शुक्ल युगीन निबन्ध MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for शुक्ल युगीन निबन्ध - मोफत PDF डाउनलोड करा
Last updated on Mar 18, 2025
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शुक्ल युगीन निबन्ध Question 1:
कौन सा रामचन्द्र शुक्ल के चिंतामणि का सैद्धान्तिक समीक्षा संबंधी निबंध नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 1 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "मानस की धर्मभूमि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- मानस की धर्म भूमि व्यावहारिक आलोचनात्मक निबंध है।,
- यह सैद्धान्तिक समीक्षा संबंधी निबंध नहीं है।
- मानस की धर्म भूमि व्यावहारिक आलोचनात्मक निबंध है।
- रामचंद्र शुक्ल के :- भारतेंदु हरिश्चंद्र, तुलसी का भक्ति मार्ग, मानस की धर्म भूमि आदि निबंध व्यावहारिक आलोचना के अंतर्गत आते हैं।
- मनोवैज्ञानिक निबंधों में करुणा, श्रद्धा, भक्ति, लज्जा, ग्लानि, क्रोध, लोभ और प्रीति आदि भावों तथा मनोविकारों पर लिखे गए निबंध आते हैं।
- चिन्तामणि के प्रमुख निबन्ध हैं- भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक मंगल की साधनावस्था।
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 2:
'साधारणीकरण और व्यक्ति वैचित्र्यवाद' निबन्ध के लेखक हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 2 Detailed Solution
- 'साधारणीकरण और व्यक्ति वैचित्र्यवाद' निबन्ध का मुख्य भाव है - किसी काव्य का श्रोता या पाठक जिन विषयों को मन में लाकर रति, करुणा, क्रोध, उत्साह इत्यादि भावों तथा सौन्दर्य, रहस्य, गाम्भीर्य आदि भावनाओं का अनुभव करता है वे अकेले उसी के हृदय से सम्बन्ध रखनेवाले नहीं होते, मनुष्य-मात्र की भावात्मक सत्ता पर प्रभाव डालनेवाले होते हैं।
अन्य विकल्प :-
- आचार्य शुक्ल - उनके निबंध “शैली ही व्यक्तित्व है” के उदाहरण माने जा सकते हैं।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी - द्विवेद्वी जी आलोचक के साथ बहुत बड़े रचनाकार भी थे। उन्होंने सरल, सहज तथा मनोरंजन से परिपूर्ण निबंध लिखे l
- महावीर प्रसाद - इन निबंधों की वाक्य रचना सरल है। इनके व्यंग्य उभरे हुए हैं।
Additional Informatio
- डॉ. नगेंद्र भारत के प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार थे।
- आधुनिक हिन्दी की आलोचना को समृद्ध करने में डॉ. नगेन्द्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। वे काव्य शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान् माने जाते थे।डा नगेंद्र की शैली तर्कपूर्ण, विश्लेषणात्मक तथा प्रत्यायक है। यह सब होते हुए भी उसमें सर्वत्र एक प्रकार की अनुभूत्यात्मक सरसता मिलती है।
- वे अपने निबंधों और प्रबंधों को जब तक अपनी अनुभूति का अंग नहीं बना लेते तब तक उन्हें अभिव्यक्ति नहीं देते। अतः उनकी समीक्षाओं में विशेषरूप से निबंधों में भी सर्जना का समावेश रहता है।
Important Points
- इनकी प्रमुख रचनाएं :- 'विचार और विवेचन' (1944), 'विचार और अनुभूति' (1949), 'विचार और विश्लेषण' (1955), 'अरस्तू का काव्यशास्त्र' (1957), 'अनुसंधान और आलोचना' (1961), 'रस-सिद्धांत (1964), 'आलोचक की आस्था' (1966), 'समस्या और समाधान' (1971), भारतीय साहित्य, भारतीय महाकाव्य आदि।
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 3:
'भ्रमरगीत सार' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 3 Detailed Solution
'भ्रमरगीत सार' रामचन्द्र शुक्ल की रचना है।
- भ्रमरगीत सार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा सम्पादित महाकवि सूरदास के पदों का संग्रह है।
Key Pointsरामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म-1884-1941 ई.
- मुख्य निबंध-
- चिंतामणि(भाग-1)-भाव या मनोविकार,उत्साह,लज्जा और ग्लानि,श्रद्धा और भक्ति,लोभ और प्रीति,घृणा,कविता क्या है? आदि।
- चिंतामणि(भाग-2)-काव्य में रहस्यवाद,काव्य में अभिव्यंजनावाद आदि।
- चिंतामणि चार भागों में संकलित है।
- चिंतामणि(भाग-1) सबसे पहले 'विचार वीथी' नाम से 1939 ई. में प्रकाशित हुआ था।
Important Pointsसत्यजित राय-
- जन्म- 1921-1992 ई.
- बीसवीं शताब्दी के विश्व की महानतम फ़िल्मी हस्तियों में से एक थे।
- फ़िल्म कृतियां-
- अपराजिता (1956 ई.)
- जलसा घर (1958 ई.)
- अपु का संसार (1959 ई.)
- अभियान (1962 ई.)
- चिड़ियाखाना (1967 ई.) आदि।
सूरदास-
- सूरदास (1478 -1583) हिन्दी के भक्तिकाल के महान कवि थे।
- हिन्दी साहित्य में भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य उपासक और ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कवि महात्मा सूरदास हिंदी साहित्य के सूर्य माने जाते हैं।
- सूरदास जन्म से अंधे थे या नहीं, इस संबंध में विद्वानों में मतभेद है।
- सूरदास के जन्मांध होने के विषय में अनेक भ्रान्तिया है।
- प्रारंभ में सूरदास आगरा के समीप गऊघाट पर रहते थे।
- सूरदास जी द्वारा लिखित पाँच ग्रन्थ बताए जाते हैं:
- सूरसागर
- सूरसारावली
- साहित्य-लहरी
- नल-दमयन्ती
- ब्याहलो
कृष्ण कुमार-
- एक भारतीय फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं।
- उन्हें बेवफा सनम (1995) और भारत में सबसे बड़ी संगीत उत्पादक कंपनी के मालिक के लिए जाना जाता है, टी-सीरीज़
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 4:
इनमें से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 4 Detailed Solution
सुमेलित युग्म नहीं हैं-कविता क्या है - इलाचंद्र जोशी
कविता क्या है -
- रचनाकार - रामचन्द्र शुक्ल
- विधा - निबंध
- सरस्वती पत्रिका में 1909 ई. में प्रकाशित हुआ था।
Key Pointsइलाचंद्र जोशी-
- जन्म - 1902-1982 ई.
- निबंध -
- साहित्य चिंतन(1934 ई.)
- साहित्य सर्जना(1938 ई.)
- विवेचना(1943 ई.)
- विश्लेषण(1953 ई.) आदि।
Important Pointsरामशंकर शुक्ल रसाल -
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- अलंकारपीयूष
- नाट्य दर्पण आदि।
गुलाब राय-
- जन्म -1888-1963 ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- सिद्धांत और अध्ययन(1946 ई.)
- काव्य के रूप(1947 ई.) आदि।
महादेवी वर्मा-
- जन्म -1907-1987 ई.
- निबंध -
- शृंखला की कड़ियाँ(1942 ई.)
- क्षणदा(1957 ई.)
- साहित्यकार की आस्था(1964 ई.)
- संकल्पिता(1968 ई.) आदि।
रामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म-1884-1941 ई.
- निबंध-
- भाव या मनोविकार
- श्रद्धा-भक्ति
- लज्जा और ग्लानि
- लोभ और प्रीति
- तुलसी का भक्तिमार्ग
- काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था
- काव्य में रहस्यवाद
- काव्य में अभिव्यंजनावाद आदि।
Additional Informationअन्य रचनाएँ-
रचना | रचनाकार | विधा |
आलोचनादर्श | रमाशंकर शुक्ल रसाल | आलोचना |
नवरस | गुलाब राय | आलोचना |
परोक्षरति | महादेवी वर्मा | आलोचना |
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 5:
"स्वार्थ का यहाँ भी अभाव है, जब स्वार्थ कोई वस्तु ही नहीं तब निष्काम और कामनापूर्ण करम करना दोनों ही एक बात हुई।"- यह कथन 'मजदूरी और प्रेम' निबन्ध के किस शीर्षक से उद्धृत है?
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 5 Detailed Solution
"स्वार्थ का यहाँ भी अभाव है, जब स्वार्थ कोई वस्तु ही नहीं तब निष्काम और कामनापूर्ण करम करना दोनों ही एक बात हुई।"- यह कथन 'मजदूरी और प्रेम' निबन्ध के मजदूरी और फकीरी शीर्षक से उद्धृत है।
Key Pointsमजदूरी और प्रेम-
- रचनाकार- अध्यापक पूर्ण सिंह
- निबंध में निम्न वर्ग के लोगों के जीवन तथ्यों को उजागर किया गया है।
- निबंध के उपशीर्षक हैं-
- हल चलाने वाले का जीवन
- गड़रिये का जीवन
- मजदूर की मजदूरी
- मजूरी और कला आदि।
Important Pointsसरदार पूर्ण सिंह -
- जन्म -1881-1931 ई.
- इनके निबन्ध भावात्मक होते थे।
- निबन्ध -
- आचरण की सभ्यता
- सच्ची वीरता
- पवित्रता
- कन्यादान आदि।
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 6:
'कविता क्या है' शुक्लजी के किस निबंध-संग्रह में शामिल है ?
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 6 Detailed Solution
'कविता क्या है' शुक्लजी के चिन्तामणि भाग 1 निबंध-संग्रह में शामिल है।
कविता क्या है-
- रचनाकार-रामचन्द्र शुक्ल
- विधा-निबंध
- प्रकाशन वर्ष-1909 ई.
- मुख्य-
- यह चिंतामणि भगा-1 में संकलित है।
- सर्वप्रथम सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
Key Pointsचिन्तामणि भाग-1 में संकलित अन्य निबन्ध-
- भाव या मनोविकार
- उत्साह
- श्रद्धा-भक्ति
- करुणा
- लज्जा और ग्लानि
- लोभ और प्रीति
- ईर्ष्या
- क्रोध
- तुलसी का भक्तिमार्ग
- काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदि।
Important Pointsरामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म-1884-1941 ई.
- इनके निबंधों का संग्रह चार भागों में संकलित है-
- चिंतामणि भाग-1 1939 ई. में रामचन्द्र शुक्ल द्वारा ही संपादित हुआ था।
- चिन्तामणि भाग-2 1945 ई. में विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के संपादन में प्रकाशित हुआ था।
- चिन्तामणि भाग-3 नामवर सिंह के संपादन में 1983 ई. में प्रकाशित हुआ था।
- चिन्तामणि भाग-4 2002 ई. में कुसुम चतुर्वेदी एवं ओमप्रकाश सिंह के संपादन में प्रकाशित हुआ था।
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 7:
निम्न में से कौन-सा निबंध गुलेरी जी का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 7 Detailed Solution
'अनुप्रास का अन्वेषण' - निबन्ध गुलेरी जी का नही है।
Key Points
- अनुप्रास का अन्वेषण निबन्ध जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी का है।
- अन्य निबन्ध-गद्य माला(1909),निबन्ध-निचय,ब की बहार,पिक्चर की पूजा आदि।
Important Points
- चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी'(1883-1922)-द्विवेदीयुगीन महत्वपूर्ण निबन्धकार।
- मुख्य निबन्ध-अमंगल के स्थान,विक्रमोर्वशी की मूल कथा,शेशुनाक की मूर्तियां,देवकुल,संगीत आदि।
- रामचन्द्र शुक्ल ने 'भारतेंदु हरिश्चंद्र' को हिंदी का पहला निबन्धकार माना है।
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 8:
'कविता की परख' के लेखक हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 8 Detailed Solution
'कविता का परख' के लेखक हैं- रामचन्द्र शुक्ल
कविता की परख-
- रचनाकार- रामचन्द्र शुक्ल
- विधा- निबन्ध
- प्रकाशन वर्ष- 1938 ई.
- मुख्य-
- यह चिंतामणि भाग- 3 में संकलित है जिसे डॉ. नामवर सिंह ने संपादित किया है।
- इसे पहली बार रामचन्द्र शुक्ल ने स्कूल के बच्चों के लिए संपादित पुस्तक 'हिन्दी गद्य चंद्रिका' में प्रकाशित किया था।
- कविता को परखने के बुनीयदी साधनों को छात्रों को समझने का प्रयास किया गया है।
Key Pointsरामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म-1884-1941 ई.
- मुख्य निबंध-
- चिंतामणि(भाग-1)-भाव या मनोविकार,उत्साह,लज्जा और ग्लानि,श्रद्धा और भक्ति,लोभ और प्रीति,घृणा,कविता क्या है? आदि।
- चिंतामणि(भाग-2)-काव्य में रहस्यवाद,काव्य में अभिव्यंजनावाद आदि।
- चिंतामणि चार भागों में संकलित है।
- चिंतामणि(भाग-1) सबसे पहले 'विचार वीथी' नाम से 1939 ई. में प्रकाशित हुआ था।
Important Pointsमहावीर प्रसाद द्विवेदी -
- हिन्दी निबन्ध के प्रारम्भिक एवं अनगढ़ रूप को आचार्य शुक्ल ने गद्य प्रबन्ध' कहा।
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य को 'ज्ञानराशि का संचित कोश' माना है।
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने लार्ड बेकन के निबन्धों का अनुवाद 'बेकन विचार रत्नावली' शीर्षक से किया।\है।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने महावीर प्रसाद द्विवेदी के निबन्धों को 'बातों का संग्रह' कहा है।
- निबंध - संग्रह :-
- सम्पत्तिशास्त्र
- रसज्ञ रंजन
- लेखांजलि
- नाट्य-शास्त्र
- उपन्यास रहस्य
- आगरे की शाही इमारतें
- कालिदास के समय का भारत
- दंडदेव का आत्मनिवेदन
- भाषा और व्याकरण
- कवि और कविता
- महाकवि माघ का प्रभात वर्णन
- दमयन्ती का चन्द्रोपालम्भ
- कवि बनने के लिए सापेक्ष साधन
- सुतापराधे जनकस्य दण्डः
- आत्मनिवेदन
- प्रभात
- नेपाल
कुमार गंधर्व-
- जन्म- 8 अप्रैल 1924
- मृत्यु- 12 जनवरी 1992
- अन्य नाम- शिवपुत्र सिद्धराम कोमकाली
- अन्य विशेष-
- गंधर्व की संगीत के ज्ञान और कुशलता में प्रगति इतनी तीव्र थी कि बीस की उम्र आते आते वे ख़ुद ही अपने संगीत विद्यालय में संगीत सिखाने लगे।
- उनके आलोचकों ने भी उनको संगीत के क्षेत्र का एक उभरता हुआ सितारा मानना शुरू कर दिया।
- सम्मान- 1977 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
सत्यजित राय-
- जन्म- 1921-1992 ई.
- बीसवीं शताब्दी के विश्व की महानतम फ़िल्मी हस्तियों में से एक थे।
- फ़िल्म कृतियां-
- अपराजिता (1956 ई.)
- जलसा घर (1958 ई.)
- अपु का संसार (1959 ई.)
- अभियान (1962 ई.)
- चिड़ियाखाना (1967 ई.) आदि।
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 9:
"मनुष्य और पशु में मूल अंतर यही है कि मनुष्य चैतन्य तक पहुंचा है जबकि वे नहीं।"- यह कथन किस निबंधकार का है?
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 9 Detailed Solution
"मनुष्य और पशु में मूल अंतर यही है कि मनुष्य चैतन्य तक पहुंचा है जबकि वे नहीं।"- यह कथन निबंधकार रामचन्द्र शुक्ल का है। Key Pointsरामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म- 1884 - 1941 ईo
- हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
- हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ।
- निबंध-
- भाव या मनोविकार
- उत्साह
- श्रद्धा-भक्ति
- करुणा
- घृणा
- ईर्ष्या
- भय
- क्रोध
- कविता क्या है?
- काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था
- साधारणीकरण और व्यक्ति-वैचित्र्यवाद
- रसात्मक बोध के विविध रूप
- काव्य में प्रकृतिक दृश्य
- काव्य में रहस्यवाद
- काव्य में अभिव्यंजनावाद
Important Pointsडॉ. नगेन्द्र-
- जन्म- 1915 - 1999 ईo
- निबंध-
- विचार और विवेचन (1944 ई.)
- विचार और अनुभूति (1949 ई.)
- आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ (1951 ई.)
- विचार और विश्लेषण (1955 ई.)
- अरस्तू का काव्यशास्त्र (1957 ई.)
- अनुसंधान और आलोचना (1961 ई.)
- रस-सिद्धांत (1964 ई.)
- आलोचक की आस्था (1966 ई.)
- आस्था के चरण (1969 ई.)
- नयी समीक्षाः नये संदर्भ (1970 ई.)
- समस्या और समाधान (1971 ई.)
बाबू गुलाबराय-
- जन्म- 1888 - 1963 ईo
- निबंध-
- प्रकार प्रभाकर
- जीवन-पशु-ठलुआ क्लब
- मेरी असफलताएँ
- मेरे मानसिक उपादान
- ठलुआ क्लब आदि।
रामविलास शर्मा-
- जन्म- 1912 - 2000 ईo
- निबंध-
- प्रगति और परंपरा (1949)
- साहित्य और संस्कृति (1949)
- भाषा, साहित्य और संस्कृति (1954)
- प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ (1954)
- लोक जीवन और साहित्य (1955)
- आस्था और सौन्दर्य (1961)
- परंपरा का मूल्यांकन (1981)
- भाषा युग बोध और कविता (1981)
- साहित्य : स्थायी मूल्य और मूल्यांकन (1968)
- भारतेन्दु युग और हिन्दी भाषा की विकास परम्परा (1975)
- विराम चिह्न (1985)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 10:
इनमें से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
शुक्ल युगीन निबन्ध Question 10 Detailed Solution
सुमेलित युग्म नहीं हैं - श्रृंखला की कड़ियाँ - रामवृक्ष बेनीपुरी
श्रृंखला की कड़ियाँ -
- रचनाकार - महादेवी वर्मा
- विधा - निबंध
- प्रकाशन वर्ष -1942 ई.
Key Pointsरामवृक्ष बेनीपुरी -
- जन्म -1899-1968 ई.
- निबंध -
- गेहूँ और गुलाब (1950 ई.)
- वंदे वाणी विनायकौ(1954 ई.) आदि।
Important Pointsमहादेवी वर्मा -
- जन्म -1907-1987 ई.
- निबंध संग्रह-
- क्षणदा (1957 ई.)
- साहित्यकार की आस्था (1964 ई.)
- संकल्पिता (1968 ई.)
- भारतीय संस्कृति के स्वर (1984 ई.) आदि।
विवेकी राय-
- जन्म-1924-2016 ई.
- निबंध-
- किसानों का देश (1956 ई.)
- फिर बैतलवा डाल पर (1962 ई.)
- आम रास्ता नहीं है (1988 ई.)
- जीवन अज्ञात का गणित है (2004 ई.) आदि।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म -1899-1961 ई.
- निबंध -
- प्रबंध पद्म (1934 ई.)
- प्रबंध प्रतिमा (1940 ई.)
- प्रबंध प्रतीक्षा
- प्रबंध पूर्णिमा आदि,
रामधारी सिंह 'दिनकर'-
- जन्म-1908-1974 ई.
- निबंध-
- मिट्टी की ओर (1946 ई.)
- अर्द्धनारीश्वर (1952 ई.)
- रेती के फूल (1954 ई.)
- वेणुवन (1958 ई.)
- वट पीपल (1961 ई.) आदि।
Additional Informationअन्य रचनाएँ-
रचना | रचनाकार | विधा | प्रकाशन वर्ष |
त्रिधारा | विवेकी राय | निबंध | 1958 ई. |
चाबुक | निराला | निबंध | 1949 ई. |
उजली आग | दिनकर | निबंध | 1956 ई. |