प्रेमचंद युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रेमचंद युग - Download Free PDF
Last updated on Jun 13, 2025
Latest प्रेमचंद युग MCQ Objective Questions
प्रेमचंद युग Question 1:
'परती परिकथा' के रचनाकार हैं
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 1 Detailed Solution
- 'परती परिकथा' के रचनाकार हैं : फणीश्वर नाथ रेणु
- रचनाकाल : 1957
- मैला आँचल, परती परिकथा, दीर्घतपा, पलटू बाबू:- यह इन उपन्यासों का उचित क्रम है।
Key Points
- मैला आंचल - सन् 1954
- परिती कथा - सन् 1957
- दीर्घतपा - सन् 1963
- जुलुस - सन् 1965
- पलटू बाबू रोड - सन् 1971
Additional Information
- फणीश्वर नाथ रेणु हिंदी मे आंचलिक उपन्यासकार के जन्मदाता के रूप में प्रसिद्ध है |
- मैला आंचल इनका प्रथम और प्रमुख उपन्यास है जी इनकी ख्याति का आधार है |
- मैला आंचल का प्रकाशन १९५४ मे हुआ, इसमें बिहार के पूर्णिया जिले के मेरीगंज गाँव की कथा का वर्णन है |
रेणु की प्रमुख कृतियाँ -
- नोट - नागार्जुन रचना क्रम मे प्रथम आंचलिक उपन्यासकार है
प्रेमचंद युग Question 2:
"चित्रलेखा" उपन्यास में भगवतीचरण वर्मा ने चित्रलेखा के चरित्र के माध्यम से मुख्य रूप से क्या वैचारिक संदेश दिया है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 2 Detailed Solution
उत्तर- नैतिकता और पाप की परिभाषा व्यक्ति की अपनी सोच पर निर्भर है
विश्लेषण:
- चित्रलेखा एक नर्तकी और वेश्या है, लेकिन वह अपनी जीवनशैली को लेकर कोई अपराधबोध नहीं रखती।
- वह बीजगुप्त और यशोधर के सामने यह तर्क देती है कि पाप और पुण्य की परिभाषा समाज की बनाई हुई है, और यह व्यक्ति की अपनी समझ पर निर्भर करता है। यह दृष्टिकोण उपन्यास का एक प्रमुख वैचारिक संदेश है।
प्रेमचंद युग Question 3:
"कर्मभूमि" उपन्यास में प्रेमचंद ने धार्मिक और सामाजिक रूढ़ियों के प्रति क्या दृष्टिकोण व्यक्त किया है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 3 Detailed Solution
उत्तर- रूढ़ियों की आलोचना और सुधार की आवश्यकता
विश्लेषण:
- प्रेमचंद ने उपन्यास में धार्मिक और सामाजिक रूढ़ियों, जैसे जमींदारी प्रथा, ऊँच-नीच की भावना और सामाजिक असमानता की आलोचना की है।
- अमरकांत और सुखदा इन रूढ़ियों को तोड़ने और समाज में समानता लाने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे प्रेमचंद का सुधारवादी दृष्टिकोण स्पष्ट होता है।
प्रेमचंद युग Question 4:
"कर्मभूमि" उपन्यास में अमरकांत और सुखदा के वैवाहिक जीवन में तनाव का मुख्य कारण क्या दर्शाया गया है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 4 Detailed Solution
उत्तर- परिवार की अपेक्षाओं और सामाजिक दबावों का टकराव
विश्लेषण:
- अमरकांत और सुखदा का वैवाहिक जीवन शुरू में तनावपूर्ण रहता है, क्योंकि अमरकांत की सामाजिक कार्यों में रुचि और सुखदा की पारिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक अपेक्षाएँ टकराती हैं।
- सुखदा की माँ और परिवार अमरकांत के आदर्शवाद को स्वीकार नहीं करते, जिससे उनके रिश्ते में तनाव आता है।
प्रेमचंद युग Question 5:
कर्मभूमि उपन्यास की शुरुआत में अमरकान्त की अवस्था कितनी बताई गई है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- बीस
Top प्रेमचंद युग MCQ Objective Questions
इनमें से कौन-सा उपन्यास प्रेमचन्द्र का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'शेखर एक जीवनी' उपन्यास प्रेमचन्द्र का नहीं है,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 'शेखर एक जीवनी' सही उत्तर होगा।
Key Points
- ‘शेखर एक जीवनी’ महज एक उपन्यास नहीं है और न ही कथानायक शेखर की जीवनी का लेखा-जोखा, वरन् स्नेह और वेदना का जीवन-दर्शन भी है, जिसे लेखक ने अपने जीवनानुभवों के विस्तृत दायरे के सूत्र में पिरोया है।
- सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की यह अमर कृति हिन्दी साहित्य में मील का पत्थर है।
- प्रमुख चरित्र शेखर एक आदर्शवादी सिद्धान्तप्रिय युवक है, जिसे पराधीनता स्वीकार नहीं, जो अपने तर्को से समाज को बदलना चाहता है, जो बहस की हद तक तर्क करता है।
- जेल में अपने मन को खूब खंगालता है, शारदा के प्रति आकर्षण और शशि के प्रति अगाध स्नेह को जीवन का अर्थ और उद्देश्य समझता है।
- कहीं वह पलायनवादी हो जाता है तो कहीं यथार्थवादी के रूप में नियति को चुपचाप स्वीकार कर लेता है।
Additional Information
- ‘शेखर: एक जीवनी’ उपन्यास अज्ञेय की बहुचर्चित मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।
- शेखर- मुख्य पात्र, जो कि उपन्यास का केंद्रबिंदु है। इसका स्वभाव विद्रोही है। बंधन से घृणा करता है और बन्धन मुक्त रहना चाहता है।
- सरस्वती – शेखर की बहन। जो कि शेखर की प्रेरक एवं गुरु भी है।
- शारदा – मद्रासी परिवार की लड़की है, स्वभाव चंचल तथा स्पष्ठवादिता। शेखर इसकी ओर आकर्षित होता है।
- शशि – शेखर की मौसेरी बहन। इसके प्रति भी शेखर आकर्षित होता है। संघर्ष का सामना करने वाली नारी है। अतिरिक्त पात्र – शेखर की माँ, माणिका तथा शांति
- प्रेमचंद धनपत राय श्रीवास्तव नाम से जाने जाते हैं
- वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास
तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
प्रेमचंद किस प्रवृत्ति के उपन्यासकार हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रेमचंद 'आदर्शोन्मुख यथार्थवादी प्रवृत्ति' के उपन्यासकार हैं। Key Points
आदर्शवाद - आदर्शवाद उन विचारों और मान्यताओं की समेकित विचारधारा है, जिनके अनुसार इस जगत की समस्त वस्तुएँ विचार या चेतना की अभिव्यक्ति है। सृष्टि का सारतत्त्व जड़ पदार्थ नहीं अपितु मूल चेतना है।
यथार्थवाद - यथार्थवाद विचारधारा उस वस्तु एवं भौतिक जगत को सत्य मानती है, जिसका हम ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। पशु, पक्षी, मानव, जल थल, आकाश इत्यादि सभी वस्तुओं का हम प्रत्यक्षीकरण कर सकते हैं, इसलिए ये सभी सत्य हैं, वास्तविक हैं।
आदर्शोन्मुख यथार्थवादी -आदर्शोन्मुख यथार्थवाद में यथार्थ का चित्रण करते हुए भी आदर्श की स्थापना पर बल दिया जाता था। इस प्रवृत्ति की ओर प्रथम महत्त्वपूर्ण संकेत प्रेमचन्द का है।
Additional Information
- धनपत राय श्रीवास्तव को प्रेमचंद के नाम से जानते है।
- प्रेमचंद जी ने हिंदी उपन्यास और कहानी विधा को नया मोड़ दिया। उनकी रचनाएँ सामाजिक यथार्थ से साहित्य को जोड़ती है।
- हिंदी में सामाजिक उपन्यासों का आधुनिक अर्थ में सूत्रपात प्रेमचंद (1880-1936) से हुआ।
- "सेवासदन', "रंगभूमि', "कायाकल्प', "गबन', "निर्मला', "गोदान', आदि प्रसिद्ध उपन्यास हैं, जिनमें ग्रामीण वातावरण का उत्तम चित्रण है।
- उनके उपन्यास हिंदी में आधुनिक सामाजिक सुधारवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- प्रेमचंद आदर्शोन्मुख यथार्थवादी प्रवृत्ति के उपन्यासकार हैं।
जयशंकर ‘प्रसाद’ का उपन्यास है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'कंकाल' है।
Key Points
- 'कंकाल' उपन्यास जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है।
- जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं।
- काव्य के साथ ही इन्होंने उपन्यास भी लिखे।
- कंकाल के अलावा तितली और इरावती इनके अन्य उपन्यास हैं।
अन्य विकल्प:
- वितस्ता की लहरें (नाटक) - लक्ष्मी नारायण मिश्र
- दीपदान (एकांकी)- रामकुमार वर्मा
- जयद्रथवध (खंडकाव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
Additional Information
- वह वस्तु या कृति जिसको पढ़कर ऐसा लगे कि हमारी ही हैं, इसमें हमारे ही जीवन का प्रतिबिम्ब हैं, 'उपन्यास' है।
- 'उपन्यास' शब्द का प्रयोग प्राचीन संस्कृत साहित्य में भी मिलता है।
- संस्कृत लक्षण ग्रन्थों में इस शब्द का प्रयोग नाटक की संधियों के उपभेद के लिए हुआ था।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी उपन्यासों का प्रकाशन की दृष्टि से सही कालक्रम पहचानिए।
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "अप्सरा-अल्का-कुल्ली भाट-चोटी की पकड़" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- "अप्सरा-अल्का-कुल्ली भाट-चोटी की पकड़" उपन्यास का क्रम प्रकाशन की दृष्टि से सही है।
- अप्सरा (1931)
- अलका (1933)
- कुल्ली भाट (1938-39)
- चोटी की पकड़ (1946)
- निराला जी के रचना वर्ष के क्रम में उपन्यास
- अप्सरा (1931)
- अलका (1933)
- प्रभावती (1936)
- निरुपमा (1936)
- कुल्ली भाट (1938-39)
- बिल्लेसुर बकरिहा (1942)
- चोटी की पकड़ (1946)
- काले कारनामे (1950) {अपूर्ण}
- चमेली (अपूर्ण)
- इन्दुलेखा (अपूर्ण)
- निराला जी के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923)
- परिमल (1930)
- गीतिका (1936)
- अनामिका (द्वितीय) (1939)
- (इसी संग्रह में सरोज स्मृति और राम की शक्तिपूजा जैसी प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है।
- तुलसीदास (1939)
- कुकुरमुत्ता (1942)
- अणिमा (1943)
- बेला (1946)
- नये पत्ते (1946)
- अर्चना(1950)
- आराधना (1953)
- गीत कुंज (1954)
- सांध्य काकली
- अपरा (संचयन)
पार्वती, सुखदेई, दौलत राम और छोटे निम्नलिखित में से किस कथा-कृति के पात्र हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'देवरानी जेठानी की कहानी' उपन्यास के पात्र हैं - पार्वती, सुखदेई, दौलतराम और छोटे।
- देवरानी जेठानी की कहानी(1870 ई. ) पंडित गौरी दत्त द्वारा लिखित उपन्यास है।
Key Points
- देवरानी जेठानी की कहानी को हिंदी का प्रथम उपन्यास डॉ गोपाल राय ने माना।
- मुख्य पात्र - लाला सर्वसुख लाल, लाला दौलतराम, लाला छोटेलाल, पार्वती, सुखदेई, दौलतराम की पत्नी(जेठानी), छोटेलाल की पत्नी(देवरानी)।
Important Points
- उपन्यास का परम लक्ष्य यही बताना है कि समाज-परिवार के लिए पढ़ी-लिखी स्त्रियाँ क्यों ज़रूरी हैं।
- देवरानी जेठानी की कहानी उपन्यास में पढ़ी-लिखी और अनपढ़ स्त्रियों के गुण-दोष को रेखांकित करता है।
Additional Information
- वामा शिक्षक (1872 ई.) - ईश्वरी प्रसाद एवं कल्याण राय
- भाग्यवती(1877 ई.) - श्रद्धाराम फिल्लौरी
- रानी केतकी की कहानी - इंशाअल्लाह खां
राहुल सांकृत्यायन की रचना नहीं है -
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFराहुल सांकृत्यायन की रचना नहीं है -कुल्लीभाट
Key Pointsकुल्लीभाट-
- रचनाकार-सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1939 ई.
- विषय-
- यह इनका संस्मरणात्मक उपन्यास है।
Important Pointsसूर्यकांत त्रिपाठी निराला-
- जन्म-1899-1961 ई.
- उपन्यास-
- अप्सरा(1931 ई.)
- अलका(1933 ई.)
- निरुपमा(1936 ई.)
- प्रभावती(1936 ई.)
- बिल्लेसुर बकरिहा(1942 ई.) आदि।
Additional Informationराहुल सांकृत्यायन-
- जन्म-1893-1963 ई.
- अन्य यात्रा-वृतांत-
- मेरी तिब्बत यात्रा(1937 ई.)
- मेरी लद्दाख यात्रा(1939 ई.)
- किन्नर देश में(1948 ई.)
- घुमक्कड़ शास्त्र(1948 ई.)
- यात्रा के कुछ पन्ने(1952 ई.)
- चीन में कम्यून(1959 ई.) आदि।
'श्यामा स्वप्न' उपन्यास के लेखक थे:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'श्यामा स्वप्न' उपन्यास के लेखक थे: जगमोहन सिंह
- प्रकाशन वर्ष:- 1888 में प्रकाशित हुआI
Additional Information
- देवकी नन्दन खत्री :- चन्द्रकान्ता संतति प्रसिद्ध उपन्यास
- लाला श्रीनिवास दास :- परीक्षा गुरु प्रसिद्ध उपन्यास
- किशोरीलाल गोस्वामी :- आदर्श बाला
हिन्दी का प्रथम मौलिक उपन्यास किसे माना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFहिंदी का प्रथम उपन्यास "परीक्षा गुरु" का प्रकाशन वर्ष 1882 है। परीक्षा गुरु: 1882 सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- परीक्षा गुरू हिन्दी का प्रथम उपन्यास था।
- इसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने की थी।
- रचना 25 नवम्बर,1882 को की थी।
- नूतन ब्रह्मचारी: बल कृष्ण भट्ट
- तितली : जयशंकर प्रसाद
- त्यागपत्र : जैनेन्द्र आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने परीक्षा गुरु को अंग्रेजी के ढंग का हिंदी का पहला मौलिक उपन्यास माना है।
Additional Informationहिंदी का प्रथम उपन्यास, उपन्यासकार एवं प्रस्तोता:-
प्रस्तोता |
उपन्यासकार |
उपन्यास |
रचना वर्ष |
डॉक्टर गोपाल राय |
पंडित गौरी दत्त |
देवरानी जेठानी की कहानी |
1870 |
विजय शंकर मल्ल |
श्रद्धा राम फिल्लौरी |
भाग्यवती |
1877 |
रामचंद्र शुक्ल |
श्रीनिवास दास |
परीक्षा गुरु |
1882 |
उपन्यास |
रचना वर्ष |
रचनाकार |
निस्सहाय हिन्दु |
1890 |
राधा कृष्ण दास |
नूतन ब्रह्मचारी |
1886 |
बालकृष्ण भट्ट |
आदर्श हिंदू |
1914 |
लज्जाराम मेहता |
गाँधी जी के दक्षिण अफ़्रीकी जीवन पर आधारित उपन्यास का क्या नाम है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- गिरिराज किशोर द्वारा लिखा गया 'पहला गिरमिटिया' नामक उपन्यास महात्मा गाँधी के अफ़्रीका प्रवास पर आधारित था, जिसने इन्हें विशेष पहचान दिलाई।
- इनका उपन्यास 'ढाई घर' अत्यन्त लोकप्रिय हुआ था। वर्ष 1991 में प्रकाशित इस कृति को 1992 में ही 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित कर दिया गया था।
- नयी पौध के रचनाकार नागार्जुन है।
- कर्मभूमि के रचनाकार प्रेमचन्द है।
इनमें से कौन-सा उपन्यास यशपाल का नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFउपरोक्त विकल्पो में 'कब तक पुकारूँ उपन्यास यशपाल का नहीं है, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 2 'कब तक पुकारूँ' सही उत्तर होगा।
Key Points
कब तक पुकारूँ प्रसिद्ध साहित्यकार, कहानीकार और उपन्यासकार रांगेय राघव द्वारा लिखा गया उपन्यास है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ा 'बैर' एक ग्रामीण क्षेत्र है। वहाँ नटों की भी बस्ती है। तत्कालीन जरायम पेशा करनटों की संस्कृति पर आधारित एक सफल आँचलिक उपन्यास है। |
अन्य विकल्प :
दादा कामरेड |
दादा कामरेड' यशपाल का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में यशपाल ने क्रान्तिकारी जीवन का चित्रण करते हुए मज़दूरों के संगठन को राष्ट्रोद्धार का अधिक संगत उपाय बतलाया है |
दिव्या |
दिव्या' इतिहास नहीं, ऐतिहासिक कल्पना मात्र है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर व्यक्ति और समाज की प्रवृत्ति और गति का चित्र है। |
झूठा सच |
झूठा सच उपन्यास विभाजन के समय की त्रासदी को बयां करता है।यह मध्य वर्ग का प्रतिनिधि करता है। |
Important Points
- यशपाल हिन्दी साहित्य के प्रेमचंदोत्तर युगीन कथाकार हैं।
- ये विद्यार्थी जीवन से ही क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े थे।
- इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।