महिला उपन्यासकार MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for महिला उपन्यासकार - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]
Last updated on Mar 23, 2025
Latest महिला उपन्यासकार MCQ Objective Questions
Top महिला उपन्यासकार MCQ Objective Questions
महिला उपन्यासकार Question 1:
गिरिराज जी किशोर का उपन्यास है:-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 1 Detailed Solution
"पहला गिरमिटिया", "गिरिराज जी किशोर" का उपन्यास है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) गिरिराज किशोर सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- पहला गिरमिटिया, गिरिराज किशोर द्वारा रचित एक हिन्दी उपन्यास है जो महात्मा गांधी पर आधारित है।
- इसका रचना वर्ष 1999 ईस्वी है।
- इसके नायक "मोहनदास" हैं अर्थात गांधीजी का आरम्भिक रूप।
- गिरिराज किशोर (8 जुलाई 1937 - 9 फरवरी 2020)
- हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार होने के साथ-साथ एक सशक्त कथाकार, नाटककार और आलोचक थे।
- उपन्यास ढाई घर (1991)को 1992 में ही साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कर दिया गया था।
- नाटक:- नरमेध, प्रजा ही रहने दो, चेहरे - चेहरे किसके चेहरे, केवल मेरा नाम लो, जुर्म आयद, काठ की तोप।
महिला उपन्यासकार Question 2:
राजेन्द्र यादव का उपन्यास है:-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 2 Detailed Solution
"सारा आकाश" उपन्यास राजेंद्र यादव का है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) सारा आकाश सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- सारा आकाश,राजेन्द्र यादव जी द्वारा लिखित एक सामाजिक यथार्थवादी उपन्यास है।
- इसका रचना वर्ष 1959 ईस्वी है।
- सारा आकाश की कथा मध्यवर्गी परिवार की है।
- उपन्यास कथा का केंद्र है समर तथा उसका 8 सदस्यों का संयुक्त परिवार . समर ,उसके माता - पिता ,बड़े भाई धीरज ,उनकी पत्नी ,दो छोटे भाई तथा एक छोटी बहन मुन्नी
- "सारा आकाश" उपन्यास इससे पहले "प्रेत बोलते हैं" नाम से 1951 में प्रकाशित हुआ था।
Important Points
महिला उपन्यासकार Question 3:
'लछमी दासिन' निम्नलिखित मे से किस उपन्यास की पात्र है-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 3 Detailed Solution
- लच्छमी दासिन मैला आंचल उपन्यास की पात्र है।
- रचनाकार - फणीश्वरनाथ रेणु
- प्रकाशन वर्ष - 1954
- बिहार के पूर्णिया जिले के मेरीगंज नामक गांव की कहानी
- कालाअजार नामक बीमारी का जिक्र
Important Points
- श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास
- जाति समाज और वर्ग चेतना पर आधारित उपन्यास
- पद्म श्री से सम्मानित
- मुख्य पात्र - डॉ. प्रशांत , कमली, विश्वनाथ मालिक, लछमी दासिन, महंत, कालीचरण, बालदेव आदि
Additional Information
- यह फणीश्वर नाथ रेणु का पहला उपन्यास है।
- परती परिकथा, जुलूस और कितने चौराहे भी रेणु के ही अन्य प्रसिद्ध उपन्यास हैं।
- अन्य उपन्यास - दीर्घतपा, पलटू बाबू रोड
- कथा-संग्रह
- एक आदिम रात्रि की महक
- ठुमरी
- प्रसिद्ध कहानियाँ
- मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम)
- एक आदिम रात्रि की महक
- लाल पान की बेगम
- पंचलाइट
महिला उपन्यासकार Question 4:
प्रेमचंद के उपन्यासों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 4 Detailed Solution
प्रेमचंद के उपन्यासों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम है- सेवासदन, रंगभूमि, निर्मला, कर्मभूमि
प्रकाशन वर्ष के अनुसार-
उपन्यास | प्रकाशन वर्ष |
सेवासदन | 1918 ई. |
रंगभूमि | 1925 ई. |
निर्मला | 1927 ई. |
कर्मभूमि | 1932 ई. |
Key Pointsसेवासदन-
- रचनाकार-प्रेमचंद
- विधा-उपन्यास
- विषय-
- प्रेमचंद ने सेवासदन उपन्यास सन् 1916 में उर्दू भाषा में लिखा था।
- बाद में सन 1918 में उन्होने इसका हिन्दी अनुवाद स्वयं किया।
- उर्दू में यह बाज़ारे-हुस्न नाम से लिखा गया था।
रंगभूमि-
- रचनाकार-प्रेमचंद
- विधा-उपन्यास
- विषय-
- यह कृति नौकरशाही तथा पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव; सत्य, निष्ठा और अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन तथा स्त्री दुदर्शा का भयावह चित्र प्रदर्शित कराती है
कर्मभूमि-
- रचनाकार-प्रेमचंद
- विधा-उपन्यास
- विषय-
- यह उपन्यास एक राजनीतिक उपन्यास है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक समस्याओं को कुछ परिवारों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
निर्मला-
- रचनाकार-प्रेमचंद
- विधा-उपन्यास
- विषय-
- दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ।
Additional Informationप्रेमचंद्र द्वारा रचित अन्य उपन्यास -
उपन्यास | प्रकाशन वर्ष |
गोदान | 1936 |
गबन | 1931 |
प्रेमा | 1907 |
वरदान | 1921 |
मंगलसूत्र | 1948 |
महिला उपन्यासकार Question 5:
"'झूठा सच' यशपाल जी के उपन्यासों में सर्वश्रेष्ठ है। उसकी गिनती हिन्दी के नये पुराने श्रेष्ठ उपन्यासों में होगी-यह निश्चित है। यह उपन्यास हमारे सामाजिक जीवन का एक विशद् चित्र उपस्थित करता है। इस उपन्यास में यथेष्ट करुणा है, भयानक और वीभत्स दृश्यों की कोई कमी नहीं । श्रंगार रस को यथासम्भव मूल कथा-वस्तु की सीमाओं में बाँध कर रखा गया है। हास्य और व्यंग्य ने कथा को रोचक बनाया है और उपन्यासकार के उद्देश्य को निखारा है।"
'झूठा-सच' उपन्यास के संदर्भ में उपर्युक्त कथन किसने कहा है?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 5 Detailed Solution
'झूठ-सच' उपन्यास के संदर्भ में उपर्युक्त कथन रामविलास शर्मा ने कहा है। Key Pointsझूठा-सच-
- रचनाकार- यशपाल
- विधा- उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष- 1958-1960 ई.
- भाग- 2
- वतन और देश।
- देश का भविष्य।
- प्रमुख पात्र-
- तारा, जयदेव, कनक, गिल, डाक्टर नाथ, नैयर, सूद जी, सोमराज, रावत, ईसाक, असद और प्रधान मंत्री भी काल्पनिक पात्र हैं।
- विषय-
- ‘झूठा सच’ स्वतंत्रता पूर्व और प्राप्ति के बाद के यथार्थ को चित्रित करने वाला उपन्यास है।
- इसका पहला खण्ड ‘वतन और देश’ और दूसरा खण्ड ‘देश का भविष्य’ आज़ादी के पूर्व और अज़ादी के बाद के भारत की संघर्ष कथा को बड़ी सजीवता से रूपायित करते हैं।
- झूठा-सच के बारे में आलोचकों का कथन-
- रामविलास शर्मा के अनुसार-
- झूठा सच' यशपाल जी के उपन्यासों में सर्वश्रेष्ठ है। उसकी गिनती हिन्दी के नये पुराने श्रेष्ठ उपन्यासों में होगी-यह निश्चित है। यह उपन्यास हमारे सामाजिक जीवन का एक विशद् चित्र उपस्थित करता है। इस उपन्यास में यथेष्ट करुणा है, भयानक और वीभत्स दृश्यों की कोई कमी नहीं । श्रंगार रस को यथासम्भव मूल कथा-वस्तु की सीमाओं में बाँध कर रखा गया है। हास्य और व्यंग्य ने कथा को रोचक बनाया है और उपन्यासकार के उद्देश्य को निखारा है।
- नेमिचंद्र जैन के अनुसार-
- हिन्दी उपन्यास साहित्य की सबसे महत्त्वपूर्ण कृतियों में होने पर भी 'झूठा सच' अंततः किसी आत्यन्तिक सार्थक उपलब्धि के स्तर को छूने में असफल ही रह जाता है
- शिवकुमार मिश्र के अनुसार-
- 'झूठा सच' को पाठकों की व्यापक सराहना मिली। उस पर 'अखबारी कतरन' होने के आरोप भी इधर-उधर से आये परन्तु रमेश कुंतल मेघ ने उसे 'कला जैसा लिखा गया इतिहास' कह कर उसकी रचनात्मक प्रकृति की सही पहचान की। इतने विशद पट पर, आधुनिक इतिहास की एक रचनात्मक घटना इतिहास से विलग कैसे रह सकेगी? यशपाल की खूबी है कि उन्होंने उस इतिहास को कला के अपने सौष्ठव से जोड़कर प्रस्तुत किया।
Important Pointsयशपाल-
- जन्म- 1903 - 1976 ई.
- उपन्यास-
- दादा कामरेड (1941 ई.)
- देशद्रोही (1943 ई.)
- पार्टी कामरेड (1947 ई.)
- दिव्या (1945 ई.)
- मनुष्य के रूप (1949 ई.)
- अमिता (1956 ई.)
- झूठा सच (1958-1960 ई.)
- अप्सरा का शाप (2010 ई.)
महिला उपन्यासकार Question 6:
निम्न उपन्यासों को प्रकाशन वर्ष के अनुसार पहले से बाद के क्रम में लगाएं-
A. गढ़कुंडार
B. विराटा की पद्मिनी
C. झांसी की रानी
D. मृगनयनी
E. माधवजी सिंधिया
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन करें-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 6 Detailed Solution
उपन्यासों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार पहले से बाद का सही क्रम - A, B, C, D, E
Key Points
यह सभी उपन्यास वृंदावन लाल वर्मा के है
गढकुण्डार -
- प्रकाशन वर्ष - 1928 ई.
विराटा की पद्मिनी -
- प्रकाशन वर्ष - 1936 ई.
झांसी की रानी -
- प्रकाशन वर्ष 1946 ई.
मृगनयनी -
- प्रकाशन वर्ष -1950 ई.
माधव जी सिंधिया -
- प्रकाशन वर्ष - 1957 ई.
Important Points
वृंदावन लाल वर्मा -
- जन्म - 1889 ई. झांसी उत्तर प्रदेश
- अन्य उपन्यास-
- कचनार (1948 ई.)
- टूटे कांटे (1954 ई.)
- अहिल्याबाई (1955 ई.)
- भुवन विक्रम (1957 ई.)
- रामगढ़ की रानी (1961 ई.)
- महारानी दुर्गावती (1964 ई.)
- कीचड़ और कमल (1964 ई.)
- सोती आग (1966 ई.)
- देवगढ़ की मुस्कान (1973 ई.)
Additional Information
- वृंदावन लाल वर्मा को हिंदी मे 'सर बाल्टर स्काट' की उपाधि दी जाती है।
- वृंदावन लाल वर्मा के ऐतिहासिक उपन्यास बुंदेलखंड के मुस्लिम शासनकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित है।
महिला उपन्यासकार Question 7:
'मैला आँचल' की स्त्री पात्र हैं :
A. सुहागी
B. फुलिया
C. मनोरमा
D. आभा रानी
E. मंगला देवी
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 7 Detailed Solution
'मैला आँचल' की स्त्री पात्र हैं-
- B. फुलिया
- D. आभा रानी
- E. मंगला देवी
Key Pointsमैला आँचल-
- रचनाकार-फणीश्वरनाथ रेणु
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1954ई.
- पात्र-
- डॉ. प्रशांत, कमला, बलदेव, कालीचरन, बावनदास आदि।
- विषय-
- इसका कथाकाल 1946 से 1948ई. के बीच का है।
- पूर्णिया जिले के मेरीगंज गाँव की कथा है।
- ग्रामीण अंचल के सामाजिक,राजनीतिक और आर्थिक यथार्थ को चित्रित किया गया है।
Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म-1921-1977ई.
- प्रमुख आंचलिक उपन्यासकार है।
- उपन्यास-
- परती परिकथा(1957ई.)
- दीर्घतपा(1964ई.)
- जुलूस(1965ई.)
- कितने चौराहे(1966ई.)
- पल्टूबाबू रोड(1979ई.) आदि।
महिला उपन्यासकार Question 8:
निम्नलिखित उपन्यासों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही अनुक्रम है:
A देवरानी जेठानी की कहानी
B परीक्षा गुरु
C मैला आंचल
D झूठा सच
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 8 Detailed Solution
उपन्यास | रचनाकार | प्रकाशन वर्ष |
देवरानी जेठानी की कहानी | 1870 ई. | पंडित गौरी दत्त |
परीक्षा गुरु | 1882 ई. | लाला श्रीनिवास दास |
मैला आंचल | 1954 ई. | फणीश्वर नाथ रेणु |
झूठा सच | 1958 ई. | यशपाल |
महिला उपन्यासकार Question 9:
प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित उपन्यासों का सही अनुक्रम है :
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 9 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष के अनुसार उपन्यासों का सही अनुक्रम "सूनी घाटी का सूरज, सीमाएँ टूटती हैं, मकान, विश्रामपुर का संत" है।
- सूनी घाट का सूरज (1957)
- सीमाएँ टूटती हैं (1973)
- मकान (1976)
- विश्रामपुर का संत (1998)
- उपर्युक्त सभी उपन्यास श्रीलाल शुक्ल के हैं।
श्रीलाल शुक्ल के उपन्यास व उनकी कथावस्तु-
- सुनी घाटी का सूरज
- प्रतिभाशाली उच्च वर्गीय निर्धन छात्र की संघर्ष गाथा
- अज्ञातवास
- एक व्यक्ति का अपनी पत्नी के प्रति क्रूर व्यवहार एवं पश्चाताप का चित्रण
- राग दरबारी
- शिवपाल गंज की जिंदगी का यथार्थ चित्रण
- सीमाएं टूटती है
- अपराध एवं रोमांस मिश्रित एक कहानी
- मकान
- संगीतज्ञ बाबू का मकान के लिए अफसरों की खुशामद का चित्रण
- पहला पड़ाव
- भवन बनाने वाले मजदूरों के शोषण का चित्रण
- विश्रामपुर का संत
- राजनीतिक पुरुषों के पाखंड का चित्रण
श्रीलाल शुक्ल के रचना वर्ष के क्रम में उपन्यास-
- सूनी घाट का सूरज (1957)
- अंगद का पाँव (1958)
- अज्ञातवास (1962)
- राग दरबारी (1968)
- यहाँ से वहाँ (1970)
- आदमी का ज़हर (1972)
- सीमाएँ टूटती हैं (1973)
- मकान (1976)
- उमरावनगर में कुछ दिन (1986)
- पहला पड़ाव (1987)
- विश्रामपुर का संत (1998)
महिला उपन्यासकार Question 10:
फणीश्वर नाथ रेणु की रचनाओ का सही प्रकाशन वर्ष है:-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला उपन्यासकार Question 10 Detailed Solution
- मैला आँचल, परती परिकथा, दीर्घतपा, पलटू बाबू:- यह इन उपन्यासों का उचित क्रम है।
Key Points
मैला आंचल - सन् 1954
परिती कथा - सन् 1957
दीर्घतपा - सन् 1963
जुलुस - सन् 1965
पलटू बाबू रोड - सन् 1971
Additional Information
- फणीश्वर नाथ रेणु हिंदी मे आंचलिक उपन्यासकार के जन्मदाता के रूप में प्रसिद्ध है |
- मैला आंचल इनका प्रथम और प्रमुख उपन्यास है जी इनकी ख्याति का आधार है |
- मैला आंचल का प्रकाशन १९५४ मे हुआ, इसमें बिहार के पूर्णिया जिले के मेरीगंज गाँव की कथा का वर्णन है |
रेणु की प्रमुख कृतियाँ -
- नोट - नागार्जुन रचना क्रम मे प्रथम आंचलिक उपन्यासकार है