Question
Download Solution PDFवाच्य परिवर्तनं कुरुत - 'शिशुः जलं पिबति।' -
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्न का हिंदी अनुवाद - वाच्य परिवर्तन कीजिए- शिशुः जलं पिबति।
स्पष्टीकरण -
वाक्य का अर्थ - शिशु (छोटा बच्चा) पानी पिता है।
इस वाक्य का विश्लेषण,
कर्ता (क्रिया करने वाला) |
शिशुः |
प्रथमा विभक्ति, एकवचन |
कर्म |
जलम् (पानी) |
द्वितीया विभक्ति, एकवचन |
क्रियापद |
पिबति (पीना) |
कर्ता के पुरुष, वचन अनुसार |
इस वाक्य में कर्ता प्रथमा में है और क्रियापद कर्ता के अनुसार अतः यह वाक्य कर्तृवाच्य है।
Key Points
कर्मवाच्य में क्रियापद निर्माण का सूत्र = 'मूलधातु + य + आत्मनेपद प्रत्यय'।
- उदाहरण - गम् (मूलधातु) + य + ते (आत्मनेपदप्रत्यय) = गम्यते
शिशुः जलं पिबति।' यह वाक्य कर्तृवाच्य है। निम्नलिखित क्रिया से यह वाक्य का वाच्यपरिवर्तन होगा।
- शिशु कर्ता है, शिशु शब्द का तृतीया एकवचन शिशुना होगा।
- जल कर्म है, जल शब्द का प्रथमा एकवचन जलम् होगा।
- पिबति क्रियापद है, पाप (मूलधातु) + य + ते (आत्मनेपदप्रत्यय) = पीयते
कर्ता (क्रिया करने वाला) |
शिशुना |
तृतीया विभक्ति,एकवचन |
कर्म |
जलम् |
प्रथमा विभक्ति,एकवचन |
क्रियापद |
पीयते |
कर्म के पुरुष,वचन अनुसार |
अतः कर्मवाच्य के उपरोक्त नियमों के अनुसार ''शिशुना जलं पीयते'' यह उचित पर्याय है।
Hint
- जिस वाक्य में कर्ता की वरीयता होती है,अर्थात कर्ता प्रथमा विभक्ति में,कर्म द्वितीया विभक्ति में और क्रियापद कर्ता के पुरुष,वचन अनुसार होता है। वह वाक्य कर्तृवाच्य होता है।
- जिस वाक्य में कर्म की वरीयता होती है,अर्थात कर्म प्रथमा विभक्ति में,कर्ता तृतीया विभक्ति में और क्रियापद कर्म के पुरुष,वचन अनुसार होता है। वह वाक्य कर्मवाच्य होता है।
Additional Information
- वाच्यपरिवर्तन करते समय,कर्तृपद (कर्ता) और कर्मपद के केवल विभक्ति में परिवर्तन होता है, उनके वचन में परिवर्तन नहीं होता।
अतः उपरोक्त वाक्य में, वाच्यपरिवर्तन करते समय, शिशुः (प्रथमा विभक्ति एकवचन) का शिशुना (तृतीया विभक्ति एकवचन) हुआ। यहाँ ध्यान देने की बात है कि बदलाव केवल विभक्ति में हुआ है,वचन में नही।
Last updated on Jun 6, 2025
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