समकालीन नाटक MCQ Quiz - Objective Question with Answer for समकालीन नाटक - Download Free PDF
Last updated on Jun 17, 2025
Latest समकालीन नाटक MCQ Objective Questions
समकालीन नाटक Question 1:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) रामनारायण मिश्र | (I) जनक बाड़ा |
(B) शिवनंदन मिश्र | (II) शकुन्तला |
(C) नारायण सहाय | (III) रामलीला |
(D) गंगा प्रसाद | (IV) रामाभिषेक |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है - (A) - (I), (B) - (II), (C) - (III), (D) - (IV)
- रामनारायण मिश्र ने "जनक बाड़ा" (1906) लिखा।
- शिवनंदन मिश्र ने "शकुन्तला" (1911) लिखा।
- नारायण सहाय ने "रामलीला" (1911) लिखा।
- गंगा प्रसाद ने "रामाभिषेक" (1910) लिखा।
समकालीन नाटक Question 2:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) गंगा प्रसाद गुप्त | (I) सुदामा नाटक |
(B) शिवनंदन सहाय | (II) वीर जयमल |
(C) वृन्दावनलाल वर्मा | (III) सेनापति ऊदल |
(D) ब्रजनन्दन सहाय | (IV) उद्धव |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
- (A) गंगा प्रसाद गुप्त - (II) वीर जयमल:
- गंगा प्रसाद गुप्त ने "वीर जयमल" (1903) लिखा। यह मिलान सही है।
- (B) शिवनंदन सहाय - (I) सुदामा नाटक:
- शिवनंदन सहाय ने "सुदामा नाटक" (1907) लिखा। यह मिलान सही है।
- (C) वृन्दावनलाल वर्मा - (III) सेनापति ऊदल:
- वृन्दावनलाल वर्मा ने "सेनापति ऊदल" (1909) लिखा। यह मिलान सही है।
- (D) ब्रजनन्दन सहाय - (IV) उद्धव:
- ब्रजनन्दन सहाय ने "उद्धव" (1909) लिखा। यह मिलान सही है।
समकालीन नाटक Question 3:
इनमें से, मध्यवर्ग की पारिवारिक समस्या को दशशाने वाला मोहन राकेश का कौन-सा नाटक है?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- आधे अधूरे
Key Pointsआधे-अधूरे-
- रचनाकार-मोहन राकेश
- विधा-नाटक
- प्रकाशन वर्ष-1969 ई.
- मुख्य पात्र-
- सावित्री, किन्नी, बिन्नी, अशोक, महेन्द्रनाथ, जगमोहन आदि।
- विषय-
- इसमें स्त्री-पुरुष संबंधों के खोखलेपन और पारिवारिक विघटन की समस्या को चित्रित किया गया है।
Important Pointsलहरों के राजहंस-
- रचनाकार-मोहन राकेश
- प्रकाशन वर्ष-1963 ई.
- विधा-नाटक
- प्रमुख पात्र-
- नंद,सुंदरी,अलका,मैत्रेय,नीहारिका,भिक्षु आनंद,शशांक,स्वेतांग,स्यामांग आदि।
- विषय-
- यह नाटक बुद्ध के भाई नन्द पर आधारित है।
- इस्म्र भौतिकवाद और अध्यात्मवाद का द्वन्द है।
- इन दोनों किनारों के मध्य खड़े मनुष्य को समन्वय से ही सही दिशा मिल सकती है।
- इसकी रचना अश्वघोष के महाकाव्य 'सौरानंद' के आधार पर की गयी है।
आषाढ़ का एक दिन-
- रचनाकार- मोहन राकेश
- विधा- नाटक
- प्रकाशन वर्ष- 1958ई.
- पात्र-
- अंबिका, मल्लिका, कालिदास, दंतुल, मातुल, प्रियंगुमंजरी आदि।
- विषय-
- यह कवि कालिदास पर आधारित है।
- सत्ता एवं सर्जनात्मकता के मध्य द्वन्द्व को दिखाया गया है।
- सन् 1959 में इस नाटक को सर्वश्रेष्ठ नाटक होने का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था।
Additional Informationमोहन राकेश-
- नाटक-
- आषाढ़ का एक दिन(1958 ई.)
- लहरों के राजहंस(1963 ई.) आदि।
समकालीन नाटक Question 4:
'एक और द्रोणाचार्य' नाटक के अन्तर्गत कौन सा पात्र लीला का समरुपी है ?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 4 Detailed Solution
'एक और द्रोणाचार्य' नाटक के अन्तर्गत कृपी पात्र लीला का समरुपी है।
Key Points'एक और द्रोणाचार्य' नाटक से संबंधित पात्र है-
- यदू
- अरविन्द
- लीला
- अनुराधा
- विमलेंदु
- कृपी
- चंदू
- अर्जुन
- प्रेसिडेंट
- प्रिंसिपल आदि।
Important Pointsएक और द्रोणाचार्य-
- प्रकाशन वर्ष-1977 ई.
- विधा-नाटक
- रचनाकार-शंकरशेष
- विषय-
- इस नाटक में नाटककार ने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार, पक्षपात, राजनितिक घुसपैठ तथा आर्थिक एवं सामाजिक दबावों के चलते निम्न मध्यवार्गीय व्यक्ति के असहाय बेबस चरित्र को उद्घाटित किया है।
- महाभारत कालीन प्रसिद्ध पात्र द्रोणाचार्य के जीवन प्रसंगों को आधार बनाकर वर्तमान विसंगति को दिखाया गया है।
Additional Informationशंकर शेष-
- जन्म-1933-1981ई.
- मुख्य नाटक-
- फंदी
- घरौंदा(1978ई.)
- रक्तबीज
- खुजराहो के शिल्पी आदि।
समकालीन नाटक Question 5:
निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक कालिदास कृत 'कुमार संभव' पर आधारित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 5 Detailed Solution
कालिदास कृत 'कुमार संभव' पर आधारित है- आठवाँ सर्ग
Key Pointsआठवाँ सर्ग-
- रचनाकर- सुरेन्द्र वर्मा
- विधा- नाटक
- प्रकाशन वर्ष- 1976 ई.
- मुख्य पात्र- शिव, पार्वती आदि।
- विषय-
- महाकवि कालिदास के ‘कुमारसम्भव’ महाकाव्य के आठवें सर्ग को आधार बनाकर लिखा गया है।
-
इसमें शिव और पार्वती की प्रेम क्रीड़ाओं को साधारण पति-पत्नी के प्रेम-प्रसंगों के रूप में देखा और उसका वर्णन किया है।
Important Pointsलहरों के राजहंस-
- रचनाकार-मोहन राकेश
- प्रकाशन वर्ष-1963 ई.
- विधा-नाटक
- प्रमुख पात्र-
- नंद,सुंदरी,अलका,मैत्रेय,नीहारिका,भिक्षु आनंद,शशांक,स्वेतांग,स्यामांग आदि।
- विषय-
- यह नाटक बुद्ध के भाई नन्द पर आधारित है।
- इस्म्र भौतिकवाद और अध्यात्मवाद का द्वन्द है।
- इन दोनों किनारों के मध्य खड़े मनुष्य को समन्वय से ही सही दिशा मिल सकती है।
- इसकी रचना अश्वघोष के महाकाव्य 'सौरानंद' के आधार पर की गयी है।
अंधा युग-
- रचनाकार- धर्मवीर भारती
- प्रकाशन वर्ष- 1955 ईo
- विधा- गीति नाट्य
- शैली- वक्ता श्रोता
- मुख्य पात्र-
- कृष्ण,अश्वत्थामा ,गांधारी , धृतराष्ट्र ,विदुर, युधिष्ठिर ,कीर्ति वर्मा ,कृपाचार्य, संजय युयुत्सु आदि।
- विषय-
- महाभारत के 18 वें दिन की संध्या से लेकर प्रभास तीर्थ में श्री कृष्ण की मृत्यु के क्षण का वर्णन है।
-
अंक- पाँच
- पहला अंक- कौरव नगरी
- दूसरा अंक- पशु का उदय
- तृतीय अंक- अश्वत्थामा का अर्ध सत्य
- अंतराल- पंख पहिए और पटियां
- चतुर्थ अंक- गांधारी का शाप
- पंचम अंक- विजय एक क्रमिक आत्महत्या
- समापन- प्रभु की मृत्यु
शकुंतला की अंगूठी-
- रचनाकर- सुरेन्द्र वर्मा
- विधा- नाटक
- प्रकाशन वर्ष- 1990 ई.
- मुख्य पात्र- कनक, कुमार आदि।
- विषय-
- इसमें पारिवारिक विघटन, सामाजिक विघटन, मानवीय संबंधों में संघर्ष इन सभी के बीच लेखक के संघर्ष का वर्णन है।
- यह नाटक नियति यानी डेस्टिनी पर आधारित है।
Additional Informationसुरेन्द्र वर्मा-
- जन्म- 1941 ई.
- हिन्दी के अग्रणी साहित्यकारों में से एक हैं।
- अन्य नाटक-
- सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक (1972 ई.)
- द्रौपदी (1972 ई.)
- नायक खलनायक विदूषक (1972 ई.)
- छोटे सैयद बड़े सैयद (1978 ई.)
- एक दूनी एक (1987 ई.)
- रति का कंगन (2011 ई.)
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नारी का आकर्षण पुरुष को पुरुष बनाता है, तो उसका अपकर्षण उसे गौतम बुद्ध बना देता है।' - ये संवाद - अंश किस नाटक का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFये संवाद-1)लहरों के राजहंस नाटक का है।
Important Points
- लहरों के राजहंस नाटक कवि मोहन राकेश का है।
- इनका जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर में हुआ था।
- 1950 दशक के हिंदी साहित्य पत्रिका में नई कहानी आंदोलन के साहित्यकार थे।
- प्रमुख नाटकों में-आषाढ़ का एक दिन,लहरों के राजहंस और आधे अधूरे आदि मोहन राकेश की कुछ प्रमुख कृतियाँ है।
- इन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था।
Additional Information
- 1968 में लहरों के राजहंस का एक संशोधित परिवर्तित नया रूप प्रकाशित हुआ था।
- इसकी विषयवस्तु में पर्याप्त सघनता, एकाग्रता और संगति नहीं है।
- आषाढ़ का एक दिन(1958) मोहन राकेश द्वारा रचित नाटक है।
- ध्रुवस्वामिनी(1933) और स्कन्दगुप्त(1928) नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है।
Hint
- यह कथन सुंदरी पात्र का है।
- सुंदरी संसार का प्रतीक है।
- सुंदरी द्वारा अभिजात वर्ग का सर्वंगीण सौन्द्रर्य ही उसके व्यक्तित्व का प्रमुख आकर्षण है।
निम्नलिखित में से कौन - सा नाटक उदयशंकर भट्ट का नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- नारद की वीणा नाटक उदयशंकर भट्ट का नहीं हैI
- यह लक्ष्मी नारायण मिश्र द्वारा रचित हैI यह नाटक 1946 में लिखा गया थाI
Key Points
- उदयशंकर भट्ट के नाटक विश्वामित्र, मत्स्यगंधा और राधा हैंI
- इनके उपन्यास 'सागर, लहरें और मनुष्य', 'शेष-अशेष' भी लोकप्रिय हैंI
Additional Information
- लक्ष्मी नारायण मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार थे इन्होने 100 के लगभग एकांकी और 25 के लगभग नाटकों का सृजन किया हैI
- इनके नाटकों और एकांकी का स्वर `पौराणिक, ऐतिहासिक, तथा मनोवैज्ञानिक हैI
- 'सन्यासी', 'राक्षस का मंदिर', 'नारद की वीणा', 'वितस्ता की लहरें', 'मुक्ति का रहस्य', 'सिन्दूर की होली', आदि इनके प्रमुख नाटक हैंI
निम्न में कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- नाटक , काव्य का एक महत्वपूर्ण रूप है ।
- हिंदी में आधुनिक गद्य साहित्य की परंपरा की शुरुआत ' नाटकों ' से होती है ।
- आठवां सर्ग उदयशंकर भट्ट द्वारा लिखित नहीं है ।
Key Points
- आठवाँ सर्ग नाटक सुरेन्द्र वर्मा द्वारा लिखित है ।
- आठवाँ सर्ग नाटक कला के क्षेत्र में शीलता व अश्लीलता के प्रश्न को उठाने वाला नाटक है ।
- 1976 ई. में यह नाटक लिखा गया, इसके प्रमुख पात्र हैं - प्रियंवदा, कालिदास, सौमित्र, चन्द्रगुप्त आदि ।
- उदयशंकर भट्ट के नाटक हैं - मुक्तिदूत, चन्द्रगुप्त मौर्य, राधा, विक्रमादित्य, सागर विजय आदि ।
- कोणार्क - 1951 ई. - जगदीश चंद्र माथुर, मुख्य पात्र - विशु, धर्मपद, नरसिंह देव, चालुक्य, श्रीदत्त, राजीव, शैवालिक, भास्कर ।
- मादा कैक्टस - 1959 ई. - लक्ष्मीनारायण लाल, यह दो अंकों का प्रतीकात्मक नाटक है ।
- सिंदूर की होली - 1934 ई. - लक्ष्मीनारायण मिश्र ।
'आठवाँ सर्ग' किस विधा की पुस्तक है?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'आठवाँ सर्ग' नाटक विधा की पुस्तक है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 नाटक विधा होगा ।
Key Points
|
कौन-सी कृति मोहन राकेश की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFकन्यादान रचना, मोहन राकेश की कृति नहीं हैं, अन्य सभी रचनाएँ मोहन राकेश द्वारा रचित है। अत: सही विकल्प 2) कन्यादान ही होगा।
- कन्यादान (कविता) - ऋतुराज
- कन्यादान (उपन्यास) - हरिमोहन झा
Additional Information
- मोहन राकेश के रचित प्रसिद्ध सिर्फ 3 नाटक:-
- आषाढ़ का एक दिन --- कालिदास और मल्लिका जीवन पर आधारित
- लहरों के राजहंस --- बुद्ध की पत्नी यशोधरा पर आधारित
- आधे - अधूरे --- सामाजिक पारिवारिक मतभेद पर आधारित
'धर्मवीर भारती' कृत 'अंधायुग' किस श्रेणी का नाटक है?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'धर्मवीर भारती' कृत 'अंधायुग' "गीतिनाट्य" श्रेणी का नाटक है।
- अंधा युग नाटक धर्मवीर भारती द्वारा लिखित है ।
Key Points
- यह नाटक 1954 ई. में लिखा गया था ।
- इस नाटक में 5 अंक हैं - कौरव नगरी , पशु का उदय , अश्वत्थामा का अर्द्धसत्य , अंतराल , गाँधारी का शाप , विजय : एक क्रमिक आत्महत्या , समापन ( प्रभु की मृत्यु ) ।
- अंधा युग के प्रमुख पात्र हैं - कृष्ण , गाँधारी , विदुर , धृतराष्ट्र , कृतवर्मा , अश्वत्थामा , कृपाचार्य , संजय , भिखारी , गूंगा , व्यास , वृद्ध याचक , प्रहरी 1 एवं 2 , युयुत्सु , बलराम ।
-
यह नाटक महाभारतकालीन युद्ध की पृष्ठभूमि में लिखा गया एक आधुनिक नाटक है ।
-
- अंधा युग के प्रमुख पात्र हैं - कृष्ण , गाँधारी , विदुर , धृतराष्ट्र , कृतवर्मा , अश्वत्थामा , कृपाचार्य , संजय , भिखारी , गूंगा , व्यास , वृद्ध याचक , प्रहरी 1 एवं 2 , युयुत्सु , बलराम ।
- इस नाटक में 5 अंक हैं - कौरव नगरी , पशु का उदय , अश्वत्थामा का अर्द्धसत्य , अंतराल , गाँधारी का शाप , विजय : एक क्रमिक आत्महत्या , समापन ( प्रभु की मृत्यु ) ।
Additional Information
- ऐतिहासिक नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग
- प्रतीकात्मक नाटक: मादा कैक्टस प्रतीकात्मक नाटक है जो लक्ष्मी नारायण लाला द्वारा लिखा गया हैI मादा कैक्टस का रचनाकाल 1959 हैI
- महाकाव्यात्मक नाटक: बर्तोल्त ब्रेख्त ने महाकाव्यात्मक रंगमंच (एपिक थियेटर) की नींव रखी।
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की नाट्य कृति का नाम हैः
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF"बकरी, "सर्वेश्वर दयाल सक्सेना" की नाट्य कृती है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) बकरी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- बकरी नाटक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचना है।
- इसका रचना वर्ष 1974 ईस्वी है।
- प्रमुख पात्र :- नट, नटी,भिश्ति, दुर्जन सिंह, कर्मवीर, सत्य वीर, सिपाही, विपति, युवक, ग्रामीण जन काका काकी, चाचा,रामा, एक ग्रामीण, दूसरा ग्रामीण
Important Points
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के नाटक:-
- बकरी – 1974 (इसका लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन
- लड़ाई – 1979
- अब गरीबी हटाओ – 1981
- कल भात आएगा तथा हवालात – एकांकी नाटक एम.के.रैना के निर्देशन में प्रयोग द्वारा 1979 में मंचित
- रूपमती बाज बहादुर
- होरी धूम मचोरी मंचन 1976
Additional Information
- तिलचट्टा, मुद्रा राक्षस का नाटक है।
- शुतुरमुर्ग नाटक की रचना ज्ञानदेव अग्निहोत्री ने की है।
- अंधों का हाथी नाटक, शरद जोशी का है।
‘आधे-अधूरे’ नाटक के रचनाकार कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF‘आधे-अधूरे’ मोहन राकेश द्वारा लिखित हिंदी का प्रसिद्ध नाटक है।अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प ‘मोहन राकेश’ है।
Key Points
अन्य विकल्प:
रचनाकार |
प्रमुख रचनाएँ |
महादेवी वर्मा |
निहार, नीरजा, रश्मि, दीपशिखा, अग्निरेखा आदि। |
डा. नगेन्द्र |
विचार और विवेचन, विचार और अनुभूति और आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ। |
अज्ञेय |
नदी के द्वीप, शेखर : एक जीवनी, अपने–अपने अजनबी आदि। |
भीष्म साहनी के नाटकों की कौन-सी विशेषताएँ हैं?
(a) भारतीय नारी की पीड़ा का प्रभावी प्रस्तुतीकरण
(b) भारतीय संस्कृति की पुनरुत्थानवादी अभिव्यक्ति
(c) मध्यकालीन धमन्धिता, अनाचार तथा तानाशाही की सामयिक संगति
(d) साम्प्रदायिक एकता और राष्ट्रीय अखण्डता की अभिव्यक्ति
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF"भारतीय नारी की पीड़ा का प्रभावी प्रस्तुतीकरण" व "मध्यकालीन धर्मांधिता, अनाचार तथा तानाशाही की सामयिक संगति" भीष्म साहनी के नाटक की विशेषताएं हैं अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प A व C सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- भीष्म साहनी के नाटकों में नारी की पीड़ा का प्रस्तुतीकरण किया जाता है तथा मध्यकालीन धर्मांधता अनाचार में तानाशाही की सामयिक संगति को प्रदर्शित किया जाता है।
- भीष्म साहनी के नाटक -
- हानूश (1977),
- माधवी (1985)
- कबिरा खड़ा बजार में (1981)
- मुआवज़े (1993)
- रंग दे बसंती चोला (1998)
- आलमगीर (1999)
- हानूश के प्रमुख पात्र
- पुरुष पात्र :- हानूश, पादरी, एमिल, जेकब
- स्त्री पात्र :- कात्या, पान्या
'लहरों के राजहंस' नाटक के नाटककार हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- लहरों के राजहंस नाटक: 'मोहन राकेश' जी का है।
- इसका सबसे महत्वपूर्ण संवाद : ''नारी का आकर्षण पुरूष को पुरूष बनाता है, तो उसका अपकर्षण उसे गौतम बुद्ध देता है।''
Important Points
- लहरों के राजहंस नाटक का प्रकाशन 1963 में मोहन राकेश ने किया।
- लहरों के राजहंस में सांसारिक सुखों और आध्यात्मिक शांति के पारस्परिक विरोध तथा उनके बीच खड़े हुए व्यक्ति के द्वारा निर्णय लेने का द्वन्द्व दर्शाया है।
- इस नाटक के प्रमुख पात्र-नंद,गौतम बुद्ध,सुन्दरी,अलका,श्यामांग,नीहारिका आदि हैं।
- मोहन राकेश की अन्य कृतियाँ-अंधेरे बंद कमरे,अन्तराल,न आने वाला कल,आखिरी चट्टान तक,आषाढ़ का एक दिन,अण्डे के छिल्के आदि हैं।
Additional Information
- आषाढ़ का एक दिन(1958) के पात्र-अम्बिका,मल्लिका,कालिदास,दंतुल,मातुल आदि हैं।
- 1959 में इसे वर्ष का सर्वश्रेष्ठ नाटक होने के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- आधे अधूरे(1969) नाटक के पात्र-महेंद्रनाथ,सिंघानिया,जगमोहन,जुनेजा,बिन्नी,मनोज आदि हैं।
- यह मध्यवर्गीय जीवन पर आधारित नाटक है।
- पैर तले की जमीन के पात्र-अब्दुल्ला,नियामत,पंडित,झुनझुनवाला,नीरा,गुड्डो दीदी आदि हैं।
- इसमें चारों ओर के बिखराव,अस्त-व्यस्तता,खालीपन,हड़बड़ाहट का चित्रण किया गया है।