Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश पढ़िये और प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

सन् 1940 से पहले निर्धनता सम्बन्धी धारणाएं और विवेचन बहुत अलग प्रकार के थे। औपनिवेशिक काल में निर्धनता के प्रति सम्वेदना इस विश्वास से प्रभावित थी कि उपनिवेशवादी की उपस्थिति भले ही मूलनिवासियों को थोड़ा बहुत ज्ञान-सम्पन्न बना पाए, उनकी निर्धनता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए था क्योंकि उनका आर्थिक विकास करना निरर्थक था। आर्थिक प्रगति के आधार विज्ञान और टेक्नोलॉजी के सम्बन्ध में मूलनिवासियों की क्षमता को शून्य माना जाता था। हालाँकि एशियाई, अफ्रीकी और लातिनी या मूलनिवासी अमेरिकी समाजों के अन्दर देशज समाजों ने निर्धनता को परिभाषित और विवेचित करने के ऐसे ढँग विकसित कर लिए थे जिनमें समुदाय आधारी मितव्ययिता और यथेष्टता सम्बन्धी दृष्टिकोण अन्तर्निहित थे। यह सच है कि आधुनिक अर्थों में अतिविशाल निर्धनता केवल तभी उभरी जब बाजार - केन्द्रित अर्थव्यवस्था ने समुदायों को छिन्न-भिन्न कर डाला। परिणामतः इसने करोड़ों लोगों को भूमि, जल और अन्य संसाधनों से वंचित कर दिया। बाजार-अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ व्यवस्था तंत्र सम्बन्धी समस्याएँ अपरिहार्य हो गई। निर्धनता सम्बन्धी धारणाओं और प्रबन्धन में हुए विच्छेद को जानना महत्वपूर्ण है, पहला विच्छेद जो यूरोप में पूँजीवाद के उदय के साथ हुआ और उत्तरवर्ती विच्छेद जो तीसरी दुनिया में विकास के आगमन के साथ हुआ। पहले विच्छेद का वर्णन उन्नीसवीं शताब्दी में निर्धनों के साथ व्यवहार के लिए उन व्यवस्थाओं के उदय से किया जाता है जो निर्वैयक्तिक संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता पर आधारित थीं। इस संक्रमण में लोकोपकार का एक महत्वपूर्ण स्थान है। निर्धनों के सहायता प्राप्त लोगों में रुपान्तरण का एक गम्भीर परिणाम होना था। निर्धनता के आधुनिकीकरण ने निरपवाद रुप से देशज सम्बन्धों को प्रभावित किया।

सन् 1940 से पहले उपनिवेशवादियों का विश्वास था कि निर्धन देशों को

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UGC NET Paper 1: Held on 29 Sep 2022 Shift 2
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  1. बदला जा सकता है।
  2. पूर्णतः ज्ञानसम्पन्न बनाया जा सकता है।
  3. नहीं बदला जा सकता है।
  4. उपनिवेशवादियों की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : नहीं बदला जा सकता है।
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UGC NET Paper 1: Held on 21st August 2024 Shift 1
16.3 K Users
50 Questions 100 Marks 60 Mins

Detailed Solution

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सही उत्तर 'नहीं बदला जा सकता है।'

Key Points

  •  आइए गद्यांश को समझते हैं।
  • दिए गए गद्यांश से, "................................................ सन् 1940 से पहले निर्धनता सम्बन्धी धारणाएं और विवेचन बहुत अलग प्रकार के थे। औपनिवेशिक काल में निर्धनता के प्रति सम्वेदना इस विश्वास से प्रभावित थी कि उपनिवेशवादी की उपस्थिति भले ही मूलनिवासियों को थोड़ा बहुत ज्ञान-सम्पन्न बना पाए, उनकी निर्धनता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए था क्योंकि उनका आर्थिक विकास करना निरर्थक था। ..........."
  • यह माना जाता था कि यदि मूल निवासी उपनिवेशक से बेहतर ज्ञान और समझ प्राप्त करते हैं, तो भी गरीबी अपरिवर्तित रहेगी।
  • इसलिए, विकल्प 3 सही उत्तर है।

इसलिए, सही उत्तर है - 'नहीं बदला जा सकता है'।

निर्धनता
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Last updated on Jul 7, 2025

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