रीतिकाल MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for रीतिकाल - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்

Last updated on Mar 22, 2025

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Latest रीतिकाल MCQ Objective Questions

Top रीतिकाल MCQ Objective Questions

रीतिकाल Question 1:

सतसई' किसकी रचना है?

  1. केशव
  2. रत्नाकर
  3. घनानंद
  4. बिहारी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : बिहारी

रीतिकाल Question 1 Detailed Solution

'सतसई' रचना है - बिहारी की। 

'सतसई'-

  • अर्थ - सात सौ छंद का काव्य। 
  • विधा- मुक्तक काव्य। 
  • रचनाकाल -1662 ई० 
  • रचनाकार - बिहारीलाल। 
  • विषय -
    • श्रंगार, भक्ति, नीतिपरक दोहे। 

Key Points

'बिहारीलाल' - 

  • प्रसिद्धि- रीतिसिद्ध काव्यधारा के अद्वितीय कवि। 
  • आश्रयदाता - जयपुर नरेश राजा जय सिंह। 
  • रचना - बिहारी सतसई। 
  • भाषा - ब्रज भाषा 

Additional Information'केशवदास' -

  • प्रसिद्धि- रीतिकाल के प्रवर्तक एवं रीतिबद्ध कवि। 
  • आश्रयदाता - ओरछा नरेश महाराज रामसिंह के भाई इन्द्रजीत सिंह के दरबारी कवि। 
  • प्रमुख रचनाएँ- 
    • ​रसिकप्रिया
    • कविप्रिया
    • नखशिख
    • छंदमाला
    • रामचंद्रिका
    • वीरसिंहदेव चरित
    • रतनबावनी
    • विज्ञानगीता
    • जहाँगीर जसचंद्रिका

'जगन्नाथदास रत्नाकर'-

  • प्रसिद्धि- आधुनिक युग के श्रेष्ठ ब्रजभाषा कवि। 
  • प्रमुख रचनाएँ- 
    • ​हरिश्चंद्र (खंडकाव्य)
    • गंगावतरण 1923 (पुराख्यान काव्य)
    • उद्धवशतक (प्रबंध काव्य)
    • हिंडोला1894 (मुक्तक)
    • कलकाशी (मुक्तक)
    • समालोचनादर्श (पद्यनिबंध)
    • श्रृंगारलहरी
    • गंगालहरी
    • विष्णुलहरी (मुक्तक)
    • रत्नाष्टक (मुक्तक)
    • वीराष्टक (मुक्तक)
    • प्रकीर्णक पद्यावली (मुक्तक संग्रह) 

'घनानंद'- 

  • प्रसिद्धि- घनानंद रीतिमुक्त काव्यधारा के कवि। 
  • आश्रयदाता - दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह के मीर मुंशी थे।
  • प्रमुख रचनाएँ- 
    • घन आनन्द कवित्त
    • आनन्द घन के कवित्त 
    • स्फुट कवित्त 
    • आनन्द घन जू के कवित्त 
    • सुजान हित
    • सुजानहित प्रबन्ध 
    • कृपाकन्द निबन्ध 
    • वियोग बेला 
    • इश्क लता 
    • जमुना-जस 
    • आनन्द घन जी की पदावली 
    • प्रीती पावस 
    • सुजान विनोद 
    • कविता संग्रह 
    • रस केलि बल्ली 
    • वृन्दावन सत

रीतिकाल Question 2:

पद्माकर का सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ किसे माना जाता है?

  1. प्रबोध पचासा
  2. गीतावली
  3. नल दमयंती
  4. भूमिजा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रबोध पचासा

रीतिकाल Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर 'प्रबोध पचासा' हैं।

Key Points

  • पद्माकर रीतिबद्ध कवि हैं।
  • इनका समय 1753-1833 हैं।
  • पद्माकर दौलत राव सिन्धिया, भीम सिंह, हिम्मत बहादुर, के दरबारी कवि थे।
  • पद्माकर की प्रमुख रचनाएँः-
    • हिम्मत बहादुर विरुदावली
    • पद्माभरण
    • जगत विनोद
    • प्रबोध पचासा 
    • गंगालहरी
    • कलि पच्चीसी आदि।

Additional Information 

रचना रचनाकार
गीतावली तुलसीदास
नल दमयंती राजा रवि वर्मा
भूमिजा नागार्जुन

रीतिकाल Question 3:

मतिराम का प्रथम ग्रंथ निम्नलिखित में से है

  1. ललित ललाम
  2. रसराज
  3. फूल मंजरी
  4. लक्षण श्रंगार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : फूल मंजरी

रीतिकाल Question 3 Detailed Solution

मतिराम का प्रथम ग्रंथ फूल मंजरी है। उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) फूल मंजरी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • फूल मंजरी में 60 दोहे हैं।
  • फूल मंजरी को मतिराम ने जहांगीर को समर्पित किया है जो कि उनके आश्रयदाता रह चुके है।
  • मतिराम का जन्म सन 1617
  • ऐसे तो सिद्ध है की प्रथम 'फूल मंजरी' है पर डॉक्टर बच्चन सिंह के अनुसार "रसराज" मतीराम का प्रथम ग्रंथ है। 

Additional Information

मतिराम की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

रचना

रचना वर्ष

रसराज

1690 से 1700 के मध्य

ललित ललाम

संवत 1720 

सतसई

संवत 1740

फूलमंजरी'

संवत् 1678

मतिराम नाम के दूसरे रचनाकार भी हैं जिनकी रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

  1. अलंकार पंचासिका
  2. छंदसार (पिंगल) संग्रह या वृत्तकौमुदी
  3. साहित्यसार
  4. लक्षणशृंगार

रीतिकाल Question 4:

राजनीतिक रूप से रीतिकाल मुगलों के शासन के वैभव के:

  1. चरमोत्कर्ष का युग है
  2. उत्थान का युग है
  3. विस्तार का युग है
  4. चरमोत्कर्ष के बाद उत्तरोत्तर ह्रास और पतन का युग है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : चरमोत्कर्ष के बाद उत्तरोत्तर ह्रास और पतन का युग है

रीतिकाल Question 4 Detailed Solution

राजनीतिक रूप से रीतिकाल मुगलों के शासन वैभव के चरमोत्कर्ष के बाद उत्तरोत्तर ह्रास और पतन का युग है अतः उपयुक्त विकल्पों में से विकल्प "चरम उत्कर्ष के बाद उत्तरोत्तर ह्रास और पतन का युग सही है' तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • मुगलों के शासन काल का प्रारंभ बाबर द्वारा 1526 ईस्वी में हुआ । अंतिम सशक्त शासक औरंगजेब (1658 -1707 ईस्वी) था
  • इसी समय में रीतिकाल  1643 -1843 तक माना गया है।
  • अतः समय और राजनीतिक रुप दोनों आधारों पर रीतिकाल मुगलों के उत्तरोत्तर ह्रास और पतन का युग है।
 Important Points
  • रीतिकाल की तीन काव्य धाराएं हैं:-
    •  रीतिबद्ध काव्य
    •  रीति सिद्ध काव्य
    •  रीतिमुक्त काव्य

Additional Information

रीतिकाल के प्रमुख कवि वह उनकी रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

 कवि

जन्म मृत्यु

रचनाएं

भूषण कवि

1613-1717

शिवराज भूषण, छत्रसाल दशक, शिवा बावनी, अलंकार प्रकाश

कविवर बिहारी

1595-1663

बिहारी सतसई

देव

1673-1767

भाव विलास, कुशल विलास, रसविलास, जाति विलास, प्रेम तरंग, काव्य रसायन, देव शतक, प्रेम चंद्रिका, प्रेम दीपिका, राधिका विलास

मतिराम

1604-1701

मतिराम सतसई, ललित ललाम, रसराज, अलंकार पंचाशिका,  वृत्त कौमुदी

घनानंद

1673-1761

पदावली, सुजान हित प्रबंध, प्रीति प्रवास,  कृपाकंद निबंध, यमुना यश, प्रकीर्णन छंद

पद्माकर

1753-1833

जगत विनोद, पद्माभरण, गंगा लहरी, प्रबोध पचासा, प्रताप सिंह विरुदावली

केशव

1555-1617

कवि प्रिया, रसिकप्रिया, जहांगीर, जस चंद्रिका, रामचंद्रिका विज्ञान गीता

रीतिकाल Question 5:

भूषण का वास्तविक नाम था

  1. घनश्याम
  2. रामबिहारी
  3. रासबिहारी
  4. कृष्णदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : घनश्याम

रीतिकाल Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - घनश्याम। 

Key Pointsभूषण(1613-1705):-

  • रीतिकालीन लेखकों में भूषण प्रसिद्ध कवि थे जिनका वास्तविक नाम घनश्याम था। 
  • शिवराज भूषण ग्रंथ के एक दोहे के अनुसार 'भूषण' उनकी उपाधि है जो उन्हें चित्रकूट के राजा हृदयराम के पुत्र रुद्रशाह ने प्रदान की थी।
  • भूषण का काव्य छत्रपति शिवाजी और बुन्देलखण्ड के राजा छत्रसाल का समकालीन माना जाता है।
  • भूषण मध्य प्रदेश के एक प्रमुख मध्यकालीन साहित्यकार थे, जो 17वीं शताब्दी में रहते थे।

 Additional Information

  • भूषण रीतिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं।
  • वीर रस की प्रमुखता वाली रचनायें की।
  • भूषण के काव्य की भाषा ब्रजभाषा थी।
  • प्रमुख रचनाएँ-

    • शिवराजभूषण
    • शिवाबावनी
    • छत्रसालदशक
    • भूषण उल्लास
    • भूषण हजारा
    • दूषनोल्लासा।

रीतिकाल Question 6:

बिहारी सतसई में कितने दोहे हैं?

  1. 713 
  2. 750 
  3. 719 
  4. 700

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 713 

रीतिकाल Question 6 Detailed Solution

बिहारी सतसई में दोहे की संख्या '713' हैं।

Key Points

  • बिहारी सतसई के रचनाकार बिहारीलाल है।
  • बिहारी रीतिसिद्ध धारा के प्रमुख कवि है।
  • बिहारीलाल का समय (1595-1663) ई. है।
  • बिहारी महाराज जय सिंह के आश्रयदाता कवि थे।
  • बिहारी सतसई की भाषा ब्रज है।
  • जगन्नाथ दास रत्नाकर और सर्वमान्य मत दोहों की संख्या 713 ही मानी जाती है।

Additional Informationबिहारी सतसई पर लिखि गई टीका और टीकाकारः-

टीकाकार टीका
कृष्णकवि कृष्णलाल की टीका
सूरति मिश्र अमर चंद्रिका
लल्लू लाल लालचंद्रिका
प्रभुदयाल पांडेय प्रभुदयाल पांडे की टीका
अम्बिकादत्त व्यास बिहारी बिहार
पद्मसिंह शर्मा संजीवनी भाष्य
आन्नदीलाल शर्मा फिरंगे सतसई
जगन्नाथदास रत्नाकर बिहारी रत्नाकर (1921ई.)

Important Points

  • जार्ज ग्रियसन के अनुसार यूरोप में बिहारी सतसई के समकक्ष कोई रचना नहीं हैं।
  • श्रीराधा चरण गोस्वामी ने बिहारी को पीयूषवर्षी मेघ की उपमा दी हैं।

रीतिकाल Question 7:

"नैन नचाई, कहो मुस्काई, लला फिर आएवो खेलन होरी".....पंक्तियाँ है:-

  1. ठाकुर
  2. बोधा
  3. आलम
  4. पद्माकर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : पद्माकर

रीतिकाल Question 7 Detailed Solution

"नैन नचाई,कहो मुस्काई,लला फिर आएवो खेलन होरी"...पंक्तियाँ-4) पद्माकर की है

Important Points

  • रीतिकाल के ब्रजभाषा कवियों में पद्माकर (1753-1833) का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
  • पद्माकर रचित ग्रंथों में सबसे जाने माने संग्रहों में-हिम्मतबहादुर विरुदावली,पद्माभरण,जगद्विनोद,रामरसायन (अनुवाद),प्रतापसिंह विरूदावली, प्रबोध पचासा आदि हैं। 
  • पद्माकर ने सजीव मूर्त विधान करने वाली कल्पना के माध्यम से शौर्य,शृंगार,प्रेम,भक्ति,राजदरबार की सम्पन्न गतिविधियों,मेलो-उत्सवों,युद्धों और प्रकृति-सौन्दर्य का मार्मिक चित्रण किया है।
  • पद्माकर रीतिबद्ध कवि हैं। 

रीतिकाल Question 8:

निम्नलिखित में से रीतिकाल के कवि हैं-

  1. तुलसीदास
  2. कबीरदास
  3. वृंद
  4. सूरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वृंद

रीतिकाल Question 8 Detailed Solution

'वृंद' रीतिकाल के कवि हैं, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 3 'वृंद सही उत्तर होगा।  

Key Points

  •  रीतिकालीन परंपरा के अंन्तर्गत वृन्द जी का नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। 
  • इनका पूरा नाम वृन्दावनदास था। 
  •  वृन्द जी को कविताओं के माध्यम से कई बार सम्मानित पुरस्कारों से नवाजा गया। 
  • इसके चलते वृन्द जी का कविता के विषय में मनोवल बढता गया और वृन्द जी श्रेष्ठ कवि के रूप में पहिचाने जाने लगे। 
  • ‘वृंद-सतसई कवि वृन्द जी की सबसे प्रसद्धि रचनाओं में से एक है. जिसमें 700 दोहे हैं। 

Additional Information

  • हिन्दी साहित्य का उत्तर मध्यकाल रीतिकाल कहलाता है,रीतिकाल समृद्धि और विलासिता का काल कहा जाता है। 
  • हिंदी साहित्य में सम्वत् 1700 से 1900 (वर्ष 1643ई. से 1843 ई. तक) का समय रीतिकाल के नाम से जाना जाता है । 
  • भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का पूर्व मध्यकाल और रीतिकाल को उत्तर-मध्य काल भी कहा जाता है ।
  • भक्ति काल और रीति काल दोनों के काल को हिंदी साहित्य का मध्यकाल कहा जा सकता है ।
  • रीतिकाल के कवियों में केशवदास और चिंतामणि का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है ।
  •  सर्वामान्य रूप से केशवदास को ही रीतिकाल का प्रवर्त्तक कवि माना गया है ।
  • रीतिकाल के कवियों को मुख्यत: तीन वर्गों में रखा गया है :-
  1. रीतिग्रंथकार कवि या लक्षण बद्ध कवि या रीतिबद्ध कवि
  2. रीतिसिद्ध कवि
  3. रीतिमुक्त कवि

रीतिकाल Question 9:

रीतिकालीन कवि बिहारी किसके आश्रयित कवि थे?

  1. महाराजा जयसिंह
  2. महाराज छत्रसाल
  3. नरेश रूद्रशाह
  4. छत्रपति शिवाजी महाराज

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : महाराजा जयसिंह

रीतिकाल Question 9 Detailed Solution

रीतिकालीन कवि बिहारी महाराजा जयसिंह के आश्रयित कवि थे। 

महाराजा जयसिंह-

  • जन्म-1611-1667 ई.
  • अन्य नाम-मिर्ज़ा राजा जयसिंह, जयसिंह प्रथम
  • आमेर के राजा तथा मुग़ल साम्राज्य के वरिष्ठ सेनापति (मिर्ज़ा राजा) थे।
  • जयसिंह वीर सेनानायक और कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ ही साथ साहित्य और कला का भी बड़ा प्रेमी था।
  • उसी के आश्रय में कविवर बिहारी लाल ने अपनी सुप्रसिद्ध 'बिहारी सतसई' की रचना सन 1662 ई. में की थी।

Key Pointsबिहारी-

  • जन्म-1595-1663 ई. 
  • रीतिकाल की रीतिसिद्ध शाखा के प्रमुख कवि रहे है। 
  • अकबर के शासन के अंतिम दिनों से लेकर औरंगजेब के शासन के शुरुआती दिनों टक उनका जीवन काल फैला हुआ है। 
  • रचना-बिहारी सतसई 
    • दोहा छंद में रचित मुक्तक काव्य है 
    • 713 दोहे है। 

Important Pointsबिहारी के लिए विद्वानों के कुछ कथन-

  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल-
    • "यदि प्रबंधकाव्य एक विस्तृत वनस्थली है तो मुक्तक एक चुना हुआ गुलदस्ता है।"
  • पद्म सिंह शर्मा ने इनके काव्य को 'शक्कर की रोटी' कहा है। 
  • राधाकृष्ण दास-
    • "यदि सूर सूर हैं, तुलसी शशि और उडगन केशवदास हैं तो बिहारी उस पीयूष वर्षी मेघ के समान हैं जिसके उदय होते ही सबका प्रकाश आछन्न हो जाता है।"

Additional Informationमहाराज छत्रसाल-

  • जन्म-1649-1731 ई. 
  • भारत के मध्ययुग के एक महान प्रतापी योद्धा थे।
  • मुगल शासक औरंगज़ेब को युद्ध में पराजित करके बुन्देलखण्ड में अपना राज्य स्थापित किया और ' महाराजा ' की पदवी प्राप्त की।
  • बुन्देलखण्ड केसरी के नाम से विख्यात थे। 
  • भूषण इनका दरबारी कवि था, उसने 'छत्रसाल दशक' ग्रंथ में महाराज छत्रसाल की प्रसंशा की है। 

छत्रपति शिवाजी महाराज-

  • जन्म-1630-1680 ई.
  • भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। 
  • इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगज़ेब से संघर्ष किया।
  • सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह "छत्रपति" बने।
  • भूषण इनका दरबारी कवि था, उसने 'शिवराज भूषण'  'शिवाबावनी' ग्रंथ में महाराज शिवाजी की प्रसंशा की है। 

रीतिकाल Question 10:

'बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय' पंक्ति के रचयिता हैं?

  1. केशवदास
  2. पद्माकर
  3. बिहारी
  4. मतिराम

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बिहारी

रीतिकाल Question 10 Detailed Solution

  • प्रस्तुत दोहा कवि बिहारी लाल के दोहों से लिया गया है। अत: सही विकल्प 'बिहारी' है।
  • इस दोहे में कवि ने कृष्ण और गोपियों के बीच चल रही सरस ठिठोली का मनोहरी चित्र अंकित किया है।
  • गोपियाँ अपने परम प्रिय कृष्ण से बातें करने का अवसर खोजती रहती हैं।
  • इसी बतरस को पाने के प्रयास में उन्होंने कृष्ण की वंशी को छिपा दिया है। कृष्ण वंशी के खो जाने पर बड़े व्याकुल हैं।
     

रस

परिभाषा

उदाहरण

संयोग शृंगार रस

जब नायक नायिका के परस्पर मिलन, स्पर्श, आलिंगन, वार्तालाप आदि का वर्णन होता है तब वहां पर संयोग श्रृंगार रस होता है।

हुए थे नैनो के क्या इशारे इधर हमारे उधर तुम्हारे।

चले थे अश्कों के क्या फवारे इधर हमारे उधर तुम्हारे।।


Important Points

  • बिहारी एक मात्र ऐसे कवि हैं जो रीति सिद्ध की सूचि में आते हैI
  • बिहारी की एकमात्र रचना बिहारी सतसई है जिसमे 719 दोहे हैI
  • बिहारी का जन्म 1595 ई. माना गया हैI
     
  • रीतिमुक्त - घनानंदआलमबोधाठाकुर
  • रीतिबद्ध - देवसेनापतिभूषणमतिराम आदि
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