काव्य पंक्तियाँ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for काव्य पंक्तियाँ - Download Free PDF

Last updated on May 1, 2025

Latest काव्य पंक्तियाँ MCQ Objective Questions

काव्य पंक्तियाँ Question 1:

कविता 'मोचीराम' की शुरुआती पंक्तियों को सही क्रम में व्यवस्थित करें-

(A) बाबूजी सच कहूँ—मेरी निगाह में

(B) और फिर

(C) राँपी से उठी हुई आँखों ने मुझे

(D) जैसे पतियाए हुए स्वर में

(E) क्षण-भर टटोला

नीचे दिए गए विकल्पों के आधार पर सही विकल्प का चयन कीजिए-

  1. C, E, B, D, A
  2. C, B, E, D, A
  3. A, B, C, D, E
  4. C, E, A, B, D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : C, E, B, D, A

काव्य पंक्तियाँ Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है-  C, E, B, D, A

 

विश्लेषण:
  • कविता की शुरुआत पंक्ति C से होती है: "राँपी से उठी हुई आँखों ने मुझे"।
  • इसके बाद E: "क्षण-भर टटोला"।
  • फिर B: "और फिर"।
  • इसके बाद D: "जैसे पतियाए हुए स्वर में"।
  • अंत में A: "बाबूजी सच कहूँ—मेरी निगाह में"।

काव्य पंक्तियाँ Question 2:

'मोचीराम' कविता में मोची का मुख्य भाव क्या व्यक्त करता है?

  1. अमीर और गरीब के बीच भेदभाव को स्वीकार करना।
  2. केवल अपने पेशे को महत्व देना और मानवता को नजरअंदाज करना।
  3. हर व्यक्ति को उसकी मानवीय गरिमा के साथ देखने की संवेदनशीलता।
  4. समाज में ऊँच-नीच की भावना को बढ़ावा देना।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हर व्यक्ति को उसकी मानवीय गरिमा के साथ देखने की संवेदनशीलता।

काव्य पंक्तियाँ Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है- हर व्यक्ति को उसकी मानवीय गरिमा के साथ देखने की संवेदनशीलता।

 

विश्लेषण:
  • मोची कहता है, "मेरी निगाह में न कोई छोटा है न कोई बड़ा है," जो समानता के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
  • वह जूतों के पीछे "एक अदद आदमी" को देखता है, जो उसकी संवेदनशीलता और मानवीय गरिमा के प्रति सम्मान को दिखाता है।

काव्य पंक्तियाँ Question 3:

कविता में पंक्ति "जूता क्या है—चकतियों की थैली है" का क्या अर्थ है?

(A) जूता केवल एक फैशनेबल वस्तु है।

(B) जूता टूटा-फूटा और बेकार हो चुका है, जो व्यक्ति की गरीबी को दर्शाता है।

(C) जूता एक महँगा और मूल्यवान सामान है।

(D) जूता व्यक्ति की सामाजिक स्थिति को परिभाषित करता है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

  1. A
  2. B
  3. C
  4. D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : B

काव्य पंक्तियाँ Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- (B) जूता टूटा-फूटा और बेकार हो चुका है, जो व्यक्ति की गरीबी को दर्शाता है।

Key Points

भाव-

  • पंक्ति "जूता क्या है—चकतियों की थैली है" एक ऐसे जूते का वर्णन करती है जो पूरी तरह से घिसा हुआ और टुकड़ों में बँटा है, जिसे "चेचक ने चुग लिया" व्यक्ति पहनता है।
  • यह गरीबी, अभाव, और कठिन जीवन की स्थिति को दर्शाता है, जैसा कि कविता में व्यक्ति की "उम्मीद को तरह देती हुई हँसी" से स्पष्ट है।

Important Pointsमोचीराम - 

  • रचनाकार - सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'
  • विधा - कविता 
  • कविता - संग्रह - संसद से सड़क तक 
  • प्रमुख पंक्ति -
    • मुझे हर वक्त यह खयाल रहता है कि
      जूते और पेशे के बीच
      कहीं-न-कहीं एक अदद आदमी है
  • जो वह सोचता कि पेशा एक जाति है
    और भाषा पर
    आदमी का नहीं,किसी जाति का अधिकार है

Additional Informationसुदामा पांडेय धूमिल- 

  • जीवनकाल- 1936-1975 ई.
  • जन्मस्थान- वाराणसी
  • धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
    • संसद से सड़क तक-1972
    • कल सुनना मुझे-1976
    • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र- 1984

काव्य पंक्तियाँ Question 4:

'मोचीराम' कविता में मोची का यह कथन कि "‘इनकार से भरी हुई एक चीख़’ और ‘एक समझदार चुप’ दोनों का मतलब एक है" क्या संदेश देता है?

  1. सामाजिक अन्याय के खिलाफ चीखना और चुप रहना दोनों बेकार हैं।
  2. चीख और चुप्पी दोनों सामाजिक सुधार के लिए बराबर प्रभावी हैं।
  3. चीख और चुप्पी समाज में व्यक्ति की स्थिति को बदलने में असमर्थ हैं।
  4. चीख और चुप्पी दोनों व्यक्ति के भविष्य को गढ़ने में समान रूप से योगदान देती हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : चीख और चुप्पी दोनों व्यक्ति के भविष्य को गढ़ने में समान रूप से योगदान देती हैं।

काव्य पंक्तियाँ Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- चीख और चुप्पी दोनों व्यक्ति के भविष्य को गढ़ने में समान रूप से योगदान देती हैं।

Key Pointsविश्लेषण-

  • कविता की अंतिम पंक्तियों में मोची कहता है, "‘इनकार से भरी हुई एक चीख़’ और ‘एक समझदार चुप’ दोनों का मतलब एक है," और दोनों "भविष्य गढ़ने में…अपना-अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं।"
  • यह दर्शाता है कि चीख (प्रतिरोध) और चुप्पी (सहनशीलता) दोनों ही अपने-अपने तरीके से व्यक्ति के संघर्ष और भविष्य निर्माण में योगदान देते हैं।
  • चीख अन्याय के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक है, जबकि चुप्पी धैर्य और सहनशक्ति का। दोनों ही समाज में शोषित व्यक्ति के लिए जीवित रहने और आगे बढ़ने के साधन हैं।

Important Pointsमोचीराम - 

  • रचनाकार - सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'
  • विधा - कविता 
  • कविता - संग्रह - संसद से सड़क तक 

Additional Informationसुदामा पांडेय धूमिल- 

  • जीवनकाल- 1936-1975 ई.
  • जन्मस्थान- वाराणसी
  • धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
    • संसद से सड़क तक-1972
    • कल सुनना मुझे-1976
    • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र- 1984

काव्य पंक्तियाँ Question 5:

राँपी से उठी हुई आँखों ने मुझे

क्षण-भर टटोला

और फिर

जैसे पतियाये हये स्वर में

वह हँसते हुये बोला- 

उपरोक्त पंक्तियाँ किस कवि की है?

  1. केदारनाथ अग्रवाल 
  2. भवानी प्रसाद मिश्र 
  3. सुदामा पांडेय धूमिल
  4. शमशेर बहादुर सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सुदामा पांडेय धूमिल

काव्य पंक्तियाँ Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - सुदामा पांडेय धूमिल

Key Points

  •  प्रस्तुत पंक्तियाँ 'मोचीराम' कविता से उद्धृत हैं, जो कवि 'सुदामा पाण्डेय 'धूमिल' जी के द्वारा रचित है।

भावार्थ -

  • कवि कहते हैं कि मोचीराम पुराने जूतों की मरम्मत करने वाला एक दलित व्यक्ति है,
  • जो कवि धूमिल जी से कुछ कहना चाहता है, मोचीराम के हाथ में जूतों की मरम्मत करने वाला उपकरण है।
  • उससे नज़र हटाकर आँखे ऊपर उठाकर कवि को थोड़ी देर तक देखता है।
  • ऐसा लगता है मानो वह कवि में कुछ ढूँढने का प्रयास कर रहा हो। उसे टटोलने की कोशिश कर रहा हो
  •  या फिर जैसे वह उसे परखना चाहता हो। उसके बाद मोचीराम ने कवि से हँसते हुए उस पर विश्वास करते हुए
  • बोला कि सच कहूँ बाबूजी मेरी नज़र में ना कोई छोटा है ना कोई बड़ा है।

Important Pointsसुदामा पांडेय धूमिल -

  • (9 नवंबर 1936 - 10 फरवरी 1975)
  • एक भारतीय कवि थे जिन्होंने हिंदी में लिखा।
  • कविता संग्रह -
    • संसद से सड़क तक - 1972
    • कल सुनाना मुझे - 1976
    • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र - 1984
    • श्रीकृष्ण सिंह जीवनी1988
    • धूमिल समग्र (3 खंड के सेट में) - 2021

Additional Informationकेदारनाथ अग्रवाल -

  • (1 अप्रैल, 1911 - 22 जून, 2000) 
  • प्रगतिशील काव्य-धारा के एक प्रमुख कवि थे।
  • कविता संग्रह -
    • युग की गंगा (1947)
    • फूल नहीं रंग बोलते हैं (1965)
    • आग का आइना (1970)
    • गुल मेंहदी (1978)
    • पंख और पतवार (1979)
    • हे मेरी तुम (1981)
    • मार प्यार की थापें (1981) आदि। 

​भवानी प्रसाद मिश्र -

  • (29 मार्च 1914 - 20 फ़रवरी 1985)
  • हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे।
  • वे 'दूसरा सप्तक' के प्रथम कवि हैं। 
  • कविता संग्रह -
    • गीतफ़रोश
    • सतपुड़ा के जंगल 
    • बुनी हुई रस्सी
    • खुशबू के शिलालेख 
    • चकित है दुख 
    • त्रिकाल संध्या 
    • अनाथ तुम आते हो। आदि। 

शमशेर बहादुर सिंह -

  • (13 जनवरी 1911 - 12 मई 1993)
  • आधुनिक हिंदी कविता के प्रगतिशील कवि हैं। 
  • कविता-संग्रह -
    • 'कुछ कविताएं' (1956)
    • 'कुछ और कविताएं' (1961)
    • 'शमशेर बहादुर सिंह की कविताएं' (1972)
    • 'इतने पास अपने' (1980)
    • 'उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्ष' (1980)
    • 'चुका भी हूं नहीं मैं' (1981)
    • 'बात बोलेगी' (1981)
    • 'काल तुझसे होड़ है मेरी' (1988) आदि। 

Top काव्य पंक्तियाँ MCQ Objective Questions

धूमिल ने 'रोटी और संसद' कविता में कितने आदमियों का जिक्र किया है ?

  1. चार
  2. पांच
  3. दो
  4. तीन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : तीन

काव्य पंक्तियाँ Question 6 Detailed Solution

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धूमिल ने 'रोटी और संसद' कविता में- 4)तीन आदमियों का जिक्र किया है।

Important Points

  • सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ का जन्म 9 नवंबर 1936 को उत्तर-प्रदेश वाराणसी के निकट गाँव खेवली में हुआ था।
  •  हिंदी की समकालीन कविता के दौर के मील के पत्थर सरीखे कवियों में एक है।
  • उनकी कृति ‘कल सुनना मुझे’ के लिए उन्हें बाद में साहित्य अकादमी पुरुस्कार से भी नवाज़ा गया। 
  •  इनके तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
  1. संसद से सड़क तक(1972) 
  2. कल सुनना मुझे(1974)
  3. सुदामा पांडेय का प्रजातंत्र(1984)

Additional Information

  • 'रोटी और संसद' की कुछ पंक्तियाँ-

             एक आदमी
            रोटी बेलता है
            एक आदमी रोटी खाता है
            एक तीसरा आदमी भी है

  • धूमिल ने जनतंत्र की क्रांति को शब्द दिए हैं 
  • इनकी लेखनी जो लगभग 5 दशक पहले ही आज की सच्चाई लिख गयी।   

“और अब तो हवा भी बुझ चुकी है
और सारे इश्तहार उतार लिए गए हैं
जिनमें कल आदमी -
अकाल था।"
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि की हैं?

  1. नागार्जुन
  2. मुक्तिबोध
  3. धूमिल
  4. लीलाधर जगूड़ी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : धूमिल

काव्य पंक्तियाँ Question 7 Detailed Solution

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उपयुक्त पंक्तियां "धूमिल" की है। अतः विकल्पों में से विकल्प (3) धूमिल सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • उपर्युक्त पंक्तियां धूमिल की कविता "नक्सलबाड़ी" की है।
  • यह "संसद से सड़क तक"  में संकलित है।
  • इसका रचना वर्ष 1972 ईस्वी है।
Important Points
  • संसद से सड़क तक- धूमिल का पहला काव्य-संग्रह है।
  • इस काव्य-संग्रह में 25 कविताएं हैं जिनमें 'मोचीराम', 'नक्सलबाड़ी', 'कविता' और 'पटकथा' आदि प्रसिद्ध कविताएं हैं।
Additional Information
  • नागार्जुन के काव्य संग्रह:- 
    • युगधारा (1953), सतरंगे पंखों वाली (1959), प्यासी, पथराई आँखें (1962), तालाब की मछलियाँ (1974), तुमने कहा था (1980), खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980), हजार-हजार बाँहों वाली (1981), पुरानी, जूतियों का कोरस (1983), रत्नगर्भ (1984), ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या!! (1985), आखिर ऐसा, क्या कह दिया मैंने (1986), इस गुब्बारे की छाया में (1990), भूल जाओ पुराने सपने (1994), अपने खेत में (1997)
  • गजानन माधव मुक्तिबोध
    • गजानन माधव मुक्तिबोध (13 नवंबर 1917 - 1 सितंबर 1964) हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे। 
    • उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है।
  • लीलाधर जगूड़ी की रचनाएं:- 
    • कविता संग्रह:- 
      • शंखमुखी शिखरों पर, नाटक जारी है, इस यात्रा में, रात अब भी मौजूद है, बची हुई पृथ्वी, घबराए हुए शब्द, भय भी शक्ति देता है, अनुभव के आकाश में चाँद, महाकाव्य के बिना, ईश्वर की अध्यक्षता में, खबर का मुँह विज्ञापन से ढँका है
    • नाटक:- पाँच बेटे
    • गद्य:-  मेरे साक्षात्कार

'अंधेरे में' कविता से सम्बन्धित कौन-सी टिप्पणियाँ रामविलास शर्मा की हैं?

a) 'अंधेरे में' कविता की मूल समस्या यही है कि मध्यवर्ग का बुद्धिजीवी सर्वहारा वर्ग से तादात्म्य कैसे स्थापित करे।

b) कवि मुक्तिबोध के लिए अस्मिता की खोज व्यक्ति की खोज नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की खोज है।

c) मुक्तिबोध के काव्य-संसार की पट-भूमि असंदिग्ध रूप से ऐसी शासन व्यवस्था है जो निहायत चालाक होने के साथ ही बेहद आततायी है।

d) मुक्तिबोध की मुख्य समस्या है, अपना वर्ग छोड़कर दूसरे वर्ग के साथ तादात्म्य स्थापित करना।

निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए:

  1. a) और b)
  2. b) और c)
  3. c) और d)
  4. a) और d)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : a) और d)

काव्य पंक्तियाँ Question 8 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 4 है।
  • A और D विकल्प सही हैंI
  • 'अंधेरे में' कविता से सम्बन्धित कौन-सी टिप्पणियाँ रामविलास शर्मा की हैं?

    a) 'अंधेरे में' कविता की मूल समस्या यही है कि मध्यवर्ग का बुद्धिजीवी सर्वहारा वर्ग से तादात्म्य कैसे स्थापित करे।

    d) मुक्तिबोध की मुख्य समस्या है, अपना वर्ग छोड़कर दूसरे वर्ग के साथ तादात्म्य स्थापित करना

Key Points

  • कविता - अंधेरे में
  • लेखक - गजानन माधव मुक्तिबोध
  • पहला प्रकाशन - 1964
  • कल्पना पत्रिका में ' आशंका के द्वीप अंधेरे में ' नाम से पहला प्रकाशन
  • फैंटेसी शैली की कविता

 

Important Points

  • अन्य कविताएं - ब्रह्म राक्षस, अंतः करण का आयतन, भूल गलती
  • रामविलास शर्मा मार्क्सवादी आलोचक हैं।
  • उनके अनुसार इस कविता में मुक्तिबोध ने अपना बुद्धिजीवी वर्ग छोड़ कर मजदूर वर्ग से तारतम्य बैठने की कोशिश की है।

 

Additional Information

  • नामवर सिंह के अनुसार यह कविता - आत्मा की खोज
  • रामविलास शर्मा के अनुसार - अपराध भावना का अनुसंधान, अरक्षित जीवन की कविता
  • शमशेर बहादुर सिंह के अनुसार - एक दहकता इस्पाती दस्तावेज

'असाध्य वीणा' अज्ञेय के किस कविता संग्रह में है? 

  1. बावरा अहेरी
  2. इन्द्रधनु रौंदे हुए
  3. अरी ओ करुणा प्रभामय
  4. आँगन के पार द्वार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : आँगन के पार द्वार

काव्य पंक्तियाँ Question 9 Detailed Solution

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'असाध्य वीणा' अज्ञेय के आँगन के पार द्वार कविता संग्रह में है।

Key Points

  • आँगन के पार द्वार-काव्य संग्रह अज्ञेय द्वारा 1961ई. में रचित है।
  • अज्ञेय(1911-1987)-पूरा नाम:सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन 'अज्ञेय'।
  • तार सप्तक(1943) के प्रेणता,प्रयोगवादी कवि है।

Important Points

  • असाध्य वीणा-पूर्णतः प्रतीकात्मक कविता है।किरीटी तरु परम सत्य का प्रतीक है।उससे बनाई गई वीणा सत्य की उपलब्धि का साधन मार्ग है और वीणा से निकलने वाला संगीत परमात्मा की अभिव्यक्ति है।यह सत्य प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भावनाओं के अनुसार उपलब्ध होता है।
  • मुख्य काव्य संग्रह-भग्नदूत(1933ई.),चिंता(1942ई.),इत्यलम(1946ई.),हरि घास पर क्षणभर(1954ई.),बावरा अहेरी(1954ई.), इंद्रधनुष रौंदे हुए ये(1957ई.),अरी ओ करुणा प्रभामय(1959ई.)आदि।

Additional Information

  • बच्चन सिंह-"वे अपनी सोच व तकनीक में आधुनिक हैं","अज्ञेय की प्रकृति प्रेम में एक विराटता,एकांत और सन्नाटा है।"
  • रामस्वरूप चतुर्वेदी-"आधुनिक साहित्य में मानवीय व्यक्तित्व व उसकी सर्जनात्मकता की सबसे गहरी चिंतना अज्ञेय के कृतित्व में मिलती है।"

सूची I का सूची II से मिलान कीजिए

सूची I काव्य पंक्ति

सूची II कविता

A.

जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कूक

I.

यह दीप अकेला

B.

यह वह विश्नास नहीं जो अपनी लघुता में भी काँपा

II.

अकाल दर्शन

C.

धँसो इनमें डर नहीं है मौत का यह घर नहीं है

III.

शासन की बंदूक

D.

भूह कौन उपजाता है

IV.

सतपुड़ा के जंगल

 

 

 

 

 

 

 

 

निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. A - III, B - IV, C - I, D - II
  2. A - IV, B - I, C - III, D - II
  3. A - III, B - I, C - IV, D - II 
  4. A - IV, B - III, C - II, D - I 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : A - III, B - I, C - IV, D - II 

काव्य पंक्तियाँ Question 10 Detailed Solution

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मिलान -  A - III, B - I, C - IV, D - II 

Key Points

सूची I का सूची II से मिलान

सूची काव्य पंक्ति

सूची II कविता

A.

जली ठूँठ पर बैठकर गई कोकिला कूक

III.

शासन की बंदूक

B.

यह वह विश्नास नहीं जो अपनी लघुता में भी काँपा

I.

यह दीप अकेला

C.

धँसो इनमें डर नहीं है मौत का यह घर नहीं है

IV.

सतपुड़ा के जंगल

D.

भूह कौन उपजाता है

II.

अकाल दर्शन

 

 

 

 

 

 

 

 Important Points

शासन की बंदूक -

  • रचनाकार – नागार्जुन
  • प्रकाशन वर्ष - 1966 ई.
  • अन्य
    • शासन की बंदूक नामक कविता तत्कालीन सत्ताधारी शासको के प्रति कवि का कटाक्ष  है।
    • वे जनता के उत्तरदायित्व पर सट्टा धारकों से प्रश्न पूछते हैं।
    • यह दीप अकेला-
  • रचनाकार - अज्ञेय
  • प्रकाशन वर्ष - 1953 ई.
  • मुख्य
    • यह कविता उनके काव्य संग्रह  'बावरा अहेरी'में संग्रहित है।
    • अज्ञेय प्रयोगवादी काव्य धारा और नई कविता के कई रहे इसलिए उनके ऊपर यह आरोपी लगता है कि वह व्यक्तिवादी कवि है यह कविता इन बनी बनाई धारणाओं को तोड़ती है।

सतपुड़ा के जंगल-

  • रचनाकार - भवानी प्रसाद मिश्र
  • प्रकाशन वर्ष - 1956 ई.
  • मुख्य -
    • यह कविता उनके 'गीत फरोश' काव्य संग्रह में संकलित है।

 अकाल दर्शन

  • रचनाकार - सुदामा पांडे धूमिल
  • प्रकाशन वर्ष - 1972 ई.
  • मुख्य
    • यह कविता उनके काव्य संग्रह 'संसद से सड़क तक' से ली गई है

 Additional Information

नागार्जुन - (1911 ई.)
रचनाएं

  • युगधारा (1953 ई.)
  • सतरंगी पंखों वाली (1959 ई.)
  • प्यासी पत्थराई आंखें (1962 ई.)
  • भस्माकुर (1974 ई.)
  • तालाब की मछलियां (1974 ई.)
  • तुमने कहा था (1980 ई.)

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय - (1911 ई.)
रचनाएं –

  • भगन्दूत (1933 ई.)
  • चिंता (1942 ई.)
  • इत्यलम (1946 ई.)
  • हरी घास पर क्षणभर (1949 ई.)
  • बावरा अहेरी (1954 ई.)
  • आंगन के पार द्वार (1961 ई.)
  • कितनी नावों में कितनी बार (1967 ई.)

भवानी प्रसाद मिश्र - (1914 ई.)
रचनाएं –

  • गीत फरोश (1953 ई.)
  • बुन्नी हुई रस्सी (1971 ई.)
  • खुशबू के शिलालेख (1973 ई.)
  • त्रिकाल संध्या (1978 ई.)
  • अनाम तुम आते हो (1979 ई.)
  • कालजयी (1980 ई.)

सुदामा पांडे धूमिल - (1931 ई.)
रचनाएं –

  • संसद से सड़क तक (1972 ई.)
  • कल सुनना मुझे (1977 ई.)
  • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र (1984 ई.)

ओ मेरे आदर्शवादी मन,

और मेरे सिद्धांतवादी मन,

अब तक क्या किया?

जीवन क्या जिया।।

उपर्युक्त पंक्तियों के आधार पर निम्नलिखित में से कौन सा सहीं नहीं है?

  1. स्वयं से असंतुष्टि
  2. आत्मालोचना
  3. असमंजस की स्थिति
  4. आत्ममंथन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : असमंजस की स्थिति

काव्य पंक्तियाँ Question 11 Detailed Solution

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ओ मेरे आदर्शवादी मन,और मेरे सिद्धान्तवादी मन,अब तक क्या किया?,जीवन क्या जिया।।-पंक्तियों के आधार पर असमंजस की स्थिति सही उत्तर नही हैं।

Key Points

  • यह पंक्तियां अंधेरे में कविता में संकलित है।
  • अंधेरे में मुक्तिबोध की बहुचर्चित व लंबी कविता है।
  • सन 1964 में कल्पना पत्रिका में 'अंधेरे में' कविता का पहला प्रकाशन 'आशंका के द्वीप अंधेरे में' नाम से हुआ था।

Important Points

  • मुक्तिबोध को 'भयानक कवियों का कवि' कहा जाता है।
  • इनके काव्य संग्रह है- चांद का मुंह टेढ़ा है(1964),भूरि-भूरि खाक धूल(1980)।

Additional Information

  • अँधेरे में कविता पर आलोचकों के विचार-
  1. "यह कविता देश के आधुनिक जन इतिहास का स्वतंत्रता पूर्व और पश्चात एक दहकता इस्तापी दस्तावेज है। इसमें अजब और अद्भुत रूप से व्यक्ति और जन का एकीकरण है।"-शमशेर बहादुर सिंह
  2. "'अंधेरे में' के लंबे खंडों में कविता की समस्या है समाज के उत्थान-पतन और आंदोलन के बीच अपनी रचना के प्रेरक तत्वों का अभिज्ञान रचना कैसे बाहर से अंदर आती है फिर कैसे बाहर दूर-दूर तक परी व्याप्त हो जाती है।"-रामस्वरूप चतुर्वेदी
  3. "अस्मिता की खोज"- नामवर सिंह
  4. "अपराध भावना का अनुसंधान" तथा "अरक्षित जीवन की कविता"-रामविलास शर्मा

'सहमति...

नहीं, यह समकालीन शब्द नहीं है

इसे बालिगों के बीच चालू मत करो'

ये पंक्तियाँ किस कविता से हैं?

  1. अकाल दर्शन
  2. नक्सलबाड़ी
  3. रोटी और संसद
  4. मोचीराम

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नक्सलबाड़ी

काव्य पंक्तियाँ Question 12 Detailed Solution

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प्रस्तुत पंक्तियाँ नक्सलबाड़ी कविता से हैं , विकल्प 2 सही है।

Key Points

  • नक्सलबाड़ी कविता को धूमिल ने 1972 ई. में रचा।
  • नक्सलबाड़ी कविता सड़क से संसद तक काव्य संग्रह में संकलित है। 
  • अकाल दर्शन और मोचीराम कविता भी सड़क से संसद कविता संग्रह में संकलित हैं।
  • रोटी और संसद कल सुनना मुझे काव्य संग्रह में संकलित हैं।

Important Points

  •  नक्सलबाड़ी कविता की अन्य महत्वपूर्ण पंक्तियाँ हैं - ​​1)'मुझे अपनी कविताओं के लिए , दूसरे प्रजातंत्र की तलाश है' , 2) 'तुम्हारे पड़ोसी का गला/अचानक, अपनी स्लेट से काट सकता है, क्या मैंने गलत कहा​।

Additional Information

  • मोचीराम - "जबकि मैं जानता हूँ कि 'इनकार से भरी हुई एक चीख' और 'एक समझदार चुप' दोनों का मतलब एक है"।
  • अकाल दर्शन - "भारतवर्ष नदियों का देश है"।
  • रोटी और संसद - "एक आदमी/रोटी बेलता है, एक आदमी रोटी खाता है, एक तीसरा आदमी भी है, जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है, वह सिर्फ़ रोटी खेलता है/मैं पूछता हूँ, 'यह तीसरा आदमी कौन है? मेरे देश की संसद मौन है।"

निम्नलिखित काव्य पंक्तियों को उनके रचनाकारों से सुमेलित कीजिए :

सूची-I 

(काव्य पक्तियाँ) 

सूची- II

(रचनाकार)

(a) मैं बकता नहीं हूँ कविताएँ/ईजाद करता हूँ गाली  (i) धूमिल
(b) इस वक्त जबकि कान नहीं सुनते हैं कविताएँ/कविता पेट से सुनी जाती है  (ii) श्रीकान्त वर्मा
(c) आज फिर शुरु हुआ जीवन आज मैंने एक छोटी- सी सरल सी कविता पढ़ी (iii) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(d) मैं नया कवि हूँ/इसी से जानता हूँ सत्य की चोट बहुत गहरी होती है (iv) रघुवीर सहाय
  (v) शमशेर बहादुर सिंह


निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :

  1. (a) - (v), (b) - (ii), (c) - (iii), (d) - (iv)
  2. (a) - (iv), (b) - (iii), (c) - (ii), (d) - (i)
  3. (a) - (ii), (b) - (i), (c) - (iv), (d) - (iii)
  4. (a) - (iii), (b) - (ii), (c) - (iv), (d) - (v)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (a) - (ii), (b) - (i), (c) - (iv), (d) - (iii)

काव्य पंक्तियाँ Question 13 Detailed Solution

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 उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points

काव्य पक्तियाँ

रचनाकार

(a) मैं बकता नहीं हूँ कविताएँ/ईजाद करता हूँ गाली 

श्रीकान्त वर्मा

(b) इस वक्त जबकि कान नहीं सुनते हैं कविताएँ/कविता पेट से सुनी जाती है

धूमिल

(c) आज फिर शुरु हुआ जीवन आज मैंने एक छोटी- सी सरल सी कविता पढ़ी

रघुवीर सहाय

(d) मैं नया कवि हूँ/इसी से जानता हूँ सत्य की चोट बहुत गहरी होती है

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Important Points

  • श्रीकांत वर्मा की प्रमुख रचनाएँ :-
    • काव्य
    • भटका मेघ, माया दर्पण, दिनारम्भ, जलसाघर, मगध, गरुड़ किसने देखा है
    • कहानी संग्रह
    • झाड़ी, संवाद, घर, ठंड, बास, साथ
    • उपन्यास
    • दूसरी बार, अश्वत्थ, ब्यूक
  • धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
    • संसद से सड़क तक (1972)
    • कल सुनना मुझे (1976)
    • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र (1984)
  • रघुवीर सहाय की रचनाएं:- 
    • दूसरा सप्तक, सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता संग्रह), रास्ता इधर से है (कहानी संग्रह), दिल्ली मेरा परदेश और लिखने का कारण(निबंध संग्रह) 
  • सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के काव्य :-
    • तीसरा सप्तक – सं. अज्ञेय, (1959), काठ की घंटियां (1959), बांस का पुल (1963), एक सूनी नाव (1966), गर्म हवाएं (1966),  कुआनो नदी  (1973), जंगल का दर्द (1976), खूंटियों पर टंगे लोग (1982)
Additional Information
  • शमशेर बहादुर सिंह के कविता-संग्रह :-
    • कुछ कविताएँ (1959), कुछ और कविताएँ (1961) ,चुका भी हूँ नहीं मैं (1975), इतने पास अपने (1980), उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्ष (1980), बात बोलेगी (1981), काल तुझसे होड़ है मेरी (1988), कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ (1995), सुकून की तलाश में (1998)

“लीक पर वे चलें जिनके

चरण दुर्बल और हारे हैं,

हमें तो जो हमारी यात्रा से बने

ऐसे अनिर्मित पंथ प्यारे हैं"

इन पंक्तियों के सृजेता हैं

  1. भारत भूषण अग्रवाल
  2. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  3. चन्‍द्रकान्‍त देवताले
  4. भवानी प्रसाद मिश्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

काव्य पंक्तियाँ Question 14 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "सर्वेश्वर दयाल सक्सेना" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • उपर्युक्त काव्य पंक्तियां सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की है।
  • सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएं
    • तीसरा सप्तक – सं. अज्ञेय, (1959), काठ की घंटियां (1959), बांस का पुल (1963), एक सूनी नाव (1966), गर्म हवाएं (1966), कुआनो नदी (1973), जंगल का दर्द (1976), खूंटियों पर टंगे लोग (1982), क्या कह कर पुकारूं – प्रेम कविताएं, कविताएं (1), कविताएं (2), कोई मेरे साथ चले, मेघ आये,काला कोयल
Additional Information
  • भारत भूषण अग्रवाल
    • छवि के बंधन, जागते रहो, ओ अप्रस्तुत मन, अनुपस्थित लोग, मुक्तिमार्ग, एक उठा हुआ हाथ, उतना वह सूरज है कविता-संग्रह पर साहित्य अकादमी पुरस्कार, एक उठा हुआ हाथ, उतना वह सूरज है, अहिंसा, चलते-चलते, परिणति, प्रश्नचिह्न, फूटा प्रभात, भारतत्व, मिलन, विदा बेला, विदेह, समाधि लेख
  • देवताले जी की प्रमुख कृतियाँ हैं
    • हड्डियों में छिपा ज्वर, दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हँस रहा है, रोशनी के मैदान की तरफ़, भूखंड तप रहा है, हर चीज़ आग में बताई गई थी, पत्थर की बैंच, इतनी पत्थर रोशनी, उजाड़ में संग्रहालय आदि।
  • भवानी प्रसाद मिश्र के कविता संग्रह
    • गीत फरोश, चकित है दुख, गान्धी पंचशती, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, त्रिकाल सन्ध्या, व्यक्तिगत, परिवर्तन जिए, तुम आते हो, इदम् न मम, शरीर कविता: फसलें और फूल, मानसरोवर दिन, सम्प्रति, अँधेरी कविताएँ, तूस की आग, कालजयी, अनाम, नीली रेखा तक और सन्नाटा।

न वह अच्छा है न बुरा

न वह कोमल है न सख्त

वह है सिर्फ शुद्ध वक्त | किसने कहा?

  1. हरिवंशराय बच्चन
  2. मुक्तिबोध
  3. भवानी प्रसाद मिश्र
  4. दिनकर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : भवानी प्रसाद मिश्र

काव्य पंक्तियाँ Question 15 Detailed Solution

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सही उत्तर - भवानी प्रसाद मिश्र

Key Points\

  • दूसरे सप्तक के प्रथम कवि 
  • गांधीवादी विचारक 
  • कविताओं पर गांधी दर्शन का प्रभाव 

  

  • प्रथम संग्रह - गीत फ़रोश
  • बुनी हुई रस्सी पर साहित्य अकादमी पुरस्कार 
  • इनको सहजता का कवि कहा जाता हैI

Additional Information

  •  हरिवंश राय बच्चन हालावाद के प्रवर्तक रहेI
  • मुक्तिबोध गहन अनुभूति और तीव्र इन्द्रियबोध के कवि हैंI 
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