स्वर MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for स्वर - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்

Last updated on Apr 15, 2025

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स्वर Question 1:

जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं से अधिक समय लगे, वे कहलाते हैं-

  1. दीर्घ स्वर
  2. प्लुत स्वर
  3. हृस्व स्वर
  4. अनुनासिक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्लुत स्वर

स्वर Question 1 Detailed Solution

दिये गए विकल्पों में से विकल्प 2 प्लुत स्वर सही उत्तर है।

Key Points

  • जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं से अधिक समय लगे, वे प्लुत स्वर कहलाते हैं।


प्लुत स्वर:

  • वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं।
  • उदाहरण - आs…..ऐसे ही अन्यान्य
  • हिन्दी भाषा में प्लुत स्वर प्रयोग केवल दूरस्थ संबोधन में होता है

अन्य विकल्प - 

दीर्घ स्वर

जिन वर्णों पर अधिक जोर दिया जाता है, वे दीर्घ कहलाते हैं, और उनकी मात्रा २ होती है। आ, ई, ऊ, ॡ ये दीर्घ स्वर हैं।

ह्रस्व स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। 

अनुनासिक

जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर अनुनासिक के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है।

 

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व

अ, इ, उ, ए आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत

स्वर Question 2:

‘ऋ’ ध्वनि किस स्वर के अंतर्गत आती है? 

  1. घोष वर्ण
  2. संयुक्त वर्ण 
  3. ह्रस्व स्वर 
  4. ओष्ठ्य वर्ण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ह्रस्व स्वर 

स्वर Question 2 Detailed Solution

दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 ह्रस्व स्वर सही उत्तर है।

Key Points

ह्रस्व स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।

ह्रस्व  स्वर चार होते है -अ इ उ ऋ। 'ऋ' की मात्रा (ृ) के रूप में लगाई जाती है तथा उच्चारण 'रि' की तरह होता है।

अन्य विकल्प:

संयुक्त वर्ण:

•   जो व्यंजन 2 या 2 से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।

•   संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है।

•    संयुक्त व्यंजन में जो पहला व्यंजन होता है वो हमेशा स्वर रहित होता है

•    इसके विपरीत दूसरा व्यंजन हमेशा स्वर सहित होता है।

•   संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है-

क्ष - क् + ष + अ = क्ष

त्र - त् + र् + अ = त्र

ज्ञ - ज् + ञ + अ = ज्ञ

श्र - श् + र् + अ = श्र

घोष- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।

इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।

ओष्ठ्य वर्ण- जिन वर्णों का उच्चारण में दोनों होठों का प्रयोग किया जाता है। उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म आदि ओष्ठ्य वर्ण हैं।

स्वर Question 3:

किन स्वर वर्णों का उच्चारण स्थान कंठ है? 

  1. अ, आ 
  2. उ, ऊ 
  3. ल, स 
  4. ख, छ 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अ, आ 

स्वर Question 3 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से ‘अ, आ’ का उच्चारण स्थान कंठ है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1 , है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे। 

Key Points

कंठस्थ वर्ण

,, अ:, क, ख, ग, घ, ङ, ह

तालव्य वर्ण

,,,,,,,, श  

दंत्य वर्ण

त, थ, द, ध, न, ल, स

ओष्ठ्य वर्ण

,, प, फ, ब, भ, म

Additional Information

व्यंजन

व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है। इनके तीन भेद हैं:

स्पर्श व्यंजन

क वर्ग, च वर्ग, त वर्ग, ट वर्ग और प वर्ग, कुल = 25 वर्ण

अंत:स्थ व्यंजन

य, र, ल, व, कुल = 4

ऊष्म व्यंजन

श, ष, स, ह, कुल = 4

स्वर Question 4:

इनमें से सघोष व्यंजन कौन-सा है?

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ज

स्वर Question 4 Detailed Solution

दिये गए विकल्पों में से 'ज' सही उत्तर है। 

  • फ - अघोष व्यंजन
  • थ - अघोष व्यंजन 
  • ऊ - सघोष स्वर 

Key Points

सघोष

जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन होता है उसे संघोष कहा जाता है। जैसे - ग, ध, ड़, ज, झ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ आदि।

व्यंजन:

  • जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं।        क, ख, ग, घ आदि।
  • स्पर्श व्यंजन- च, छ, ज, ट, ठ आदि।
  • ऊष्म व्यंजन- श, ष, स, ह आदि।
  • अंतःस्थ व्यंजन- य, र, ल, व आदि।
  • संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ आदि।
  • आगत व्यंजन- ज़, फ़ आदि।
  • अनुनासिक- ङ, ञ, ण, न, म

Additional Information

व्यंजन की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं।

क, ख, ग, घ आदि

स्पर्श व्यंजन

च, छ, ज, ट, ठ आदि।

ऊष्म व्यंजन

श, ष, स, ह आदि।

अंतःस्थ व्यंजन

य, र, ल, व आदि।

संयुक्त व्यंजन

क्ष, त्र, ज्ञ आदि।

आगत व्यंजन

ज़, फ़ आदि

अनुनासिक

ङ, ञ, ण, न, म

श्वास की मात्रा के आधार पर दो भागों में बांटा गया है- अल्पप्राण और महाप्राण।

क्रमशः- , , , और , , , आदि

उच्चारण में ध्वनि गूंज के आधार पर भी इनके दो भेद किए गए हैं- घोष और अघोष व्यंजन।

क्रमशः- , , , और , , , आदि।

स्वर Question 5:

निम्न में से गलत जोड़ी पहचानिए।

  1. अग्र स्वर – इ, ई
  2. पश्व स्वर – अ
  3. दीर्घ स्वर – आ, ई
  4. विवृत स्वर – आ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पश्व स्वर – अ

स्वर Question 5 Detailed Solution

उपरोक्त विकल्पों में से पश्व स्वर – अ गलत जोड़ी  है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः विकल्प 2 पश्व स्वर – अ  सही उत्तर है।

Key Points

जिह्रा का कौन-सा अंश उच्चारण में उठता है, इस आधार पर स्वरों के भेद निम्नलिखित हैं-
अग्र : इ, ई, ए, ऐ
मध्य : अ
पश्च : आ, उ, ऊ, ओ, औ

स्वर Question 6:

हिन्दी में स्वरों के कितने प्रकार हैं?

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 3

स्वर Question 6 Detailed Solution

स्वर तीन प्रकार के होते हैं, मूल स्वर, दीर्घ स्वर तथा प्लुत स्वर। अतः सही विकल्प 3 है।
स्वर के मुख्य तीन प्रकार के होते है। उच्चारण और अन्य आधार पर उनमे अंतर होता है। Key Points
हिन्दी में उत्पत्ति के आधार पर स्वरों की संख्या - 2 मानी गयी है| मूल स्वर तथा सन्धय स्वर (दीर्घ, संयुक्त स्वर)|
हिन्दी में मात्र के आधार पर / उच्चारण के समय के आधार पर -स्वरों की संख्या 3 मानी गयी है - ह्रस्व , दीर्घ तथा प्लुत स्वर|

Additional Information

जिन वणों का उच्चारण बिना किसी अवरोध के तथा बिना किसी दूसरे वण८ की सहायता से होता है ,उन्हें स्वर कहते है। जैसे -अ,आ इ,ई,उ,ऊ,(ऋ),ए,ऐ,ओ,औ ।

स्वर तीन प्रकार के होते है-
(1)हस्व स्वर - जिन स्वर का उच्चारण में सबसे कम समय या इकाई (एक मात्रा काल) के समान समय लगे , उन्हें हस्व स्वर कहते हैं।ये संख्या मे चार हैं- अ, इ ,उ, ऋ।

(2) दीर्घ स्वर - इनके उच्चारण में हस्व स्वर से दुगुना या दो इकाइयों का समान समय लगाता है ।
जैसे -आ,ई,ऊ, ए,ऐ,ओ ,औ ।

(3) प्लुत् स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में हस्व स्वर से तिगुना या तीन इकाइयों के समान समय लगे , उन्हें प्लुत् स्वर कहते हैं ।
जैसे -ओउम्

स्वर Question 7:

‘ज्ञ’ ध्वनि किस स्वर के अंतर्गत आती है? 

  1. हृस्व स्वर
  2. घोष वर्ण
  3. संयुक्त वर्ण
  4. ओष्ठ्य वर्ण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संयुक्त वर्ण

स्वर Question 7 Detailed Solution

दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 संयुक्त वर्ण सही उत्तर है।

Key Points

संयुक्त वर्ण:

  • जो व्यंजन 2 या 2 से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।
  • संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है।
  • संयुक्त व्यंजन में जो पहला व्यंजन होता है वो हमेशा स्वर रहित होता है
  • इसके विपरीत दूसरा व्यंजन हमेशा स्वर सहित होता है।
  • संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है-

क्ष - क् + ष + अ = क्ष

त्र - त् + र् + अ = त्र

ज्ञ - ज् + ञ + अ = ज्ञ

श्र - श् + र् + अ = श्र

अन्य विकल्प:

हृस्व स्वर- जिन स्वरो के उच्चारण में कम समय लगता है, वे हृस्व स्वर होते हैं। जैसे- अ, इ, उ आदि।

घोष-  वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।

इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।

ओष्ठ्य वर्ण- जिन वर्णों का उच्चारण में दोनों होठों का प्रयोग किया जाता है। उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म आदि ओष्ठ्य वर्ण हैं।

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं।

अ, इ, उ, ए आदि

दीर्घ स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत स्वर -  वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं।

स्वर Question 8:

‘उ’ ध्वनि किस स्वर के अंतर्गत आती है? 

  1. अघोष वर्ण
  2. संयुक्त वर्ण 
  3. हृस्व स्वर
  4. तालव्य  वर्ण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हृस्व स्वर

स्वर Question 8 Detailed Solution

दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 हृस्व स्वर सही उत्तर है।

Key Points

हृस्व स्वर-

•   जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं।

•   ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।

•    ह्स्व स्वर चार होते है -अ आ उ ऋ। 'ऋ' की मात्रा (ृ) के रूप में लगाई जाती है तथा उच्चारण 'रि' की तरह होता है।

अन्य विकल्प:

संयुक्त वर्ण:

•   जो व्यंजन 2 या 2 से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।

•    संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है।

•     संयुक्त व्यंजन में जो पहला व्यंजन होता है वो हमेशा स्वर रहित होता है

•     इसके विपरीत दूसरा व्यंजन हमेशा स्वर सहित होता है।

•    संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है-

क्ष - क् + ष + अ = क्ष

त्र - त् + र् + अ = त्र

ज्ञ - ज् + ञ + अ = ज्ञ

श्र - श् + र् + अ = श्र

घोष- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।

इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।

ओष्ठ्य वर्ण- जिन वर्णों का उच्चारण में दोनों होठों का प्रयोग किया जाता है।

उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म आदि ओष्ठ्य वर्ण हैं।

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व स्वर - ह्रस्व स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल एक मात्रा होता है। इनका उच्चारण बहुत कम समय में होता है।

अ, इ, उ, आदि

दीर्घ स्वर - जिन स्वरों का उच्चारण करने के लिए दो मात्रा समय लगता है वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। इनका उच्चारण किंचित् लंबा करते हैं।

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत स्वर - प्लुत स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल तीन मात्राएं होता है। प्लुत स्वरों का उच्चारण कुछ ज्यादा ही लंबा होता है। यानी दीर्घ से भी ज्यादा।

 

स्वर Question 9:

निम्नलिखित में से कौन सा स्वर कंठतालव्य है?

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ए

स्वर Question 9 Detailed Solution

दिये गए विकल्पों में से 'ए' सही उत्तर है।

Key Points

कंठतालव्य​ स्वर

  • इनका उच्चारण कंठ और तालु स्थानों से मिलकर होता है।
  • शिक्षा में 'ए' और 'ऐ' को कंठतालव्य वर्ण या कंठतालव्य कहते हैं ।

स्वर

  • ये स्वतंत्र रूप से बोले जाने वर्ण है। उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रकार के अनुसार इनको विभाजित किया गया है।
  • ह्रस्व - अ, इ, उ
  • दीर्घ -आ, ई, ऊ, ए, औ, ओ, ऑ
  • प्लुत - ओउम
  • अग्र - इ, ई, ए, ऐ
  • मध्य-अ
  • पश्च- आ, उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
  • विवृत - आ
  • अर्ध विवृत - अ, ऐ, औ, ऑ
  • अर्धसंवृत - ए, ओ
  • संवृत्त - इ, ई, उ,ऊ
  • अवृतमुखी - अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
  • वृतमुखी - उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
  • मौखिक - अ, आ, इ
  • अनुनासिक- अँ, आँ, इँ

 

उच्चारण स्थान तालिका

क्रम

वर्ण

उच्चारण

श्रेणी

1.

अ, आ, क् ख् ग् घ्, ङ्, ह्, विसर्ग (:)

कंठ और जीभ का निचला भाग

कंठ्य

2.

इ, ई, च् छ् ज् झ् ञ्, य्, श

तालु और जीभ

तालव्य

3.

ऋ ट् ठ् ड् ढ् ण् ड़् ढ़् र् ष्

मूर्धा और जीभ

मूर्धन्य

4.

त् थ् द् ध् न् ल् स्

दाँत और जीभ

दंत्य

5.

उ ऊ प् फ् ब् भ् म

दोनों होंठ

ओष्ठ्य

6.

अं,ङ्, ञ़्, ण्, न्, म्

नासिका

अनुनासिक

7.

ए ऐ

कंठ तालु और जीभ

कंठतालव्य

9.

ओ औ

कंठ जीभ और होंठ

कंठोष्ठ्य

10.

व्

दाँत जीभ और होंठ

दंतोष्ठ्य

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व

अ, इ, उ, ए आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत

स्वर Question 10:

किन वर्णों का उच्चारण स्थान तालु है : 

  1. अ, आ
  2.  इ, ई 
  3. स, न 
  4. न, म, 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 :  इ, ई 

स्वर Question 10 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘इ, ई’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

Key Points

  • उपर्युक्त विकल्पों में 'इ, ई' का उच्चारण स्थान तालु है। 
  • अन्य तालव्य वर्ण हैं - च,,,,,, श।
  • तालव्य व्यंजन वो व्यंजन होते हैं जिनके उच्चारण में जीभ के पिछले भाग को तालू से संघर्ष करना पड़ता है। 
  • अन्य विकल्प अनुचित हैं। 

Additional Information

  • कंठस्थ वर्ण- ,, अ:, क, ख, ग, घ, ङ, ह

  • तालव्य वर्ण- ,,,,,,,, श  

  • दंत्य वर्ण-  त, थ, द, ध, न, ल, स

  • ओष्ठ्य वर्ण- ,, प, फ, ब, भ, म 

  • अनुनासिक – ङ , ञ , ण , न , म 

  • कंठोष्ठ्य - ओ, औ 

  • दन्तोष्ठ्य – व 

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