नई कहानीकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for नई कहानीकार - Download Free PDF
Last updated on May 9, 2025
Latest नई कहानीकार MCQ Objective Questions
नई कहानीकार Question 1:
विभिन्न कहानीकारों के कहानी संग्रहों के कौन-से युग्म सही हैं?
(A) लोग बिस्तरों पर - 1968
(B) फेंस के इधर और उधर - 1968
(C) नौ साल छोटी पत्नी - 1969
(D) टट्टू सवार - 1971
(E) अतीत में कुछ - 1975
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है- (C), (D), (E)
Key Points
विश्लेषण:
- (A) सही: ‘लोग बिस्तरों पर’ काशीनाथ सिंह का कहानी संग्रह है, जो 1968 में प्रकाशित हुआ।
- (B) सही: ‘फेंस के इधर और उधर’ ज्ञानरंजन का कहानी संग्रह है, जो 1968 में प्रकाशित हुआ।
- (C) सही: ‘नौ साल छोटी पत्नी’ रवींद्र कालिया का कहानी संग्रह है, जो 1969 में प्रकाशित हुआ।
- (D) सही: ‘टट्टू सवार’ विजयमोहन सिंह का कहानी संग्रह है, जो 1971 में प्रकाशित हुआ।
- (E) गलत: ‘अतीत में कुछ’ गंगा प्रसाद विमल का कहानी संग्रह है, लेकिन यह 1972 में प्रकाशित हुआ, न कि 1975 में।
नई कहानीकार Question 2:
"मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो किसी जीवित प्राणी के गले में किसी मृत जंतु का तौक डाल दिया गया हो, वह उसे उतारकर फेंकना चाहे, पर उतार न पाए…"
उपर्युक्त कथन किस कहानी से संबंधित है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है- गैंग्रीन
Key Pointsगैंग्रीन-
- रचनाकार-अज्ञेय
- विधा-कहानी
- इस कहानी को रोज नाम से भी जाना जाता है।
- पात्र-
- मालती, डॉ. महेश्वर, टीटी आदि।
- विषय-
- किसी भी प्रकार के नयेपन से रहित जीवन में व्यक्तियों के संबंधों की टूटन की कहानी है।
Important Pointsअज्ञेय-
- कहानी संग्रह-
- विपथगा(1937 ई.)
- परम्परा(1940 ई.)
- कोठरी की बात(1945 ई.)
- अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि।
नई कहानीकार Question 3:
'मलबे का मालिक' कहानी के रचनाकार इनमें से कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 3 Detailed Solution
'मलबे का मालिक' कहानी के रचनाकार इनमें से हैं- मोहन राकेश
Key Pointsमलबे का मालिक -
- रचनाकार - मोहन राकेश
- प्रकाशन वर्ष - 1966 ई.
- विधा - कहानी
- पात्र - अब्दुल गनी, रक्खा पहलवान।
- मुख्य विषय-
- कहानी में मलबे के नीचे दबा एक घर और उसमें रहने वाले लोगों की उदासी और निराशा चित्रित की गई है।
Important Pointsमोहन राकेश-
- जन्म-1925-1972 ई.
- नया नाटक परंपरा को स्थापित करने का श्रेय इन्हीं को है।
- कहानी संग्रह-
- इन्सान और खंडहर(1950 ई.)
- नये बादल(1957 ई.)
- जानवर और जानवर(1958 ई.)
- एक और जिन्दगी(1961 ई.) आदि।
Additional Informationदूधनाथ सिंह-
- जन्म- 1936 - 2018 ई.
- एक भारतीय हिंदी भाषा के लेखक, आलोचक और कवि थे।
- कहानी संग्रह-
- सपाट चेहरे वाला आदमी
- सुखांत
- प्रेमकथा का अंत न कोई
- माई का शोकगीत
- धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे
- तू फू
- कथा समग्र
राजेंद्र यादव-
- जन्म-1929-2013 ई.
- कहानी-
- देवताओं की मूर्तियाँ(1951 ई.)
- जहाँ लक्ष्मी कैद है(1953 ई.)
- अभिमन्यु की आत्महत्या(1959 ई.)
- टूटना(1966 ई.) आदि।
ज्ञानर॑जन -
- (जन्म : 21 नवंबर, 1936 )
- हिन्दी साहित्य के एक प्रसिद्ध कहानीकार तथा हिन्दी की सुप्रसिद्ध पत्रिका पहल के संपादक हैं।
- (2013 ई.) में जबलपुर विश्वविद्यालय द्वारा मानक 'डॉक्टर ऑफ लिटरेचर' की उपाधि प्रदान की।
- कहानी संग्रह -
- फैंस के इधर-उधर (968 ई.)
- क्षणजीवी (1977)
- यात्रा (1971)
- सपना नहीं (1977)
- प्रतिनिधि कहानियाँ
- ज्ञानर॑जन की प्रमुख कहानियाँ -
- घंटा
- बहिर्गमन
- अमरूद
- पिता
- सीमाएँ
नई कहानीकार Question 4:
'दिल्ली में एक मौत' कहानी में लेखक किस बात पर विचार कर रहा है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 4 Detailed Solution
'दिल्ली में एक मौत' कहानी में लेखक दफतर जाने या छुट्टी लेने पर विचार कर रहा है।
Key Pointsकहानी का अंश -
- मेरी तरह वे भी यूं ही चले आए हैं. उन्होंने ज़रूर छुट्टी ले रखी होगी,
- नहीं तो वे भी तैयार होकर आते, मेरी समझ में नहीं आ रहा है
- कि घर जाकर तैयार होकर दफ़्तर जाऊं या
- अब एक मौत का बहाना बनाकर आज की छुट्टी ले लूं,
- आख़िर मौत तो हुई ही है और मैं शवयात्रा में शामिल भी हुआ हूं।
Important Points दिल्ली में एक मौत -
- रचनाकार - कमलेश्वर
- विधा - कहानी
- प्रकाशन वर्ष - 1965 ई.
- मुख्य पात्र - अतुल, सरदारजी, मिस्टर वासवानी आदि।
- विषय -
- इस कहानी में कस्बाई, नगरीय, और महानगरीय जीवन की गतिविधियों और लोगों के मनोविज्ञान को दिखाया गया है।
Additional Information कमलेश्वर -
- (06 जनवरी 1932 - 27 जनवरी 2007)
- हिन्दी लेखक कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक समझे जाते हैं।
- कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया।
- कहानी संग्रह:
- राजा निरबंसिया (1957),
- कसबे का आदमी (1957),
- खोई हुई दिशाएँ (1963),
- मांस का दरिया (1966),
- बयान (1973),
- आजादी मुबारक,
- जार्ज पंचम की नाक (1969),
- अपना एकांत साँप,
- नीली झील, जोखिम,
- नागमणि, आसक्ति,
- जिन्दा मुर्दे (1969),
- मुर्दों की दुनिया,
- स्मारक, इतने अच्छे दिन (1970),
- कथा प्रस्थान (1990)
- कोहरा (1969)।
नई कहानीकार Question 5:
'दिल्ली में एक मौत' कहानी में अर्थी और कारों के संदर्भ में कौन सी बात सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 5 Detailed Solution
'दिल्ली में एक मौत' कहानी में अर्थी और कारों के संदर्भ में बात सही है - कारें धीरे-धीरे अर्थी के साथ चल रही हैं
Key Pointsकहानी का अंश -
- ‘आप चलिए मैं आ रहा हूं,’ मैं कहता हूं पर दूसरे ही क्षण मुझे लगता है
- कि उसने मुझसे कहां चलने को कहा है? मैं अभी खड़ा सोच ही रहा रहा हूं
- कि वे चारों घर के बाहर हो जाते हैं. अर्थी कुछ और आगे निकल गई है,
- एक कार पीछे से आती है और अर्थी के पास धीमी होती है,
- चलाने वाले साहब शवयात्रा में पैदल चलने वाले एक आदमी से कुछ बात करते हैं
- और कार सर्र से आगे बढ़ जाती है
- अर्थी के साथ पीछे जाने वाली दोनों कारें भी उसी कार के पीछे सरसराती हुई चली जाती हैं,
Important Pointsदिल्ली में एक मौत -
- रचनाकार - कमलेश्वर
- विधा - कहानी
- प्रकाशन वर्ष - 1965 ई.
- मुख्य पात्र - अतुल, सरदारजी, मिस्टर वासवानी आदि।
- विषय -
- इस कहानी में कस्बाई, नगरीय, और महानगरीय जीवन की गतिविधियों और लोगों के मनोविज्ञान को दिखाया गया है।
Additional Information कमलेश्वर -
- (06 जनवरी 1932 - 27 जनवरी 2007)
- हिन्दी लेखक कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक समझे जाते हैं।
- कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया।
- कहानी संग्रह:
- राजा निरबंसिया (1957),
- कसबे का आदमी (1957),
- खोई हुई दिशाएँ (1963),
- मांस का दरिया (1966),
- बयान (1973),
- आजादी मुबारक,
- जार्ज पंचम की नाक (1969),
- अपना एकांत साँप,
- नीली झील, जोखिम,
- नागमणि, आसक्ति,
- जिन्दा मुर्दे (1969),
- मुर्दों की दुनिया,
- स्मारक, इतने अच्छे दिन (1970),
- कथा प्रस्थान (1990)
- कोहरा (1969)।
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निम्न में से कौन अज्ञेय द्वारा रचित कहानी नहीं हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFअज्ञेय द्वारा रचित कहानी नदी के दीप नहीं है।
Key Points
अज्ञेय -
- जन्म - 1911 ई.
- जन्म स्थान - कुशीनगर उत्तर प्रदेश
- पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
- मुख्य -
- अज्ञेय नाम जैनेंद्र ने दिया
- प्रयोगवाद और नई कविता के शलाका पुरुष
- निजता की सुरक्षा के कवि कठिन गद्य के प्रेत
- प्रथम मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार
Important Points
अज्ञेय के कहानी संग्रह –
- विपथगा (1937 ई.)
- परंपरा (1940 ई.)
- कोठरी की बात (1945 ई.)
- शरणार्थी (1948 ई.)
- जयदोल (1951 ई.)
- यह तेरे प्रतिरूप (1961ई.)
- अमर वल्लरी (1945 ई.)
Additional Information
नदी के द्वीप अज्ञेय की कविता है।
- अज्ञेय की रचना 'आंगन के पार द्वार'(1961 ई.) रचना पर (1964 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
- इनकी रचना 'कितनी नावों में कितनी बार' (1967 ई.) में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
- अज्ञेय की पत्रिकाएं –
- प्रतीक (1946 ई.)
- विशाल भारत
- दिनमान
- सैनिक
- नऐ पते
'जॉर्ज पंचम की नाक' कहानी किसने लिखी है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'जॉर्ज पंचम की नाक' कहानी कमलेश्वर ने लिखी है।
- यह कहानी उस समय की है जब एलिजाबैथ भारत भ्रमण पर आने वाली थी।
- इस कहानी के माध्यम से तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों को दर्शाया गया है।
- किस पर प्रकार नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार व्याप्त है उसका सच बयाँ करती कहानी है।
Key Pointsकमलेश्वर-
- कहानी संग्रह-
- राजा निरबंसिया(1957 ई.),कस्बे का आदमी(1958 ई.),खोयी हुई दिशाएँ(1963 ई.) आदि।
Important Pointsअज्ञेय-
- कहानी संग्रह-
- विपथगा(1937 ई.),परम्परा(1940 ई.),कोठरी की बात(1945 ई.),अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि।
शिवपूजन सहाय-
- कहानी संग्रह-
- महिला महत्त्व(1922 ई.),कहानी का प्लॉट(1928 ई.) आदि।
मधु कांकरिया-
- कहानी संग्रह-
- अंतहीन मरुस्थल(1999 ई.),बीतते हुए(2004 ई.),चिड़िया ऐसे मरती है(2012 ई.) आदि।
निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'जिन्दगी और जोंक' कहानी अमरकांत ने लिखी है।
- फणीश्वर नाथ 'रेणु' (4 मार्च 1921 औराही हिंगना, फारबिसगंज - 11 अप्रैल 1977)
- और इन्हें "आजादी के बाद का प्रेमचंद" की संज्ञा भी दी जाती है।
- इनके पहले उपन्यास मैला आंचल के लिए उन्हें "पद्मश्री" पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
फणीश्वर नाथ रेणु के कहानी संग्रह निम्नलिखित हैं:-
राजेंद्र यादव की कहानी संग्रह निम्नलिखित हैं:-
- शिव प्रसाद द्वारा लिखित 'कर्मनाशा की हार' सत्य घटना पर आधारित है। कहानी अंधविश्वास, जात-पात, ऊंच-नीच के बंधन को तोड़ती है।
- राजा निरबंसिया कमलेश्वर जी की बहुचर्चित कहानी है। अपनी विषमता और विराटता में यह कहानी जीवन के विविध पक्षों का परामर्श कर यथार्थ अभिव्यक्त करती है।
दूधनाथ सिंह द्वारा रचित कहानी संग्रह हैं -
(A) धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे
(B) खाली घर
(C) वसंत का एक दिन
(D) निष्कासन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFदूधनाथ सिंह द्वारा रचित कहानी संग्रह हैं -(A) धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे और (D)निष्कासन
Key Points
- दूधनाथ सिंह(1936-2015ई.) स्वतंत्र्योत्तर कहानीकार है।
- प्रमुख कहानी संग्रह-सपाट चेहरे वाला आदमी(1967),सुखांत(1971),पहला कदम(1976),धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे(2002),निष्कासन(2002),तू फू(2011)आदि।
Important Points
- खाली घर(1969) व वसंत का एक दिन(1982) कहानी संग्रह रामदरश मिश्र के हैं।
- रामदरश मिश्र के अन्य कहानी संग्रह-एक वह(1974),सर्पदंश(1982)★,अपने लिए(1992),आज का दिन भी(1996),विदूषक(2002),स्वप्न भंग(2013)★आदि।
Additional Information
- दूधनाथ सिंह-"जो भी विचार खुद के विरुद्ध जाता है,वह खुद को चाटना शुरू कर देता है।"
- रामदरश मिश्र-"जहाँ आप पहुँचे छलांगे लगाकर,वहाँ मैं भी पहुँचा मगर धीरे-धीरे।"
'परिन्दे' संग्रह में संकलित कहानियों की संख्या कितनी है -
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF'परिंदे' कहानी संग्रह में संकलित कहानियों की संख्या सात हैं।
Key Points
- 'परिंदे'(1960) कहानी संग्रह निर्मल वर्मा द्वारा निर्मित है।
- इस संग्रह में संकलित 7 कहानियां हैं-
- अंधेर में
- तीसरा गवाह
- डायरी का खेल
- माया का मर्म
- पिक्चर पोस्टकार्ड
- सितंबर की एक शाम
- परिंदे।
- परिंदे कहानी:
- विषय-मध्यवर्गीय जीवन में व्याप्त अकेलापन,सभी चरित्र न सिर्फ अकेले है बल्कि कभी न खत्म होने वाले इंतजार से बोझिल,उदास व टूटे हुए हैं।
- पात्र- लतिका, डॉ.मुखर्जी, मि.ह्यूबर्ट, गिरीश, करीमुद्दीन आदि।
Important Points
- नामवर सिंह- "परिंदे की लतिका की समस्या स्वतंत्रता या मुक्ति मि समस्या है। अतीत से मुक्ति,स्मृति से मुक्ति,उस चीज से मुक्ति 'जो हमें चलाए चलती है और अपने रेले में घसीट ले जाती है'... मुक्ति का यह क्षण जिसमें मनुष्य स्वयं ऊना साक्षी हो जाता है,निर्मल की अनेक कहानियों का आलोक केंद्र है।"
Additional Information
- अन्य कहानी संग्रह- जलती झाड़ी (1965), पिछली गर्मियों में (1968), बीच बहस में (1973), कव्वे और काला पानी (1983) आदि।
'करीमुद्दीन ने माउथ ऑर्गन पर एक नयी फ़िल्मी धुन छेड़ दी।' यह पंक्ति किस कहानी से ली गई है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF'करीमुद्दीन ने माउथ ऑर्गन पर एक नयी फ़िल्मी धुन छेड़ दी।' यह पंक्ति 'परिंदे' कहानी से ली गई है।
Key Points
- परिंदे (1958) कहानी के लेखक निर्मल वर्मा हैं।
- परिंदे कहानी परिंदे कहानी संग्रह (1960) में संकलित हैं।
- निर्मल वर्मा की अन्य प्रमुख कहानीः-
- दहलीज , जलती झाडी, लंगन की एक रात, आदमी और औरत आदि।
परिंदे कहानी का विषय और पात्रः-
कहानी | विषय और पात्र |
परिंदे |
विषयः- कहानी में नायिका लतिका अपने प्रेमी कैप्टन नेगी की मृत्यु के बाद एक पहाड़ी स्कूल में अकेलेपन की जिंदगी का चित्रण किया गया है। पात्रः- लतिका , डाॅ. मुखजी, मिस वुड, ह्युवर्ट, करीमुद्दीन जूली आदि। |
Important Pointsपरिंदे कहानी का प्रमुख कथनः-
कहानी | कथन |
परिंदे |
सब लडकियाँ एक - जैौसी होती है बेवकूफ और सेंटी मेंटल। ( डाॅ. मुखर्जी) वैसे हम सबकी अपनी - अपनी जिद होती है कोई छोड देता तो कोई आखिरी तक उसे चिपकाये रखता है। ( लतिका ) लतिका वह तो बच्ची है . पागल है मारने वाले के संग खुद थोडी ही मर जाता है। (मुखर्जी) |
Additional Information
कहानी | कहानीकार |
जहाँ लक्ष्मी केद है (1957) | राजेंद्र यादव |
उसने कहा था (1915) | फणीश्वरनाथ रेणु |
एक और जिंदगी (1961) | मोहन राकेश |
इनमें से किस विकल्प में कहानी और कहानीकार सुमेलित नहीं हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFकहानी और कहानीकार सुमेलित नहीं हैं - यही सच है - उषा प्रियंवदा।
यही सच है-
- रचनाकार - मन्नू भंडारी
- प्रकाशन वर्ष -1966 ई.
- विषय -
- पुरुष व स्त्री के संबंधों में प्रेम ग्रहण अनैतिक व अनैतिक सच झूठ, शुभ-अशुभ,आज की जो परंपरागत धारणाएं रही हैं।
- उससे अलग हटकर यह कहानी लिखी गई है।
- इस कहानी पर 'रजनीगंधा' फिल्म भी निर्देशित की गयी है।
मन्नू भंडारी -
- जन्म -1931-2021 ई.
- कहानी संग्रह -
- मैं हार गई(1957 ई.), एक प्लेट सैलाब(1968 ई.), तिन निगाहों की एक तस्वीर(1968 ई.) आदि।
Key Pointsउषा प्रियंवदा-
- जन्म -1931 ई.
- कहानी संग्रह -
- जिन्दगी और गुलाब के फूल(1961 ई.), फिर बसंत आ गया(1961 ई.), कितना बड़ा झूठ(1972 ई.) आदि।
Important Pointsकहानियों का प्रकाशन वर्ष-
कहानी | प्रकाशन वर्ष |
मलबे का मालिक | 1956 ई. |
लंदन की एक रात | 1960 ई. |
जिन्दगी और जोंक | 1958 ई. |
Additional Informationमोहन राकेश-
- जन्म - 1925-1972 ई.
- कहानी संग्रह -
- इन्सान और खंडहर(1950 ई.), नये बादल(1957ई.), जानवर और जानवर(1958 ई.) आदि।
निर्मल वर्मा-
- जन्म -1929-2005 ई.
- कहानी संग्रह -
- परिंदे(1960 ई.), जलती झाड़ी(1965 ई.), पिछली गर्मियों में(1968 ई.) आदि।
अमरकांत-
- जन्म-1925-2013 ई.
- कहानी संग्रह-
- देश के लोग(1969 ई.), मौत का नगर(1973 ई.), कुहासा(1983 ई.) आदि।
“बचन सिंह सिहर-सा गया और उसके हाथों की अभ्यस्त निठुुराई को जैसे किसी मानवीय कोमलता ने धीरे-से छू लिया ।” उपर्युक्त कथन किस कहानी का है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त कथन-3) राजा निरबंसिया कहानी का है।
Important Points
- राजा निरबंसिया कहानी के लेखक कमलेश्वर हैं।
- इसका प्रकाशन वर्ष-1957 है।
- इनकी अन्य रचनायें-तीसरा आदमी,कितने पाकिस्तान,यह देश,मौसम,आंधी,वही बात,आगामी अतीत आदि हैं।
Additional Information
- राजा निरबंसिया कहानी में दोहरी कथा चलती है।
- एक तरफ माँ द्वारा सुनी हुई कहानी राजा रानी की कथा है दूसरी तरफ चंदा की अंतर्कथा।
- यह कहानी आधुनिक भाव बोध कराने में पूरी तरह समर्थ है।
निम्न में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFनिम्न में से खोई हुई थाती - रवीन्द्र कालिया सही सुमेलित नहीं है।
- खोई हुई थाती गंगा प्रसाद विमल द्वारा रचित कहानी संग्रह है।
Key Points
- डॉ॰ गंगा प्रसाद विमल:
- डॉ॰ गंगा प्रसाद विमल (1963-2019) हिन्दी साहित्य में अकहानी आंदोलन के जनक के रूप में जाने जाते हैं।
- इसके अलावा विख्यात कवि, कथाकार, उपन्यासकार, अनुवादक के रूप में दुनियाभर में इन्हें ख्याति प्राप्त है।
- कई सरकारी सेवाओं से जुड़े रहकर, बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न इनका व्यक्तित्व बेहद विशाल है।
- डॉ॰ गंगा प्रसाद विमल द्वारा रचित कवितायेँ
- जब कुछ नहीं लिखा जाता-कविता
- शांति के विरुद्ध एक कविता-कविता
- ऋचाएँ-कविता
- बेघर-कविता
- कविता का स्रोत-कविता
Additional Information
लेखक | रचनाएँ |
रवीन्द्र कालिया (1939-2016) | खुदा सही सलामत है-उपन्यास ए.बी.सी.डी.-उपन्यास 17 रानडे रोड-उपन्यास |
मोहन राकेश (1924-1972) |
अंधेरे बंद कमरे 1961-उपन्यास अन्तराल 1972-उपन्यास न आने वाला कल 1968 -उपन्यास |
फणीश्वरनाथ रेणु (1921-1977) | मैला आंचल 1954-उपन्यास परती परिकथा 1957-उपन्यास जूलूस-उपन्यास दीर्घतपा 1964-उपन्यास कितने चौराहे 1966-उपन्यास |
धर्मवीर भारती (1923-1997) |
गुनाहों का देवता 1949-उपन्यास सूरज का सातवां घोड़ा 1952-उपन्यास ग्यारह सपनों का देश-उपन्यास |
निम्नलिखित में से कमलेश्वर के कहानी संग्रह हैं:
(A) बिरादरी बाहर
(B) राजा निरबंसिया
(C) ठसक
(D) कस्बे का आदमी
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
नई कहानीकार Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFउपरोक्त में से कमलेश्वर के कहानी संग्रह हैं - राजा निरबंसिया और कस्बे का आदमी, विकल्प 2 सही है।
Key Points
- नयी कहानी आन्दोलन के प्रवर्तक हैं - राजेंद्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर।
- नयी कहानी आन्दोलन का प्रारंभ 1954 ई. में हुआ।
Important Points
- कमलेश्वर के कहानी संग्रह हैं - राजा निरबंसिया(1957 ई.), कस्बे का आदमी(1958 ई.), खोयी हुई दिशाएं(1963 ई.), मांस का दरिया(1966 ई.), आज़ादी मुबारक(2002 ई.)।