एक शिक्षिका शिक्षार्थियों द्वारा उनके बोलने एवं लेखन में की गई सभी सामान्य त्रुटियों को संकलित करती है। बाद में, वह अपनी कक्षा में किसी भी शिक्षार्थी का नाम लिए बिना उन सभी त्रुटियों पर चर्चा करती है। वह क्या करती है?

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Maths & Science 17th Jan 2022 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. उपचारात्मक शिक्षण 
  2. आकलन के बाद ही गतिविधि 
  3. त्रुटियों का विश्लेषण 
  4. प्रतिपुष्टि 

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Option 4 : प्रतिपुष्टि 
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प्रतिपुष्टि- प्रतिपुष्टि एक ऐसी प्रकिया है जिसमे विद्यार्थियों को उनकी त्रुटियो को बताया जाता है। ताकि विद्यार्थी त्रुटियों को सुधार सके। इसके साथ ही इस प्रकिया मे विद्यार्थियों की अच्‍छी विशेषतायें, उनके सराहनीय कार्य उनके गुणो तथा उनकी अच्‍छाईयों का भी विवरण दिया जाता है । ताकि वे इन विवरणों को अपने व्‍यवहारों मे प्रदर्शित कर सके ।  इसका छात्रों के सीखने पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

Key Points एक प्रभावकारी प्रतिपुष्टि ऐसी होती है-

  • छात्रों को उनकी सीखने की रणनीतियों को अनुकूलित और समायोजित करने के लिए मार्गदर्शन करती है।
  • छात्रों की सीखने की जरूरतों को समायोजित करने के उद्देश्य से शिक्षण को अनुकूलित और समायोजित करने के लिए छात्रों का मार्गदर्शन करती है।
  • छात्रों को स्वतंत्र और आत्म-चिंतनशील शिक्षार्थी बनने और अपने स्वयं के काम के बेहतर आलोचक बनने के लिए मार्गदर्शन मिलता है।
  • सीखने में सुधार के बारे में प्रतिबिंब, बातचीत और संवाद को उत्तेजित करती है।
  • प्रभावी प्रतिपुष्टि के परिणाम होते हैं, जिससे यह छात्रों को मूल्यांकन के रूप में प्रतिपुष्टि में भाग लेने की आवश्यकता के द्वारा संलग्न करता है।

अतः यह निष्कर्ष निकलता है कि एक शिक्षिका शिक्षार्थियों द्वारा उनके बोलने एवं लेखन में की गई सभी सामान्य त्रुटियों को संकलित करती है​। बाद में, वह अपनी कक्षा में किसी भी शिक्षार्थी का नाम लिए बिना उन सभी त्रुटियों पर चर्चा करती है तो उसे प्रतिपुष्टि कहा जाता है। 

Additional Information

  • उपचारात्मक शिक्षण- एक बच्चा सीखने के दौरान जाने-अनजाने  या कुछ वैकल्पिक अवधारणाओं के कारण गलतियाँ करता है। यह एक शिक्षक का काम है कि वह छात्रों की उन गलतियों का निदान करने तथा उपचार करने में मदद करें। इसी विधि को उपचारात्मक विधि कहते है। 
  • त्रुटियों का विश्लेषण-त्रुटि विश्लेषण एक ऐसी विधि है जिसका उपयोग आमतौर पर छात्र त्रुटियों के कारण की पहचान करने के लिए किया जाता है जब वे लगातार गलतियाँ करते हैं। यह एक छात्र के काम की समीक्षा करने और फिर गलतफहमी के स्वरूप की तलाश करने की एक प्रक्रिया है।
  • उपरोक्त दिये गये प्रश्न में शिक्षिका केवल त्रुटियों पर चर्चा कर रही है। त्रुटियों को सुधारने के लिए शिक्षण विधि को नहीं अपना रही है। अतः वह केवल प्रतिपुष्टि देने का काम कर रही है।
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