प्रसादोत्तर नाटक MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for प्रसादोत्तर नाटक - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Mar 24, 2025
Latest प्रसादोत्तर नाटक MCQ Objective Questions
Top प्रसादोत्तर नाटक MCQ Objective Questions
प्रसादोत्तर नाटक Question 1:
मोहन राकेश की इन कृतियों में एक नाटक नहीं है |
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 1 Detailed Solution
अंधेरे बंद कमरे - मोहन राकेश द्वारा रचित उपन्यास है, नाटक नही है।
Key Points
- मोहन राकेश :- (8जनवरी1925 - 3 जनवरी 1972)
- "आखिरी चट्टान तक" का रचना वर्ष 1953 ईस्वी है।
- मोहन राकेश के "उपन्यास" :-
- अंधेरे बंद कमरे
- अन्तराल
- न आने वाला कल
- मोहन राकेश के "नाटक":-
- आषाढ़ का एक दिन
- लहरों के राजहंस
- आधे अधूरे
- पैैैर तले की जमीन (अधूरा, कमलेश्वर ने पूरा किया)
- सम्मान:- संगीत नाटक सम्मान (1972)
प्रसादोत्तर नाटक Question 2:
'आषाढ़ का एक दिन' नाटक पर बनी फिल्म के निर्देशक कौन थे ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है- "मणि कौल"। अन्य विकल्प असंगत है।
- 'आषाढ़ का एक दिन' नाटक पर बनी फिल्म के निर्देशक मणि कौल थे।
Key Pointsआषाढ़ का एक दिन-
- रचनाकार- मोहन राकेश
- प्रकाशन वर्ष- 1958 ईo
- विधा- नाटक
- मुख्य पात्र-
- अंबिका, मल्लिका, कालिदास विलोम ,मातुल आदि।
- विषय-
- कालिदास के सत्ता एवं सृजनात्मकता के मध्य अन्तः संघर्ष का चित्रण।
Important Pointsमोहन राकेश-
- जन्म- 1925 - 1972 ईo
- नाटक-
- लहरों के राजहंस (1963 ईo)
- आषाढ़ का एक दिन (1958 ईo)
- आधे-अधूरे (1969 ईo)
- पैर तले की जमीन (अधुरा कमलेश्वर जी ने पूरा किया 1975 ईo)
- उपन्यास-
- अँधेरे बंद कमरे (1961)
- अन्तराल (1972)
- न आने वाला कल (1968)
प्रसादोत्तर नाटक Question 3:
निम्नलिखित में से असंगत युग्म है:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 3 Detailed Solution
असंगत युग्म है: लक्ष्मीनारायण मिश्र - तुलसीदास
तुलसीदास-
- रचनाकार-कृष्णा कुमार मुखोपाध्या
- विधा-नाटक
Key Pointsलक्ष्मीनारायण मिश्र-
- नाटक-
- संन्यासी(1930 ई.)
- राक्षस का मंदिर(1931 ई.)
- मुक्ति का रहस्य(1932 ई.)
- राजयोग(1933 ई.)
- सिंदूर की होली(1934 ई.)
- गरुड़ध्वज(1945 ई.) आदि।
Important Pointsस्कंदगुप्त-
- रचनाकार-जयशंकर प्रसाद
- विधा-नाटक
- प्रकाशन वर्ष-1928 ई.
- विषय-
- कुमारगुप्त के विलासी साम्राज्य की आंतरिक स्तिथि का चित्रण किया गया है।
वरमाला-
- रचनाकार-गोविंदवल्लभ पंत
- विधा-नाटक
- प्रकाशन वर्ष-1925 ई.
दुर्गावती-
- रचनाकार-बदरीनाथ भट्ट
- विधा-नाटक
- प्रकाशन वर्ष-1925 ई.
Additional Informationजयशंकर प्रसाद-
- नाटक-
- सज्जन(1910 ई.)
- कल्याणी परिणय(1912 ई.)
- करुणालय(1912 ई.)
- अजातशत्रु(1922 ई.)
- चन्द्रगुप्त(1931 ई.)
- ध्रुवस्वामिनी(1933 ई.) आदि।
गोविंदवल्लभ पंत-
- नाटक-
- कंजूस की खोपड़ी(1923 ई.)
- राजमुकुट(1935 ई.)
- अंगूर की बेटी(1937 ई.) आदि।
बदरीनाथ भट्ट-
- नाटक-
- चन्द्रगुप्त(1915 ई.) आदि।
प्रसादोत्तर नाटक Question 4:
मोहन राकेश रचित 'आषाढ़ का एक दिन' नाटक किसकी जीवनी पर आधारित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर 'कालिदास' है।
Key Points
- आषाढ का एक दिन नाटक मोहन राकेश का है।
- इसका प्रकाशन वर्ष 1958 ई. है।
- आषाढ का एक दिन नाटक के पात्रः-
- माल्लिका , अंबिका , प्रियंगुमंजरी , कालिदास , मातुल , रंगिणी , संगिनी आदि।
- इस नाटक मे कालिदास की प्रसिद्ध का कारण उसकी प्रेयसी (मल्लिका ) रहती है।
Additional Information
तुलसीदास | तुलसीदास के जीवन पर अमृतलाल नागर ने मानस का हंस उपन्यास लिखा है। |
मोहन राकेश |
इनकी प्रमुख रचनाएँः- अंधेरे बंद कमरे , अंतराल ,न आने वाला कल आषाढ का एक दिन (नाटक) , लहरों का राजहंस (नाटक) पैर तले जमीन (अधूरा नाटक ) |
जयशंकर प्रसाद |
इनकी प्रमुख रचनाएँः- चित्रधारा , लहर , झरना ,लहर (1933) कामायनी (1936 ई. महाकाव्य) ,आँसू (1925) नाटक - चंद्रगुप्त (1931), स्कंदगुप्त (1928) ,ध्रुवस्वामिनी (1933) आदि।
|
प्रसादोत्तर नाटक Question 5:
निम्नलिखित में से कौन - सा नाटककार सर्वाधिक नाटकों का रचयिता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 5 Detailed Solution
लक्ष्मीनारायण लाल नाटककार सर्वाधिक नाटकों का रचयिता है|
Key Pointsलक्ष्मीनारायण लाल-
- जन्म-1927-1987ई.
- हिन्दी नाटककार, एकांकीकार एवं समीक्षक होने के साथ-साथ कहानीकार एवं उपन्यासकार भी थे।
- नाटक-अंधा कुआँ (1955), मादा कैक्टस (1959), तीन आँखों वाली मछली (1960), सूखा सरोवर (1960), नाटक बहुरंगी (1961)
- नाटक तोता मैना (1962), रातरानी (1962), दर्पन (1962), रक्तमाल (1963), सूर्यमुख (1968), कलंकी (1969), मिस्टर अभिमन्यु (1975)
- कप! (1972), दूसरा दरवाजा (1972), अब्दुल्ला दीवाना (1973), नरसिंह कथा (1975), व्यक्तिगत (1975)
- गुरू (1976), यक्ष प्रश्न (1976), एक सत्य हरिश्चन्द्र (1976), गंगामाटी (1977), सगुन पक्षी (1977), सब रंग मोहभंग (1977)
- पंच पुरुष (1978), राम की लड़ाई (1979), बलराम की तीर्थयात्रा (1983), कजरीवन (1980)
- सुन्दर रस (1960), काफी हाउस में इन्तजार, हाथी घोड़ा चूहा।
Important Pointsभारतेन्दु हरिश्चन्द्र-
- जन्म-1850-1885ई.
- नाटक-वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति(1973), विषस्य विषमौषधम् (1876), प्रेम जोगिनी (1875), चन्द्रावली (1876)
- भारत-दुर्दशा (1880), नीलदेवी (1881), अंधेर नगरी (1881)
- सती प्रताप (1883) आदि|
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना-
- जन्म-1927-1983ई.
- नाटक- बकरी (1978), लड़ाई (1979), तथा अब गरीबी हटाओ आदि|
ज्ञानदेव अग्निहोत्री-
- नाटक-नेफा की एक शाम (1962), माटी जागीर (1964), वतन की आबरू (1966)
- अनुष्ठान, शुतुरमुर्ग (1968), चिराग जल उठा आदि|
प्रसादोत्तर नाटक Question 6:
'किन्तु, उस दिन यह सिद्ध हुआ
जब कोई भी मनुष्य
अनासक्त होकर चुनौती देता है इतिहास को
उस दिन नक्षत्रों की दिशा बदल जाती है।'
इन पंक्तियों के सृजेता तथा कृति का नाम बताइये
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 6 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "अंधा युग-धर्मवीर भारती" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- उपर्युक्त पंक्तियां अंधा युग से ली गई है।
- अंधा युग नाटक धर्मवीर भारती का नाटक है।
- इसका रचना वर्ष 1955 ईस्वी है।
- प्रमुख पात्र:- अश्वत्थामा, धृतराष्ट्र, कृतवर्मा, संजय, वृद्धयाचक, व्यास, कृष्ण, युधिष्ठिर, विदुर, कृपाचार्य, युयुत्सु, गूंगा, भिखारी, बलराम।
- धर्मवीर भारती की काव्य रचनाएँ निम्नलिखित हैं :-
- ठंडा लोहा(1952)
- सात गीत वर्ष(1959)
- कनुप्रिया(1959)
- सपना अभी भी(1993)
- आद्यन्त(1999)
- देशांतर(1960)
- दुष्यंत कुमार
- एक कंठ विषपायी 1963(काव्य नाटक)
- और मसीहा मर गया (नाटक)
- रघुवीर सहाय
- दूसरा सप्तक, सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता संग्रह), रास्ता इधर से है (कहानी संग्रह), दिल्ली मेरा परदेश और लिखने का कारण(निबंध संग्रह)
प्रसादोत्तर नाटक Question 7:
"अतिथि आज यहाँ के पत्थर तक बटोरकर ले जाना चाहते हैं। यहाँ के पत्थर आज बहुत मूल्यवान समझे जाने लगे हैं।"
उपरोक्त पंक्तियाँ - आषाढ़ का एक दिन' के कौन से अंक से ली गई हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है- दो
"अतिथि आज यहाँ के पत्थर तक बटोरकर ले जाना चाहते हैं। यहाँ के पत्थर आज बहुत मूल्यवान समझे जाने लगे हैं।" - विलोम, अम्बिका से
प्रसादोत्तर नाटक Question 8:
'आधे अधूरे' नाटक के संबंध में सत्य कथन हैं :
(A) यह नाटक मौजूदा जीवन की विडम्बना के कुछेक सघन बिन्दुओं को रेखांकित करता है ।
(B) श्री ओम शिवपुरी को यह समकालीन ज़िन्दगी का पहला सार्थक हिन्दी नाटक लगता है।
(C) इसके पात्र, स्थितियाँ एवं मनःस्थितियाँ यथार्थपरक तथा विश्वसनीय नहीं लगती।
(D) 'आधे-अधूरे' आज के जीवन के एक गहन अनुभव - खंड को मूर्त करता है ।
(E) इस नाटक की भाषा में वह सामर्थ्य नहीं है जो समकालीन जीवन के तनाव को पकड़ सके।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर है- "केवल (A), (B), (D)"। अन्य विकल्प असंगत हैं।
- 'आधे अधूरे' नाटक के संबंध में सत्य कथन हैं-
- यह नाटक मौजूदा जीवन की विडम्बना के कुछेक सघन बिन्दुओं को रेखांकित करता है ।
- श्री ओम शिवपुरी को यह समकालीन ज़िन्दगी का पहला सार्थक हिन्दी नाटक लगता है।
- 'आधे-अधूरे' आज के जीवन के एक गहन अनुभव - खंड को मूर्त करता है।
Key Pointsआधे अधूरे-
- रचनाकार- मोहन राकेश
- प्रकाशन वर्ष- 1969 ईo
- विधा- नाटक।
- भाग- 2
- उत्तरार्ध
- पूर्वार्ध
- उद्देश्य-
- आधे-अधूरे नाटक के माध्यम से मोहन राकेश ने महानगरों में रहने वाले मध्यवर्गीय जीवन की विसंगतियों एवं विडंबनाओं का चित्रण किया है।
- भूमंडलीकरण के इस दौर में मध्यवर्गीय परिवार के टूटते-बिखरते रिश्ते, उनका अधुरापन, कुंठा, घुटन इत्यादि को मोहन राकेश ने सावित्री और महेन्द्रनाथ के परिवार के माध्यम से सफलतापूर्वक अभिव्यक्ति किया है।
- आधे-अधूरे नाटक का पहली बार ‘ओमशिवपुरी’ के निर्देशन में दिशांतर द्वारा दिल्ली में फरवरी 1969 में मंचन हुआ था।
- यह नाटक धर्मयुग साप्ताहिक पत्रिका 1969 के 3-4 अंको में प्रकाशित हुआ था।
- रंगमंच की दृष्टि से आधे-अधूरे नाटक को प्रयोगशील नाटक कहा जाता है।
- इस नाटक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एक ही पुरुष चार-चार पुरुषों की भूमिका मात्र वस्त्र परिवर्तन के आधार पर करता है।
- मुख्य पात्र-
- सावित्री- नाटक की नायिका, महेन्द्रनाथ की पत्नी उम्र 40 वर्ष
- पुरुष- 1 महेन्द्रनाथ (सावित्री का पति उम्र 49 वर्ष)
- पुरुष- 2 सिंघानिया (सावित्री का बौस, चीफ़ कमिश्नर)
- पुरुष- 3 जगमोहन
- पुरुष- 4 जुनेजा
- बिन्नी- सावित्री की बड़ी बेटी उम्र 20 वर्ष
- अशोक- सावित्री और महेन्द्रनाथ का बेटा
- किन्नी- सावित्री की छोटी बेटीउम्र 12,13 वर्ष
- मनोज- बिन्नी का पति (मात्र संबादों में उल्लेखनीय)
- विषय-
- मध्यवार्गीय जीवन की विडंबनाओं का चित्रण।
- पारिवारिक विघटन का चित्रण।
- स्त्री-पुरुष सम्बन्ध का चित्रण।
- नारी की त्रासदी का चित्रण।
- वैवाहिक संबंधों की विडंबना।
Important Pointsमोहन राकेश-
- जन्म- 1925 - 1972 ईo
- उपन्यास-
- अँधेरे बंद कमरे (1961)
- अन्तराल (1972)
- न आने वाला कल (1968)
- नाटक-
- लहरों के राजहंस (1963 ईo)
- आषाढ़ का एक दिन (1958 ईo)
- आधे-अधूरे (1969 ईo)
- पैर तले की जमीन (अधुरा कमलेश्वर जी ने पूरा किया 1975 ईo)
प्रसादोत्तर नाटक Question 9:
'आधे अधूरे' नाटक किसके द्वारा लिखित है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 9 Detailed Solution
आधे अधूरे नाटक मोहन राकेश द्वारा लिखित है।
Key Points
मोहन राकेश की कुछ महत्वपूर्ण रचनाएँ:-
- आषाढ़ का एक दिन
- लहरों के राजहंस
- अंधेरे बंद कमरे
- ना आने वाला कल
- अन्तराल
- अंडे के छिलके
Important Pointsमोहन राकेश का जीवन परिचय:-
बिंदु | जानकारी |
नाम | मोहन राकेश |
जन्म | 8 जनवरी, 1925 |
जन्म स्थान | संयुक्त प्रान्त पंजाब के अमृतसर शहर |
पिता का नाम | श्री करमचन्द गुगलानी |
मृत्यु | 3 जनवरी, 1972 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | नाटककार और उपन्यासकार |
शिक्षा | एम.ए. (हिन्दी और अंग्रेज़ी) |
पुरस्कार-उपाधि | 1968 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार |
Additional Information
कुछ महत्वपूर्ण रचनाएँ विष्णु प्रभाकर:-
धर्मवीर भारती:-
गिरजा कुमार माथुर:-
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प्रसादोत्तर नाटक Question 10:
निम्नलिखित नाटकों का प्रकाशन-वर्ष के अनुसार सही अनुक्रम हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
प्रसादोत्तर नाटक Question 10 Detailed Solution
विकल्प 2 डॉक्टर, करफ्यू, कबीर खड़ा बाजार में, कोर्ट मार्शल सही है।
विष्णु प्रभाकर के नाटक-
- हत्या के बाद, नव प्रभात, डॉक्टर (1958), युगे युगे क्रांति (1969)
- प्रकाश और परछाइयाँ, बारह एकांकी, अशोक, अब और नही, टूट्ते परिवेश
लक्ष्मी नारायण लाल के नाटक-
- मिस्टर अभिमन्यु 1971, कर्फ्यू 1972, दूसरा दरवाजा 1972, अब्दुल्ला दीवाना 1973
- यक्ष प्रश्न 1974, व्यक्तिगत 1974, एक सत्य हरिश्चंद्र 1976, सगुन पंछी 1977, सब रंग मोहभंग 1977
भीष्म साहनी के नाटक -
- हानूश (1977), माधवी (1984)
- कबिरा खड़ा बजार में (1985), मुआवज़े (1993)
स्वदेश दीपक के नाटक-
- बाल भगवान (1988), कोर्ट मार्शल (1991)
- जलता हुआ रथ (1998), सबसे उदास कविता (1998), काल कोठरी (1999)