अन्य भक्ति काव्य और गद्य MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for अन्य भक्ति काव्य और गद्य - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 16, 2025

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Latest अन्य भक्ति काव्य और गद्य MCQ Objective Questions

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अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 1:

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है :  

  1. संत कवि रैदास मीरा के गुरू माने जाते हैं। 
  2. बचपन से ही मीरा के मन में कृष्ण भक्ति की भावना जन्म ले चुकी थी
  3. मीरा ने अन्य भक्त कवियों की तरह देश में दूर-दूर तक यात्राएं नहीं कीं।  
  4. मीरा कृष्ण को अपना आराध्य और पति मानती थीं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मीरा ने अन्य भक्त कवियों की तरह देश में दूर-दूर तक यात्राएं नहीं कीं।  

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 1 Detailed Solution

मीरा ने अन्य भक्त कवियों की तरह देश में दूर-दूर तक यात्राएं नहीं कीं कथन सही नहीं है।  

Key Pointsमीराबाई-

  • मीराबाई का जन्म मारवाड़ के कुड़की नाम के गांव में 1498 में एक राज परिवार में हुआ था।  
  • मीराबाई की अधिकांश रचनाएँ उनके कृष्ण प्रेम से ओत-प्रोत हैं। 
  • रचनाएँ-
    • राग सोरठा
    • नरसीजी रो मायारा
    • मीरा की मल्हार
    • मीरा पदावली
    • राग गोविंद
    • गीत गोविंद
    • गोविंद टीका

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 2:

रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार भक्तिकाल की फुटकल रचनाओं का सही क्रम कौनसा है ? 

  1. हिततरंगिणी, सुदामाचरित, माधवानल कामकंदला, हनुमन्नाटक
  2. सुदामाचरित, माधवानल कामकंदला, हिततरंगिणी, हनुमन्नाटक
  3. माधवानल कामकंदला, हनुमन्नाटक, सुदामाचरित, हिततरंगिणी
  4. हिततरंगिणी, सुदामाचरित, हनुमन्नाटक, माधवानल कामकंदला

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : हिततरंगिणी, सुदामाचरित, माधवानल कामकंदला, हनुमन्नाटक

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 2 Detailed Solution

रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार भक्तिकाल की फुटकल रचनाओं का सही क्रम है- हिततरंगिणी, सुदामाचरित, माधवानल कामकंदला, हनुमन्नाटक

Key Pointsहिततरंगिणी-

  • रचनाकार-कृपाराम 
  • प्रकाशन वर्ष-1541 ई. 
  • विषय-
    • नायक-नायिका भेद निरूपण किया गया है। 
    • 400 छंद हैं। 
    • पांच तरंगों में विभक्त हैं। 

सुदामाचरित-

  • रचनाकार-नरोत्तमदास
  • विषय-
    • यह खंड काव्य है। 
    • इसकी भाषा परिमार्जित और व्यवस्थित है। 
    • सुदामा के चरित का वर्णन है। 

माधवानल कामकंदला-

  • रचनाकार-गणपति 
  • प्रकाशन वर्ष-1527 ई. 
  • विषय-
    • यह राजस्थानी भाषा में रचित है। 
    • इसमें सिर्फ दोहा छंद प्रयुक्त किया गया है। 

हनुमन्नाटक-

  • रचनाकार-हृदयराम 
  • प्रकाशन वर्ष-1623 ई. 
  • विषय-
    • सीता स्वयंवर से लेकर राज्याभिषेक तक की कथा संवाद शैली में वर्णित है। 

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 3:

भक्ति आंदोलन भारतीय चिंताधारा का स्वाभाविक विकास है। यह कथन किसका है?

  1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  2. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
  3. डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी
  4. डॉ. भगीरथ मिश्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 3 Detailed Solution

उपर्युक्त कथन आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • भक्ति काल की समयावधि संवत् 1343ई से संवत् 1643ई तक
  • हिंदी साहित्य का भक्तिकाल 1375 वि.सं से 1700 वि.सं तक माना जाता है।
  • यह हिंदी साहित्य का श्रेष्ठ युग है।
  • समस्त हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ कवि और उत्तम रचनाएं इस युग में प्राप्त होती हैं।
 Important Points
  • भक्ति-युग की चार प्रमुख काव्य-धाराएं मिलती हैं :
    • सगुण भक्ति
      • रामाश्रयी शाखा
      • कृष्णाश्रयी शाखा
    • निर्गुण भक्ति
      • ज्ञानाश्रयी शाखा
      • प्रेमाश्रयी शाखा

 Additional Information

नाम

प्रस्तोता

स्वर्णकाल

जॉर्ज ग्रियर्सन

स्वर्णयुग

श्यामसुन्दर दास

भक्ति काल

आचार्य राम चंद्र शुक्ल

लोक जागरण

हजारी प्रसाद द्विवेदी

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 4:

ऋग्वेद में किस भाषा का प्रयोग हुआ है?  

  1. प्राकृत
  2. वैदिक संस्कृत
  3. लौकिक संस्कृत
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वैदिक संस्कृत

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 4 Detailed Solution

ऋग्वेद में 'वैदिक संस्कृत' भाषा का प्रयोग हुआ है।

Key Points

  • ऋग्वेद विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ है जो वर्तमान समय में उपलब्ध है।
  • ऋग्वेद के मुख्य देवता इंद्र हैं।
  •  इसके 10 मंडल (अध्याय) में 1028 सूक्त है जिसमें 11 हजार मंत्र (10580) हैं। प्रथम और अंतिम मंडल समान रूप से बड़े हैं।

अन्य विकल्प के अनुसार

  • प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन् तक माना जाता है।
  • वेद के अतिरिक्त अन्य ग्रंथों जैसे ब्राह्मण ग्रंथ, स्मृति, उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि में प्रयुक्त संस्कृत को लौकिक संस्कृत कहते हैं। 
  • अपभ्रंश- आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में बोलचाल और साहित्य रचना की सबसे जीवन्त और प्रमुख भाषा।

Important Pointsअन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

  • वेद चार प्रकार के है - ऋग्वेद, सामवेद, यर्जुर्वेद, अर्थर्ववेद
  • महर्षि वेदव्यास जी द्वारा वेदो को लिखा गया है।
  • सामवेद गीत-संगीत प्रधान है।
  • यर्जुर्वेद में यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं।
  • अथर्ववेद को ब्रह्मवेद भी कहा जाता है, इसमें देवताओ की स्तुति, चिकित्सा, विज्ञान और दर्शन के भी मन्त्र हैं।

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 5:

जीवनकाल के आधार पर कवियों का सही क्रम है - 

  1. अमीर खुसरो, विद्यापति, रैदास, नानक
  2. नानक, विद्यापति, रैदास, अमीर खुसरो
  3. विद्यापति, रैदास, अमीर खुसरों, नानक
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अमीर खुसरो, विद्यापति, रैदास, नानक

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 5 Detailed Solution

जीवनकाल के आधार पर कवियों का सही क्रम है - 

कवि जीवनकाल 
अमीर खुसरो 1255-1325 ई.
विद्यापति 1360-1450 ई.
रैदास 1388-1518 ई.
नानक 1469-1538 ई.

Key Pointsअमीर खुसरो-

  • आदिकाल के खड़ी बोली के महत्तवपूर्ण कवि रहे है।
  • इन्हें खड़ी बोली का प्रथम कवि माना जाता है। 
  • मूल नाम-
    • अबुल हसन 
  • गुरु-
    • निजामुद्दीन औलिया  

विद्यापति-

  • गुरु-
    • पंडित हरि मिश्र 
  • आदिकालीन मुख्य कवि रहे है। 
  • तीन भाषाओँ में 14 ग्रन्थों की रचना की। 
  • इनका सम्बंध शैव सम्प्रदाय से था।

रैदास-

  • जन्म स्थान-
    • काशी 
  • गुरु-
    • रामानंद
  • शिष्य-
    • धन्ना व मीरा।
  • इन्होंने  भक्ति परक काव्य की रचना की।  
  • भक्तिकाल की संत काव्यधारा के महत्त्वपूर्ण कवि रहे है। 

नानक-

  • जन्म स्थान-
    • तलवंडी(ननकाना)
  • भक्तिकाल की संत काव्यधारा के महत्त्वपूर्ण कवि रहे है।
  • सिख सम्प्रदाय के प्रवर्तक है।
  • गुरु ग्रन्थ साहिब के अंतर्गत महला नामक प्रकरण में इनकी वाणी संकलित है। 

Important Pointsअमीर खुसरो-

  • रचनाएँ-
    • खालिक बारी,पहेलियाँ,मुकरिया,दो सुखने,गज़ल,नुहसिपहर आदि। 

विद्यापति-

  • रचनाएँ-
  • संस्कृत-
    • शैव सर्वस्व सार,गंगा वाक्यावली,पुरुष परीक्षा आदि। 
  • अवहट्ट-
    • कीर्तिलता,कीर्तिपताका। 
  • मैथिली-
    • पदावली,गोरक्ष विजय(नाटक) ।

रैदास-

  • इनके 40 पद गुरु ग्रन्थ साहिब में संकलित है। 

गुरु नानक-

  • रचनाएँ-
    • जपुजी,नसीहतनामा,असादीवार,रहिरास,सोहिला आदि।

Additional Informationअमीर खुसरो-

  • प्राप्त उपाधि-
    • तोता-ए-हिंदी,कवियों में राजकुमार,अवधी का प्रथम कवि आदि।

विद्यापति-

  • प्राप्त उपाधि-
    • मैथिल कोकिल,अभिनव जयदेव,कवि शेखर,कवि रंजन आदि। 

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 6:

इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है?

  1. भक्ति काल का एक अन्य नाम 'उत्तर मध्य काल' है।
  2. आचार्य शुक्ल ने भक्ति का स्त्रोत दक्षिण भारत माना है।
  3. भागवत धर्म के प्रचार-प्रसार के परिणाम स्वरूप भक्ति आंदोलन का सूत्रपात हुआ।
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भक्ति काल का एक अन्य नाम 'उत्तर मध्य काल' है।

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 6 Detailed Solution

सही उत्तर है - भक्तिकाल का एक नाम उत्तर मध्यकाल है।  

Key Points

  • भक्तिकाल पूर्व मध्यकाल है। 
  • उत्तरमध्यकाल रीतिकाल का एक नाम है। 
  • अतः विकल्प एक में दिया गया कथन गलत है। 

Important Points

  • आचार्य शुक्ल ने भक्ति का स्त्रोत दक्षिण भारत माना है।
  • भागवत धर्म के प्रचार-प्रसार के परिणाम स्वरूप भक्ति आंदोलन का सूत्रपात हुआ।
  • भक्ति को उत्तर भारत में लाने का श्रेय रामानंद को दिया गया है।

Additional Information

हिंदी साहित्य का काल विभाजन 
आदिकाल  1050 से 1375 वि० सं० 
भक्तिकाल(पूर्वमध्यकाल) 1375 से 1700 वि० सं० 
रीतिकाल(उत्तरमध्यकाल) 1700 से 1900 वि० सं० 
आधुनिक काल 1900 वि० सं० से आगे

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 7:

निम्न में से कौनसा युग्म गलत है ?

  1. केशव - इन्द्रजीत दरबार
  2. देव - शाहजहाँ दरबार
  3. रहीम - अकबर दरबार
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : देव - शाहजहाँ दरबार

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 7 Detailed Solution

सुमेलित युग्म नहीं है- देव - ​शाहजहाँ दरबार । 

Key Points

आचार्य देव 

  • प्रसिद्धि - रीतिकाल के रीतिसिद्ध कवि के रूप में 
  • प्रस्तोता - घनाक्षरी छंद के

आचार्य देव (रीतिबद्धधारा) के आश्रय दाताओं की सूची - 

आश्रयदाता  सम्बंधित ग्रन्थ 
आजमशाह (औरंगजेब का पुत्र) अष्टयाम, भावविलास 
भवानीदत्त वैश्य  भवानीविलास
कुशल सिंह  कुशलविलास 
सेठ भोगीलाल  रसविलास 
उद्योत सिंह  प्रेमचन्द्रिका 
सुजान मणि  सुजानविनोद
अली अकबर खां सुखसागर तरंग (अंतिम रचना)

Additional Informationभूषण - 

  • शिवाजी और छत्रसाल बुंदेला दोनों के आश्रित कवि। 

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 8:

निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?

  1. निर्गुण भक्ति में विश्वात्मा प्रभु के विश्वव्यापी अस्तित्व में आस्था प्रकट की गयी है।
  2. निर्गुण भक्त वर्ण व्यवस्था के पक्षधर नहीं थे।
  3. निर्गुण भक्ति में लीला का माहात्म्य है।
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : निर्गुण भक्ति में लीला का माहात्म्य है।

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 8 Detailed Solution

निर्गुण भक्ति में लीला का माहात्म्य नही है।

लीला का माहात्म्य सगुण काव्य धारा में अधिक हैं।Additional Information

निर्गुण काव्यधारा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ या विशेषताएँ-

  • गुरु महिमा का गुणगान
  • मूर्ति पूजा का विरोध
  • अवतारवाद का विरोध 
  • निराकार ईश्वर की उपासना
  •  प्रतीकों का प्रयोग
  • ब्रज और सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग
  • आत्मा और परमात्मा के विरह मिलन का चित्रण

 Important Pointsनिर्गुण काव्य धारा के कवि और उनकी रचनाएँ-

कवि जीवनकाल   रचनाएँ
कबीरदास जी  1398-1518   बीजक,साखी,सबद,रैमनी
रैदास जी  1398-1448  रविदास की बाणी(संकलन)
नानकदेव जी 1469-1538  जपूजी,आसादिवार
दादूदयाल जी 1544-1603  हरडेवाणी,अंगवधू

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 9:

दिए गए विकल्पों में से 'पदावली' के रचनाकार कौन हैं?

  1. विद्यापति
  2. सूरदास
  3. तुलसीदास
  4. मैथिलीशरण गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विद्यापति

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 9 Detailed Solution

'पदावली' के रचनाकार विद्यापति हैं।

रचना - पदावली

  • रचनाकार - विद्यापति
  • इसमें कवि ने राजा की गगनचुंबी अट्टालिका से लेकर गरीबों की टूटी हुई फूस की झोंपड़ी तक को समान स्थान दिया है। इसकी उपमाएँ अनूठी एवं नवीन हैं तथा उत्प्रेक्षाएँ कल्पना के उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।
  • प्रकृति के चित्रण में बसंत और पावरा काल का वर्णन हृदय में चित्र सा उपस्थित कर देता है।
  • पदावली की भाषा हिन्दी (मैथिली ब्रजबुलि) है।
  • पदावली विद्यापति द्वारा चौदहवीं सदी में रचा गया काव्य है। 
  • निराला ने पदावली की मादकता को नागिन की लहर कहा है।

विद्यापति -

  • जन्म - 1380 (14वीं -15वीं अपवाद)
  • रचनाएँ - कीर्तिलता, कीर्तिपताका, गया पत्तलक गंगावाक्यावली, दान वक्यावाली, दुर्गाभक्ति तरंगिणी, पुरुष परीक्षा, प्रमाण भूव पुराण संग्रह, पदावली, भूपरिक्रमा, लिखनावली, विभव सागर, वर्ष कृत्य, शैव सर्वस्वसार
  • उपाधियाँ - मैथिली कोकिल, अभिनव जयदेव (यह उपाधि राजा शिवसिंह ने दी थी), लेखन कवि, वयः संधि के कवि, दशावधान, कवि कंठहार।
  • विद्यापति संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, मैथिली, ब्रजबुलि, बांग्ला और हिन्दी के पंडित थे।
  • निधन - 1460

Key Pointsअन्य विकल्प -

सूरदास - 

  • जन्म - 1478 ईस्वी
  • रचना - सूरसागर, सूरसारावली,साहित्य-लहरी, नल-दमयन्ती, ब्याहलो
  • निधन - 1580 ईस्वी

 

गोस्‍वामी तुलसीदास - 

  • जन्म - बांदा जिले के राजपुर में,13 अगस्त 1532
  • रचना - रामलला नहछूहनुमान चालीसा,  गीतावली, साहित्य रत्न, तुलसी सत्सईगीतावलीकृष्ण गीतावली या कृष्णावलीबरवई रामायणपार्वती मंगलदोहावली आदि। 
  • निधन - 31 जुलाई 1623

 

मैथिलीशरण गुप्त -

  • जन्म - 1886 ई.
  • रचना - यशोधरा, रंग में भंग, साकेत, भारत भारती, पंचवटी, जय भारत, पृथ्वीपुत्र, किसान, हिन्दू, चन्द्रहास, कुणालगीत, द्वापर आदि।
  • निधन -1964 ई.

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 10:

इनमें सगुण-निर्गुण उपासना विषयक कौन सा कथन सही नहीं है ?

  1. सगुण और निर्गुण दोनों ही उपासक सत्संग, गुरु महिमा तथा स्मरण के साथ - साथ तीर्थाटन को भी भक्ति का आवश्यक अंग मानते हैं।
  2. अवतारवाद सगुण उपासना का मेरुदंड है।
  3. निर्गुण उपासक पुराणों में वर्णित अवतारों और उनके विग्रह आदि को नहीं मानते।
  4. अवतारवाद का खंडन करने के बावजूद भी के निर्गुण उपासक, ब्रह्म को इन्द्रिय गम्य बनाने के लिए, उस निर्गुण - निराकार पर रूपक, प्रतीक आदि का आरोप करते हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सगुण और निर्गुण दोनों ही उपासक सत्संग, गुरु महिमा तथा स्मरण के साथ - साथ तीर्थाटन को भी भक्ति का आवश्यक अंग मानते हैं।

अन्य भक्ति काव्य और गद्य Question 10 Detailed Solution

'सगुण और निर्गुण दोनों ही उपासक सत्संग, गुरु महिमा तथा स्मरण के साथ - साथ तीर्थाटन को भी भक्ति का आवश्यक अंग मानते हैं।'

  • सगुण-निर्गुण उपासना विषयक यह कथन सही नहीं है।

Key Points

  • निर्गुण भक्ति का सर्वप्रथम उल्लेख 'श्वेताश्वेतर उपनिषद' में मिलता है। 
  • निर्गुण भक्तिकाव्य का प्रवर्तक आचार्य शुक्ल ने कबीरदास को माना है। 
  • हिंदी में भक्ति साहित्य परंपरा का प्रवर्तन नामदेव ने किया।

Additional Information    निर्गुण काव्यधारा 

  • निर्गुण भक्ति में ईश्वर को निराकर माना गया है।
  • ईश्वर के निर्गुण रूप की आराधना 
  • निर्गुण भक्ति में ईश्वर की रूप, रंग, जाति नहीं होती है।
  • गुरु को महत्त्व 

     सगुण काव्यधारा 

  • सगुण भक्ति में मूर्ति पूजा, नित्य ध्यान, संकीर्तन, तिलक, तीर्थ यात्रा, का आवश्यक बताया है।
  • ईश्वर के सगुण रूप की उपासना 
  • इसमें मूर्ति पूजा, नित्य ध्यान, संकीर्तन, तिलक, तीर्थ यात्रा, का आवश्यक बताया है।
  • ईश्वर की रूप, गुण, जाति होती है।
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