निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for निर्गुण सूफी काव्य और कवि - मोफत PDF डाउनलोड करा
Last updated on Mar 16, 2025
Latest निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Objective Questions
Top निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Objective Questions
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 1:
कबीरदास जी ने अपनी रचना में राम के जिस रूप का वर्णन किया है, वह कैसा है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 1 Detailed Solution
सही विकल्प निर्गुण, निराकार है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- कबीर के राम निर्गुण ईश्वर हैं, निराकार ब्रह्म हैं।
- वे न तो दिखायी देते है, न रूप, रंग, आकार सम्पन्न हैं।
- वे न तो मूर्तिपूजा के रूप में विद्यमान हैं,और न कहीं अवतार धारण करते हैं।
- निर्गुण ब्रह्म को मानने वाले थे,कबीर उन्होंने ब्रह्म के लिए राम, हरि आदि शब्दों का प्रयोग किया है।
- उनके अनुसार ब्रह्म को अन्य नामों से भी जाना जाता है।
- समाज को उन्होंने उन्होंने ज्ञान का मार्ग दिखाया जिसमें गुरु का महत्त्व सर्वोपरि है।
कवि | व्याख्या |
कबीरदास |
कबीरदास या कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के ज्ञानमार्गी उपशाखा के महानतम कवि थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनकी रचनाएँ सिक्खों के आदि ग्रंथ में सम्मिलित की गयी हैं। |
Additional Information कबीरदास की कृतियां-
- कबीर साखी:
- इस ग्रंथ में कबीर साहेब जी साखियों के माध्यम से सुरता (आत्मा) को आत्म और परमात्मा ;का ज्ञान समझाया करते थे।
- कबीर बीजक:
- कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन् 1464 में किया।
- कबीर शब्दावली:
- इस ग्रंथ में मुख्य रूप से कबीर साहेब जी ने आत्मा को अपने अनमोल शब्दों के माध्यम से परमात्मा की जानकारी बताई है।
- कबीर दोहवाली:
- इस ग्रंथ में मुख्य तौर पर कबीर साहेब जी के दोहे सम्मलित हैं।
- कबीर ग्रंथावली:
- इस ग्रंथ में कबीर साहेब जी के पद व दोहे सम्मलित किये गये हैं।
- कबीर सागर:
- यह सूक्ष्म वेद है जिसमें परमात्मा की विस्तृत जानकारी है।
कबीर की रचनाओं में प्रयुक्त छंद एवं भाषा निम्नलिखित हैं:-
रचना |
अर्थ |
प्रयुक्त छंद |
भाषा |
रमैनी |
रामायण |
चौपाई+दोहा |
ब्रजभाषा और पूर्वी बोली |
सबद |
शब्द |
गेय पद |
ब्रजभाषा और पूर्वी बोली |
साखी |
साक्षी |
दोहा |
राजस्थानी, पंजाबी मिली खड़ी बोली |
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 2:
पद्मावत में हृदय का प्रतीक है:-
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 2 Detailed Solution
"सिंहल दीप" पद्मावत में "हृदय" का प्रतीक है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) सिंहल दीप सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी की रचना है।
- इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।
- पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।
- पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।
- यह चौपाई दोहा छंद में है।
- चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।
- पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।
- पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।
Additional Information
पद्मावत में प्रयुक्त प्रतिकार्थ निम्नलिखित हैं:-
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 3:
सूफी साधन के चार पड़ावों में इनमें से कौन-सा नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 3 Detailed Solution
मलकत सूफी साधन के चार पड़ावों में से नहीं है,अन्य विकल्प संगत है। अत: विकल्प 3 मलकत सही उत्तर है।
स्पष्टीकरण:
सूफी संतों की साधना में चार मकाम बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं-
|
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 4:
निम्नलिखित में से किस में पांच चौपाई के बाद एक दोहा देने की परंपरा नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 4 Detailed Solution
पद्मावत में सात चौपाई के बाद एक दोहा देने की परंपरा है, अत: इसमें पांच चौपाई के बाद एक दोहा देने की परंपरा नहीं है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प दो पद्मावत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- चित्रावली में भी सात चौपाई के बाद एक दोहा देने की परंपरा है।
- मृगावती, सत्यवती कथा ,चंदायन, आलम कृत माधवानल में भी पांच चौपाई के बाद एक दोहा देने की परंपरा है ।
- पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी की रचना है।
- इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।
- पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।
- पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।
- यह चौपाई दोहा छंद में है।
- चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।
- पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।
- पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 5:
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने सूफी काव्य परंपरा का प्रथम कवि किसे माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - कुतुबन।
Key Points
- सूफी काव्य परंपरा का पहला कवि वैसे तो मुल्ला दाऊद को माना जाता है।
- किन्तु रामचंद्र शुक्ल कुतुबन को सूफी काव्य परंपरा का पहला कवि मानते हैं।
Important Points
- चंदायन, मुल्ला दाऊद कृत हिंदी का ज्ञात प्रथम सूफी प्रेमकाव्य।
- मुल्ला दाऊद सूफी परंपरा के कवि हैं। चंदायन की रचना उन्होंने 1379 ई. में की थी।
Additional Information
सूफी कवि -
- इन कवियों ने सूफी मत के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दू घरों में प्रचलित प्रेम-कहानियों को अपना काव्य विषय बनाया।
- हिन्दी के प्रथम सूफी कवि 'मुल्लादाऊद' को माना जाता है।
- कुतुबान, मंझन , उसमान , शेख नवी , कासिमशाह , नूर मोहम्मद,जायसी,असाइत आदि प्रमुख सूफी कवि हैं।
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 6:
किसे सूफी काव्य परंपरा के पहले कवि माने जाते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 6 Detailed Solution
- सूफी काव्य धारा के अधिंकाश कवि मुसलमान है लेकिन इनमें धार्मिक कट्टरता का अभाव है।
- इन कवियों ने सूफी मत के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दू घरों में प्रचलित प्रेम-कहानियों को अपना काव्य विषय बनाया।
- हिन्दी के प्रथम सूफी कवि 'मुल्लादाऊद' को माना जाता है।
- आचार्य शुक्ल ने हिन्दी का प्रथम सूफी कवि 'कुतुबन' को माना है।
Key Points
- संत काव्य धारा के प्रमुख कवि :- कबीर दास , मलूक दास, रैदास, नानक
- सूफी काव्य धारा के कवि:- शेख नबी, जायसी, मुल्ला दाऊद
- रामभक्ति शाखा:- तुलसी, नाभादास, अग्रदास
- कृष्णकाव्य :-रसखान, मीरा, छीतस्वामी, कृष्णदास
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 7:
गोरा बादल का सम्बन्ध किस काव्य से है:-
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 7 Detailed Solution
"गोरा बादल" का संबंध पद्मावत से है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प पद्मावत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- पद्मावत मलिक मोहम्मद जायसी की रचना है।
- इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।
- पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।
- पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।
- यह चौपाई दोहा छंद में है।
- चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।
- पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।
- पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 8:
सूफी प्रेमाख्यानक काव्य के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन असत्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 8 Detailed Solution
सूफी काव्य अधिकांशतःप्रबन्ध काव्य के रूप में लिखे गये थे।
Key Pointsसूफी काव्य की प्रमुख विशेषताएं-
- सुफी काव्यों के कथानक पूरी तरह संगठित,सुसम्बद्ध,व्यवस्थित,रोचक और आकर्षक घटनाओं से युक्त हैं।
- सुफी प्रबन्ध काव्यों में प्रेमी-प्रेमिकाओं के प्रेम का कारण स्वप्न- -दर्शन, चित्र-दर्शन, गुण-श्रवण या प्रत्यक्ष दर्शन रहा है।
- सुफी काव्य में एक मुख्य कथा के साथ अनेक प्रासंगिक कथाएँ भी जुड़ी रहती हैं।
- सुफी काव्य में नायिका की अपेक्षा नायक के विरह को अधिक महत्व दिया गया है।
- सूफी काव्य में कथानक रूढ़ियों का प्रयोग मिलता है।
- सूफी कवियो ने अपने प्रेमाख्यानक काव्यो में ईश्वर को स्त्री के रूप में मानकर आत्मा का पुरुष के रूप में वर्णन किया है।
- सूफियों के रहस्यवाद को सन्त कवियो के साधनात्मक रहस्यवाद से भिन्न भावात्मक रहस्यवाद की संज्ञा दी गई है।
Important Pointsसुफी काव्य की प्रथम रचना-
- मृगावती- कुतुबन(आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार)
- सत्यवती कथा- ईश्वरदास(हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार)
- हंसावली-असाइत(डॉ. नगेन्द्र के अनुसार)
- चंदायन- मुल्ला दाउद(डॉ. राम कुमार वर्मा)
सर्वमान्य मत केअनुसार मृगावती को प्रथम रचना माना हैं।Additional Informationसुफी काव्य की प्रमुख रचनाएँ एवम रचनाकार -
रचनाएँ | रचनाकार | प्रकाशन वर्ष | भाषा | नायिका\नायक |
चन्दायन | मुल्लादाऊद | 1372 ई. | अवधी | चंदा\लोर(लोरिक) |
मृगावती |
कुतुबन |
1503 ई. |
अवधी | मृगावती\राजकुमार |
पद्मावत |
जायसी |
1540 ई. |
अवधी | पद्मावती \रत्त्रसेन |
मधुमालती |
मंझन |
1545 ई. |
अवधी | मधुमालती\मनोहर |
चित्रावली |
उसमान |
1613 ई. |
अवधी | चित्रावली\सुजान |
हंसजवाहिर |
कासिमशाह |
1736 ई. |
अवधी | जवाहिर\हंस |
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 9:
निम्नलिखित में से कौन सी रचना कुशल लाभ की है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 9 Detailed Solution
"माधवानंद काम कंदला", "कुशल लाभ" की रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) माधवानंद काम कंदला सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- रचना वर्ष:- 1556
- भाषा:- राजस्थानी
- प्रयुक्त छंद:- चौपाई-दोहा, सोरठा
- माधवानंद कामकंदला नाम से अन्य रचनाएं भी मिलती है:-
- गणपति कृत 'माधवानल प्रबन्ध दोग्धक
- किसी अन्य कवि की 'माधवानल कामकंदला चौपाई
- अवधी में रचित आलम कृत 'माधवानल भाषा'
- बोधा कवि ने की 'माधवानल कामकंदला' रचना की थी
- सन 1812 ई. में हरनारायण नामक कवि द्वारा 'माधवानल कामकंदला'
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 10:
सूफी कवि नूर मुहम्मद की रचना का नाम है
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 10 Detailed Solution
सूफी कवि नूर मुहम्मद की रचना का नाम अनुराग बाँसुरी है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 अनुराग बाँसुरी होगा ।
Key Points
रचना |
रचनाकार |
मधुमालती |
मलिक मंझन |
चन्द्रावती |
सदल मिश्र |
मृगावती |
कुतुबन |