कहानी आंदोलन MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for कहानी आंदोलन - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Mar 17, 2025
Latest कहानी आंदोलन MCQ Objective Questions
Top कहानी आंदोलन MCQ Objective Questions
कहानी आंदोलन Question 1:
'सचेतन कहानी' के पुरोधा हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर उपर्युक्त में से कोई नही है।
'सचेतन कहानी' के पुरोधा: महीप सिंह है।
- इन्हें सचेतन कहानी का प्रवर्तक माना जाता है।
- 1972 में हिंदी साहित्य के पतन को देखते हुए समांतर कहानी आंदोलन की शुरुआत की।
- ये कमलेश्वर ने हिंदी साहित्य में रचनात्मकता लाने के लिए 'नई कहानी' जैसा आंदोलन चलाया।
- फिर सारिका पत्रिका द्वारा चलाए इस आंदोलन से पहली बार दलित लेखन ने साहित्य में अपनी जगह बनाना शुरू की।
कहानी |
रचना वर्ष |
राजा निरबंसिया |
1957 |
कस्बे का आदमी |
1958 |
खोई हुई दिशाएं |
1963 |
मांस का दरिया |
1966 |
बयान |
1973 |
आजादी मुबारक |
2002 |
- अकहानी
- वर्ष 1960 में हिंदी कहानी के क्षितिज पर एक ऐसे आंदोलन ने जन्म लिया, जिसे 'अकहानी' के नाम से प्रसिद्धि मिली।
- इसे 'साठोत्तरी कहानी' और 'समकालीन कहानी' नाम से भी पुकारा गया।
- इस आंदोलन के जनक होने का श्रेय हिंदी साहित्य के पुरोधा डॉ. गंगा प्रसाद विमल को ही जाता है।
- सहज कहानी
- सहज कहानी के प्रवर्तक अमृत राय जी है।
- अकहानी
- अकहानी आन्दोलन के बाद 'सचेतन कहानी' के प्रवर्तक कहानीकार है- महीप सिंह।
कहानी आंदोलन Question 2:
"परिन्दे" कहानी से नयी कहानी की शुरुआत मानने वाले समीक्षक हैं -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 2 Detailed Solution
"परिन्दे" कहानी से नयी कहानी की शुरुआत मानने वाले समीक्षक हैं - नामवर सिंह
- "परिन्दे" कहानी के लेखक: निर्मल वर्मा
- प्रकाशन वर्ष : 1960 (कहानी संग्रह)
- कहानी का प्रकाशन वर्ष : 1956 या 1957
Key Points
- परिंदे कहानी का प्रकाशन 1960 में हुआ।
- जो कि एक दुनिया समानांतर में संकलित है।
- अकेलेपन के जीवन को और अकेलेपन से जूझते हुए कई परेशानियों का जिक्र मिलता है।
- कहानी लतिका नामक पात्र के इर्दगिर्द घूमती है।
Additional Informatio
- कहानी संग्रह:
- जलती झाड़ी (1965)
पिछली गर्मियों में (1968) - बीच बहस में (1973)
- कव्वे और काला पानी (1983)
- जलती झाड़ी (1965)
- उपन्यास:
- वे दिन (1964)
- लालटेन की छत (1974)
- एक चिथड़ा सुख (1979)
- रात का रिपोर्टर (1989)
- अंतिम अरण्य (2000)
Important Points
- नाटक: तीन एकांत (1976)
- यात्रा वृतांत: चीड़ों पर चाँदनी (यूरोप प्रवास से संबंध 1964)
- पुरस्कार: कव्वे और काला पानी पर 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार।
कहानी आंदोलन Question 3:
कौन-सी कहानी से 'नई कहानी' की शुरुआत मानी जाती है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 3 Detailed Solution
- नयी कहानी आंदोलन में प्रथम कहानी "परिंदे" मानी जाती है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प परिंदे सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- परिंदे कहानी निर्मल वर्मा की है।
- इसका रचना वर्ष 1956 ईस्वी है।
- इसी नाम से उनका कहानी संग्रह भी है जिसमें कुल 7 कहानियाँ हैं- अंधेर में, तीसरा गवाह, डायरी का खेल, माया का मर्म, पिक्चर पोस्टकार्ड, सितंबर की एक शाम और इस संग्रह की अंतिम कहानी परिंदे है।
- नयी कहानी आंदोलन
- "नयी कहानी" नाम का दुष्यंत कुमार ने सर्वप्रथम प्रयोग किया था।
- नयी कहानी आंदोलन की शुरुआत 1956 अथवा 1960 के आसपास से मानी जाती है।
- नयी कहानी आंदोलन के प्रवर्तक:-
- राजेंद्र यादव
- मोहन राकेश
- कमलेश्वर
कहानी आंदोलन Question 4:
निम्न में से कौन-सा कहानी आन्दोलन हिंदी में नहीं हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 4 Detailed Solution
शास्त्रीय कहानी आन्दोलन हिंदी में नहीं हुआ है।
Key Pointsहिन्दी कहानी आंदोलन-
कहानी आंदोलन | वर्ष(ई.) | प्रवर्तक |
नयी कहानी | 1954 | राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर |
अकहानी | 1960 | गंगा प्रसाद विमल |
सचेतन कहानी | 1964 | महीप सिंह |
सहज कहानी | 1968 | अमृत राय |
समांतर कहानी | 1972 | कमलेश्वर |
सक्रिय कहानी | 1979 | राकेश वत्स |
जनवादी कहानी | 1982 | जनवादी लेखक संघ |
Important Pointsअ-कहानी आन्दोलन -
- गंगा प्रसाद विमल -
- "अकहानी कथा के स्वीकृत आधारों का विशेष तथा किसी भी तरह के मूल्य स्थापना का अस्वीकार है।"
- मुख्य विशेषताएं हैं-
- जीवन-मूल्यों का तिरस्कार
- परंपरा का पूर्ण नकार
- अतिशय आधुनिकता
- यौन उन्मुक्तता आदि।
नई कहानी आन्दोलन -
- माना जाता है की नयी कहानी पद का सर्वप्रथम प्रयोग दुष्यंत कुमार ने किया किन्तु कुछ लोग इसका श्रेय 'नामवर सिंह' को देते है।
- 1956 ई. में भैरव प्रसाद गुप्त के सम्पादन में 'नयी कहानी' नाम से विशेषांक निकल जिसमें 18 लेखकों की कहानियाँ शामिल की गई है।
- इसी विशेषांक के आधार पर इन कहानियों को नयी कहानी कहा गया।
- नयी कहानी में भोगे हुए यथार्थ पर बल दिया गया।
- नामवर सिंह ने 'दादी माँ'(शिव प्रसाद सिंह) को हिन्दी की पहली नयी कहानी और निर्मल वर्मा कृत 'परिंदे' कहानी संग्रह को नयी कहानी की पहली कृति माना है।
संचेतना कहानी आन्दोलन -
- महीप सिंह -
- "सचेतन एक दृष्टि है। वह दरीहस्ती जिसमें जीवन जीया भी जाता है और जाना भी जाता है।"
- सचेतन कहानी संघर्ष और जागरूकता का समर्थन करती है।
कहानी आंदोलन Question 5:
मोहन राकेश किस आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 5 Detailed Solution
मोहन राकेश नई कहानी आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे।
Key Pointsनई कहानी-
- नई कहानी आंदोलन का प्रवर्तक राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश और कमलेश्वर ने 1954 ई. में किया था।
- नयी कहानी का जन्म 1956 से माना जाता है।
- 1956 ई. में भैरव प्रसाद गुप्त के संपादन में नयी कहानी नाम की पत्रिका का एक विशेषांक निकाला।
- इसी विशेषांक के आधार पर अगली कड़ी की कहानियों को नयी कहानी के नाम से सम्बोधित किया जाने लगा।
- मुख्य विशेषताएं-
- अनुभूति की प्रमाणिकता
- भोगे हुए यथार्थ पर बल
- मानवीय संबंधों में बिखराव
- नारी और पुरुष के संबंधों में बदलाव
- यौन नैतिकता की पुनर्व्याख्या
- सामाजिक कर्तव्य का निर्वाह आदि।
- नई कहानी के लेखक-
- मोहन राकेश
- राजेन्द्र यादव
- निर्मल वर्मा
- शेखर जोशी
- उषा प्रियंवदा
- मन्नू भंडारी आदि।
Important Pointsमोहन राकेश-
- जन्म-1925-1972ई.
- नया नाटक परंपरा को स्थापित करने का श्रेय इन्हीं को है।
- एकांकी-
- अंडे के छिलके
- करफ्यू
- बारह सौ छब्बीस बटा सात आदि।
- कहानी संग्रह-
- इन्सान और खंडहर(1950 ई.)
- नये बादल(1957 ई.)
- जानवर और जानवर(1958 ई.)
- एक और जिन्दगी(1961 ई.) आदि।
- मुख्य नाटक-
- आषाढ़ का एक दिन(1958ई.)
- लहरों के राजहंस(1963ई.) आदि।
कहानी आंदोलन Question 6:
कमलेश्वर ने कहानी के किस आन्दोलन की शुरूआत की थी:-
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 6 Detailed Solution
"कमलेश्वर" ने "समांतर कहानी आंदोलन" की शुरुआत की थी। अतः उक्त विकल्पों में से विकल्प (3) समांतर कहानी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- 1972 में हिंदी साहित्य के पतन को देखते हुए समांतर कहानी आंदोलन की शुरुआत की।
- ये कमलेश्वर ने हिंदी साहित्य में रचनात्मकता लाने के लिए 'नई कहानी' जैसा आंदोलन चलाया।
- फिर सारिका पत्रिका द्वारा चलाए इस आंदोलन से पहली बार दलित लेखन ने साहित्य में अपनी जगह बनाना शुरू की।
- अकहानी
- वर्ष 1960 में हिंदी कहानी के क्षितिज पर एक ऐसे आंदोलन ने जन्म लिया, जिसे 'अकहानी' के नाम से प्रसिद्धि मिली।
- इसे 'साठोत्तरी कहानी' और 'समकालीन कहानी' नाम से भी पुकारा गया।
- इस आंदोलन के जनक होने का श्रेय हिंदी साहित्य के पुरोधा डॉ. गंगा प्रसाद विमल को ही जाता है।
- सहज कहानी
- सहज कहानी के प्रवर्तक अमृत राय जी है।
- अकहानी
- अकहा नी आन्दोलन के बाद 'सचेतन कहानी' के प्रवर्तक कहानीकार है- महीप सिंह।
कहानी आंदोलन Question 7:
आधुनिक काल में 'सचेतन कहानी' आन्दोलन के प्रणेता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 7 Detailed Solution
महीप सिंह आधुनिक काल में 'सचेतन कहानी' आन्दोलन के प्रणेता हैं।
Key Pointsसचेतन कहानी-
- सचेतन कहानी व्यक्ति को संघर्षों से पलायनवादी न बनाकर जागरूक व सक्रिय बनाती है सचेतन कहानी का आंदोलन एक वैचारिक आंदोलन है।
- नई कहानी आन्दोलन की ही प्रतिक्रिया एवं प्रतिद्वन्द्विता में 'सचेतन कहानी' आन्दोलन का प्रवर्तन हुआ। इसके प्रवर्तक डॉ.महीप सिंह हैं, जिन्होंने अपनी
पत्रिका 'सचेतना' के माध्यम से इस आन्दोलन को आगे बढ़ाया। सचेतन कहानी नई कहानी की अपेक्षा अधिक सन्तुलित एवं व्यापक दृष्टिकोण की
परिचायक कही जा सकती है। - 'सचेतन कहानी' आन्दोलन के साथ जुड़े हुए कहानीकारों में महीप सिंह, मनहर चौहान, रामकुमार भ्रमर, सुखवीर, बलराज पण्डित, कुलभूषण, वेद
राही, महरुन्निसा परवेज आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। डॉ. महीप सिंह के कई कहानी संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिनमें 'उजाले के
उल्लू', 'कुछ और कितना', 'घिराव', 'इक्यावन कहानियाँ', 'कितने सम्बन्ध' आदि उल्लेखनीय हैं।
Important Points
महीपसिंह-
- जन्म- 15 अगस्त 1930
- विधा -हिंदी के प्रसिद्ध लेखक, स्तम्भकार और पत्रकार।
- 60 के दशक में हिन्दी साहित्य जगत में संचेतन कहानी के आन्दोलन की शुरुआत की।
- कहानी संग्रह - 'सुबह के फूल', 'उजाले के उल्लू', 'घिराव', 'कुछ और कितना', 'कितने संबंध' ,'धूप की उंगलियों के निशान', 'चर्चित कहानियां', 'मेरी प्रिय कहानियां', 'इक्यावन कहानियां' आदि।
- उपन्यास - 'यह भी नहीं', 'अभी शेष है' , 'बीच की धूप', 'धूप ढ़लने के बाद'।‘
- निबंध - कुछ सोचा : कुछ समझा’, ‘गुरु गोबिंद सिंह : जीवनी और आदर्श’।
Additional Information
कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना-
- जन्म - 06 जनवरी 1932
- विधा -कहानीकार, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा।
- उपन्यास -एक सड़क सत्तावन गलियाँ, तीसरा आदमी, डाक बंगला, समुद्र में खोया हुआ आदमी, काली आँधी, आगामी अतीत, रेगिस्तान, लौटेहुए मुसाफ़िर, एक और चंद्रकांता, कितने पाकिस्तान। आदि
- प्रमुख पत्रिका - विहान, नई कहानियां, सारिका, कथायात्रा ,गंगा, इंगित ,श्रीवर्षा।
- नाटक- अधूरी आवाज़, रेत पर लिखे नाम, हिंदोस्ता हमारा।
राजेन्द्र यादव -
- जन्म -28 अगस्त 1929
- विधा - हिन्दी के सुपरिचित लेखक , कहानीकार, उपन्यासकार व आलोचक।
- कहानी - देवताओं की मूर्तियाँ, खेल-खिलौने, जहाँ लक्ष्मी कैद है, अभिमन्यु की आत्महत्या, छोटे-छोटे ताजमहल , टूटना, चौखटे तोड़ते त्रिकोण, वहाँ तक पहुँचने की दौड़, हासिल आदि।
- उपन्यास - सारा आकाश, उखड़े हुए लोग, कुलटा, शह और मात, अनदेखे अनजान पुल, एक इंच मुस्कान (मन्नू भंडारी के साथ) ,मन्त्रविद्धा, एक था शैलेन्द्र आदि।
- संपादन - एक दुनिया समानांतर।
अखिलेश -
- जन्म -6 जून 1960
- विधा -कहानी ,उपन्यास, संस्मरण, संपादन।
- कहानी - मुक्ति, अँधेरा, आदमी टूटता नहीं ,शापग्रस्त आदि।
- उपन्यास - निर्वासन , अन्वेषण आदि ।
- संस्मरण-भूगोल की कला ।
कहानी आंदोलन Question 8:
निम्नांकित कहानी आन्दोलनों एवं उनके सूत्रधारों से सम्बन्धित युग्मों में से कौन सा युग्म असंगत है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 8 Detailed Solution
कहानी आन्दोलनों एवं उनके सूत्रधारों से सम्बन्धित युग्मों में से असंगत युग्म है - अकहानी - निर्मल वर्माKey Pointsकहानी आंदोलन व उनके प्रवर्तक-
कहानी आंदोलन | वर्ष | प्रवर्तक |
नयी कहानी | 1954 ई. | लेखक त्रयी |
अकहानी | 1960 ई. | गंगा प्रसाद विमल |
सचेतन कहानी | 1964 ई. | महीप सिंह |
सहज कहानी | 1968 ई. | अमृत राय |
समांतर कहानी | 1972 ई. | कमलेश्वर |
सक्रिय कहानी | 1979 ई. | राकेश वत्स |
जनवादी कहानी | 1982 ई. | जनवादी लेखक संघ |
- लेखक त्रयी में शामिल है-
- राजेन्द्र यादव,मोहन राकेश और कमलेश्वर
Important Pointsमहीप सिंह-
- "सचेतन कहानी एक दृष्टि है वः रिष्टि जिसमें जीवन जीया भी जाता है और जाना भी जाता है। "
कमलेश्वर-
- इन्होंने आम आदमी को केंद्र में रखकर 'धर्मयुग' पत्रिका में समांतर कहानी पर लेख लिखे।
गंगाप्रसाद विमल-
- "अकहानी कथा के स्वीकृत आधारों का विशेष तथा किसी भी तरह में मूल्य स्थापना का अस्वीकार है।"
अमृत राय-
- "कहानी का लक्ष्य अपनी कहानीपन को न खोकर जीवन की प्रस्तुति सहज रूप में करते हुए जीवन के कटु सत्यों और व्यवस्था की भ्रष्टता को उजागर करना है।"
कहानी आंदोलन Question 9:
'कहानी नयी कहानी' पुस्तक में नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कृति किसे माना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 9 Detailed Solution
'कहानी नयी कहानी' पुस्तक में नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कृति माना है- परिन्दे
Key Pointsपरिंदे कहानी -
- लेखक - निर्मल वर्मा
- प्रकाशन वर्ष - प्रथम प्रकाशन 1957 ई.( हंस पत्रिका में), परिंदे कहानी संग्रह (1959 ई.)।
- मुख्य पात्र -
- लतिका, मिस्टर ह्युबर्ट, डॉ मुख़र्जी।
- गौण पात्र -
- मेजर गिरीश नेगी, करीमुद्दीन, मिस वुड, फादर एलमंड, जूली, सुधा।
- मुख्य -
- सर्वथा नये ढंग से प्रेम और मानवीय नीति की पड़ताल करती हुई कहानी।
- इस कहानी का केंद्रीयकथ्य मध्यवर्गीय जीवन में व्यापक अकेलापन है।
- सभी चरित्र न सिर्फ अकेले बल्कि कभी ना खत्म होने वाले इंतजार की प्रक्रिया में बहुत ही उदास और टूटे हुए।
- किसी इंतजार की समरूपता को आधार बनाकर लेखक ने इसका नाम परिंदे रखा है।
Important Pointsतीसरी कसम-
- रचनाकार-फणीश्वरनाथ रेणु
- विधा-कहानी
- पात्र-
- हीरामन और हीराबाई
- विषय-
- हीरामन के द्वारा ली गई तीन कसमों पर कहानी आधारित है।
वापसी-
- रचनाकार-उषा प्रियंवदा
- विधा-कहानी
- पात्र-
- गजाधर बाबू, अमर, नरेंद्र,बसंती।
- विषय-
- सेवनिवृत होकर लोटे गजाधर बाबू का घर में खुद को 'मिसफिट' पाने कहानी है।
खोई हुई दिशाएँ-
- रचनाकार- कमलेश्वर
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1963 ई.
Additional Informationउषा प्रियंवदा-
- जन्म-1931 ई.
- कहानी संग्रह-
- जिंदगी और गुलाब के फूल(1961 ई.)
- फिर बसंत आया(1961 ई.)
- एक कोई दूसरा(1966 ई.) आदि।
फणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म-1921-1977 ई.
- कहानी संग्रह-
- ठुमरी(1958 ई.)
- आदिम रात्रि की महक(1967 ई.)
- एक श्रावणी दोपहर की धूप(1984 ई.) आदि।
निर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005 ई.
- कहानी संग्रह-
- जलती झाड़ी(1965 ई.)
- पिछली गर्मियों में(1968 ई.)
- बीच बहस में(1973 ई.)
- कव्वे और काला पानी(1983 ई.) आदि।
कमलेश्वर-
- जन्म- 1932-2007 ई.
- कमलेश्वर हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक एवं सशक्त लेखकों में से एक हैं।
- इन्होने कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में रचनाएँ की।
-
कहानियाँ-
- राजा निरबंसिया(1957 ई.)
- कस्बे का आदमी(1958 ई.)
- खोयी हुई दिशाएं(1963 ई.)
- मांस का दरिया(1966 ई.) आदि।
कहानी आंदोलन Question 10:
निम्न में से किसका संबंध 'अकहानी' से नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 10 Detailed Solution
निर्मल वर्मा का संबंध 'अकहानी' से नहीं है।
निर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005 ई.
- नयी कहानी से संबंध रखते है।
- कहानी संग्रह-
- परिंदे(1960 ई.)
- जलती झाड़ी(1965 ई.)
- पिछली गर्मियों में(1968 ई.)
- बीच बहस में(1973 ई.)
- कव्वे और काला पानी(1983 ई.) आदि।
Key Points'अकहानी' से संबंधित रचनाकार हैं-
- गंगा प्रसाद विमल
- जगदीश चतुर्वेदी
- रवींद्र कालिया
- दुधनाथ सिंह
- रमेश बक्षी
- श्रीकान्त वर्मा
- विजय मोहन सिंह
- प्रयाग शुक्ल
- सुधा अरोड़ा आदि।
Important Pointsगंगा प्रसाद विमल-
- जन्म-1939-2019 ई.
- कहानी संग्रह-
- अतीत में कुछ(1972 ई.)
- कोई शुरुआत(1973 ई.)
- खोई हुई थाती(1995 ई.) आदि।
रवीन्द्र कालिया-
- जन्म-1938-2016 ई.
- कहानी संग्रह-
- नौ साल छोटी पत्नी(1969 ई.)
- काला रजिस्टर(1972 ई.)
- गरीबी हटाओ(1976 ई.)
- गली कूचे(1976 ई.)
- जरा-सी रोशनी(2002 ई.) आदि।
दूधनाथ सिंह-
- जन्म-1936-2015 ई.
- कहानी संग्रह-
- सपाट चेहरे वाला आदमी(1967 ई.)
- सुखांत(1971 ई.)
- पहला कदम(1976 ई.)
- धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे(2002 ई.) आदि।