प्रत्येकभाषायाः विशिष्टध्वनयः संरचना शब्दावली च सन्ति। भाषायाः एवं विधं वैशिष्टयं सूचयति यत्

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CTET Feb 2016 Paper 1 (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)
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  1. भाषा प्रजातिविशिष्टा वर्तते
  2. भाष यादृच्छिकी वर्तते
  3. भाषा एकः कौशलविषयः वर्तते
  4. भाषा एका व्यवस्था वर्तते

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Option 4 : भाषा एका व्यवस्था वर्तते
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प्रश्न का अनुवाद - प्रत्येक भाषा की विशिष्ट ध्वनियां और शब्दावली संरचना होती है, भाषा की यह विशेषता सूचित करती है, कि _____

स्पष्टीकरण -

भाषा के अंतर्गत ऐसे 'ध्वनिप्रतीकों' का पूर्ण योग आता है, जिनके द्वारा हम अपने विचारों और अनुभूतियों को व्यक्त कर सकते हैं, तथा जिन्हें स्वेच्छानुसार उत्पन्न किया और दोहराया जा सकता है ।

 

 भाषा की विशेषताएँ - 

  • भाषा मूलत: मुख से उच्चारित होती है। इसकी ध्वनियों के उच्चारण के लिए निश्चित स्थान और प्रयत्न होता हैं। 
  • भाषा यादृच्छिक ध्वनि -प्रतीकों की व्यवस्था हैं। किसी एक वस्तु के लिए प्रत्येक भाषा में समान ध्वनि प्रतीक नहीं होते। अंग्रेजी में (Tree), हिन्दी में पेड़ हैं। इस शब्द के लिए दोनों भाषाओं के ध्वनि प्रतीक अलग-अलग हैं। वस्तु और ध्वनि प्रतीकों का संबंध किसी भाषा समाज के द्वारा निश्चित और स्वीकृत होता हैं। किसी भी भाषा में ध्वनि या ध्वनि समूह से बना शब्द विशेष अर्थ का वाचक होकर परंपरा से पूर्णत: यादृच्छिक (ऐच्छिक) रूप से प्रयुक्त होता हैं। इसलिए दूसरी भाषा में उस वस्तु के लिए भिन्न शब्द उपलब्ध होता हैं। 
  • प्रत्येक भाषा में दो मूलभूत इकाइयाँ हैं 'ध्वनि और शब्द' । ध्वनि भाषा की 'न्यूनतम' इकाई है। ध्वनि या ध्वनियाँ से बनी बड़ी इकाई को 'शब्द' कहते हैं।  
  • 'भाषा एक व्यवस्था है' जिसमें चार व्यवस्थाएँ होती हैं- 
    • स्वन व्यवस्था अथवा ध्वनि व्यवस्था,
    • रूप व्यवस्था या शब्द व्यवस्था,
    • अर्थ व्यवस्था और
    • व्याकरण व्यवस्था।
  • भाषा में शब्द के लिए ध्वनियों का और वाक्य के लिए पदों का एक निश्चित क्रम होता है, जो समाज के द्वारा स्वीकृत होता है।
  • वक्ता अपने अनुभव क्षेत्र से बाहर के लिए ध्वनि क्रम या शब्द क्रम को स्वीकार नहीं कर सकता। उसके लिए विशेष ध्वनि क्रम से कोई सार्थक शब्द बनता है। 
  • वाक्य में शब्द बदल जाने से अर्थ भी बदल जाता है। जैसे - हरी घास की जगह, पीली घास निरर्थक है।
  • संस्कृत भाषा में वाक्य में कर्ता, कर्म, क्रिया का क्रम रहता है।
  • भाषा में व्याकरण व्यवस्था होती है, जो भाषा को नियंत्रित, व्यवस्थित और सुसंबद्ध करती है, जिसके कारण किसी भी भाषा का भाषावैज्ञानिक दृष्टि से विवेचन और विश्लेषण किया जा सकता है।

अतः स्पष्ट है कि प्रत्येक भाषा की विशिष्ट ध्वनियां और शब्दावली संरचना होती है, भाषा की यह विशेषता सूचित करती है, कि 'भाषा एका व्यवस्था वर्तते' अर्थात् 'भाषा एक व्यवस्था है'। 

Additional Information

  • भाषा प्रजातिविशिष्टा वर्तते - भाषा प्रजाति विशिष्ट हैं।
  • भाष यादृच्छिकी वर्तते - भाषा स्वतंत्र घटक हैं।
  • भाषा एकः कौशलविषयः वर्तते - भाषा एक कौशलविषय हैं।
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