कवि और रचना MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for कवि और रचना - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Mar 24, 2025
Latest कवि और रचना MCQ Objective Questions
Top कवि और रचना MCQ Objective Questions
कवि और रचना Question 1:
निम्न में से कौन सी 'दिनकर' की रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर मृगनयनी है।
Key Points
- मृगनयनी 'दिनकर' की रचना नहीं है।
- मृगनयनी वृन्दावनलाल वर्मा की प्रसिद्ध ऐतिहासिक रचना है।
- इसमें 15 वीं शती के ग्वालियर राज्य के राजा मानसिंह तोमर तथा उनकी गुर्जरी रानी मृगनयनी की प्रेम कथा है।
- मृगनयनी, कला और सामर्थ्य के संघर्षो के बीच की कहानी।
अन्य विकल्प-
- उर्वशी- उर्वशी रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य नाटक है। 1961 ई. में प्रकाशित इस काव्य में दिनकर ने उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नये अर्थ से जोड़ना चाहा है।
- कुरुक्षेत्र- कुरुक्षेत्र प्रसिद्ध लेखक, निबन्धकार और कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित विचारात्मक काव्य है, यह मानवतावाद के विस्तृत पटल पर लिखा गया आधुनिक काव्य अवश्य है।
- रश्मिरथी- हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है। यह 1952 में प्रकाशित हुआ था। इसमें 7 सर्ग हैं।
कवि और रचना Question 2:
'पुष्प की अभिलाषा' नामक प्रसिद्ध कविता के रचयिता कौन हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 2 Detailed Solution
'पुष्प की अभिलाषा' नामक प्रसिद्ध कविता के रचयिता माखनलाल चतुर्वेदी हैं, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 3 'माखनलाल चतुर्वेदी' सही उत्तर होगा।
- माखनलाल चतुर्वेदी जी की विश्व प्रसिद्ध कविता पुष्प की अभिलाषा हर उस व्यक्ति के जुबान पर रहता है जो हिन्दी साहित्य में थोड़ी भी रूचि लेते हैं।
- पुष्प की अभिलाषा कविता माखन लाल चतुर्वेदी जी की कलम यानी हिन्दी साहित्य के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा है।
अन्य विकल्प :
बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' |
विप्लव गायन,असिधारा पथ,ओस बिंदु सम ढरके,प्राप्तव्य,फागुन,भिक्षा,मधुमय स्वप्न रंगीले आदि। |
रामधारी सिंह 'दिनकर' |
कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रेणुका, रश्मिरथी आदि। |
रामनरेश त्रिपाठी |
'पथिक', 'मिलन' और 'स्वप्न' (खण्ड काव्य), 'मानसी' (स्फुट कविता संग्रह), 'कविता-कौमुदी', 'ग्राम्य गीत' (सम्पादित), 'गोस्वामी तुलसीदास और उनकी कविता' (आलोचना)। |
- माखनलाल चतुर्वेदी को 1955 मेें उनकी कृति 'हिम तरंगिणी' के लिए साहित्य अकादमी पुस्कार से सम्मानित किया गया।
- माखनलाल चतुर्वेदी को 1963 मेें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
कवि और रचना Question 3:
'पुष्प की अभिलाषा' नामक प्रसिद्ध कविता किसने लिखी है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 3 Detailed Solution
'पुष्प की अभिलाषा' नामक प्रसिद्ध कविता के रचयिता माखनलाल चतुर्वेदी हैं।
पुष्प की अभिलाषा
- चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध
प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर
हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक!
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक!
- माखनलाल चतुर्वेदी जी की विश्व प्रसिद्ध कविता पुष्प की अभिलाषा हर उस व्यक्ति के जुबान पर रहता है जो हिन्दी साहित्य में थोड़ी भी रूचि लेते हैं।
- पुष्प की अभिलाषा कविता माखन लाल चतुर्वेदी जी की कलम यानी हिन्दी साहित्य के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा है।
Additional Information
अन्य विकल्प :
बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' |
विप्लव गायन,असिधारा पथ,ओस बिंदु सम ढरके,प्राप्तव्य,फागुन,भिक्षा,मधुमय स्वप्न रंगीले आदि। |
रामधारी सिंह 'दिनकर' |
कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रेणुका, रश्मिरथी आदि। |
रामनरेश त्रिपाठी |
'पथिक', 'मिलन' और 'स्वप्न' (खण्ड काव्य), 'मानसी' (स्फुट कविता संग्रह), 'कविता-कौमुदी', 'ग्राम्य गीत' (सम्पादित), 'गोस्वामी तुलसीदास और उनकी कविता' (आलोचना)। |
Important Points
- माखनलाल चतुर्वेदी को 1955 मेें उनकी कृति 'हिम तरंगिणी' के लिए साहित्य अकादमी पुस्कार से सम्मानित किया गया।
- माखनलाल चतुर्वेदी को 1963 मेें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
कवि और रचना Question 4:
'उर्वशी' पर लिखी गई किसकी समीक्षा से विवाद उत्पन्न हो गया था?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 4 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 3 है।
- 'उर्वशी' पर लिखी गई भगवत शरण उपाध्याय की समीक्षा से विवाद उत्पन्न हुआ था।
- उर्वशी के रचयिता - रामधारी सिंह दिनकर
- प्रकाशन वर्ष - 1961
- गीतिनाट्य
- 'कल्पना ' पत्रिका के अप्रैल 1963 के अंक में भगवत शरण उपाध्याय का समीक्षात्मक लेख प्रस्तुत हुआ।
- 5 अंकों का नाट्य
- उर्वशी और पुरुरवा का प्राचीन मिथकीय संदर्भ
- दिनकर के अन्य काव्य संग्रह -
- रेणुका - 1935
- हुंकार 1939
- रसवंती - 1940
- कुरुक्षेत्र - 1946
- रस्ग्मिरथी - 1952
- परशुराम की प्रतीक्षा - 1963
Additional Information
- 1972 में उर्वशी पर ज्ञानपीठ पुरुस्कार।
- कई विद्वानों ने इसकी समीक्षा की क्योंकि काम और अश्लीलता जैसे आरोप इस कृति पर लगे।
कवि और रचना Question 5:
प्रकाशन वर्ष के अनुसार रचनाओं का सही क्रम हैं?
A) मिलन यामिनी
B) मधुलिका
C) मधुकलश
D) मधुकण
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 5 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष के अनुसार रचनाओं का क्रम इस प्रकार है-
रचना | प्रकाशन वर्ष |
मधुकण | 1932 ई. |
मधुकलश | 1937 ई. |
मधुलिका | 1938 ई. |
मिलन यामिनी | 1950 ई. |
Key Points
रचना | रचनाकार | विधा |
मधुकण | भगवती चरण वर्मा | काव्य संग्रह |
मधुकलश | हरिवंश राय बच्चन | काव्य संग्रह |
मधुलिका | रामेश्वर शुक्ल अंचल | काव्य संग्रह |
मिलन यामिनी | हरिवंश राय बच्चन | काव्य संग्रह |
Important Pointsरामेश्वर शुक्ल अंचल
- जीवनकाल- 1915-1995 ई.
- रामेश्वर शुक्ल अंचल को हिंदी साहित्य में 'मांसलवाद' का प्रवर्तक माना जाता है।
- रचनाएँ-
- मधुलिका (1938)
- अपराजिता (1939)
- किरण बेला (1941)
- करील (1942)
- लाल चूनर (1944)
- वर्षांत के बाद (1954)
- विराम चिन्ह (1957)
हरिवंशराय बच्चन-
- जीवनकाल- 1907-2003 ईस्वी
- काव्यधारा- प्रेम और मस्ती का काव्य (वैयक्तिक प्रेम की कविता)
- हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं
- हरिवंश राय बच्चन को हिंदी का 'बायरन' भी कहा जाता है।
- प्रमुख रचनाएँ-
- मधुशाला (1935)
- मधुबाला (1936)
- मधुकलश (1937)
- निशा निमंत्रण (1938)
- एकांत संगीत (1939)
- आकुल अंतर (1943)
- सतरंगिनी (1945)
- बंगाल का अकाल (1946)
- हलाहल (1946)
- खादी के फूल (1948)
- मिलन यामिनी (1950)
भगवती चरण वर्मा-
- जीवनकाल- 1903-1981 ई.
- रचनाएँ-
- मधुकण (1932)
- प्रेम संगीत (1937)
- मानव (1940)
- रंगों से मोह (1962)
- एक दिन
कवि और रचना Question 6:
सुभद्रा कुमारी चौहान ने किस रियासत की रानी को विषय बनाकर अपनी चर्चित कविता लिखी थी?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 6 Detailed Solution
सही उत्तर है - “झाँसी की रानी”।
- सुभद्रा कुमारी चौहान ने झाँसी की रानी को विषय बनाकर अपनी चर्चित कविता लिखी थी।
- सुभद्रा कुमारी चौहान सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं।
Key Points
- कविता का विषय 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाली, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई और उनके द्वारा अंग्रेजों के साथ लड़ा गया युद्ध है।
- झाँसी की रानी एक वीर रस की कविता है जो उस दौर में लिखी गयी जब हिंदी भाषा के साहित्य में छायावाद मुखर था।
Additional Information
- नागार्जुन:
- वे हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे।
- अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं
बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया।
- जयशंकर प्रसाद:
- वे हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- महादेवी वर्मा:
- वे हिन्दी भाषा की कवयित्री थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं।
- आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।
- भारत भूषण:
- वे हिन्दी के कवि एवं सुकुमार गीतकार थे।
- उनकी सैकडों कविताओं व गीतों में सबसे चर्चित 'राम की जलसमाधि' रही।
कवि और रचना Question 7:
हल्दीघाटी' नामक महाकाव्य के रचयिता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 7 Detailed Solution
हल्दीघाटी' नामक महाकाव्य श्यामनारायण पाण्डेय है।
हल्दीघाटी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन और जौहर में चित्तौड की रानी पद्मिनी के आख्यान हैं।
Key Pointsश्याम नारायण पाण्डेय (1907-1991ई.)
- वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे।
- ये अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- हल्दीघाटी
- जौहर
- तुमुल
- रूपान्तर
- आरती
- जय-पराजय
- गोरा-वध
- जय हनुमान आदि।
Additional Informationमाखनलाल चतुर्वेदी-(1889-1968)
- हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं।
- सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- कृष्णार्जुन युद्ध' (1918 ई.)
- हिमकिरीटिनी' (1941 ई.)
- साहित्य देवता' (1942 ई.)
- हिमतरंगिनी' (1949 ई.)
- माता (1952 ई.)आदि।
ठाकुर गोपालशरण सिंह-(1891-1960)
- आधुनिक हिन्दी काव्य के प्रमुख उन्नायकों और पथ प्रशस्त करनेवालों में हैं।
- ब्रजभाषा के स्थान पर आधुनिक हिन्दी का प्रयोग कर उन्होंने काव्य में न सिर्फ़ वही माधुर्य, सरसता और प्रांजलता बनाये रखी।
प्रमुख रचनाएँ-
- मानवी (1938)
- माधवी (1938)
- ज्योतिष्मती (1938)
- संचिता (1939)
- सुमना(1941) आदि।
सुभद्राकुमारी चौहान-(1904-1948)
-
सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं।
-
झाँसी की रानी उनकी प्रसिद्ध कविता है। वे राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- बिखरे मोती -1932
- उन्मादिनी -1934
- सीधे-साधे चित्र -1947
- सीधे-साधे चित्र -1983 आदि।
कवि और रचना Question 8:
राष्ट्रवादी कवि रामधारीसिंह 'दिनकर' को 'उर्वशी' के लिए 'ज्ञानपीठ-पुरस्कार' किस वर्ष प्रदान किया गया ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 8 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 '1972’ है।
- उर्वशी काव्य के लिए
Mistake Points
- ध्यान रहें उर्वशी जयशंकर प्रसाद की भी रचना है।
Key Points
- उर्वशी रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य नाटक है।
- 1961 ई. में प्रकाशित इस काव्य में दिनकर ने उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नये अर्थ से जोड़ना चाहा है।
- अन्य रचनाओं से इतर उर्वशी राष्ट्रवाद और वीर रस प्रधान रचना है।
- इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
- इस कृति में पुरुरवा और उर्वशी अलग-अलग तरह की प्यास लेकर आये हैं।
- इनकी अन्य रचनाओं को यह पुरस्कार प्रदान नहीं किया गया था।
Additional Information
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
- भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है।
- पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।
कवि और रचना Question 9:
दिनकर की किस कृति का कथानायक कर्ण है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 9 Detailed Solution
दिनकर की रश्मिरथी कृति का कथानायक कर्ण है|
Key Pointsरश्मिरथी-
- रचनाकार-रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रकाशन वर्ष-1952ई.
- रश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्यकिरण रूपी रथ का सवार" है|
- विषय-महाभारत के पात्र कर्ण के जीवन पर आधारित यह कृति है|
- कुछ पंक्तिया-
- तूने जो-जो किया, उसे मैं भी दिखला सकता हूँ चाहे तो कुछ नई कलाएँ भी सिखला सकता हूँं।
Important Pointsरामधारी सिंह 'दिनकर'-
- जन्म-1908-1974ई.
- मुख्य रचनाएँ-रेणुका (1935ई.), हुंकार (1938ई.),रसवन्ती (1939ई.),कुरूक्षेत्र (1946ई.),बापू (1947ई), रश्मिरथी (1952ई.) आदि|
- नामवर सिंह-"दिनकर जी अपने युग के सचमुच सूर्य थे।
Additional Informationपरशुराम की प्रतीक्षा-
- प्रकाशन वर्ष-1963ई.
- विषय-
- सामाजिक विषय पर आधारित कविता संग्रह और खंडकाव्य की पुस्तक है।
- इस कविता संग्रह में लगभग अठारह कविताएँ शामिल हैं।
- कथा नायक परशुराम है|
कुरुक्षेत्र-
- प्रकाशन वर्ष-1946ई.
- विषय-युद्ध के कारन होने वाले विनाश को दर्शाया गया है और इसका कथा नायक युधिष्ठिर है|
उर्वशी-
- प्रकाशन वर्ष-1961ई.
- विषय-
- उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नये अर्थ से जोड़ना चाहा है।
- उर्वशी प्रेम और सौन्दर्य का काव्य है।
कवि और रचना Question 10:
निम्नलिखित रचनाओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित करते हुए सही विकल्प चुनिए
1-रचनाएँ |
2-रचनाकार |
1. तुलसीदास |
i. मैथिलीशरण गुप्त |
2. वैदेही वनवास |
ii. माखललाल चतुर्वेदी |
3. हिमतरंगिनी |
iii. दिनकर |
4. रसवंती |
iv. निराला |
|
v. हरिऔध |
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 10 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 4 सही उत्तर हैं।
Key Points
- रचनाओं का सही सुमेल इस प्रकार है-
1-रचनाएँ | 2-रचनाकार |
तुलसीदास | निराला |
वैदेही वनवास | हरिऔध |
हिमतरंगिनी | माखनलाल चतुर्वेदी |
रसवंती |
दिनकर |
Important Points
- 'तुलसीदास' 101 छंदों में लिखित खण्डकाव्य है,जिसमें कवि तुलसीदास के गृह त्याग एवं तप की घटना का वर्णन है।
- 'वैदेही वनवास'(1940ई.) में 18 सर्ग है और इसमें सीता परित्याग की कथा का वर्णन है।
- 'हिमतरंगिनी' 1948 ई. में लिखी गयी व माखनलाल चतुर्वेदी को 'एक भारतीय आत्मा' कहा जाता है।
- 'रसवंती' की रचना 1940ई. में की व दिनकर को 'समय-सूर्य','अधैर्य का कवि' आदि कहा जाता हैं।
Additional Information
कवि |
रचनाएँ |
मैथिलीशरण गुप्त |
रंग में भंग(1909ई.),जयद्रथ वध(1910ई.),साकेत(1931ई.),भारत-भारती(1912ई.) आदि। |
माखनलाल चतुर्वेदी |
हिमकिरीटनी(1943ई.),माता(1951ई.),समर्पण(1956ई.)आदि। |
रामधारी सिंह 'दिनकर' |
रेणुका(1935ई.),हुंकार(1938ई.),कुरुक्षेत्र(1946ई.),रश्मिरथी(1952ई.)आदि। |
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' |
अनामिका(1923ई.),परिमल(1930ई.),गीतिका(1936ई.),तुलसीदास(1938ई.)आदि। |
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' |
प्रियप्रवास(1914ई.),पद्य प्रसून(1914ई.),पारिजात(1940ई.),चोखे चौपदे(1932ई.) आदि। |