प्रगतिवाद MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for प्रगतिवाद - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 23, 2025

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Latest प्रगतिवाद MCQ Objective Questions

Top प्रगतिवाद MCQ Objective Questions

प्रगतिवाद Question 1:

'गीत फ़रोश' कविता में भवानी प्रसाद मिश्र कहना चाहते हैं कि :

(A) व्यावसायिकता के कारण आज का कवि अपने गीत बेचने के लिए मजबूर है I

(B) आज का कवि 'ग्राहक की मर्जी' के अनुसार गीत लिखने के लिए अभिशप्त है I

(C) कवि केवल खुशी के गीत लिखता है I

(D) कवि शौक से गीत लिखता और बेचता है I 

नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -  

  1. (A) और (C)
  2. (A) और (B)
  3. (B) और (D)
  4. (C) और (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : (A) और (B)

प्रगतिवाद Question 1 Detailed Solution

गीत फरोश कविता में भवानी प्रसाद मिश्र कहना चाहते हैं कि-(A)व्यावसायिकता के कारण आज का कवि अपने गीत बेचने के लिए मजबूर है। (B)आज का कवि 'ग्राहक की मर्जी' के अनुसार गीत लिखने के लिए अभिशप्त है।

Key Points

  • गीत फ़रोश कविता भवानीप्रसाद मिश्र ने 1956ई. में लिखी।
  • भवानी प्रसाद मिश्र गांधीवादी विचारधारा के कवि हैं,कहानीकार उदय प्रकाश ने मिश्र जी को 'कविता का गांधी' कहा है।
  • इनकी अधिकांश कविताओं में बोलचाल की शब्दावली तथा बोलचाल के लहजे का प्रयोग हुआ है।
  • दूसरा सप्तक(1951) के महत्वपूर्ण कवि है।

Important Points

  • कविता संग्रह-
रचना वर्ष
चकित है दुख 1968
खुशबू के शिलालेख 1973
इदम न मम् 1977
अनाम तुम आते हो 1979

Additional Information

  • गीत फ़रोश कविता अंश-जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ।
    मैं तरह-तरह के
    गीत बेचता हूँ;
    मैं क़िसिम-क़िसिम के गीत
    बेचता हूँ।

प्रगतिवाद Question 2:

'बादल को घिरते देखा है' कविता से संबंधित सही तथ्य हैं :

(A)  नागार्जुन को कालिदास के मेघ का पता-ठिकाना मालूम था।

(B)  नागार्जुन का बादल कल्पना-प्रसूत नहीं है।

(C)  इसमें उज्जयिनी के जीवन का यथार्थ वर्णन किया गया है।

(D)  इसमें किन्नर - किन्नरियों के स्वच्छंद जीवन के अनुभूत्यात्मक चित्र हैं। 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :

  1. (B) और (C)
  2. (A) और (B)
  3. (A) और (D)
  4. (B) और (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : (B) और (D)

प्रगतिवाद Question 2 Detailed Solution

'बादल को घिरते देखा है' कविता से सम्बंधित सही तथ्य है - नागार्जुन का बादल कल्पना-प्रसूत नहीं है और इसमें किन्नर-किन्नरियों के स्वच्छंद जीवन के अनुभूत्यात्मक चित्र है, विकल्प 4 सही है।

Key Points

  •  नागार्जुन ने बादल को घिरते देखा की रचना सन् 1938 ई. में की। 
  • बादल को घिरते देखा है कविता,काव्य संग्रह  युगधारा(1953 ई.) में संकलित है।

Important Points

  •  प्रगतिवादी कवि नागार्जुन की कविताएँ हैं- कालिदास, मनुष्य हूँ, अकाल और उसके बाद, खुरदरे पैर, शासन की बन्दूक। 
  • बच्चन सिंह ने नागार्जुन की कविताओं को 'नुक्कड़ कविता' कहा है।

Additional Information

  •  'यात्री' नागार्जुन का पहला साहित्यिक नाम था।
  • "नागार्जुन जितने क्रांतिकारी सचेत रूप से हैं उतने अचेत रूप में भी"।

प्रगतिवाद Question 3:

'बसंती हवा' कविता के रचयिता कौन हैं?

  1. केदारनाथ सिंह
  2. त्रिलोचन
  3. केदारनाथ अग्रवाल
  4. नागार्जुन
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केदारनाथ अग्रवाल

प्रगतिवाद Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर केदारनाथ अग्रवाल है

Key Points

  • 'बसंती हवा' कविता के रचयिता केदारनाथ अग्रवाल हैं
  • 'बसंती हवा' कविता में कवि ने वसंत ऋतु के आगमन का सजीव चित्रण किया है
  • प्रस्तुत कविता में हवा का मनोरंजन रूप दिखाया गया है, कविता में हवा अपना परिचय देती है,
  • वह प्रतिदिन कहाँ -कहाँ घूमती है; किन किन स्थानों पर जाती है;
  • किससे शरारतें करती है; इन सबका इस कविता में वर्णन किया गया है

हवा हूँ हवा ......................... वसंती हवा हूँ

  • बसंती हवा सभी को अपना परिचय देते हुए ये कहती है कि वह बसंती हवा है। वह बड़ी निराली, सीधी-साधी और मनमौजी है। 
  • वह बड़ी निडर है क्योंकि उसे किसी बात की चिंता नहीं है
  • वह जहाँ चाहे वहाँ घूम सकती है। वह एक अजब मुसाफिर है 

अन्य विकल्प- 

कवि

परिचय

रचनायें

केदारनाथ सिंह

केदारनाथ सिंह एक भारतीय कवि, निबंधकार और हिंदी लेखक थेउन्हें उनके कविता संग्रह, अकाल में सरस (सूखे में क्रेन) के लिए हिंदी में साहित्य अकादमी पुरस्कार (1989) से सम्मानित किया गया था।

अभी बिल्कुल अभी, यहाँ से देखो, अकाल में सारस, उत्तर कबीर    

त्रिलोचन

कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है। त्रिलोचन शास्त्री को 1989-90 में हिंदी अकादमी ने शलाका सम्मान से सम्मानित किया था।

धरती(1945), गुलाब और बुलबुल(1956), दिगंत(1957), ताप के ताए हुए दिन(1980), शब्द(1980), उस जनपद का कवि हूँ (1981)

नागार्जुन 

हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे।

युगधारा,  सतरंगे पंखों वाली, भूमिजा

प्रगतिवाद Question 4:

‘बहुत दिनों के बाद’ कविता किस युग की कविता है ?

  1. भारतेन्दु युग
  2. द्विवेदी युग
  3. प्रगतिवाद
  4. प्रगतिवाद
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : प्रगतिवाद

प्रगतिवाद Question 4 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर प्रगतिवादहै। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points

  • एक साहित्यिक आंदोलन के रूप में प्रगतिवाद का समय 1936 ई० से लेकर 1956 ई० तक है।
  • जिसके प्रमुख कवि हैं- केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, राम विलास शर्मा, रांगेय राघव, शिव मंगल सिंह 'सुमन', त्रिलोचन आदि।
  • 'बहुत दिनों के बाद' घुमक्कड़ कवि नागार्जुन की देशज प्रकृति और घरेलू संवेदना का एक दुलर्भ साक्ष्य प्रस्तुत करती है। यह प्रगतिवादी कविता है।

 

प्रगतिवाद युग

मार्क्सवादी विचारधारा का साहित्य में प्रगतिवाद के रूप में उदय हुआ। यह समाज को शोषक और शोषित के रूप में देखता है। प्रगतिवादी शोषक वर्ग के खिलाफ शोषित वर्ग में चेतना लाने तथा उसे संगठित कर शोषण मुक्त समाज की स्थापना की कोशिशों का समर्थन करता है। यह पूँजीवाद, सामंतवाद, धार्मिक संस्थाओं को शोषक के रूप में चिन्हित कर उन्हें उखाड़ फेंकने की बात करता है।

Additional Information

भारतेन्दु युग

भारतेंदु युग को हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम चरण कहा जाता है। लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी साहित्य का प्रतिनिधि माना जाता है। भारतेंदु युग के लेखकों में बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी, राधाचरण गोस्वामी एवं रायकृष्णदास प्रमुख हैं।

द्विवेदी युग

शताब्दी के पहले दो दशक के पथ-प्रदर्शक, विचारक और साहित्य नेता आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर ही इस काल का नाम 'द्विवेदी युग' पड़ा।

छायावादी युग

मुकुटधर पाण्डेय ने श्री शारदा पत्रिका में एक निबंध प्रकाशित किया जिस निबंध में उन्होंने छायावाद शब्द का प्रथम प्रयोग किया। कृति प्रेम, नारी प्रेम, मानवीकरण, सांस्कृतिक जागरण, कल्पना की प्रधानता आदि छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएं हैं।

प्रगतिवाद Question 5:

अज्ञेय द्वारा संपादित ग्रंथ हैं

  1. तार सप्तक
  2. पुष्करिणी
  3. रुपांबर
  4. उपर्युक्त सभी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपर्युक्त सभी

प्रगतिवाद Question 5 Detailed Solution

अज्ञेय द्वारा संपादित ग्रंथ हैं: उपर्युक्त सभी
Key Points
अन्य विकल्पों का विश्लेषण: 

संपादित काव्य संकलन :
1) तारसप्तक (1943)
2) दूसरा सप्तक (1951)
3) पुष्करिणी (1959)
4) तीसरा सप्तक (1959)
5) रूपाम्बरा (1960)
6) चौथा सप्तक (1979)
Important Points
  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987)
  • अज्ञेय प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं।
  • अनेक जापानी हाइकु कविताओं को अज्ञेय ने अनूदित किया।

अज्ञेय जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

कविता संग्रह

रचना वर्ष

कविता संग्रह

रचना वर्ष

कहानियां

रचना वर्ष

भग्नदूत

1933

आँगन के पार द्वार

1961

विपथगा

1937

चिन्ता

1942

कितनी नावों में कितनी बार

1967

परम्परा

1944

इत्यलम्

1946

क्योंकि मैं उसे जानता हूँ

1970

कोठरी की बात

1945

हरी घास पर क्षण भर

1949

सागर मुद्रा

1970

शरणार्थी

1948

बावरा अहेरी

1954

पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ

1974

जयदोल

1951

इन्द्रधनुष रौंदे हुये ये

1957

महावृक्ष के नीचे

1977

   

अरी ओ करुणा प्रभामय

1959

नदी की बाँक पर छाया

1981

   

प्रगतिवाद Question 6:

निम्न विकल्पों में से कौन-सा एक विकल्प 'रचनाकार - रचना' की दृष्टि से गलत है?

  1. नागार्जुन-युगधारा
  2. त्रिलोचन-धरती
  3. केदारनाथ अग्रवाल -युग की गंगा
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 5 : उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रगतिवाद Question 6 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 5 सही हैं| 

Key Points

  • दिए गए सभी युग्म उचित हैं।
  • उपर्युक्त सभी रचनाकार प्रगतिवादी हैं|
  • प्रगतिवाद का समय 1936 ई. से 1942 ई. हैं| 
  • 'सुमन' की प्रमुख कविताएँ हैं –हम पंछी उन्मुक्त गगन के,पर आँखे नहीं भरी,रणभेरी आदि|
  • वीणा(1927) सुमित्रानंदन पंत का काव्य संग्रह हैं|

Additional Information

रचनाकार  कृतियाँ 
शिवमंगल सिंह 'सुमन'  हिल्लोल(1939),जीवन के गान(1942),विंध्य हिमाचल(1960)मिट्टी की बारात(1972)
नागार्जुन  युगधारा(1953),सतरंगे पंखों वाली(1959), भसमांकुर(1971),तुमने कहा था(1980)
त्रिलोचन  धरती(1945),दिगंत(1957),उस जनपथ का कवि हूँ(1981)
केदारनाथ अग्रवाल  युग की गंगा(1947),फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965),गुलमेंहदी(1978)

प्रगतिवाद Question 7:

कविता "निम्मो की मौत पर" में निम्मो समाज के किस वर्ग का प्रतिनिध्त्व करती थी ?

  1. समाज के पढ़े लिखे वर्ग का 
  2. भारतीय समाज के शोषित पीड़ित वर्ग का 
  3. भारतीय समाज के अमीर वर्ग का 
  4. ​इनमे से कोई नहीं 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भारतीय समाज के शोषित पीड़ित वर्ग का 

प्रगतिवाद Question 7 Detailed Solution

कविता "निम्मो की मौत पर" में निम्मो समाज के शोषित और पीड़ित वर्ग का प्रतिनिधत्व करती थी।

Key Points

  • निम्मो कविता के लेखक श्री विजय कुमार है।  
  • कवी ने निम्मो की तुलना भीगी हुई चिड़िया से की है।  

नोट: यह प्रश्न बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की पाठ्य पुस्तक गोधूलि भाग 1 पर आधारित है।  

प्रगतिवाद Question 8:

"पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा" किसकी रचना है ? 

  1. ​केदार नाथ अग्रवाल 
  2. ​अयोध्या सिंह उपाध्याय "हरिऔध"
  3. ​लीलाधर जगूड़ी 
  4. हरिवंश राय बच्चन 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : ​केदार नाथ अग्रवाल 

प्रगतिवाद Question 8 Detailed Solution

सही उत्तर है केदार नाथ अग्रवाल।

अन्य विकल्प:

  • अयोध्या सिंह उपाध्याय "हरिऔध": पालक पांवड़े 
  • ​लीलाधर जगूड़ी: मेरा इश्वर 
  • हरिवंश राय बच्चन: आ रही रवि की सवारी

 

नोट: यह प्रश्न बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की पथ्य पुस्तक गोधूलि भाग 1 पर आधारित है।  

प्रगतिवाद Question 9:

निम्नलिखित में भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएँ हैं

  1. गीत फरोश, कमल के फूल, सतपुड़ा के जंगल
  2. ब्रह्मराक्षस, ठंडा लोहा, अंधा युग
  3. गीत फरोश, अंधा युग, सतपुड़ा के जंगल
  4. गीत फरोश, ठंडा लोहा, सतपुड़ा के जंगल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गीत फरोश, कमल के फूल, सतपुड़ा के जंगल

प्रगतिवाद Question 9 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "गीत फरोश, कमल के फूल, सतपुड़ा के जंगल" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • भवानी प्रसाद मिश्र 
    • गीत फरोश, टूटने का सुख, वाणी की दीनता, सतपुड़ा के जंगल, कमल के फूल भवानी प्रसाद मिश्र की चर्चित कविताएं हैं।
    • भवानी प्रसाद मिश्र को सहजता का कवि कहा जाता है।
    • 'दूसरा सप्तक' के प्रथम कवि हैं। 
    • प्यार से लोग उन्हें भवानी भाई कहकर सम्बोधित किया करते थे।
Additional Information
  • भवानी प्रसाद मिश्र के कविता संग्रह
    • गीत फरोश (1956), चकित है दुख (1968), अंधेरी कविताएँ (1968), गाँधी पंचशती (1970), बुनी हुई रस्सी (1971), खुशबू के शिलालेख (1973),व्यक्तिगत (1973), परिवर्तन जिए (1976)
    • त्रिकाल सन्ध्या (1978), अनाम तुम आते हो(1979), इदम् न मम(1977), शरीर कविता : फसलें और फूल (1980), मानसरोवर दिन(1981), सम्प्रति(1982), तूस की आग(1985), कालजयी(1980), नीली रेखा तक(1984)

प्रगतिवाद Question 10:

प्रयोगवाद के प्रवर्तक के अनुसार प्रयोगवादी कवि का मुख्य तथ्य क्या था?

  1. नये काव्य उपकरगों का प्रयोग
  2. भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा
  3. नई राहों का अन्वेशण
  4. काव्य की पूर्व परम्परा का निषेध

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा

प्रगतिवाद Question 10 Detailed Solution

प्रयोगवाद के प्रवर्तक के अनुसार प्रयोगवादी कवि का मुख्य तथ्य  था- 'भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा', अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 2  'भावुकता के स्थान पर बौद्धिकता की प्रतिष्ठा' सही उत्तर होगा। 

Key Points

  • प्रयोगवादी काव्यधारा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) –
  1. अतियथार्थवादिता
  2. बौद्धिकता की अतिशयता
  3. घोर वैयक्तिकता
  4. वाद व विचारधारा का विरोध
  5. नवीन उपमानों का प्रयोग
  6. भाषा की स्वच्छंदता
  7. निराशावाद
  8. साहस और जोखिम
  9. वैचित्र्य प्रदर्शन (शिल्पगत वैशिष्ट्य)
  10. निरंतर प्रयोगशीलता
  11. व्यापक अनास्था की भावना
  12. सामाजिक यथार्थवाद की भावना
  13. शृंगार का उन्मुक्त चित्रण
  14. क्षणवाद
  15. कुण्ठा और निराशा का चित्रण
  16. नग्नता (भदेस) का निरुपण
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