कहानी आंदोलन MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कहानी आंदोलन - Download Free PDF
Last updated on Apr 14, 2025
Latest कहानी आंदोलन MCQ Objective Questions
कहानी आंदोलन Question 1:
'कहानी नयी कहानी' पुस्तक में नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कृति किसे माना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 1 Detailed Solution
'कहानी नयी कहानी' पुस्तक में नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कृति माना है- परिन्दे
Key Pointsपरिंदे कहानी -
- लेखक - निर्मल वर्मा
- प्रकाशन वर्ष - प्रथम प्रकाशन 1957 ई.( हंस पत्रिका में), परिंदे कहानी संग्रह (1959 ई.)।
- मुख्य पात्र -
- लतिका, मिस्टर ह्युबर्ट, डॉ मुख़र्जी।
- गौण पात्र -
- मेजर गिरीश नेगी, करीमुद्दीन, मिस वुड, फादर एलमंड, जूली, सुधा।
- मुख्य -
- सर्वथा नये ढंग से प्रेम और मानवीय नीति की पड़ताल करती हुई कहानी।
- इस कहानी का केंद्रीयकथ्य मध्यवर्गीय जीवन में व्यापक अकेलापन है।
- सभी चरित्र न सिर्फ अकेले बल्कि कभी ना खत्म होने वाले इंतजार की प्रक्रिया में बहुत ही उदास और टूटे हुए।
- किसी इंतजार की समरूपता को आधार बनाकर लेखक ने इसका नाम परिंदे रखा है।
Important Pointsतीसरी कसम-
- रचनाकार-फणीश्वरनाथ रेणु
- विधा-कहानी
- पात्र-
- हीरामन और हीराबाई
- विषय-
- हीरामन के द्वारा ली गई तीन कसमों पर कहानी आधारित है।
वापसी-
- रचनाकार-उषा प्रियंवदा
- विधा-कहानी
- पात्र-
- गजाधर बाबू, अमर, नरेंद्र,बसंती।
- विषय-
- सेवनिवृत होकर लोटे गजाधर बाबू का घर में खुद को 'मिसफिट' पाने कहानी है।
खोई हुई दिशाएँ-
- रचनाकार- कमलेश्वर
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1963 ई.
Additional Informationउषा प्रियंवदा-
- जन्म-1931 ई.
- कहानी संग्रह-
- जिंदगी और गुलाब के फूल(1961 ई.)
- फिर बसंत आया(1961 ई.)
- एक कोई दूसरा(1966 ई.) आदि।
फणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म-1921-1977 ई.
- कहानी संग्रह-
- ठुमरी(1958 ई.)
- आदिम रात्रि की महक(1967 ई.)
- एक श्रावणी दोपहर की धूप(1984 ई.) आदि।
निर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005 ई.
- कहानी संग्रह-
- जलती झाड़ी(1965 ई.)
- पिछली गर्मियों में(1968 ई.)
- बीच बहस में(1973 ई.)
- कव्वे और काला पानी(1983 ई.) आदि।
कमलेश्वर-
- जन्म- 1932-2007 ई.
- कमलेश्वर हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक एवं सशक्त लेखकों में से एक हैं।
- इन्होने कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में रचनाएँ की।
-
कहानियाँ-
- राजा निरबंसिया(1957 ई.)
- कस्बे का आदमी(1958 ई.)
- खोयी हुई दिशाएं(1963 ई.)
- मांस का दरिया(1966 ई.) आदि।
कहानी आंदोलन Question 2:
निम्न में से किसका संबंध 'अकहानी' से नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 2 Detailed Solution
निर्मल वर्मा का संबंध 'अकहानी' से नहीं है।
निर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005 ई.
- नयी कहानी से संबंध रखते है।
- कहानी संग्रह-
- परिंदे(1960 ई.)
- जलती झाड़ी(1965 ई.)
- पिछली गर्मियों में(1968 ई.)
- बीच बहस में(1973 ई.)
- कव्वे और काला पानी(1983 ई.) आदि।
Key Points'अकहानी' से संबंधित रचनाकार हैं-
- गंगा प्रसाद विमल
- जगदीश चतुर्वेदी
- रवींद्र कालिया
- दुधनाथ सिंह
- रमेश बक्षी
- श्रीकान्त वर्मा
- विजय मोहन सिंह
- प्रयाग शुक्ल
- सुधा अरोड़ा आदि।
Important Pointsगंगा प्रसाद विमल-
- जन्म-1939-2019 ई.
- कहानी संग्रह-
- अतीत में कुछ(1972 ई.)
- कोई शुरुआत(1973 ई.)
- खोई हुई थाती(1995 ई.) आदि।
रवीन्द्र कालिया-
- जन्म-1938-2016 ई.
- कहानी संग्रह-
- नौ साल छोटी पत्नी(1969 ई.)
- काला रजिस्टर(1972 ई.)
- गरीबी हटाओ(1976 ई.)
- गली कूचे(1976 ई.)
- जरा-सी रोशनी(2002 ई.) आदि।
दूधनाथ सिंह-
- जन्म-1936-2015 ई.
- कहानी संग्रह-
- सपाट चेहरे वाला आदमी(1967 ई.)
- सुखांत(1971 ई.)
- पहला कदम(1976 ई.)
- धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे(2002 ई.) आदि।
कहानी आंदोलन Question 3:
नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कृति किसे माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 3 Detailed Solution
इसका सही उत्तर उपर्युक्त में से कोई नहीं है।
नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कृति परिंदे को माना है।
परिंदे-
- रचनाकार-निर्मल वर्मा
- प्रकाशन वर्ष-1960ई.
- विधा-कहानी
- मुख्य पात्र-
- लतिका,डॉ. मुकर्जी,मिस्टर ह्यूबर्ट,गिरीश,मिस वुड आदि।
- विषय-
- केन्द्रीय कथ्य मध्यवर्गीय जीवन में व्याप्त अकेलापन है।
- सभी चरित्र न सिर्फ अकेले है बल्कि कभी न खत्म होने वाले इंतजार की प्रक्रिया में बोझिल,उदास और टूटे हुए है।
Key Pointsनामवर सिंह-
- जन्म-1926-2019ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- छायावाद(1955ई.)
- इतिहास और आलोचना(1957ई.)
- कहानी:नयी कहानी(1965ई.)
- कविता के नये प्रतिमान(1968ई.)
- दूसरी परंपरा की खोज(1982ई.) आदि।
Important Pointsजिंदगी और जोंक-
- रचनाकार-अमरकान्त
- प्रकाशन वर्ष-1958ई.
- विधा-कहानी
- विषय-
- यह कहानी एक भिखारी रजुआ के इर्द गिर्द घूमती है।
- आर्थिक अभाव के कारण कोई व्यक्ति कितना टूटता है इसे 'जिंदगी और जोंक` के 'रजुआ` के माध्यम से समझा जा सकता हैं।
- किस प्रकार जीवन जीने की अदम्य लालसा ने उसे जिंदगी को जोंक की तरह चिपक कर जीने को उकसाती है।
वापसी-
- रचनाकार-उषा प्रियंवदा
- प्रकाशन वर्ष-
- विधा-कहानी
- विषय-
- इसमें पुरानी पीढ़ी और नयी पीढ़ी के संघर्ष को चित्रित किया हिय।
- बाबू गजाधर सरकारी सेवा में रहते हुए जीवन भर एकांकीपन मे रहने के अभ्यस्त हो जाते है।
- सेवानिवृति के बाद घर लोटने का सुख तो था परंतु अपने ही घर में अजनबी बने रहने का अहसास था।
- उनकी उपस्थिति न उसकी पत्नी और न ही उसके बच्चों को भांति है।
- अंततः वह वापस एक मिल में कार्य करने के लिए घर से दूर हमेशा के लिए चला जाता है,जहाँ से उसकी वापसी नहीं है।
जहाँ लक्ष्मी कैद है-
- रचनाकार-राजेन्द्र यादव
- प्रकाशन वर्ष-1953ई.
- विधा-कहानी
- विषय-
- एक पिता अपनी ही बेटी को जीवन भर कैद में रखता है।
- उसकी हर ख्वाहिश पूरी करता हिय लकीं चार दीवारी के अंदर।
- उसे यह भ्रम था की जबसे यह पैदा हुई है इसके कार्य में तरक्की हुई है।
- इसलिए न वह उसे कही जाने देता है,न कोई उसके पास आता है और न ही उसकी शादी करता है।
- लक्ष्मी के लिए अपना ही घर कैद बनकर रह जाता है।
Additional Informationनिर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005ई.
- कहानी संग्रह-
- जलती झाड़ी(1965ई.)
- पिछलों गर्मियों में(1968ई.)
- बीच बहस में(1973ई.) आदि।
अमरकांत-
- जन्म-1925-2013ई.
- कहानी संग्रह-
- देश के लोग(1969ई.)
- मौत का नगर(1973ई.)
- कुहासा 1983ई.) आदि।
राजेन्द्र यादव-
- जन्म-1929-2005ई.
- कहानी संग्रह-
- देवताओं की मूर्तियाँ(1951ई.)
- खेल खिलौने(1953ई.)
- अभिमन्यु की आत्महत्या(1959ई.)
- टूटना( 1966ई.) आदि।
उषा प्रियंवदा-
- जन्म-1931ई.
- कहानी संग्रह-
- जिंदगी और गुलाब के फूल(1961ई.)
- फिर बसंत आया(1961ई.)
- कितना बड़ा झूठ(1972ई.) आदि।
कहानी आंदोलन Question 4:
कौन-सी कहानी से 'नई कहानी' की शुरुआत मानी जाती है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 4 Detailed Solution
- नयी कहानी आंदोलन में प्रथम कहानी "परिंदे" मानी जाती है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प परिंदे सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- परिंदे कहानी निर्मल वर्मा की है।
- इसका रचना वर्ष 1956 ईस्वी है।
- इसी नाम से उनका कहानी संग्रह भी है जिसमें कुल 7 कहानियाँ हैं- अंधेर में, तीसरा गवाह, डायरी का खेल, माया का मर्म, पिक्चर पोस्टकार्ड, सितंबर की एक शाम और इस संग्रह की अंतिम कहानी परिंदे है।
- नयी कहानी आंदोलन
- "नयी कहानी" नाम का दुष्यंत कुमार ने सर्वप्रथम प्रयोग किया था।
- नयी कहानी आंदोलन की शुरुआत 1956 अथवा 1960 के आसपास से मानी जाती है।
- नयी कहानी आंदोलन के प्रवर्तक:-
- राजेंद्र यादव
- मोहन राकेश
- कमलेश्वर
कहानी आंदोलन Question 5:
निम्न में से कौन-सा कहानीकार नई कहानी आन्दोलन से नहीं जुड़ा था?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 5 Detailed Solution
जयशंकर प्रसाद नई कहानी आन्दोलन से नहीं जुड़ा था।
- जयशंकर प्रसाद, नई कहानी आन्दोलन से नहीं जुड़े थे।
- निर्मल वर्मा, राजेन्द्र यादव और अमरकांत, नई कहानी आन्दोलन के लेखक रहे।
Key Pointsनई कहानी आंदोलन -
- हिंदी साहित्य में नई कहानी आंदोलन की शुरुआत 1955 - 56 से मानी जाती है।
- नई कहानी के प्रवर्तकों में प्रमुख नाम कमलेश्वर, मोहन राकेश, राजेंद्र यादव, कृष्णा सोबती, मन्नू भंडारी आदि का आता है।
- नई कहानी हिंदी साहित्य के कहानी लेखन की एक परिपक्व अवस्था है, जो पूर्ववर्ती कहानियों से अनेक स्तरों पर भिन्न थीं।
Important Pointsनिर्मल वर्मा -
- नई कहानी आन्दोलन के प्रमुख लेखक रहे।
- 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।
- प्रमुख कहानियाँ -
- परिन्दे(1959),
- जलती झाड़ी(1965),
- पिछली गर्मियों में(1968),
- बीच बहस में(1973),
- कव्वे और काला पानी(1983),
- सूखा तथा अन्य कहानियाँ(1995)
राजेन्द्र यादव -
- राजेन्द्र यादव हिन्दी के सुपरिचित लेखक, कहानीकार, उपन्यासकार व आलोचक थे।
- ये नई कहानी आन्दोलन के मुख्य सूत्रधार माने जाते है।
- प्रमुख कहानियाँ -
- देवताओं की मूर्तियाँ(1952),
- खेल-खिलौने(1953),
- जहाँ लक्ष्मी कैद है(1957),
- अभिमन्यु की आत्महत्या(1959),
- छोटे-छोटे ताजमहल(1961)
अमरकांत -
- अमरकांत हिंदी कथा साहित्य में प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कहानीकार थे।
- प्रमुख कहानियाँ -
- जिंदगी और जोंक,
- देश के लोग,
- मौत का नगर,
- मित्र मिलन तथा अन्य कहानियाँ,
- कुहासा,
- तूफान आदि।
Additional Informationजयशंकर प्रसाद -
- जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
कहानी-संग्रह एवं उपन्यास -
- छाया - 1912 ई॰
- प्रतिध्वनि - 1926 ई॰
- आकाशदीप - 1929 ई॰
- आँधी - 1931 ई॰
- इन्द्रजाल - 1936 ई॰
Top कहानी आंदोलन MCQ Objective Questions
''नयी कहानी आग्रहों की कहानी नहीं है, प्रवृत्तियों की हो सकती है और उसका मूल स्रोत है - जीवन का यथार्थबोध और इस यथार्थ को लेकर चलने वाला वह विराट मध्य और निम्न मध्य वर्ग है जो अपनी जीवन - शक्ति से आज के दुर्दान्त संकट को जाने - अनजाने झेल रहा है।'
उपर्युक्त कथन किस लेखक ने नयी कहानी के संदर्भ में कहा है -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त कथन-4)कमलेश्र्वर ने नयी कहानी के संदर्भ में कहा है।
Additional Information
- कमलेश्र्वर का अवधिकाल 1954-2006 है।
- ये नई कहानी के लेखक हैं।
- 2003 में उन्हें 'कितने पाकिस्तान'(उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2005 में कमलेश्वर को 'पद्मभूषण' से नवाज़ा गया।
Important Points
लेखक |
रचना |
भीष्म साहनी |
तमस,बसंती,झरोखे,निशाचर,शोभा यात्रा आदि |
शिवप्रसाद सिंह |
नीला चाँद,धतूरे का फूल,नन्हों,राग गूजरी,आदि |
राजेंद्र यादव |
शह और मात,एक इंच मुस्कान, जहाँ लक्ष्मी कैद हैं,सारा आकाश आदि |
कमलेश्र्वर |
तलाश,कितने पाकिस्तान ,मौसम, आँधी,एक और चंद्रकांता आदि |
कौन-सी कहानी से 'नई कहानी' की शुरुआत मानी जाती है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- नयी कहानी आंदोलन में प्रथम कहानी "परिंदे" मानी जाती है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प परिंदे सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- परिंदे कहानी निर्मल वर्मा की है।
- इसका रचना वर्ष 1956 ईस्वी है।
- इसी नाम से उनका कहानी संग्रह भी है जिसमें कुल 7 कहानियाँ हैं- अंधेर में, तीसरा गवाह, डायरी का खेल, माया का मर्म, पिक्चर पोस्टकार्ड, सितंबर की एक शाम और इस संग्रह की अंतिम कहानी परिंदे है।
- नयी कहानी आंदोलन
- "नयी कहानी" नाम का दुष्यंत कुमार ने सर्वप्रथम प्रयोग किया था।
- नयी कहानी आंदोलन की शुरुआत 1956 अथवा 1960 के आसपास से मानी जाती है।
- नयी कहानी आंदोलन के प्रवर्तक:-
- राजेंद्र यादव
- मोहन राकेश
- कमलेश्वर
अकहानी आन्दोलन के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए:
A. अकहानी का मूल स्वर विरोध और निषेध का है।
B. गंगा प्रसाद विमल और रवीन्द्र कालिया इस आंदोलन के प्रमुख प्रवक्ताओं में से रहे हैं।
C. एक और जिंदगी, नौ साल छोटी पत्नी, जहाँ लक्ष्मी कैद है आदि कहानियाँ अकहानी के उदाहरण हैं।
D. एब्सर्ड थियेटर, एंटी स्टोरी, अस्तित्ववाद और बीट जेनरेशन आदि के तत्त्व अकहानी की प्रकृति का निर्धारण करते हैं।
E. मोहन राकेश, कमलेश्वर, राजेंद्र यादव आदि अकहानी आंदोलन के अन्य प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFअकहानी आंदोलन के बारे में सही कथन - केवल A, B और D
Key Points
अकहानी आंदोलन -
- प्रवर्तन - निर्मल वर्मा
- समय - 1960 ई.
- मुख्य -
- डॉ. नामवर सिंह ने निर्मल वर्मा को इस कहानी आंदोलन का प्रवर्तक उनकी कहानी 'एक और शुरुआत' के आधार पर बताया है।
- अकहानी का मूल स्वर विरोध और निषेध का है।
- गंगा प्रसाद विमल और रवीन्द्र कालिया इस आंदोलन के प्रमुख प्रवक्ताओं में से रहे हैं।
- एब्सर्ड थियेटर, एंटी स्टोरी, अस्तित्ववाद और बीट जेनरेशन आदि के तत्त्व अकहानी की प्रकृति का निर्धारण करते हैं।
Important Points
अकहानी आंदोलन से जुड़ी अन्य कहानियां –
- कहानी - कहानीकार
- त्रिकोण - कृष्ण बलदेव वैद
- पिता - दर - पिता - रमेश वक्षी
- सुखांत - दूधनाथ सिंह
- एक डरी हुई औरत - रवींद्र कालिया
- सड़क दुर्घटना - सुदर्शन चोपड़ा
- विध्वंस - गंगा प्रसाद विमल
Additional Information
- एक और जिंदगी, नौ साल छोटी पत्नी, जहां लक्ष्मी कैद आदि कहानी नई कहानी आंदोलन की उदाहरण है।
- मोहन राकेश, कमलेश्वर, राजेंद्र यादव आदि नई कहानी आंदोलन के हस्ताक्षर है।
कहानी आंदोलन | समय | प्रमुख कहानीकार |
1. नई कहानी | 1950 ई. | मोहन राकेश, राजेंद्र यादव, धर्मवीर भारती, निर्मल वर्मा |
2. सचेतन कहानी | 1964 ई. | महीप सिंह (आधार नामक पत्रिका में) |
3. समकालीन कहानी | 1960 ई. | गंगा प्रसाद विमल |
4. समांतर कहानी | 1971 ई. | कमलेश्वर (धर्मयुग पत्रिका में) |
'सचेतन कहानी' के पुरोधा हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'सचेतन कहानी' के पुरोधा: महीप सिंह है।
- इन्हें सचेतन कहानी का प्रवर्तक माना जाता है।
- 1972 में हिंदी साहित्य के पतन को देखते हुए समांतर कहानी आंदोलन की शुरुआत की।
- ये कमलेश्वर ने हिंदी साहित्य में रचनात्मकता लाने के लिए 'नई कहानी' जैसा आंदोलन चलाया।
- फिर सारिका पत्रिका द्वारा चलाए इस आंदोलन से पहली बार दलित लेखन ने साहित्य में अपनी जगह बनाना शुरू की।
कहानी |
रचना वर्ष |
राजा निरबंसिया |
1957 |
कस्बे का आदमी |
1958 |
खोई हुई दिशाएं |
1963 |
मांस का दरिया |
1966 |
बयान |
1973 |
आजादी मुबारक |
2002 |
- अकहानी
- वर्ष 1960 में हिंदी कहानी के क्षितिज पर एक ऐसे आंदोलन ने जन्म लिया, जिसे 'अकहानी' के नाम से प्रसिद्धि मिली।
- इसे 'साठोत्तरी कहानी' और 'समकालीन कहानी' नाम से भी पुकारा गया।
- इस आंदोलन के जनक होने का श्रेय हिंदी साहित्य के पुरोधा डॉ. गंगा प्रसाद विमल को ही जाता है।
- सहज कहानी
- सहज कहानी के प्रवर्तक अमृत राय जी है।
- अकहानी
- अकहानी आन्दोलन के बाद 'सचेतन कहानी' के प्रवर्तक कहानीकार है- महीप सिंह।
नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कहानी किसे माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- नामवर सिंह ने नयी कहानी की पहली कहानी : परिंदे है।
- ‘परिंदे’ कहानी संग्रह में ‘परिंदे’ कहानी संकलित है।
- इस संग्रह में कुल 7 कहानियां है।
- इसके रचनाकार ‘निर्मल वर्मा’ है।
- 'नई कहानी' आन्दोलन की प्रमुख कहानियों में से सबसे प्रमुख
Key Points
- निर्मल वर्मा (3 अप्रैल 1929- 25 अक्तूबर 2005)
- परिंदे से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती हैं।
- उनका अंतिम उपन्यास1990 में प्रकाशित हुआ था-अंतिम अरण्य।
Additional Information
- डिप्टी कलक्टरी -- अमरकांत
- मलबे का मालिक -- मोहन राकेश
- यही सच है -- मन्नू भंडारी
कमलेश्वर ने नयी कहानी' के बारे में क्या कहा है ?
(A) नयी कहानी आग्रहों की कहानी नहीं है।
(B) उसमें विभिन्न स्तरों पर आज के यथार्थ को ही पकड़ने की चेष्टा है।
(C) उसका केंद्रीय पात्र है जीवन को वहन करने वाला व्यक्ति।
(D) व्यक्ति के मन के राग-विराग की अभिव्यक्ति होती है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- कमलेश्वर ने नयी कहानी के बारे में कहा है:-
- नयी कहानी आग्रहों की कहानी नहीं है।
- उसका केंद्रीय पात्र है जीवन को वहन करने वाला व्यक्ति।
Key Points
- 'नयी कहानी' नाम का दुष्यंत कुमार ने सर्वप्रथम प्रयोग किया था।
- नयी कहानी(1956 ई.) - राजेंद्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर(प्रवर्तक)।
Important Points
- नयी कहानी का सबसे प्रमुख विषय मानवीय संबंधों में विद्यमान बिखराव की समस्या है।
- नयी कहानी का अन्य महत्वपूर्ण विषय है नारी और पुरुष के संबंधों में आया हुआ महत्वपूर्ण बदलाव।
Additional Information
- कमलेश्वर(1932-2007 ई.) के कहानी संग्रह - राजा निरबंसिया, कस्बे का आदमी, खोयी हुई दिशाएं, मांस का दरिया, बयान, आज़ादी मुबारक।
निम्नलिखित में से 'नयी कहानी' आंदोलन के कहानीकार हैं :
(A) दूधनाथ सिंह
(B) निर्मल वर्मा
(C) राजकमल चौधरी
(D) राजेन्द्र यादव
नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF'नयी कहानी' आंदोलन के कहानीकार हैं :(B) निर्मल वर्मा और (D)राजेन्द्र यादव |
Key Points
- 'नयी कहानी' आंदोलन(1954ई.) के प्रवर्तक हैं-राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश और कमलेश्वर।
- नयी कहानी की सबसे महत्त्वपूर्ण घोषणा हैं-'अनुभूति की प्रमाणिकता' या 'भोगे हुए यथार्थ' पर बल।
- राजकमल चौधरी और दूधनाथ सिंह का संबंध 'अकहानी' आंदोलन से है।
Important Points
- कहानी संग्रह-
कहानीकार | रचनाएँ |
राजेन्द्र यादव(1929-2013) | जहाँ लक्ष्मी कैद है(1953),अभिमन्यु की आत्महत्या(1959),टूटना(1966)आदि। |
निर्मल वर्मा(1929-2005) | परिंदे(1960),जलती झाड़ी(1965),पिछली गर्मियों में(1968)आदि। |
राजकमल चौधरी(1929-1967) | मछलीजाल,प्रतिनिधि कहानियां,एक अनार एक रोहगाह,स्वर्गन्धा आदि। |
दूधनाथ सिंह(1936-2015) | सपाट चेहरे वाला आदमी(1967),सुखांत (1971),धर्मक्षेत्रे करुक्षेत्रे(2002)आदि। |
Additional Information
- डॉ. नामवर सिंह ने 'दादी माँ'(शिवप्रसाद सिंह) को हिंदी की पहली नयी कहानी और निर्मल वर्मा के प्रथम कहानी संग्रह 'परिंदे'(1960ई.) को नई कहानी की पहली कृति माना है।
निम्नांकित कहानी आन्दोलनों एवं उनके सूत्रधारों से सम्बन्धित युग्मों में से कौन सा युग्म असंगत है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFकहानी आन्दोलनों एवं उनके सूत्रधारों से सम्बन्धित युग्मों में से असंगत युग्म है - अकहानी - निर्मल वर्माKey Pointsकहानी आंदोलन व उनके प्रवर्तक-
कहानी आंदोलन | वर्ष | प्रवर्तक |
नयी कहानी | 1954 ई. | लेखक त्रयी |
अकहानी | 1960 ई. | गंगा प्रसाद विमल |
सचेतन कहानी | 1964 ई. | महीप सिंह |
सहज कहानी | 1968 ई. | अमृत राय |
समांतर कहानी | 1972 ई. | कमलेश्वर |
सक्रिय कहानी | 1979 ई. | राकेश वत्स |
जनवादी कहानी | 1982 ई. | जनवादी लेखक संघ |
- लेखक त्रयी में शामिल है-
- राजेन्द्र यादव,मोहन राकेश और कमलेश्वर
Important Pointsमहीप सिंह-
- "सचेतन कहानी एक दृष्टि है वः रिष्टि जिसमें जीवन जीया भी जाता है और जाना भी जाता है। "
कमलेश्वर-
- इन्होंने आम आदमी को केंद्र में रखकर 'धर्मयुग' पत्रिका में समांतर कहानी पर लेख लिखे।
गंगाप्रसाद विमल-
- "अकहानी कथा के स्वीकृत आधारों का विशेष तथा किसी भी तरह में मूल्य स्थापना का अस्वीकार है।"
अमृत राय-
- "कहानी का लक्ष्य अपनी कहानीपन को न खोकर जीवन की प्रस्तुति सहज रूप में करते हुए जीवन के कटु सत्यों और व्यवस्था की भ्रष्टता को उजागर करना है।"
कहानी आंदोलन Question 14:
''नयी कहानी आग्रहों की कहानी नहीं है, प्रवृत्तियों की हो सकती है और उसका मूल स्रोत है - जीवन का यथार्थबोध और इस यथार्थ को लेकर चलने वाला वह विराट मध्य और निम्न मध्य वर्ग है जो अपनी जीवन - शक्ति से आज के दुर्दान्त संकट को जाने - अनजाने झेल रहा है।'
उपर्युक्त कथन किस लेखक ने नयी कहानी के संदर्भ में कहा है -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 14 Detailed Solution
उपर्युक्त कथन-4)कमलेश्र्वर ने नयी कहानी के संदर्भ में कहा है।
Additional Information
- कमलेश्र्वर का अवधिकाल 1954-2006 है।
- ये नई कहानी के लेखक हैं।
- 2003 में उन्हें 'कितने पाकिस्तान'(उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2005 में कमलेश्वर को 'पद्मभूषण' से नवाज़ा गया।
Important Points
लेखक |
रचना |
भीष्म साहनी |
तमस,बसंती,झरोखे,निशाचर,शोभा यात्रा आदि |
शिवप्रसाद सिंह |
नीला चाँद,धतूरे का फूल,नन्हों,राग गूजरी,आदि |
राजेंद्र यादव |
शह और मात,एक इंच मुस्कान, जहाँ लक्ष्मी कैद हैं,सारा आकाश आदि |
कमलेश्र्वर |
तलाश,कितने पाकिस्तान ,मौसम, आँधी,एक और चंद्रकांता आदि |
कहानी आंदोलन Question 15:
कौन-सी कहानी से 'नई कहानी' की शुरुआत मानी जाती है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी आंदोलन Question 15 Detailed Solution
- नयी कहानी आंदोलन में प्रथम कहानी "परिंदे" मानी जाती है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प परिंदे सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- परिंदे कहानी निर्मल वर्मा की है।
- इसका रचना वर्ष 1956 ईस्वी है।
- इसी नाम से उनका कहानी संग्रह भी है जिसमें कुल 7 कहानियाँ हैं- अंधेर में, तीसरा गवाह, डायरी का खेल, माया का मर्म, पिक्चर पोस्टकार्ड, सितंबर की एक शाम और इस संग्रह की अंतिम कहानी परिंदे है।
- नयी कहानी आंदोलन
- "नयी कहानी" नाम का दुष्यंत कुमार ने सर्वप्रथम प्रयोग किया था।
- नयी कहानी आंदोलन की शुरुआत 1956 अथवा 1960 के आसपास से मानी जाती है।
- नयी कहानी आंदोलन के प्रवर्तक:-
- राजेंद्र यादव
- मोहन राकेश
- कमलेश्वर