कबीर के संदर्भ में कथन असत्य है- काव्य-रचना कबीर का प्रथम लक्ष्य था।

Key Pointsकबीर-

  • जन्म-1398-1518 ई. 
  • भक्तिकाल की संत काव्यधारा के प्रमुख कवि है। 
  • गुरु-रमानंद 
  • शिष्य-धर्मदास 
  • रचना-बीजक 
    • इसका संकलन धर्मदास ने 1464 ई. में किया। 
    • इसके तीन भाग हैं- साखी, सबद और रमैनी। 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 2:

मूलकदास की रचनाओं के कौन से युग्म सही हैं ?

(A) भक्तिविवेक 

(B) नादिरून्निकात

(C) सुखसागर 

(D) ब्रह्म स्तुति

(E) ब्रजलीला 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (A), (D)
  2. (A), (E), (C)
  3. (C), (D), (E)
  4. (A), (B)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (C), (D), (E)

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है- (C), (D), (E)

Key Pointsमलूकदास-

  • योग, ज्ञान, निर्गुण भक्ति, वैराग्य आदि विषयों पर:
    • ज्ञानोोध
    • ज्ञापपरोछि
    • विभवविभूति
    • रत्नखान
  • कथानकों के आधार पर दार्शनिक चिंतन:
    • भक्ति विवेक
    • सुखसागर
  • अवतार व चरित्र वर्णन:
    • रामअवतार लीला
    • ब्रजलीला
    • ध्रुवचरित
  • उपदेशात्मक:
    • भक्तवच्छावली
    • बारहखड़ी
    • स्फुट पद
    • सबद

Important Pointsबाबा लाल

  • रचनाएँ-
    • असरारे-मार्फत
    • नादिरून्निकात

हरिदास

  • रचनाएँ-
    • निरंजनी
    • अष्टपदी जोग ग्रंथ
    • ब्रह्म स्तुति
    • हंस प्रबोध ग्रंथ
    • निरपख मूल ग्रंथ
    • पूजा जोग ग्रंथ
    • समाधिजोग ग्रंथ
    • संग्राम जोग ग्रंथ

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 3:

निर्गुण कवियों में सर्वाधिक शिक्षित संत इनमें से कौन है?

  1. सुंदर दास 
  2. दादूदयाल
  3. धरम दास
  4. मलूक दास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सुंदर दास 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 3 Detailed Solution

निर्गुण कवियों में सर्वाधिक शिक्षित संत इनमें से है- सुंदर दास 

Key Points

  • निर्गुण कवियों में सुंदरदास को सर्वाधिक शिक्षित और शास्त्रज्ञ माना जाता है
  • ​निर्गुण काव्य परंपरा के प्रमुख कवियों में कबीर, रविदास, दादू, रज्जब, मलूकदास, प्राण- नाथ,
  • नामदेव, नानक साहब, धरनीदास, बुल्लासाहब, दरिया साहब (बिहार वाले), दरिया साहब (मारवाड़ वाले) धन्ना,
  • पीपा, जगजीवन, सदना, इलनदास, चरणदास, सहजोबाई, दयाबाई, पलटू साहब, भीखा साहब आदि शामिल हैं। 

Important Pointsसुंदरदास-

  • जन्म- 1596-1689 ई.
  • भक्तिकाल की संत काव्यधारा के प्रमुख कवि है। 
  • शृंगार रस के कट्टर विरोधी थे। 
  • रचनाएँ-
    • ज्ञान समुन्द्र 
    • सुंदर विलास आदि।

Additional Informationदादूदयाल-

  • जन्म- 1544-1603 ई. 
  • हिन्दी के भक्तिकाल में ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख सन्त कवि थे।
  • इनके 52 पट्टशिष्य थे, जिनमें गरीबदास, सुंदरदास, रज्जब, जगन्नाथ, संतदास ,राघौदास और बखना मुख्य हैं। 
  • रचनाएँ-
    • साखी
    • पद्य
    • हरडेवानी
    • अंगवधू

धरम दास-

  • जन्म- 1433 - 1543 ई. 
  • कबीर के परम शिष्य और उनके समकालीन सन्त एवं हिन्दी कवि थे।
  • धनी धर्मदास को छत्तीसगढ़ी के आदि कवि का दर्जा प्राप्त है।
  • रचनाएँ-
    • धरमदास शब्दावली

मलूकदास

  • जन्म- 1574-1682 ई. 
  • भारत के प्रयागराज (इलाहाबाद) के एक भक्ति कवि-संत थे,
  • जो भक्ति आंदोलन के एक धार्मिक कवि थे। 
  • शाखा- सन्त काव्यधारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) 
  • रचनाएँ-
    • ज्ञानबोध
    • पुरुषविलास
    • भगत बच्छावली
    • भगत विरुदाव । ली
    • रतनखान
    • रामावतार लीला
    • साखी
    • सुखसागर।

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 4:

कबीर निम्नलिखित शाखा के प्रतिनिधि कवि हैं:

  1. प्रेमाश्रयी
  2. ज्ञानाश्रयी
  3. रामाश्रयी
  4. कृष्णाश्रयी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ज्ञानाश्रयी

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 4 Detailed Solution

कबीर शाखा के प्रतिनिधि कवि हैं: ज्ञानाश्रयी

Key Points

  • कबीरदास, भक्तिकाल की ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि थे।
  • कबीरदास, भोजपुरी साहित्य के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महानतम कवि थे।
  • ज्ञानाश्रयी शाखा के अन्य कवि रैदास, नानक, दादूदयाल, सुंदरदास और मलूकदास हैं। 

Important Pointsप्रेमाश्रयी-

  • प्रेमाश्रयी शाखा के कवियों में मलिक मुहम्मद जायसी प्रमुख हैं।
  • इनका ‘पद्मावत’ महाकाव्य इस शैली की सर्वश्रेष्ठ रचना है।
  • अन्य प्रमुख कवियों में मंझन, कुतुबन और उसमान हैं।

रामाश्रयी-

  • तुलसीदास को राम भक्ति काव्य धारा का सबसे महत्वपूर्ण कवि माना जाता है,
  • जिनकी रचना "रामचरितमानस" राम के जीवन और आदर्शों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है
  • रामाश्रयी शाखा के अन्य कवियों में तुलसीदास, अग्रदास, नाभादास, हृदयराम आदि शामिल हैं

कृष्णाश्रयी-

  • कृष्ण काव्यधारा के प्रमुख कवि. सूरदास ये कृष्णभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि हैं। 
  • कृष्णाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि सूरदास, नंददास, मीराबाई, हितहरिवंश, हरिदास, रसखान, नरोत्तमदास आदि थे।

Additional Informationकबीरदास- 

  • कबीर साहेब 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
  • कबीर अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा , पाखंड और ढोंग के विरोधी थे।
  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन् 1464 में किया।
  • इस ग्रंथ में मुख्य रूप से पद्य भाग है। बीजक के तीन भाग किए गए हैं 
  • रचना-
    • रमैनी
    • सबद
    • साखी

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 5:

सुमेलित कीजिए।

a.

अग्रदास

1.

हनुमन्नाटक

b.

हृदयराम

2.

ध्यान मंजरी

c.

नाभादास

3.

रामायण महानाटक

d.

प्राणचंद चौहान

4.

भक्तमाल

 

 

 

 

  1. a - 4, b - 3, c - 2, d - 1
  2. a - 4, b - 2, c - 1, d - 3
  3. a - 1, b - 2, c - 4, d - 3
  4. a - 2, b - 1, c - 4, d - 3

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : a - 2, b - 1, c - 4, d - 3

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- a - 2, b - 1, c - 4, d - 3

Key Points

सही सुमेलन है -

a.

अग्रदास

2.

ध्यान मंजरी

b.

हृदयराम

1.

हनुमन्नाटक

c.

नाभादास

4.

भक्तमाल

d.

प्राणचंद चौहान

3.

रामायण महानाटक

Important Pointsअग्रदास -

  • समय - 16 वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध 
  • मुख्य ​-
    • ये संत और कवि थे।
    • कृष्णदास पयहरि के शिष्य थे और अग्रदास जी के शिष्य नाभादास जी थे।
    • अग्रदास 'रसिक संप्रदाय' के संस्थापक आचार्य थे।
    • अग्रदास स्वामी रामानंद कि शिष्य  परंपरा में चौथी पीढ़ी में हुए - रामानंद,अनंतानंद, श्री कृष्णदास पयहरि, अग्रदास
    • अग्रदास का उपास्य नाम अग्रअली था।
    • इन्होंने राम और सीता को राधा और कृष्ण की भांति रसलीलामय दिखाया है।
    • राम भक्ति काव्य परंपरा में इन्होंने रसिक भावना की उपासना पद्धति चलाई।
  • स्वामी अग्रदास की प्रमुख रचनाएं -
    • हितोपदेश उपखाणाँ बावनी
    • ध्यानमंजरी
    • रामध्यानमंजरी
    • पदावली
    • कुंडलिया

हृदयराम-

  • एक प्राचीन कवि एवं कृष्णदास जी के पुत्र थे।
  • हृदयराम पंजाब के रहने वाले थे।
  • वे रामभक्त कवि थे, उनकी रचनाएँ भगवान राम को समर्पित थी।
  • रचना-
    • हनुमन्नाटक।

नाभादास-

  • जन्म- 16वीं शती
  • गुरु- अग्रदास 
  • भक्तिकाल के कवियों में नाभादास का विशिष्ठ स्थान है।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • भक्तमाल
    • अष्टयाम
    • रामभक्ति सम्बन्धी स्फूट पद आदि।

प्राणचंद्र चौहान-

  • प्राणचंद चौहान भक्तिकाल के कवि थे।
  • 'रामायण महानाटक' उनकी प्रसिद्ध कृति है।

Top निर्गुण संत काव्य और कवि MCQ Objective Questions

कबीरदास की भाषा कौन-सी थी?

  1. ब्रज
  2. खड़ी बोली
  3. कन्नौजी
  4. सधुक्कड़ी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सधुक्कड़ी

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 6 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 'सधुक्कड़ी है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

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  • कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
  • इनकी भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों के शब्द सम्मिलित हैं।
  • राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी, ब्रजभाषा के शब्दों की बहुलता है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 

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  • कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
  • वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
  • वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
  • उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी

किसके भक्तिपरक गीतों का संकलन 'अभंग' नाम से प्रसिद्ध है?

  1. नामदेव
  2. कबीरदास
  3. मीराबाई
  4. शंकरदेव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नामदेव

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 7 Detailed Solution

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"नामदेव" का भक्तिपरक गीतों का संकलन 'अभंग' नाम से प्रसिद्ध है। 

Key Points

  • संत नामदेव के भक्तिपरक गीतों का संकलन 'अभंग' नाम से प्रसिद्ध है।
  • इन अभंगों में नामदेव की भक्ति भाव की सरस धारा प्रवाहित है।
  • इनमें उन्होंने अपने ईश्वर के प्रति गहन प्रेम और समर्पण का भाव व्यक्त किया है।

अन्‍य व‍िकल्‍प- 

  • कबीरदास का भक्तिपरक गीतों का संकलन बीजक नाम से प्रस‍िद्ध है। 
  • मीराबाई का भक्तिपरक गीतों का संकलन संत ग्रंथावलीनाम से प्रस‍िद्ध है। 
  • शंकरदेव का भक्तिपरक गीतों का संकलन संत अष्टकम नाम से प्रस‍िद्ध है। 

कबीरदास की भाषा थी

  1. सधुक्कड़ी 
  2. खड़ीबोली
  3. कन्नौजी
  4. ब्रज

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सधुक्कड़ी 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 8 Detailed Solution

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सही उत्तर है - ‘सधुक्कड़ी ’।
  • कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी थी।

Key Points

  • ​कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

Additional Information

  • कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
  • वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
  • वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
  • उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी।

''कबीरदास'' भक्‍तिकाल की क‍िस धारा के कव‍ि थे?

  1. सन्‍तकाव्‍य धारा
  2. प्रेम काव्‍य धारा
  3. राम काव्‍य धारा
  4. कृष्‍ण काव्‍य धारा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सन्‍तकाव्‍य धारा

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 9 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर विकल्प 1संत काव्य धारा’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

Key Points

  • ''कबीरदास'' भक्‍तिकाल की संत काव्य धारा धारा के कव‍ि थे।
  • काव्यधारा की एक शाखा को संत काव्य धारा कहा जाता है। इस काव्य धारा को ज्ञानाश्रयी काव्यधारा भी कहा जाता है। अधिकांश विद्वान मानते हैं कि वह व्यक्ति जिसने ‘संत’ रूपी परमतत्व को प्राप्त कर लिया हो, वही संत है।
  • संत काव्य धारा- परंपरा के प्रमुख कवि हैं– नामदेव, कबीरदास, रैदास,  नानक, दादू दयाल,  रज्जब दास,  मलूक दास,  सुंदर दास आदि।

अन्य विकल्प:

प्रेम काव्‍य धारा

सूफी शब्द-'सूफ' से बना है जिसका अर्थ है 'पवित्र'। सूफी लोग सफेद ऊन के बने चोगे पहनते थे। उनका आचरण पवित्र एवं शुद्ध होता था। इस काव्य धारा को प्रेममार्गी /प्रेमाश्रयी /प्रेमाख्यानक /रोमांसीक कथा काव्य आदि नामों से भी जाना जाता है।

राम काव्य धारा

 

जिन भक्त कवियों ने विष्णु के अवतार के रूप में राम की उपासना को अपना लक्ष्य बनाया वे 'राम काव्य धारा' के कवि कहलाए। कुछ राम भक्त कवि हैं- रामानंद, अग्रदास, ईश्वर दास, तुलसी दास, नाभादास, केशवदास, नरहरिदास आदि।

कृष्ण काव्य धारा

कृष्ण भक्ति काव्य धारा से अभिप्राय उस काव्यधारा से है, जिसमें कवियों ने भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण के चरित्र को आधार बनाकर अपने काव्य ग्रंथों की रचना की। इस परंपरा के कवियों ने कृष्ण के बाल रूप के एवं उनकी विविध लीलाओं के हृदयग्राही चित्र अपने काव्य में अंकित किए हैं। भागवत पुराण इस काव्यधारा का आधार ग्रंथ है।

 

विशेष:

भक्ति काल- यह हिंदी साहित्य का श्रेष्ठ युग है जिसको जॉर्ज ग्रियर्सन ने स्वर्णकाल, श्यामसुन्दर दास ने स्वर्णयुग, आचार्य राम चंद्र शुक्ल ने भक्ति काल एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लोक जागरण कहा। सम्पूर्ण साहित्य के श्रेष्ठ कवि और उत्तम रचनाएं इसी काल में प्राप्त होती हैं।

इनमें से कौन संत कवि नहीं है?

  1. कबीरदास
  2. तुलसीदास
  3. सुन्दरदास
  4. मलूकदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : तुलसीदास

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 10 Detailed Solution

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  • उपरोक्त विकल्पो में 'तुलसीदास' जी संत कवि नहीं है,अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 2 'तुलसीदास'  सही उत्तर होगा।

Key Points

  • कबीरदास, सुन्दर दास, मलूकदास यह निर्गुण धारा के संत कवि है।
  • तुलसीदास, कृष्ण दास, सूरदास, छीत स्वामी:- यह सभी सगुण धारा के भक्ति रस के कवि है।    

बीजक, किस संत की रचनाओ का संकलन है?

  1. सूर
  2. कबीर
  3. जायसी
  4. तुलसी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कबीर

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 11 Detailed Solution

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  • "बीजक" के रचनाकार "कबीरदास" है अतः उक्त विकल्पों में से कबीरदास विकल्प (2) सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
  • कबीर की रचनाओं का संकलन -- उनके शिष्य धर्मदास ने किया है।

Key Points

  • कबीर की रचनाओं का संकलन "बीजक" कहलाता है।
  • इस कृति को कबीर पंथ की पवित्र पुस्तक मानी जाती है।
  • बीजक के तीन भाग है:-
    • साखी 
    • सबद 
    • रमैनी

Additional Information

बीजक के भाग

संबंधित

रमैनी

  • मूलबीह्ज पहला प्रकरण है। 
  • इसमें 'रमैनी' नामक चौरासी पद्ध हैं।

शब्द

  • यह दूसरा प्रकरण है। 
  • इसमें 'शब्द' नामक 115 पद्ध हैं।

'तात्त्विक दृष्टि से न तो हम इन्हें (कबीर को) पूरे अद्वैतवादी कह सकते हैं और न एकेश्वरवादी।' - कबीर से सम्बन्धित यह विचार किसका है?

  1. हजारीप्रसाद द्विवेदी
  2. रामचन्द्र शुक्ल
  3. राहुल सांकृत्यायन
  4. माताप्रसाद गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रामचन्द्र शुक्ल

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 12 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 2 होगा।
  • यह कथन रामचंद्र शुक्ल का है।
Key Points
  • अपने हिंदी साहित्य के इतिहास में आ. शुक्ल ने लिखा है - तात्विक दृष्टि से हम ना तो इन्हें पूरे अद्वैतवादी कह सकते हैं और ना एकेश्वरवादी।
  • कबीर भक्तिकाल में निर्गुण शाखा के ज्ञान मार्गी कवि हैं।
Important Points
  • आ. शुक्ल - "प्रतिभा उनमें बड़ी प्रखर थी, इसमें संदेह नहीं।"
  • डॉ बच्चन सिंह - हिन्दी भक्ति काव्य का प्रथम क्रांतिकारी पुरस्कर्ता कबीर है।
  • भाषा - सधुक्कड़ी, पंचमेल खिचड़ी
Additional Information
कबीर की पंक्तियां -
  • मुझको तू क्या ढूंढे बंदे मैं तो तेरे पास में।
  • हमन है इश्क मस्ताना हमन को होशियारी क्या?

संत-काव्य परम्परा का कौन-सा कवि अपनी विद्वत्ता (सर्वाधिक शिक्षित होने) के कारण प्रसिद्ध है ?

  1. धर्मदास
  2. रविदास
  3. सुन्दरदास
  4. रज्जब

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सुन्दरदास

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 13 Detailed Solution

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  • संत - काव्य परंपरा में सुन्दरदास अपनी विद्वत्ता के कारण प्रसिद्ध है ।
  • सुन्दरदास की प्रसिद्ध रचनाएं हैं - ज्ञान समुद्र  , सुन्दर विलास ।

Key Points

  • सुन्दरदास की भाषा परिष्कृत ब्रज है ।
  • अलंकार व छंदों का सुन्दर नियोजन है इनकी  रचनाओं में .

Important Points

  • "नाथपंथियों में ये ही एक ऐसे व्यक्ति हुए हैं , जिन्हें समुचित शिक्षा मिली थी और जो काव्यकला की रीति आदि से अच्छी तरह परिचित थे - आचार्य रामचंद्र शुक्ल।
  • भक्ति और ज्ञानचर्चा के अतिरिक्त नीति और देशाचार आदि पर सुन्दरदास ने बड़े सुन्दर पद्य कहे हैं।

Additional Information

  •  धर्मदास , कबीर के शिष्य थे 
  • रैदास अपने भगवान को सबमें व्यापक देखते हैं , कहीं कबीर की तरह परात्पर की ओर संकेत करते हैं।

 

जन्म-काल के आधार पर निम्नलिखित संत कवियों का सही अनुक्रम है:

  1. दादू, मलूकदास, गुरु नानक, सुन्दरदास
  2. गुरु नानक, दादू, मलूकदास, सुन्दरदास
  3. मलूकदास, दादू, सुन्दरदास, गुरु नानक
  4. गुरु नानक, सुन्दरदास, दादू, मलूकदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : गुरु नानक, दादू, मलूकदास, सुन्दरदास

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 14 Detailed Solution

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जन्म-काल के आधार पर संत कवियों का सही अनुक्रम-2) गुरु नानक,दादू,मलूकदास,सुन्दरदास है।  

Key Points

संत कवि   

जन्मकाल

गुरु नानक

1469 ई.

दादू

1544 ई.

मलूकदास

1574 ई.

सुन्दरदास

1596 ई.

Important Points

  • गुरु नानक सिखों के प्रथम (आदि )गुरु हैं। 
  • सुंदरदास ने गुरु सम्प्रदाय नामक अपने ग्रन्थ में दादू पंथ को 'परब्रह्म सम्प्रदाय' कहा है।
  • संत मलूकदास की रचनायें-अलखबानी,गुरुप्रताप,ज्ञानबोध,पुरुषविलास,भगत बच्छावली,भगत विरुदावली,रतनखान,रामावतार लीला,साखी,सुखसागर आदि हैं।  
  • सुंदर दास की रचनायें- ज्ञान समुद्र,सुंदर विलास,सर्वांगयोगप्रदीपिका,पंचेंद्रिय चरित्र,सुख समाधि,अद्भुत उपदेश,स्वप्न प्रबोध,वेद विचार,उक्त अनूप,ज्ञान झूलना आदि हैं।  

कबीर के दोहों की रचना किस भाषा में हुई है?

  1. अवधी
  2. ब्रज 
  3. सधुक्कड़ी 
  4. खड़ी बोली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सधुक्कड़ी 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 15 Detailed Solution

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  • कबीर की भाषा को "सधुक्कड़ी" कहा जाता है।
  • पंचमेल खिचड़ी भी इस भाषा को श्याम सुन्दर दास ने कहा है ।
  • कबीर ( 1398 - 1518 ई. ) का संत कवियों में प्रमुख स्थान है ।

Key Points

  • रामचंद्र शुक्ल ने कबीर की भाषा को सधुक्कड़ी भाषा कहा है ।
  • हज़ारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को भाषा का डिक्टेटर कहा है ।
  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से किया ।
  • डॉ बच्चन सिंह ने लिखा है - " हिंदी भक्ति काव्य का प्रथम  क्रान्तिकारी पुरस्कर्ता कबीर हैं । "

Important Points

  • कबीर की प्रमुख रचनाएँ हैं - रमैनी , सबद , साखी हैं 
  • कबीर के सम्बन्ध में शुक्ल लिखते हैं - " भाषा बहुत परिष्कृत और परिमार्जित न होने पर भी कबीर की उक्तियों में कहीं - कहीं विलक्षण प्रभाव और चमत्कार है , प्रतिभा उनमें बड़ी प्रखर थी इसमें संदेह नहीं है । "

Additional Information

  • रमैनी की भाषा - ब्रजभाषा और पूर्वी बोली 
  • सबद की भाषा - ब्रजभाषा और पूर्वी बोली 
  • साखी की भाषा - राजस्थानी , पंजाबी मिली खड़ी बोली  
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