संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 52 के अंतर्गत क्या प्रावधान है?

  1. लिस पेंडेंस का सिद्धांत
  2. कपटपूर्ण अंतरण
  3. भूमिका प्रदर्शन
  4. सह-स्वामी द्वारा अंतरण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लिस पेंडेंस का सिद्धांत

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सही उत्तर लिस पेंडेंस का सिद्धांत है।

Key Points संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 52, मुकदमा लंबित रहने तक संपत्ति के अंतरण से संबंधित है।

इसमें कहा गया है कि: जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर भारत की सीमाओं के भीतर या केन्द्रीय सरकार द्वारा ऐसी सीमाओं से परे स्थापित किसी न्यायालय में किसी ऐसे वाद या कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान, जो धोखाधड़ी पूर्ण नहीं है और जिसमें अचल संपत्ति का कोई अधिकार प्रत्यक्ष रूप से और विशिष्ट रूप से प्रश्नगत है, वाद या कार्यवाही के किसी भी पक्षकार द्वारा उस संपत्ति को इस प्रकार अंतरित या अन्यथा निपटाया नहीं जा सकता है, जिससे उसमें पारित किसी डिक्री या आदेश के अधीन किसी अन्य पक्षकार के अधिकारों पर प्रभाव पड़े, न्यायालय के अधिकार के तहत और ऐसी शर्तों को छोड़कर जो वह लगा सकता है।
स्पष्टीकरण — इस धारा के प्रयोजनों के लिए, किसी वाद या कार्यवाही का लंबित रहना, सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय में वादपत्र के प्रस्तुत किए जाने या कार्यवाही संस्थित किए जाने की तारीख से प्रारंभ माना जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक वाद या कार्यवाही का अंतिम डिक्री या आदेश द्वारा निपटारा नहीं कर दिया जाता है और ऐसी डिक्री या आदेश की पूर्ण संतुष्टि या उन्मोचन प्राप्त नहीं कर लिया जाता है या किसी समय प्रवृत्त विधि द्वारा उसके निष्पादन के लिए विहित परिसीमा अवधि की समाप्ति के कारण वह अप्राप्य नहीं हो जाता है।

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