अर्थालंकार MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for अर्थालंकार - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Mar 24, 2025
Latest अर्थालंकार MCQ Objective Questions
Top अर्थालंकार MCQ Objective Questions
अर्थालंकार Question 1:
बीती विभावरी जागरी !
अम्बर-पनघट में डुबो रही
तारा-घट ऊषा नागरी।
उपरोक्त पंक्तियो में निम्न अलंकार होगा-
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 1 Detailed Solution
बीती विभावरी जागरी !
अम्बर-पनघट में डुबो रही
तारा-घट ऊषा नागरी।
- उपरोक्त पंक्तियो में रूपक अलंकार होगा
- अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 1)रूपक अलंकार सही उत्तर होगा।
स्पष्टीकरण:
उपमेय पर उपमान का आरोप या उपमान और उपमेय का अभेद ही 'रूपक' है। बीती विभावरी जागरी ! |
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा अलंकार |
समान धर्म के आधार पर जहाँ एक वस्तु की समानता या तुलना किसी दूसरी वस्तु से की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता हैं। |
हाय फूल सी कोमल बच्ची , हुई राख की ढेरी थी। |
यमक अलंकार |
जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, उसे यमक अलंकार कहते हैं। |
कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय। |
श्लेष अलंकार |
जहाँ एक ही शब्द के अनेक अर्थ निकलते हैं, उसे श्लेष अलंकार कहते हैं। |
माया महाठगिनि हम जानी। |
अर्थालंकार Question 2:
“उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक” किस अलंकार के भेद हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 2 Detailed Solution
उपमा अलंकार यहाँ सही विकल्प है, अन्य असंगत है।
उपमा अलंकार - जिसमे किसी की तुलना किसी से की जाती हो। अत: उपर्युक्त सभी उपमा अलंकार के भेद इसलिए सही विकल्प 3 उपमा अलंकार होगा।
जैसे - चंदा सा मुखड़ा कन्हैया का
- भेद :- “उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक”
- 'उप' का अर्थ है- 'समीप से' और 'मा' का तौलना या देखना।
अर्थालंकार Question 3:
निम्नलिखित पंक्तियों में रचनानुसार अलंकार पहचानिए।
‘देख लो साकेत नगरी है यही। स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।’
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 3 Detailed Solution
उपर्युक्त काव्य पंक्ति में ‘अतिश्योक्ति अलंकार’ है। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 1 ‘अतिश्योक्ति अलंकार’ होगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण उत्तर होंगे।
Key Points
‘देख लो साकेत नगरी है यही। स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।’ इस काव्य पंक्ति में साकेत नगरी का बहुत बढ़ा-चढ़कर वर्णन किया गया है। इसलिए यहाँ ‘अतिश्योक्ति अलंकार’ होगा।
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अतिश्योक्ति अलंकार |
जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है। |
हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि। |
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उल्लेख अलंकार |
जहां एक वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाए, वहाँ उल्लेख अलंकार होता |
तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में, तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में। |
दृष्टांत अलंकार |
जहां उपमेय और उपमान तथा उनके साधारण धर्मों में बिम्ब-प्रतिबिंब भाव हो। |
सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरन। फिर घन में ओझल हो शशि, फिर शशि में ओझल हो घन। |
विरोधाभास अलंकार |
जहां विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास दिया जाए। |
विषमय यह गोदावरी अमृतन को फल देत। |
अर्थालंकार Question 4:
मानों माई धन धन अंतर दामिनी । धन दामिनी दामिनी धन अंतर, शोभित हरि - ब्रज भामिनी। इस पंक्ति में कौन- सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 4 Detailed Solution
मानों माई धन धन अंतर दामिनी । धन दामिनी दामिनी धन अंतर, शोभित हरि - ब्रज भामिनी। इस पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है।
- उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में रासलीला का सुन्दर वर्णन किया गया है l
- रास के समय पर गोपी को लगता था कि कृष्ण उसके पास नृत्य कर रहे है l
- गोरी गोपियाँ और श्याम वर्ण कृष्ण मंडलाकार नाचते हुए ऐसे लगते है मानो बादल और बिजली, बिजली और बादल साथ-साथ शोभायमान हो रहे है l
- यहाँ गोपिकाओं में बिजली की और कृष्ण में बादल की सम्भावना की गयी है l अतः सही विकल्प उत्प्रेक्षा अलंकार है
Key Pointsउत्प्रेक्षा अलंकार-
- उपमेय में उपमान के होने की कल्पना की जा रही है। अतः यह उदाहरण उत्प्रेक्षा अलंकार के अंतर्गत आएगा।
- उदाहरण-
- 'सिर फट गया उसका वहीं। मानो अरुण रंग का घड़ा हो’
Important Pointsरूपक अलंकार-
- जहां उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं होता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- मैया मैं तो चन्द्र खिलौना लेहौं
श्लेष अलंकार-
- जब किसी पंक्ति में कोई शब्द एक ही बार प्रयुक्त हों लेकिन उसके अर्थ अलग-अलग हों तब श्लेष अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- 'रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून'।
'पानी गये न ऊबरै, मोती मानस चून'।। - इस पंक्ति में 'पानी' शब्द के अनेक अर्थ है।
- जैसे- चमक, प्रतिष्ठा, और जल।
- 'रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून'।
यमक अलंकार-
- जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।
- उदाहरण-
- काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।
अर्थालंकार Question 5:
निम्नलिखित अलंकारों में से अर्थालंकार का भेद है।
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 5 Detailed Solution
उत्प्रेक्षा अर्थालंकार का भेद है।
- जैसे - लता भवन ते प्रकट भे, तेहि अवसर दोउ भाय।
मनु निकसे जुग बिमल बिधु, जलद पटल बिलगाय।।
- अर्थात - उसी समय दोनों भाई लता मंडप (कुंज) में से प्रकट हुए।
मानो दो निर्मल चंद्रमा बादलों के परदे को हटाकर निकले हों॥
उपर्युक्त वाक्य में अर्थ के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न हो रहा है। ये पंक्ति उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण है।
Key Pointsअन्य विकल्प शब्दालंकार के उदाहरण हैं -
- अनुप्रास
- यमक
- श्लेष
Important Pointsउत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण -
- ले चला मैं तुझे कनक,
भिक्षुक लेकर स्वर्ण-झनक।
- लट लटकनि मनु मत्त,
मधुपगन माधुरी मधुर पिये।
- सोहत ओढ़े पीतु पटु, स्याम सलोने गात।
मनो नीलमनि - सैल पर, आतपु परयौ प्रभात।।
- धायें धाम काम सब त्यागी।
मनहुँ रंक निधि लूटन लागी।।
Additional Information
- अलंकार का अर्थ है - अलंकृत करना या सजाना।
अलंकार के निम्नलिखित भेद हैं -
- शब्दालंकार - जब काव्य में शब्दों के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न किया जाता है तब वहाँ शब्दालंकार होता है।
- अर्थालंकार - जब काव्य में अर्थ के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न किया जाता है तब वहाँ अर्थालंकार होता है।
- उभयालंकार - जब काव्य में शब्द और अर्थ दोनों के ही माध्यम से चमत्कार उत्पन्न किया जाता है तब वहाँ उभयालंकार होता है।
उत्प्रेक्षा अलंकार -
- जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
- पहचान - मनो, मानो, मनु, मनुह, जानो, इव, जनु, जानहु, ज्यों
अर्थालंकार Question 6:
निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प शब्द शक्ति का भेद नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 6 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में’ उपमा’ यहाँ उचित नहीं होगा। इसलिए इसका सही उत्तर विकल्प 3 ‘उपमा’ है। अन्य विकल्प असंगत उत्तर हैं।
स्पष्टीकरण:
दिए गए विकल्पों में’ उपमा’ शब्द शक्ति नहीं है बल्कि यह अर्थालंकार का एक भेद है। जिसमें एक वस्तु की तुलना किसी दूसरी वस्तु से की जाती है।
‘अभिधा, व्यंजना और लक्षण’ ये तीनों शब्द शक्तियाँ हैं।
विशेष:
नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
शब्द शक्ति |
शब्द या शब्द समूह में जो अर्थ छिपा होता है उसे प्रकाशित करने वाली शक्ति को शब्द शक्ति कहते हैं। इसके तीन भेद हैं:- अभिधा, लक्षणा, व्यंजना |
|
अभिधा |
वाच्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति |
राधा पुस्तक पढ़ रही है। |
लक्षणा |
लक्ष्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति |
लड़का शेर है। |
व्यंजना |
व्यंग्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति |
सुबह के आठ बज गए। |
अर्थालंकार Question 7:
मैं अंधा भी देख रहा हूँ, रोती हो तुम रोती हो।
इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है - विरोधाभास।
Key Points
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
विरोधाभास |
विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष करते हुए दो या दो से अधिक भावों का प्रयोग किया जाता है। |
मैं अंधा भी देख रहा हूँ, रोती हो तुम रोती हो। यहाँ अंधे द्वारा देखने की बात में विरोधी बात कही गयी है। |
अर्थालंकार Question 8:
हरिपद कोमल कमल से । _____ अलंकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 8 Detailed Solution
- अत: इस काव्य पंक्ति में उपमा अलंकार है।
- जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं की तुलना की जाए, तब वहां उपमा अलंकार होता है।
Important Points
Trick-इसकी पहचान सा, सी, सो वाक्य में आते हैं।
उपमा अलंकार के उदाहरण
- उदाहरण- मुख चंद्रमा सा सुंदर है।
- इस वाक्य चंद्रमा के बाद सा का प्रयोग हुआ
- उदाहरण- कर कमल कोमल सा है।
- इस वाक्य में कोमल के बाद सा का प्रयोग हुआ
Key Points
अन्य विकल्प :
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उत्प्रेक्षा अलंकार |
जहां उपमेय में उपमान की संभावना कर ली गई हो, वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात। |
रूपक अलंकार |
जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में अभिन्नता दर्शायी जाए तब वह रूपक अलंकार कहलाता है। |
पायो जी मैंने राम रत्न धन पायो |
यमक अलंकार |
जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। |
काली घटा का घमंड घटा। |
Additional Information
- अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आभूषण या गहना’ जिस प्रकार स्वर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार काव्य अलंकारों से काव्य की शोभा बढ़ती है।
- अलंकार के तीन प्रकार अथवा भेद होते हैं, किन्तु प्रधान रूप से अलंकार के दो भेद माने जाते हैं — शब्दालंकार तथा अर्थालंकार
अर्थालंकार Question 9:
जब 'उपमेय' और 'उपमान' में रूप, गुण आदि के बीच समानता का प्रतिपादन हो तो अलंकार होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 9 Detailed Solution
सही विकल्प उपमा है।
Key Points
- जब 'उपमेय' और 'उपमान' में रूप, गुण आदि के बीच समानता का प्रतिपादन हो तो वहां उपमा अलंकार होगा।
- किसी प्रस्तुत वस्तु की उसके किसी विशेष गुण, क्रिया, स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता स्थापित की जाए तो उपमा अलंकार होगा।
- जैसे- हरि पद कोमल कमल से - यहाँ हरि (भगवान) के पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है।
- उपमा अलंकार के चार अंग होते हैं -
- उपमेय - काव्य में जिसकी समान गुन धर्म के आधार पर तुलना की जाती है उसे उपमेय कहते है।
- उपमान - उपमेय की तुलना जिसके वस्तु साथ की जाती है उसे उपमान कहते हैं।
- साधरण धर्म- उपमेय और उपमान के बीच समान गुणधर्म को साधारण धर्म कहते है।
- वाचक शब्द - जो शब्द उपमेय और उपमान के बीच समानता को दर्शाते है उन्हें वाचक शब्द कहते है सा, सी, सम, सरिस, जैसा, ज्यो।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
यमक |
जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। |
काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’। |
रूपक |
जहाँ पर उपमेय औ रउपमान में कोई अंतर न दिखाई दे वहाँ रूपक अलंकार होताहै अथार्त जहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच के भेद को समाप्त करके उसे एक कर दिया जाता है वहाँ पर रूपक अलंकार होताहै। |
“पायो जी मैने, राम रतन धन पायों" उपमेय-रामरतन उपमान-धन यहाँ राम रतन को ही धन के समान मान लिया गया हैं। |
अतिशयोक्ति |
जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये तो वहां पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। |
लहरें व्योम चूमती उठती देख लो साकेत नगरी है यही! स्वर्ग से मिलने गगन जा रही हैं!! |
अर्थालंकार Question 10:
“तुम मांसहीन, तुम रक्तहीन, हे अस्थिशेष तुम अस्थिहीन,
तुम शुद्ध-बुद्ध आत्मा केवल, हे चिर पुराण हे चिर नवीन।''
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अर्थालंकार Question 10 Detailed Solution
उपर्युक्त पंक्तियों में विरोधाभास अलंकार है। अतः विकल्प विरोधाभास सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- जब दो विरोधी पदार्थों का संयोग एक साथ दिखाया जाय तो विरोधाभास अलंकार प्रस्तुत होता है।
- उपर्युक्त पंक्तियां सुमित्रानंदन पंत की है।
- यह पंक्तियां युगांत पल्लविनी (1936) कविता से हैं जो कि "बापू के प्रति" में संकलित हैं।
Additional Information
- मानवीकरण अलंकार
- परिभाषा :- जहां काव्य में चेतन-अचेतन अवस्था का संबंध तथा क्रियाकलापों को , मनुष्य के व्यवहार से जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है वहां मानवीकरण अलंकार होता है।
- जहां बेजुबान में जान होने का संकेत मिले वहां मानवीकरण अलंकार की उपलब्धता होती है।
- श्रद्धानत तरुओं की अंजली से झरे पात , कोंपल के मूंदे नयन थर-थर-थर पुलकगात।
- (यहां वृक्ष और उसके शाखाओं को मानवीय व्यवहार से जोड़ा गया है )
- दृष्टान्त अलंकार
- जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता हो वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है।
- इस अलंकार में उपमेय रूप में कहीं गई बात से मिलती -जुलती बात उपमान रूप में दुसरे वाक्य में होती है।
- यह अलंकार उभयालंकार का भी एक अंग है।
- यह जीवन हो परीपुराण....पिर घन में ओझल हो शशी…….फिर शशी से ओझल हो घन।
- यहाँ सुख-दुःख तथा शशी-घन में बिंब प्रतिबिंब का भाव है इसलिए यहाँ दृष्टांत अलंकार है।
- विशेषण-विपर्यय अलंकार-
- जहाँ किसी वस्तु का विशेषण उससे संबंधित दूसरी वस्तु में विशेष अर्थ से संबंधित करने में प्रयुक्त किया जाता है, वहाँ विशेषण -विपर्यय अलंकार होता है।
- अब विकल रागिनी बजती।
- स्पष्टीकरण- यहाँ 'विकल' शब्द हृदय का विशेषण है परन्तु उसे रागिनी का विशेष बनाकर प्रयुक्त किया गया है।