नीचे दो कथन दिए गए हैं।

कथन I : 1 MHz के किसी वाहक सिग्नल को माडुलित करने के लिए 2 kHz के वाक् सिग्नल का उपयोग किया जाता है। इस सिग्नल के लिए 4 kHz बैंड-चौड़ाई की आवश्यकता होती है।

कथन II : पार्श्व बैंड आवृत्तियाँ 1002 kHz और 998 kHz हैं।

उपरोक्त कथनों के संदर्भ में नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर को चुनिए :

  1. दोनों कथन I और कथन II सही हैं।
  2. दोनों कथन I और कथन II सही नहीं हैं।
  3. कथन I सही है परन्तु कथन II सही हैं।
  4. कथन I सही नहीं है परन्तु कथन II सही हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दोनों कथन I और कथन II सही हैं।
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JEE Main 04 April 2024 Shift 1
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90 Questions 300 Marks 180 Mins

Detailed Solution

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अवधारणा:

  • बैंड-चौड़ाई को आवृत्तियों के सतत बैंड में ऊपरी और निचली आवृत्तियों के बीच अंतर के रूप में परिभाषित किया जाता है और बैंड-चौड़ाई आवृत्ति का सूत्रीकरण इस प्रकार लिखा जाता है;

बैंड-चौड़ाई = 2 fm

यहाँ fm मॉडुलन आवृत्ति या सिग्नल आवृत्ति है।

  • पार्श्व आवृत्तियों को इस प्रकार लिखा जाता है;

(fc + fmतथा (fc - fm)

यहाँ fm मॉडुलन आवृत्ति या सिग्नल आवृत्ति है, fc वाहक आवृत्ति है।

स्पष्टीकरण:

कथन "I" में कहा गया है कि 2 kHz का स्पीच सिग्नल 1 MHz के वाहक सिग्नल को मॉड्यूलेट करने के लिए उपयोग किया जाता है। सिग्नल के लिए बैंड-चौड़ाई की आवश्यकता 4 kHz है।

जैसा कि हम जानते हैं, बैंड-चौड़ाई = 2fm    -----(1)

दिया गया है: मॉडुलन आवृत्ति, fm = 2 kHz

अब, समीकरण (1) में मान रखने पर;

बैंड-चौड़ाई = 2×2  

बैंड-चौड़ाई = 4 kHz

अतः कथन "I" सही है।

कथन "II" में कहा गया है कि पार्श्व बैंड आवृत्तियाँ 1002 kHz और 998 kHz हैं।

पार्श्व आवृत्तियों को इस प्रकार लिखा जाता है;

दिया गया है: (fc + fm) = 1002 kHz

और (fc - fm) = 998 kHz

अब,  (fc + fm) = 1002 kHz 

(fc + fm) = 1000 + 2 = 1002 kHz 

तथा (fc - fm) = 1000 - 2 = 998 kHz

अतः कथन "II" सही है।

अतः विकल्प 1) सही उत्तर है।

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Last updated on Jul 11, 2025

 

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