वैदिकशिक्षा-पद्धतौऽपि दृश्यसाधनानां प्रयोगः कथं विहितः?

This question was previously asked in
REET Level 2 Social Science - 23rd July 2022 (S2) (Hindi-English-Sanskrit)
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  1. पाठ्यपुस्तकानां प्रयोगेण
  2. स्फोरकपत्रकाणां प्रयोगेण
  3. प्रदर्शनपट्टमाध्यमेन
  4. तालपत्रेषु विलिखितानां रेखाचित्राणां प्रयोगेण

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Option 4 : तालपत्रेषु विलिखितानां रेखाचित्राणां प्रयोगेण
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प्रश्नानुवाद - वैदिक शिक्षा-पद्धति में दृश्य साधनों का प्रयोग कैसे होता था?

स्पष्टीकरण - शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को प्रभावी एवं रुचिकर बनाने हेतु शिक्षक/आचार्यों द्वारा विभिन्न सहायक सामग्रियों का उपयोग प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है। वैदिक शिक्षा पद्धति में दृश्य साधनों का उपयोग तालपत्रों पर विलिखित रेखाचित्रों के प्रयोग द्वारा होता था। जिससे छात्रों को किसी विषय को स्पष्ट करने में सहायता होती थी। जिसके द्वारा उस संरचना को देखकर छात्र विषय को ग्रहण करते हैं।

वैदिक काल में मुख्यतया दृश्य सामग्री का ही चलन रहा होगा या किसी क्रिया को प्रत्यक्ष रूप से दिखाया जाता होगा, जैसे - शस्त्र विद्या का ज्ञान।

दिये गये अन्य विकल्प भी दृश्य सामग्री के उदाहरण है, किन्तु उनका प्रयोग कुछ ही समय से प्रचलन में है, जो आधुनिक शिक्षा पद्धति के अंग है।

दृश्य-श्रव्य साधन से तात्पर्य ऐसे साधन से है जिनका प्रयोग शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रूप से किया जाता है। शिक्षा प्रणाली को रोचक, आकर्षक, प्रभावशाली बनाने के लिए दृश्य-श्रव्य साधन का उपयोग किया जाता है। 

  • भाषा शिक्षण में श्रव्य दृश्य साधनों के प्रयोग का मुख्य प्रयोजन विद्यार्थियों के विभिन्न इन्द्रियों को क्रियाशील बनाना है क्योंकि यह साधन बच्चों के आंख और कान दोनों ज्ञानेंद्रियों को सक्रिय कर के सीखने को सार्थक बनाता है।
  • ये साधन पाठ को ध्वनि और चित्रों दोनों रूप में प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर शिक्षण प्रक्रिया को आसान बनाता है।
  • ये साधन बच्चों को ज्ञानेंद्रियों के माध्यम से नवीन सूचना संबंधी ज्ञान प्रदान कर उनमें नए अनुभवों का संचार करता है।
  • भाषा शिक्षण में श्रव्य दृश्य साधनों के प्रयोग का अन्य प्रयोजन शिक्षण को प्रभावपूर्ण, रोचक, स्थायी और अर्थपूर्ण बनाना होता है।

 

अतः कहा जा सकता है कि वैदिक शिक्षा पद्धति में दृश्य साधनों का उपयोग तालपत्रों पर विलिखित रेखाचित्रों के प्रयोग द्वारा होता था

Important Points

शिक्षण सहायक सामग्री-

शिक्षकों द्वारा शिक्षण सामग्री का उपयोग शिक्षार्थियों को आसानी और दक्षता के साथ अवधारणा सीखने में मदद करने के लिए किया जाता है। नीचे दी गई शिक्षण सामग्री का उपयोग शिक्षण में किया जाता है:

  • श्रवण सामग्री (Audio aids): ये मुख्य रूप से शिक्षार्थी की सुनने की भावना को उत्तेजित करते हैं। इसमें शामिल हैं - टेलीफोनिक वार्तालाप, ऑडियो डिस्क/टेप, ग्रामोफोन रिकॉर्ड, रेडियो प्रसारण इत्यादि।
  • दृश्य सहायक सामग्री (Visual aids): इस प्रकार की सामग्री दृष्ट की भावना शामिल होती है। वे दृश्य आवेगों को उत्तेजित करते हैं। उदाहरण - ब्लैकबोर्ड, पाठ्यपुस्तक, माॅडल, मानचित्र, रेखाचित्र इत्यादि।
  • श्रव्य-दृश्य सामग्री (Audio-visual aids): ये सीखने को बढ़ाने के लिए श्रवण और दृश्य इंद्रियों दोनों का उपयोग करते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे वास्तविकता का सबसे निकटतम प्रतिनिधित्व हैं। उदाहरण - दूरदर्शन (टीवी), चलचित्र, लेजर प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, वीडियो, मल्टीमीडिया आदि।
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