Question
Download Solution PDFसूची I के साथ सूची II का मिलान कीजिए:
सूची I |
सूची II |
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A. |
रबींद्र नाथ टैगोर |
I. |
पाठ्यचर्या को अध्यात्मिक वृद्धि व विकास और समृद्धि के लिए भाषाओं, विज्ञान व शारीरिक शिक्षा का संवर्धन करना चाहिए। |
B. |
महात्मा गांधी |
II. |
व्यक्तिगत रचनाशीलता का संवर्धन और विमर्श को बढ़ावा देते हैं और योग व अध्यात्मिक शिक्षा के माध्यम से सर्वांगीण विकास का प्रयास करते हैं। |
C. |
स्वामी विवेकानंद |
III. |
पाठ्यचर्या अंतर्सांस्कृतिक अंतः-जातीय एकता हेतु वाद-विवाद व विचार विमर्श द्वारा विचारों की मौलिकता व सृजनशीलता के संवर्धन संबंधी क्रिया कलापो पर आधारित होनी चाहिए। |
D. |
अरबिंदो घोष |
IV. |
क्रियाकलाप व शिल्प केंद्रित पाठ्यचर्या जिसमें समग्र विकास हेतु मूलभूत शिल्प, भाषा, सामाजिक अध्ययन व विज्ञान शामिल हैं, का सुझाव दिया। |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
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Key Points
यहाँ दो सूचियों का मिलान निम्न प्रकार है:
सूची I |
सूची II |
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रबींद्र नाथ टैगोर |
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महात्मा गांधी |
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स्वामी विवेकानंद |
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अरबिंदो घोष |
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- रबींद्र नाथ टैगोर क्रियाकलाप-आधारित शिक्षा और अंतर्सांस्कृतिक और अंतः-जातीय एकता की आवश्यकता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने शिक्षा में वाद-विवाद और चर्चा के महत्व पर जोर दिया। यह सूची II के कथन III में परिलक्षित होता है जिसमें कहा गया है कि "पाठ्यचर्या को अंतर्सांस्कृतिक और अंतः-जातीय एकता के लिए वाद-विवाद और चर्चा द्वारा विचारों की मौलिकता और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने की क्रियाकलाप पर आधारित होना चाहिए।"
- महात्मा गांधी भी क्रियाकलाप-आधारित शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि शिक्षा वास्तविक दुनिया के लिए प्रासंगिक होनी चाहिए और छात्रों को कार्य करके सीखना चाहिए। यह सूची II के कथन IV में परिलक्षित होता है जिसमें कहा गया है, "सर्वांगीण विकास के लिए बुनियादी शिल्प, भाषा, सामाजिक अध्ययन, विज्ञान युक्त क्रियाकलाप और शिल्प केंद्रित पाठ्यक्रम का सुझाव दिया गया है।"
- स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिक विकास के लिए शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि शिक्षा को व्यक्ति के आंतरिक विकास को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें मानवता की सेवा के लिए तैयार करना चाहिए। यह सूची II के कथन I में परिलक्षित होता है जो कहता है, "पाठ्यचर्या को आध्यात्मिक विकास और समृद्धि के विकास के लिए भाषा, विज्ञान, शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए।"
- अरबिंदो घोष सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि शिक्षा को व्यक्ति की सृजनात्मकता और मौलिकता को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें समुदाय की सेवा के लिए जीवन जीने के लिए तैयार करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा में योग और ध्यान के महत्व पर बल दिया। यह सूची II के कथन II में परिलक्षित होता है जो कहता है, "व्यक्तिगत सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है और संवाद को प्रोत्साहित करता है तथा योग और आध्यात्मिक शिक्षा के माध्यम से सर्वांगीण विकास का प्रयास करता है।"
अतः दोनों सूचियों का सही मिलान A - III, B - IV, C - I, D - II है।
Last updated on Jun 19, 2025
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