Question
Download Solution PDFसतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का दोष है :
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFमूल्यांकन वह प्रक्रिया होती है जिससे कार्यक्रम की प्रभावशील तथा सक्षमता का आकलन किया जाता है | एनपीई (राष्ट्रीय शिक्षा नीति), 1986, (1992 में संशोधित) के दिशानिर्देशों के बाद, सीबीएसई द्वारा 2009 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मूल्यांकन की एक स्कूल आधारित प्रणाली के रूप में पेश किया गया |
- सतत मूल्यांकन- इसका मतलब है कि एक छात्र का वर्ष में एक या दो बार मूल्यांकन की बजाय, लगातार मूल्यांकन किया जाएगा।
- व्ययापक मूल्यांकन- किसी एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय एक बच्चे के समग्र विकास को संदर्भित करता है। पहले स्कूल और पाठ्यक्रम दोनों ही पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करते थे जबकि पाठयक्रम गतिविधियों को पीछे छूट जाती थी।
Key Points
- विभिन्न विषयों में निश्चित समय उपरांत बच्चों की प्रगति जानना।
- बच्चों के व्यवहार में हुए परिवर्तनों का पता लगाना।
- छात्रों के ज्ञानात्मक भावात्मक व क्रियात्मक तीनों पक्षों के विकास का आकलन कर प्रत्येक बच्चे को सीखने और समुचित, चहुँमुखी विकास में मदद करना।
- सृजनशीलता को बढ़ावा देना।
- बच्चे की व्यक्तिगत और विशेष जरूरतों का पता लगाना।
- बच्चों को सीखने में कठिनाइयों को दूर करने के लिए अध्यापन की उपयुक्त योजना बनाकर निदानात्मक व उपचारात्मक शिक्षण में सहायता करना।
- बच्चों की रुचि जानना।
- कक्षा में चल रही सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाना।
- छात्रों में निरंतर अध्ययन की आदत का विकास करना।
- बच्चों में परीक्षा के प्रति व्याप्त भय व दबाव को दूर करना और व स्व-आकलन के लिए प्रोत्साहित करना।
- इसमें विद्यार्थियों का निरंतर मूल्यांकन तथा भिभावकों को विद्यार्थी की निरंतर प्रगति की जानकारी होती रहती है।
सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के दोष निम्नलिखित हैं-
- अधिक समय लगना- सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन में समय अधिक लगता है।
- शिक्षकों को बाहरी काम का बोझ- अल्पावधि मूल्यांकन में शिक्षकों के काम का बोझ बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त यह शिक्षकों के प्रशिक्षणा, दक्षता एवं कुशलता की माँग करता है।
- यह प्रणाली तभी लागू की जा सकती है जब विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात कम हो।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि यह प्रणाली तभी लागू की जा सकती है जब विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात कम हो। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का दोष है।
Last updated on May 8, 2025
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