Question
Download Solution PDFकिरातार्जुनीयस्य प्रथम सर्गस्य अन्तिमं पद्यं केन छन्दसा निबद्धोऽस्ति ?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग के अन्तिम पद्य किस छन्द में निबद्ध है ?
स्पष्टीकरण - किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग के अन्तिम पद्य मालिनी छन्द में निबद्ध है।
- किरातार्जुनीयम् महाकवि भारवि की कृति है।
- किरातार्जुनीयम् ग्रन्थ बृहत्रयी के अन्तर्गत है।
- किरातार्जुनीयम् ग्रन्थ में 46 श्लोक है।
- किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग में 1 से 44वें तक के श्लोकों में वंशस्थ छन्द है।
- किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग के 45वें श्लोक में पुष्पिताग्रा छन्द है।
- किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग के 46वें श्लोक में मालिनी छन्द है।
अत: 'मालिनी-छन्दसा' विकल्प सही है।
Additional Information
- लक्षण - 'ननमयययुतेयं मालिनी भोगिलोकै:'
- मालिनी छन्द एक सम वर्ण वृत छन्द है।
- इसके प्रत्येक चरण में दो नगण, एक मगण और दो यगण के क्रम से 15 वर्ण होते है।
- आठवें और सातवें वर्णों पर यति होती है।
Last updated on Jul 14, 2025
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