प्राथमिक स्तर पर शिक्षार्थियों के आकलन के दौरान एक भाषा शिक्षक को मुख्य रूप से निम्नलिखित मे से किस पर ध्यान देना चाहिए?

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CTET Paper 1 - 16th Dec 2021 (Eng/Hin/Sans/Ben/Mar/Tel)
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  1. औपचारिक साप्ताहिक परीक्षा और उसे प्रगति-पत्र में दर्ज करना। 
  2. एक अवधि के अंत मे परीक्षा लेना, जो उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण घोषित करने में सहायता करे। 
  3. शिक्षार्थियों के निष्पादन के बारे में विविध तरीकों से जानकारी एकत्रित करना तथा उसे शिक्षार्थियों एवं उनके माता-पिता के साथ साझा करना। 
  4. भाषा के अभ्यास में वृद्धि तथा विविधता लाने हेतु प्रतिदिन कक्षा कार्य एवं गृह कार्य के रूप में दत्त कार्य देना। 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : शिक्षार्थियों के निष्पादन के बारे में विविध तरीकों से जानकारी एकत्रित करना तथा उसे शिक्षार्थियों एवं उनके माता-पिता के साथ साझा करना। 
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
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सीसीई की फूल फाॅर्म सतत और व्यापक मूल्यांकन है. सतत और व्यापक मूल्यांकन CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और साथ ही भारत में राज्य सरकारों द्वारा शुरू किए गए मूल्यांकन की एक विधि है। यह विधि बालको के निरंतर अर्थात लगातार आकलन पर बल देती है। यह आवधिक न हो कर निरंतर होगा तो बालको की अधिगम संबंधि कठिनाईयों का समय पर पता लगाकर उसे जल्द से जल्द दूर किया जा सकेगा। 
Key Points 
  • सीसीई तकनीक अध्यापक को प्रभावी अध्यापन कार्यनीतियां बनाने में सहायता देते हैं।
  • निरंतर मूल्यांकन से छात्र की प्रगति (विशिष्ट शैक्षिक और सह शैक्षिक क्षेत्रों के संदर्भ सहित क्षमता और उपलब्धि सीमा और स्तर)के नियमित मूल्यांकन में सहायता मिलती है।
  • निरंतर मूल्यांकन से कमियों का निदान किया जा सकता है और अध्यापक छात्र की क्षमताओं, कमियों और जरूरतों को इससे सुनिश्चित कर सकते हैं। 
  • निरंतर मूल्यांकन द्वारा बच्चे अपनी क्षमताओं और कमियों जान सकते हैं। इससे बच्चे को अपने अध्ययन का वास्तविक स्वयं मूल्यांकन करने में सहायता मिलती है।
  • निरंतर और व्यापक मूल्यांकन मनोवृत्ति और रुचि के क्षेत्रों को अभिज्ञात कराता है। यह मनोवृत्तियों और मूल्य प्रणालियों में बदलावों को अभिज्ञात करने में सहायता देता है।
  • यह भविष्य में विषयों, पाठ्यक्रमों और कैरियर के विषय में निर्णय लेने में सहायता देता है।
  • बालको के निरंतर आकलन के लिए विविध तरीके अपनाये जाते हैं और आकलन से संबंधित जानकारी एक फाइल में एकत्रित करके रखी जाती है।
  • इससे शैक्षिक और सह शैक्षिक क्षेत्रों में छात्रों की प्रगति पर सूचना / रिपोर्ट मिलती है और इस प्रकार छात्रों की भावी सफलताओं का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
  • निरंतर मूल्यांकन से समय समय पर बच्चे की उपलब्धि, अध्यापकों और माता-पिता से साझा करने पर उनमें जागरूकता लाने में मदद मिलती है।

अतः निष्कर्ष निकलता है कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षार्थियों के आकलन के दौरान एक भाषा शिक्षक को शिक्षार्थियों के निष्पादन के बारे में विविध तरीकों से जानकारी एकत्रित करना तथा उसे शिक्षार्थियों एवं उनके माता-पिता के साथ साझा करना चाहिए।

Hint

  • निष्पादन का अर्थ बालक के शिक्षा के क्षेत्र में किये गये प्रदर्शन से होताा है।
  • प्राथमिक स्तर पर वातावरण को सहज बनाना जरूरी होता है इसके लिए औपचारिक परीक्षा के बदले कक्षा शिक्षण के दौरान किये गये अवलोकन को आधार बनाया जाना चाहिए।
  • एक अवधि के अंत मे ली गयी परीक्षा बालको की कठिनाईयों का न तो सही निदान ही लगा पाती है और ना ही कमीयों का उपचार कर पाती है।
  • प्राथमिक स्तर पर कक्षा कार्य एवं गृह कार्य के रूप में दत्त कार्य देने पर अधिगम की प्रक्रिया एक तरफा, बोर तथा निरस हो जाती है।
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