प्रेमचंद पूर्व कहानीकार MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for प्रेमचंद पूर्व कहानीकार - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 20, 2025
Latest प्रेमचंद पूर्व कहानीकार MCQ Objective Questions
Top प्रेमचंद पूर्व कहानीकार MCQ Objective Questions
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 1:
‘चन्द्रदेव से मेरी बातें' शीर्षक कहानी सर्वप्रथम किस वर्ष प्रकाशित हुई थी?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 1 Detailed Solution
‘चन्द्रदेव से मेरी बातें' शीर्षक कहानी सर्वप्रथम सन् 1904 वर्ष प्रकाशित हुई थी।
Key Pointsचन्द्रदेव से मेरी बातें-
- रचनाकार- बंग महिला
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1904 ई.
- इस कहानी को भवदेव पाण्डेय ने प्रथम राजनीतिक कहानी कहा है।
- विषय-
- इसमें लेखिका और चंद्र के बीच की बातचीत को लक्षित किया गया है।
Important Pointsबंग महिला-
- पूरा नाम-राजेन्द्र बाला घोष
- प्रेमचन्द-पूर्व कहानीकार रही है।
- हिंदी-नवजागरण की पहली छापामार लेखिका थीं।
- मुख्य कहानियाँ-
- कुंभ में छोटी बहू(1906 ई.)
- दुलाईवाली(1907 ई.) आदि।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 2:
निम्नांकित में कौन सा युग्म सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर 'इंशाअल्ला खाँ - रानी केतकी की कहानी' है।
- रानी केतकी की कहानी हिन्दी की प्रथम गद्य रचना मानी जाती है। इसके लेखक इंशा अल्ला खाँ थे।
- इंशा अल्ला खाँ 'इंशा' हिन्दी साहित्यकार और उर्दू कवि थे। वे लखनऊ तथा दिल्ली के दरबारों में कविता करते थे।
Key Points
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- मुंशी सदासुखलाल (1746 - 1824) हिन्दी लेखक थे। खड़ी बोली के प्रारंभिक गद्यलेखकों में उनका ऐतिहासिक महत्व है।
- इनकी दो रचनाएं मिलती हैं जो इस प्रकार हैं-
- 'सुख सागर' - यह भागवत और विष्णु पुराण के नैतिक प्रसंगों पर आधारित है।
- 'मुंतखब्बुत्तवारीख' - इसमें इन्होंने अपनी संक्षिप्त जीवनी लिखी है।
- लल्लू लाल (1763 - 1835) हिन्दी गद्य के चार प्रमुख स्तम्भों- (इंशा अल्ला खाँ, सदल मिश्र, मुंशी सदासुखलाल, लल्लू लाल) में से एक हैं।
- इनका लिखा हुआ ग्रंथ 'प्रेमसागर' है।
- सुखसागर, मुंशी सदासुखलाल द्वारा रचित एक हिन्दी ग्रन्थ है जो खड़ी बोली की प्रारम्भिक कृतियों में से एक है।
- सदल मिश्र (जन्म 1767-68 ई0 तथा मृत्यु 1847-48) फोर्ट विलियम कॉलेज से संबद्ध 18 वीं सदी के आरंभिक दौर के चार प्रमुख गद्यकारों में से एक हैं।
- सदल मिश्र की सर्वाधिक प्रसिद्ध रचना '
नासिकेतोपाख्यान ' है। - प्रेम चिंगारी के लेखक शेख निसार थे।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 3:
चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' की सुविख्यात कहानी कौन-सी है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 3 Detailed Solution
चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' की सुविख्यात कहानी 'उसने कहा था' है। .
- 'उसने कहा था' कहानी का मुख्य पात्र' लहना सिंह' है।
- वह पाठक के ह्रदय पटल पर सदैव के लिए अंकित हो जाता है।
- सूबेदार हजारा सिंह, बोधा सिंह, वजीरा सिंह, आदि उल्लेखनीय पात्र हैं।
- लहना सिंह में प्रेम, त्याग, बलिदान, विनोद वृत्ति, बुद्धिमत्ता एवं सतर्कता आदि विविध गुण मिलते हैं।
Key Pointsचन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी'
- गुलेरी जी की शैली मुख्यतः वार्तालाप की शैली है।
- जहाँ वे किस्साबयानी के लहजे़ में मानो सीधे पाठक से मुख़ातिब होते हैं।
- यह साहित्यिक भाषा के रूप में खड़ी बोली को सँवरने का काल था।
- अतः शब्दावली और प्रयोगों के स्तर पर सामरस्य और परिमार्जन की कहीं-कहीं कमी भी नज़र आती है।
- सुखमय जीवन -1911
- बुद्धू का कांटा -1914
- उसने कहा था -1915
Additional Information
रचना | रचनाकार |
छाया (कहानी संग्रह) | जयशंकर प्रसाद |
बड़े घर की बेटी (कहानी) | प्रेमचंद्र |
बड़े घर की बेटी (कहानी) | प्रेमचंद्र |
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 4:
लाला भगवान दास की कहानी कौनसी है:-
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 4 Detailed Solution
"प्लेग की चुड़ैल", "लाला भगवान दास" की कहानी है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) प्लेग की चुड़ैल सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- प्लेग की चुड़ैल
- रचनाकार :- लाला भगवान दास
- रचना वर्ष :- 1903 ईस्वी
Additional Information
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 5:
प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी है -
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 5 Detailed Solution
प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी-1)उसने कहा था है।
Important Points
- 'उसने कहा था' कहानी के लेखक चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' हैं।
- इनका जीवनकाल 1883 से 1922 तक रहा है।
- ये हिन्दी के कथाकार, व्यंगकार, निबन्धकार तथा सम्पादक थे।
- उसने कहा था की रचना 1915 में हुई।
- उन्होंने कुल तीन कहानियां लिखी हैं-बुद्धू का कांटा,सुखमय जीवन और उसने कहा था।
Additional Information
कहानी |
लेखक |
प्रकाशन वर्ष |
उसने कहा था |
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी |
1915 |
सिक्का बदल गया |
कृष्णा सोबती |
1948 |
परिंदे |
निर्मल वर्मा |
1956 |
अमृतसर आ गया है |
भीष्म साहनी |
1973 |
Hint
- सिक्का बदल गया कहानी के माध्यम से भारत विभाजन के समय उभरने वाली परिस्तिथियों का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है।
- डॉ.नामवर सिंह जी,'परिंदे' कहानी को नयी कहानी आन्दोलन की पहली रचना मानते हैं।
- अमृतसर आ गया है कहानी भारत के विभाजन के परिदृश्य पर लिखी गई है। इस कहानी में पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती शहर अमृतसर की ओर यात्रा के दौरान का भयावहता और विनाश का वर्णन है।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 6:
निम्नलिखित कहानियों का संगत वर्ग कौनसा है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 6 Detailed Solution
सही सांगत वर्ग-
- एक टोकरी भर मिट्टी, राही, कोसी का घटवार, परिंदे
Key Pointsकहानी और उनके रचनाकार-
कहानी | रचनाकार | प्रकाशन वर्ष |
एक टोकरी भर मिट्टी | माधव सप्रे | 1901 ई. |
राही | सुभद्रा कुमारी चौहान | 1947 ई. |
कोसी का घटवार | शेखर जोशी | 1958 ई. |
परिंदे | निर्मल वर्मा | 1960 ई. |
Additional Information माधव सप्रे-
- जन्म-1871-1926ई.
- माधव सप्रे हिन्दी के साहित्यकार, पत्रकार थे।
- वे हिन्दी के प्रथम कहानी लेखक के रूप में जाने जाते हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- स्वदेशी आंदोलन और बॉयकाट
- यूरोप के इतिहास से सीखने योग्य बातें
- हमारे सामाजिक ह्रास के कुछ कारणों का विचार
- माधवराव सप्रे की कहानियाँ (संपादन : देवी प्रसाद वर्मा) आदि।
सुभद्रा कुमारी चौहान-
- जन्म-1904-1948ई.
- सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं।
- झाँसी की रानी उनकी प्रसिद्ध कविता है।
- वे राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं। स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभूतियों को कहानी में भी व्यक्त किया।
- प्रमुख रचनाएँ-
- बिखरे मोती 1932ई.
- उन्मादिनी 1934ई.
- सीधे-साधे चित्र 1947ई.
- सीधे-साधे चित्र 1983ई. आदि।
निर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005ई.
- निर्मल वर्मा हिन्दी के आधुनिक कथाकार और पत्रकार थे।
- प्रमुख रचनाएँ-
- परिन्दे -1959 ई.
- जलती झाड़ी -1965 ई.
- पिछली गर्मियों में -1968 ई.
- बीच बहस में -1973 ई.
- कव्वे और काला पानी -1983 ई.
- सूखा तथा अन्य कहानियाँ -1995 ई. आदि।
शेखर जोशी-
- जन्म-1932-2022ई.
- शेखर जोशी हिंदी के प्रमुख कथाकारों में से एक थें।
- शेखर जोशी की कई कहानियों का अंगरेजी, चेक, पोलिश, रुसी और जापानी भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
- प्रमुख रचनाएँ-
- कोशी का घटवार 1958 ई.
- साथ के लोग 1978 ई.
- हलवाहा 1981 ई.
- नौरंगी बीमार है 1990 ई.
- मेरा पहाड़ 1989 ई.
- डागरी वाला 1994 ई.
- बच्चे का सपना 2004 ई.
- आदमी का डर 2011 ई.
- एक पेड़ की याद 2015 ई. आदि।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 7:
निम्नलिखित में से कौन-सी कहानी प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि को लेकर लिखी गयी है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है - उसने कहा था।
Key Points
- 'उसने कहा था' कहानी 1915 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई
- इस कहानी के रचनाकार चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' है
- यह 'प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि' पर लिखी गई प्रेम संवेदना की कहानी है
- यह फ्लैश बैक(पूर्वदीप्ति) पद्धति पर लिखी हिंदी की प्रथम कहानी है
- कहानी उसने कहा था को 1960 में इसी नाम से बड़े पर्दे पर लाया गया था
Additional Information
- गुलेरी जी ने तीन कहानियों की रचना की-
- सुखमय जीवन(1911 ई. भारत मित्र पत्रिका)
- बुद्धू का काँटा(1914 ई.)
- उसने कहा था(1915 ई.)
- बिमल रॉय द्वारा निर्मित, फिल्म में सुनील दत्त और नंदा ने अभिनय किया था और इसका निर्देशन मोनी भटाचार्जी ने किया था
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 8:
निम्नलिखित में से कौन-सी कहानी प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि को लेकर लिखी गयी है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर है - उसने कहा था।
Key Points
- 'उसने कहा था' कहानी 1915 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई
- इस कहानी के रचनाकार चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' है
- यह 'प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि' पर लिखी गई प्रेम संवेदना की कहानी है
- यह फ्लैश बैक(पूर्वदीप्ति) पद्धति पर लिखी हिंदी की प्रथम कहानी है
- कहानी उसने कहा था को 1960 में इसी नाम से बड़े पर्दे पर लाया गया था
Additional Information
- गुलेरी जी ने तीन कहानियों की रचना की-
- सुखमय जीवन(1911 ई. भारत मित्र पत्रिका)
- बुद्धू का काँटा(1914 ई.)
- उसने कहा था(1915 ई.)
- बिमल रॉय द्वारा निर्मित, फिल्म में सुनील दत्त और नंदा ने अभिनय किया था और इसका निर्देशन मोनी भटाचार्जी ने किया था
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 9:
प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी है:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 9 Detailed Solution
प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी है: उसने कहा थाKey Points
- 'उसने कहा था' कहानी 1915 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई
- इस कहानी के रचनाकार चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' है
- यह 'प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि' पर लिखी गई प्रेम संवेदना की कहानी है
- यह फ्लैश बैक(पूर्वदीप्ति) पद्धति पर लिखी हिंदी की प्रथम कहानी है
- कहानी उसने कहा था को 1960 में इसी नाम से बड़े पर्दे पर लाया गया था
- गुलेरी जी ने तीन कहानियों की रचना की-
- सुखमय जीवन(1911 ई. भारत मित्र पत्रिका)
- बुद्धू का काँटा(1914 ई.)
- उसने कहा था(1915 ई.)
- बिमल रॉय द्वारा निर्मित, फिल्म में सुनील दत्त और नंदा ने अभिनय किया था और इसका निर्देशन मोनी भटाचार्जी ने किया था
Important Pointsभीष्म साहनी-
- जन्म- 1915- 2003 ई.
- प्रमुख रचनाएँ
- तमस,
- झरोखे,
- बसंती,
- भाग्य रेखा आदि
Additional Information परिंदे
- कहानीकार-निर्मल वर्मा
- विषय-
- मनोवैज्ञानिक
- प्रेम सम्मोहन
- प्रकाशन वर्ष- 1960
निर्मल वर्मा-
- प्रमुख रचनाएँ-
- वे दिन -1964.
- लाल टीन की छत
- एक चिथड़ा सुख
- रात का रिपोर्टर
दुनिया का सबसे अनमोल रतन-
- कहानीकार-प्रेमचंद
- प्रकाशन वर्ष-1907
- विषय-
- प्रेम की परीक्षा
- प्रेमचंद प्रमुख रचनाएँ-
- सेवासदन
- प्रेमाश्रम
- रंगभूमि
- निर्मला
- गबन, आदि
उसने कहा था-
- कथाकार-चंद्रधर शर्मा गुलेरी
- प्रकाशन वर्ष-1915
- विषय-
- निस्वार्थ प्रेम
- युद्ध का माहौल
- चंद्रधर शर्मा गुलेरी रचनाएँ-
- सुखमय जीवन
- बुद्धु का काँट
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 10:
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-
सूची - I | सूची - II | ||
(अ) | इन्दुमती | (i) | रामचंद्र शुक्ल |
(ब) | ग्यारह वर्ष का समय | (ii) | गिरिजादत्त बाजपेई |
(स) | दुलाई वाली | (iii) | बंग महिला |
(द) | पंडित पंडितानी | (iv) | किशोरी लाल गोस्वामी |
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 10 Detailed Solution
सही सुमेलन हैं-
सूची - I | सूची - II |
इन्दुमती | किशोरी लाल गोस्वामी |
ग्यारह वर्ष का समय | रामचंद्र शुक्ल |
दुलाई वाली | बंग महिला |
पंडित पंडितानी | गिरिजादत्त बाजपेई |
Key Pointsप्रकाशन वर्ष-
कहानी | प्रकाशन वर्ष |
इंदुमती | 1900 ई. |
ग्यारह वर्ष का समय | 1903 ई. |
दुलाई वाली | 1907 ई. |
पंडित पंडितानी | 1903 ई. |
Important Pointsकिशोरी लाल गोस्वामी-
- कहानी-
- प्रणयिनी-परिणय(1887 ई.) आदि।
बंग महिला-
- कहानी-
- चंद्रदेव दे मेरी बातें(1904 ई.)
- कुम्भ में छोटी बहू(1906 ई.)
- दालिया(1909 ई.) आदि।
गिरिजादत्त बाजपेई-
- कहानी-
- पति का पवित्र प्रेम(1903 ई.) आदि।
Additional Informationइंदुमती-
- इसे रामचन्द्र शुक्ल मे हिन्दी की पहली कहानी माना है।
- यह कहानी सरस्वती पत्रिका में छपी थी।
- इस पर शेक्सपियर के टेम्पेस्ट का प्रभाव माना जा सकता है।
ग्यारह वर्ष का समय-
- लक्ष्मीनारायण लाल ने इसे हिन्दी की पहली कहानी माना है।
- यह कहानी सरस्वती पत्रिका में छपी थी।
दुलाईवाली-
- इसे रायकृष्ण दास में हिनी की पहली कहानी माना है।
- यह कहानी सरस्वती पत्रिका में छपी थी।
- इसमें बंग-विभाजन का परिवेश लिया गया है।
पंडित पंडितानी-
- यह कहानी सरस्वती पत्रिका में छपी थी।