दलित नाटककार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for दलित नाटककार - Download Free PDF
Last updated on Mar 21, 2025
Latest दलित नाटककार MCQ Objective Questions
दलित नाटककार Question 1:
'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
दलित नाटककार Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है।
Key Points
- 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है।
- यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ।
- इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
- स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
- उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।
Additional Information
रचनाकार |
परिचय |
रचनायें |
गिरिधर शर्मा |
संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत |
वियोगी हरि |
प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे। |
साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार |
अम्बिकादत्त व्यास |
भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की। |
गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम् |
दलित नाटककार Question 2:
'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
दलित नाटककार Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है।
Key Points
- 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है।
- यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ।
- इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
- स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
- उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।
Additional Information
रचनाकार |
परिचय |
रचनायें |
गिरिधर शर्मा |
संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत |
वियोगी हरि |
प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे। |
साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार |
अम्बिकादत्त व्यास |
भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की। |
गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम् |
Top दलित नाटककार MCQ Objective Questions
दलित नाटककार Question 3:
'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
दलित नाटककार Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है।
Key Points
- 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है।
- यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ।
- इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
- स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
- उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।
Additional Information
रचनाकार |
परिचय |
रचनायें |
गिरिधर शर्मा |
संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत |
वियोगी हरि |
प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे। |
साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार |
अम्बिकादत्त व्यास |
भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की। |
गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम् |
दलित नाटककार Question 4:
'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
दलित नाटककार Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है।
Key Points
- 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है।
- यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ।
- इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
- स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
- उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।
Additional Information
रचनाकार |
परिचय |
रचनायें |
गिरिधर शर्मा |
संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत |
वियोगी हरि |
प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे। |
साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार |
अम्बिकादत्त व्यास |
भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की। |
गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम् |