निम्नलिखित में से किस स्थिति में हाइड्रोजन गैस के अणुओं के मध्य की दूरी बढ़ जाएगी?

(i) बंद पात्र में हाइड्रोजन पर बढ़ता हुआ दाब

(ii) पात्र से कुछ हाइड्रोजन गैस का रिसाव होना

(iii) हाइड्रोजन गैस के पात्र का आयतन बढ़ाना

(iv) पात्र का आयतन बढ़ाए बिना पात्र में अधिक हाइड्रोजन गैस मिलाना

  1. (i) और (iii) 
  2. (i) और (iv)
  3. (ii) और (iii) 
  4. (ii) और (iv) 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (ii) और (iii) 

Detailed Solution

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अवधारणा:

अंतरा-आण्विक अवकाश:

  • किसी भी तत्व के अणुओं के मध्य की औसत दूरी को अंतराआण्विक अवकाश के रूप में जाना जाता है।
  • अन्तराअणुक बलों के कारण यह स्थान बढ़ता या घटता है।
  • गैसों में, अणु हल्के से बंधे होते हैं।
  • अतः गैसों का अंतराअणुक अवकाश अधिकतम होता है।

व्याख्या:

अंतराआण्विक अवकाश को प्रभावित करने वाले कारक:

दाब:

  • एक बंद पात्र में दाब बढ़ने से गैस का संपीड़न होता है।
  • अतः दाब में वृद्धि से गैस के अणुओं के मध्य की दूरी कम हो जाती है।

आयतन (संलग्न अवकाश/पात्र):

  • यदि हम पात्र का आयतन बढ़ाते हैं, तो उतनी ही मात्रा में गैस अधिक स्थान समाहित करेगी।
  • अतः आयतन में वृद्धि, अंतर-आण्विक स्थान में वृद्धि का परिणाम होगी।

आयतन /गैस की मात्रा

  • यदि गैस का आयतन कम हो जाता है जबकि पात्र का आयतन समान रहता है, तो इससे गैस के कणों के सामंजस्य के लिए अधिक जगह बन जाएगी।
  • अंतर-आण्विक अवकाश गैस के आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है (यह मानते हुए कि पात्र का आयतन स्थिर है)
  • अतः, गैस के आयतन में ह्रास के परिणामस्वरूप अंतर-आण्विक अवकाश में वृद्धि होगी।

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