काव्य MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for काव्य - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Mar 28, 2025
Latest काव्य MCQ Objective Questions
Top काव्य MCQ Objective Questions
काव्य Question 1:
रामायणे शबरीकथा कस्मिन् काण्डे अस्ति?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 1 Detailed Solution
प्रश्नार्थ - रामायण मे शबरीकथा किस काण्ड में है?
संस्कृत साहित्य का प्रथम महाकाव्य रामायण को माना जाता है।
रामायण - राम की कथा होने के कारण इस महाकाव्य को रामायण कहा जाता है। इस के रचनाकार वाल्मीकि है।
लौकिक साहित्य की प्रथम रचना होने के कारण ही महर्षि वाल्मिकीवाल्मीकि को आदिकवि तथा रामायण को आदिकाव्य कहा जाता है।
रामायण का विभाजन सात काण्डों में हुआ है-
- बालकाण्ड - 77 सर्ग
- अयोद्ध्याकाण्ड - 119 सर्ग
- अरण्यकाण्ड - 75 सर्ग
- किष्किन्धाकाण्ड - 67 सर्ग
- सुन्दरकाण्ड - 68 सर्ग
- लङ्काकाण्ड (युद्धकाण्ड) - 128 सर्ग
- उत्तरकाण्ड - 111 सर्ग
शबरीकथा प्रसंग रामायण के 'अरण्यकाण्ड' का भाग है, जिसमे प्रभू राम का वनवास, दण्डकारण्य, सीतहरण, जटायु-रावण युद्ध, राम-शबरी मिलाप ऐसे कुछ प्रसिद्ध प्रसंग हैं।
अततः उचित पर्याय अरण्यकाण्डे होता है।
काव्य Question 2:
आदिकाव्य रामायण के रचयिता कौन है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 2 Detailed Solution
संस्कृत साहित्य का प्रथम महाकाव्य रामायण को माना जाता है।
रामायण - राम की कथा होने के कारण इस महाकाव्य को रामायण कहा जाता है। इस के रचनाकार वाल्मीकि है।
लौकिक साहित्य की प्रथम रचना होने के कारण ही महर्षि वाल्मिकीवाल्मीकि को आदिकवि तथा रामायण को आदिकाव्य कहा जाता है।
विद्वानों में एक और प्रसिद्धी है कि प्रत्येक एक हजार श्लोक के पश्चात् इसमें गायित्री मन्त्र का एक वर्ण आता है।
रामायण का विभाजन सात काण्डों में हुआ है-
- बालकाण्ड - 77 सर्ग
- अयोद्ध्याकाण्ड - 129 सर्ग
- अरण्यकाण्ड - 75 सर्ग
- किष्किन्धाकाण्ड - 67 सर्ग
- सुन्दरकाण्ड - 68 सर्ग
- लङ्काकाण्ड (युद्धकाण्ड) - 128 सर्ग
- उत्तरकाण्ड - 111 सर्ग
अतः स्पष्ट है कि संस्कृत साहित्य का प्रथम महाकाव्य रामायण के रचनाकार वाल्मीकि है।
काव्य Question 3:
भवभूति की रचना है-
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 3 Detailed Solution
भवभूति ने अपने जीवन में 'महावीरचरितम्, मालतीमाधवम्, उत्तररामचरितम्' इन तीन नाटकों की रचना की है।
Important Points
कवि |
रचना |
विधा |
भवभूति |
महावीरचरितम्, मालतीमाधवम्, उत्तररामचरितम् |
नाटक |
कालिदास |
रघुवंशम्, कुमारसंभवम् |
महाकाव्य |
मेघदूतम् |
खण्डकाव्य |
|
ऋतुसंहारम् |
मुक्तककाव्य |
|
मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोर्वशीयम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् |
नाटक |
काव्य Question 4:
कालिदास का खण्डकाव्य कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 4 Detailed Solution
कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर रचनाएं की, जिसमें भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्त्व निरूपित हैं। कालिदास अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण राष्ट्र की समग्र राष्ट्रीय चेतना को स्वर देने वाले कवि माने जाते हैं संस्कृत साहित्य में ही नहीं अपितु समग्र साहित्यिक संसार में उन्हें कविकुलश्रेष्ठ तथा कविशिरोमणि माना जाता है।
प्रस्तुत विकल्पों में से 'मेघदूतम्' यह कालिदास का खण्डकाव्य है।
Hint
विकल्पों का स्पष्टीकरण -
विकल्पानुगत कवियों के रचनाओं का विवरण:-
कवि |
रचना |
विधा |
भवभूति |
महावीरचरितम्, मालतीमाधवम्, उत्तररामचरितम् |
नाटक |
कालिदास |
रघुवंशम्, कुमारसंभवम् |
महाकाव्य |
मेघदूतम् |
खण्डकाव्य |
|
ऋतुसंहारम् |
मुक्तककाव्य |
|
मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोर्वशीयम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् |
नाटक |
काव्य Question 5:
निम्नलिखित में से किस कवि ने नल और दमयन्ती की प्रणयकथा को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना की है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 5 Detailed Solution
नल और दमयन्ती की प्रणयकथा का वर्णन 'नैषधीयचरित्' महाकाव्य में हुआ है, जो श्रीहर्ष की रचना है -
कवि |
रचना |
कालिदास |
कुमारसंभवम्, रघुवंशम्, मेघदूतम् ,ऋतुसंहार |
श्रीहर्ष |
नैषधीयचरितम् |
माघ | शिशुपालवधम् |
भारवि |
किरातार्जुनीयम् |
Additional Information
- नैषधीयचरित, श्रीहर्ष द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य है।
- यह वृहत्त्रयी नाम से प्रसिद्ध तीन महाकव्यों में से एक है।
- महाभारत का नलोपाख्यान इस महाकाव्य का मूल आधार है।
- श्रीहर्ष 12वीं सदी के संस्कृत के प्रसिद्ध कवि तथा दार्शनिक थे।
- उनमें उच्चकोटि की काव्यात्मक प्रतिभा थी तथा वे अलंकृत शैली के सर्वश्रेष्ठ कवि थे।
- वे शृंगार के कला पक्ष के कवि थे। महान कवि होने के साथ-साथ वे बड़े दार्शनिक भी थे।
- ‘खण्डन-खण्ड-खाद्य’ नामक ग्रन्थ में उन्होंने अद्वैत मत का प्रतिपादन किया।
काव्य Question 6:
भास विरचित एकाङ्की है -
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 6 Detailed Solution
महाकवि भास संस्कृत साहित्य के मूर्धन्य कवि हैं, जिन्होंने 13 रूपकों की रचना की है। जिनमें से कुछ नाटक है तो कुछ एकाङ्की।
Important Points
एकाङ्की - जिस रूपक में एक ही अङ्क में कथानक को व्यक्त किया गया हो उसे एकाङ्की कहते हैं। भास ने पांच एकाङ्की विरचित की है -
- ऊरुभङ्गम्
- दूतवाक्यम्
- दूतघटोत्कचम्
- कर्णभारम्
- मध्यमव्यायोगः
अतः स्पष्ट है कि उपर्युक्त दिये विकल्पों में 'दूतवाक्यम्' भास विरचित एकाङ्की है।
काव्य Question 7:
कालिदास ने किस दिन मेघों को देखा?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 7 Detailed Solution
मेघदूतम् महाकवि कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर देता है।
- निष्कासित यक्ष रामगिरि पर्वत पर निवास करता है।
- वर्षा ऋतु में उसे अपनी प्रेमिका की याद सताने लगती है।
- कामार्त यक्ष सोचता है कि किसी भी तरह से उसका अल्कापुरी लौटना संभव नहीं है, इसलिए वह प्रेमिका तक अपना संदेश दूत के माध्यम से भेजने का निश्चय करता है।
- अकेलेपन का जीवन गुजार रहे यक्ष को कोई संदेशवाहक भी नहीं मिलता है, इसलिए उसने मेघ के माध्यम से अपना संदेश विरहाकुल प्रेमिका तक भेजने की बात सोची।
इस प्रकार आषाढ़ के प्रथम दिन आकाश पर उमड़ते मेघों ने कालिदास की कल्पना के साथ मिलकर एक अनन्य कृति की रचना कर दी।
काव्य Question 8:
इनमें से कौन-सी रचना भारवि की है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 8 Detailed Solution
- किरातार्जुनीय रचना भारवि की है। अन्य विकल्प असंगत है।
- अतः सही उत्तर विकल्प किरातार्जुनीय होगा ।
Additional Information
कवि |
रचना |
विधा |
कालिदास |
रघुवंशम्, कुमारसंभवम् |
महाकाव्य |
मेघदूतम् |
खण्डकाव्य |
|
ऋतुसंहारम् |
मुक्तककाव्य |
|
मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोर्वशीयम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् |
नाटक |
|
दण्डी |
दशकुमारचरितम् |
गद्यकाव्य |
काव्य Question 9:
'कादम्बरी' ग्रन्थ के रचनाकार है
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 9 Detailed Solution
विकल्पानुगत कवियों के रचनाओं का विवरण:-
कवि |
रचना |
विधा |
भवभूति |
महावीरचरितम्, मालतीमाधवम्, उत्तररामचरितम् |
नाटक |
बाणभट्ट |
कादम्बरी, हर्षचरित |
गद्य |
भास |
प्रतिमा, अभिषेक, दूतवाक्य, दूतघटोत्कच, मध्यमव्यायोग, पञ्चरात्र, कर्णभार, ऊरुभङ्ग, बालचरित, अविमारक, चारुदत्त, प्रतिज्ञायौगन्धरायण, स्वप्नवासवदत्त |
नाटक |
श्रीहर्ष |
नैषधीयचरितम् |
महाकाव्य |
अतः उपर्युक्त तालिका से, स्पष्ट है की `कादम्बरी' बाणभट्ट की रचना है।
काव्य Question 10:
श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को प्रदत्त गीता का उपदेश महाभारत के किस पर्व में उल्लिखित है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य Question 10 Detailed Solution
स्पष्टीकरण -
- वर्तमान समय में महाभारत का सर्वप्रसिद्ध अंश श्रीमद् भगवद्गीता है। जो न केवल किसी विषय विशेष का ग्रंथ है अपितु अनन्त विषयों का सारगर्भित रूप है।
- यह ग्रंथ महाभारत में हुए कौरवों और पांडवों के मध्य हुए युद्ध में अर्जुन को युद्ध करने के लिए प्रेरित करते हुए अर्जुन औऱ श्री कृष्ण के मध्य हुए संवाद पर आधारित हैं।
- वर्तमान समय में भी मानव के उन्हीं संशयों का निराकरण करती है, जिस तरह युद्ध में अर्जुन के द्वंद्वों का किया गया था। यह ग्रंथ महाभारत के भीष्म पर्व से है।
इसलिए उपर्युक्त प्रश्न का उत्तर भीष्म पर्व है।
Key Points महाभारत -
- इसमें अट्ठारह पर्व हैं।
- इसमें कौरवों और पांडवों के युद्ध का वर्णन है।
- महाभारत में कौरवों और पांडवों के मध्य 18 दिन युद्ध हुआ।
- महाभारत का प्रधान रस शान्त है।