इतिहास लेखक व ग्रंथ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for इतिहास लेखक व ग्रंथ - Download Free PDF
Last updated on Jun 11, 2025
Latest इतिहास लेखक व ग्रंथ MCQ Objective Questions
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 1:
'अंधा युग' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 1 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 'धर्मवीर भारती' है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- अंधा युग, धर्मवीर भारती द्वारा रचित हिंदी काव्य नाटक है।
- इस गीतिनाट्य का प्रकाशन सन् 1955 ई. में हुआ था।
- इसका कथानक महाभारत युद्ध के अंतिम दिन पर आधारित है।
- इसमें युद्ध और उसके बाद की समस्याओं और मानवीय महत्वाकांक्षा को प्रस्तुत किया गया है।
Additional Information
- प्रेमचंद - रंगभूमि, कर्मभूमि, गबन, निर्मला, सेवसादन, कायाकल्प, गोदान।
- मोहन राकेश - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे अधूरे, पैर तले की जमीन
- जयशंकर प्रसाद - करुणालय, राज्यश्री, प्रायश्चित, कल्याणी-परिणय, अजातशत्रु, स्कंदगुप्त, जनमेजय का नाग यज्ञ।
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 2:
'तितली' किसका उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 2 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'जयशंकर प्रसाद’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
- 'तितली उपन्यास जयशंकर प्रसाद का उपन्यास है।
- इनके अन्य उपन्यास हैं - कंकाल, इरावती।
- जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं।
- इनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं - कामायनी, आँसू, लहर, झरना।
Additional Information
रचनाकार |
रचनाएँ |
रामचंद्र शुक्ल |
चिंतामणि (भाग 1, 2, 3), ग्यारह वर्ष का समय, गोस्वामी तुलसीदास, रस-मीमांसा। |
रामधारी सिंह दिनकर |
रेणुका, हुंकार, कुरुक्षेत्र, परशुराम की प्रतीक्षा, नीम के पत्ते, अर्द्ध-नारीश्वर, रेती के फूल। |
महादेवी वर्मा |
नीहार, नीरजा, यामा, सांध्यगीत, पाठ के साथी, स्मृति के रेखाएँ। |
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 3:
साहित्य को 'जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब' इनमें से किसने कहा है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 3 Detailed Solution
साहित्य को 'जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब' इनमें से कहा है- रामचंद्र शुक्ल
Key Points
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने साहित्य को 'जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब' कहा है,
- उन्होंने अपने ग्रंथ 'साहित्य का इतिहास' में यह विचार व्यक्त किया है
- कि प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की भावनाओं, विचारों और अनुभवों का प्रतिबिंब होता है।
Important Pointsआचार्य रामचंद्र शुक्ल-
- जन्म- 1884 - 1941 ई.
- हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
- हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ।
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- हिन्दी साहित्य का इतिहास
- जायसी ग्रंथावली (1924)
- गोस्वामी तुलसीदास (1923)
- रसमीमांसा (1949)
- भ्रमर गीत सार (1925 )
- काव्य मे रहस्यवाद (1929)
Additional Informationजयशंकर प्रसाद-
- जन्म- 1889-1937 ई.
- हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- कहानी-संग्रह-
- छाया
- प्रतिध्वनि
- आकाशदीप
- आंधी
- इंद्रजाल।
- निबंध-
- काव्य और कला तथा अन्य निबंध।
रामविलास शर्मा -
- जन्म- 1912 - 2000 ई.
- आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे।
- आलोचना-
- प्रेमचन्द -1941
- भारतेन्दु युग -1943
- निराला -1946
- प्रेमचन्द और उनका युग -1952
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र -1953
- प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ -1954
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना -1955
- विराम चिह्न -1957
- आस्था और सौन्दर्य -1961
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी-
- जन्म- 1907 - 1979 ई.
- हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
- निबंध संग्रह-
- अशोक के फूल (1948)
- कल्पलता (1951)
- मध्यकालीन धर्म साधना (1952)
- विचार और वितर्क (1957)
- विचार प्रवाह (1959)
- कुटज (1964)
- साहित्य सहचर (1965)
- आलोक पर्व (1972)
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- सूर साहित्य (1936)
- हिन्दी साहित्य की भूमिका (1940)
- प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
- कबीर (1942)
- हिन्दी साहित्य का आदिकाल (1952)
- लालित्य तत्त्व (1962)
- साहित्य सहचर (1965)
- कालिदास की लालित्य योजना (1965)
- मध्यकालीन बोध का स्वरूप (1970)
- सहज साधना (1963)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 4:
इनमें से 'प्रयोगवाद' के प्रवर्तक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 4 Detailed Solution
इनमें से 'प्रयोगवाद' के प्रवर्तक हैं- अज्ञेय
Key Points
- हिन्दी साहित्य में प्रयोगवाद का प्रारम्भ सन् 1943 ई. में अज्ञेय द्वारा सम्पादित तार सप्तक के प्रकाशन के साथ माना जाता है।
- वास्तव में इसका प्रारंभ छायावाद में निराला जी के काव्य में ही हो चुका था।
- प्रथम तार सप्तक एक काव्य संग्रह है जिसका संपादन वर्ष 1943 में अज्ञेय जी ने लिया।
- यहीं से हिंदी साहित्य में “प्रयोगवाद” का आरंभ माना जाता है। प्रथम तारसप्तक के कवियों में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’,
- ‘मुक्तिबोध’, ‘गिरजाकुमार माथुर’, ‘प्रभाकर माचवे’, ‘भारत भूषण अग्रवाल’, ‘रामविलास शर्मा’ और ‘नेमिचंद्र जैन’ शामिल थे।
- अज्ञेय जी ने वर्ष 1951 में (दूसरा तारसप्तक), वर्ष 1959 में (तीसरा तारसप्तक) व वर्ष 1979 में (चौथे तारसप्तक) का संपादन कार्य किया।
Important Pointsसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' -
- जन्म - 1911 - 1987 ई.
- चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार, सम्पादक, यायावर, अध्यापक रहे हैं।
- कविता संग्रह:-
- हरी घास पर क्षण भर (1949 ई.)
- इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये (1957 ई.)
- अरी ओ करुणा प्रभामय (1959 ई.)
- आँगन के पार द्वार (1961 ई.)
- कितनी नावों में कितनी बार (1967 ई.)
- पहले मैं सन्नाटा बुनता हूं (1973)
- महावृक्ष के नीचे (1977)
- नदी की किनारे पर छाया (1982)आदि।
Additional Information आदि।गजानन माधव मुक्तिबोध -
- जन्म - 1917 - 1964 ई.
- हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
- उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है।
- कृतियाँ -
- चाँद का मुँह टेढ़ा है – (कविता संग्रह), 1964, .
- नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध (निबंध संग्रह), 1964,
- एक साहित्यिक की डायरी (निबंध संग्रह), 1964,
- काठ का सपना (कहानी संग्रह), 1967,
- विपात्र (उपन्यास), 1970,
- सतह से उठता आदमी (कहानी संग्रह), 1971,
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म - 1899 - 1961 ई.
- एक प्रसिद्ध हिंदी कवि, लेखक, संगीतकार और चित्रकार थे।
- काव्य संग्रह-
- अनामिका (1923)
- परिमल (1930)
- गीतिका (1936)
- अनामिका (द्वितीय)
- तुलसीदास (1939)
- कुकुरमुत्ता (1942)
- अणिमा (1943)
- बेला (1946)
- नये पत्ते (1946) आदि।
महादेवी वर्मा -
- जन्म - 1907 - 1987 ई.
- हिन्दी भाषा की कवयित्री थीं।
- वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों[क] में से एक मानी जाती हैं।
- कविता -
- निहार (1930)
- रश्मि (1932)
- नीरजा (1933)
- संध्यागीत (1935)
- सप्तपर्ण (1959)
- दीपशिखा (1942)
- अग्नि रेखा (1988)।
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 5:
सूची I के साथ सूची II का मिलान कीजिए-
सूची-I |
सूची-II |
||
---|---|---|---|
A. |
तज़किरा-ई-शुअरा-ई-हिन्दी |
I. |
डॉ. रामकुमार वर्मा |
B. |
भाषा काव्य संग्रह |
II. |
डॉ गणपतिचंद्र गुप्त |
C. |
हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास |
III. |
मौलवी करीमुद्दीन |
D. |
हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास |
IV. |
महेश दत्त शुक्ल |
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- A - III, B - IV, C - I, D - II
Important Pointsतज़किरा-ई-शुअरा-ई-हिन्दी :-
-
ग्रंथाकार- मौलवी करीमुद्दीन
-
प्रकाशन वर्ष- 1848 ई.
-
महत्वपूर्ण तथ्य-
-
देहली कॉलेज से प्रकाशित इस ग्रंथ में 1004 कवियों का विवरण दिया गया है जिनमें 62 कवि हिन्दी के हैं।
-
इस ग्रंथ में सर्वप्रथम कालक्रम का ध्यान रखा गया है।
-
इसे तबकाशशुअरा भी कहा जाता है।
-
-
ग्रंथाकार- महेश दत्त शुक्ल
-
प्रकाशन वर्ष- 1873 ई.
-
महत्वपूर्ण तथ्य-
-
नवल किशोर प्रेस लखनऊ से प्रकाशित हुआ था।
-
यह हिन्दी भाषा में लिखा गया प्रथम हिन्दी साहित्य इतिहास का ग्रंथ है।
-
-
लेखक- डॉ. रामकुमार वर्मा
-
प्रकाशन वर्ष- 1938 ई.
-
लेखक और काव्यात्मक भाषा-
-
छायावादी कवि रामकुमार वर्मा द्वारा रचित इस इतिहास-ग्रंथ में उनकी काव्यात्मक भाषा ने पाठकों को आकर्षित किया था।
-
विस्तृत सामग्री, आकर्षक प्रस्तुति और भाषा के कारण यह ग्रंथ प्रभाव छोड़ने में सफल रहा।
-
-
लेखक - डॉ गणपतिचंद्र गुप्त
-
प्रकाशन वर्ष- 1965 ई.
-
महत्वपूर्ण तथ्य-
-
आचार्य शुक्ल द्वारा प्रतिपादित ढाँचे में आमूलचूल परिवर्तन करने का एक सार्थक प्रयास इस ग्रंथ के माध्यम से किया गया।
-
संपूर्ण इतिहास को तीन कालों में विभक्त किया गया-
-
प्रारंभिक काल
-
मध्यकाल
-
आधुनिक काल
-
-
Top इतिहास लेखक व ग्रंथ MCQ Objective Questions
निम्नलिखित विकल्पों को सुमेल कीजिए।
I. |
हिन्दी साहित्य सम्मेलन |
A |
1893 |
II. |
काशी नगरी प्रचारिणी सभा |
B |
1918 |
III. |
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा |
C |
1910 |
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसुमेल करने पर सही विकल्प 'I – C, II – A, III - B' है। सुमेल का विवरण निम्न प्रकार से है -
Important Points
I. हिन्दी साहित्य सम्मलेन C 1910
II. काशी नगरी प्रचारिणी सभा A 1893
हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन का सबसे पहला प्रयास किसने किया?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - गार्सा दा तासी।
Key Points
- डॉ॰ रूपचंद पारीक, गार्सा-द-तासी के ग्रन्थ इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐन्दूस्तानी को हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास मानते हैं।
- उन्होंने लिखा है - हिन्दी साहित्य का पहला इतिहास लेखक गार्सा-द-तासी हैं, इसमें संदेह नहीं है।
- गार्सा द तासी का जन्म फ्रांस में हुआ था।
- उर्दू -हिन्दी अथवा हिन्दुस्तानी साहित्य का सर्व प्रथम इतिहास ग्रंथ " इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदुई ऐ ऐंदुस्तानी" इन्हीं का लिखा हुआ है।
- गार्सा द तासी ने भारत के लोकप्रिय उत्सवों का भी विवरण प्रस्तुत किया है।
Important Points 'इस्त्वार द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ऐ ऐन्दुस्तानी'-
- इस ग्रन्थ को उर्दू-हिंदी अथवा हिन्दुस्तानी साहित्य का सर्वप्रथम इतिहास ग्रन्थ माना जाता है।
- इसमें हिंदी उर्दू के अनेक कवियों और लेखकों की जीवनिया,ग्रन्थ व् विवरण है।
- इसका पहला संस्करण 1839 तथा 1847ई. में हुआ व दूसरा संस्करण 1870 में हुआ।
Additional Informationजॉर्ज ग्रियर्सन:-
- जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन (1851-1941) अंग्रेजों के जमाने में "इंडियन सिविल सर्विस" के कर्मचारी, बहुभाषाविद् और आधुनिक भारत में भाषाओं का सर्वेक्षण करने वाले पहले भाषावैज्ञानिक थे।
- उनका जन्म डब्लिन के निकट 7 जनवरी, 1851 को हुआ था।
- उनके पिता आयरलैंड में 'क्वींस प्रिंटर' थे। 1868 से डब्लिन में ही उन्होंने संस्कृत और हिंदुस्तानी का अध्ययन प्रारंभ कर दिया था।
शिवसिंह सेंगर:-
- शिवसिंह सेंगर (संवत् 1890-1935 वि.) हिन्दी के इतिहास लेखक थे।
- शिवसिंह सेंगर ग्राम कांथा जिला उन्नाव के जमींदार श्री रणजीतसिंह के पुत्र थे।
- वे पुलिस इंस्पेक्टर होते हुए भी संस्कृत, फारसी और हिंदी कविता के अध्येता, रसिक काव्यप्रेमी तथा स्वयं भी कवि थे।
- "ब्रह्मोत्तर खंड" और "शिवपुराण" का हिंदी अनुवाद करने के अतिरिक्त आपकी प्रसिद्धि हिंदी कविता के पहले इतिहासग्रंथ "शिवसिंह सरोज" (रचनाकाल सं. 1934 वि.) लिखने के कारण है।
- हिन्दी साहित्य में उनकी अपार निष्ठा थी। उनका निजी पुस्तकालय हिन्दी साहित्य की पुस्तकों से भरा था।
वृंदावनलाल वर्मा हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'ऐतिहासिक उपन्यासकार' है।
Key Points
- वृंदावनलाल वर्मा 'ऐतिहासिक उपन्यासकार' हैं।
- वृंदावनलाल वर्मा जी की इतिहास, कला, पुरातत्त्व, मनोविज्ञान, साहित्य, चित्रकला एवं मूर्तिकला में विशेष रुचि थी।
अन्य विकल्प:
- मनोविश्लेषणात्मक उपन्यासकार - जैनेन्द्र कुमार, इलाचन्द्र जोशी और अज्ञेय हैं।
- जासूसी उपन्यासकार - वेदप्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, सुरेंद्र मोहन पाठक और वेदप्रकाश काम्बोज शुमार हैं।
Additional Information
- वृन्दावन लाल वर्मा (1889-1969) ने हालाकि सामाजिक उपन्यास भी लिखे हैं, लेकिन उनका नाम ऐतिहासिक उपन्यासों लेखन में विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
- उन्होंने एक तरफ प्रेमचंद की सामाजिक परंपरा को आगे बढ़ाया है तो दूसरी तरफ हिन्दी में ऐतिहासिक उपन्यास की धारा को उत्कर्ष तक पहुँचाया है।
'गोदान' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'गोदान' 'प्रेमचंद' की रचना है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- 'गोदान' 'प्रेमचंद जी' की रचना है।
- 'प्रेमचंद जी' का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
'प्रेमचंद जी' की अन्य प्रसिद्ध रचनाएँ-
उपन्यास | कहानी |
सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि। | कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी आदि। |
Additional Informationअन्य रचनाकारों की रचनाएँ-
रचनाकार | रचनाएँ |
जैनेन्द्र |
सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी, विवर्त, सुखदा, व्यतीत, फाँसी, वातायन, फाँसी नीलम देश की राज कन्या, एक रात, दो चिड़िया, पाजेब, जयसंधि |
अज्ञेय | शेखर - एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी (उपन्यास), अरे यायावर रहेगा याद, एक बूँद सहसा उछली (यात्रा-वृत्तांत) |
नागार्जुन | अकाल और उसके बाद, बादल को घिरते देखा, तकली मेरे साथ रहेगी, सिंदूर तिलकित भाल, गुलाबी चूड़ियाँ, हिमालय की बेटियाँ |
अब तक की जानकारी के अनुसार हिन्दी भाषा में हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन का सबसे पहला प्रयास किस विद्वान् का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFअब तक की जानकारी के अनुसार हिन्दी भाषा में हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन का सबसे पहला प्रयास शिव सिंह सेंगर विद्वान् का है।
Key Pointsशिवसिंह सेंगर-
- हिन्दी के इतिहास लेखक थे।
- प्रमुख रचना-
- शिवसिंह सरोज (1883 ई.)
Important Pointsहिन्दी साहित्य के इतिहासकार और उनके ग्रन्थ:
- गार्सा द तासी : इस्तवार द ला लितेरात्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी (फ्रेंच भाषा में; फ्रेंच विद्वान, हिन्दी साहित्य के पहले इतिहासकार)
- शिवसिंह सेंगर : शिव सिंह सरोज
- जार्ज ग्रियर्सन : द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान
- मिश्र बंधु : मिश्र बंधु विनोद
- रामचंद्र शुक्ल : हिन्दी साहित्य का इतिहास
- हजारी प्रसाद द्विवेदी : हिन्दी साहित्य की भूमिका; हिन्दी साहित्य का आदिकाल; हिन्दी साहित्य :उद्भव और विकास
- रामकुमार वर्मा : हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास
- डॉ धीरेन्द्र वर्मा : हिन्दी साहित्य
- डॉ नगेन्द्र : हिन्दी साहित्य का इतिहास; हिन्दी वाङ्मय 20वीं शती
- रामस्वरूप चतुर्वेदी : हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, 1986
- बच्चन सिंह : हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली।
देवेन्द्र सत्यार्थी संस्मरण का नाम है:
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवेन्द्र सत्यार्थी संस्मरण का नाम "रेखाएँ बोल उठी" है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 3)" रेखाएँ बोल उठी" सही उत्तर होगा।
Key Points
हिंदी साहित्य के क्षेत्र में संस्मरण आधुनिक काल की विधा है।
Additional Information
रचना | रचनाकार |
माटी के मूरतें | रामवृक्ष बेनीपुरी |
रेखाएँ बोल उठी | देवेन्द्र सत्यार्थी |
दीप जले शंख बजे | कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर |
हिन्दी का पहला पत्र कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- हिन्दी का पहला पत्र 'उदंत मार्तण्ड' है।
- इस पत्र का संपादन पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा 30 मई 1826 को कलकत्ता में हुआ था।
- इसे हिंदी का पहला समाचार पत्र माना जाता है।
- शेष विकल्प असंगत हैं।
अतः सही विकल्प 'उदंत मार्तण्ड' है।
अन्य विकल्प
- इतिहास तिमिरनाशक के संपादक राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद थे।
- बनारस अखबार के संपादक - सन 1845 में राजा शिव प्रसाद ने ‘बनारस अख़बार’ निकाला था।
- हरिश्चन्द्र मैगजीन - यह एक मासिक पत्रिका थी। यह पत्रिका 15 अक्टूबर, 1873 को काशी से भारतेंदु हरिश्चंद्र ने प्रारम्भ की थी।
किस विदेशी विद्वान् ने देशज शब्दों को मुख्य रूप से अनार्य स्रोत से सम्बद्ध माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFइस प्रश्न का सही उत्तर "जॉन बीम्स" है। इस प्रश्न में दिए गए बाकी विकल्प गलत है।
Key Points
देशज शब्दों को मुख्य रूप से अनार्य स्रोत से सम्बद्ध "जॉन बीम्स'' ने माना है।
देशज शब्द |
ऐसे शब्द जो देश की अन्य या क्षेत्रीय भाषा से हिंदी में सम्मिलित हुए । |
जैसे – थैला, लोटा, टाँग, पगड़ी आदि। |
Additional Information
विशेष:
- जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने पहली बार राजस्थान भाषा के लिए "राजस्थानी" शब्द का प्रयोग किया था।
- 1912 ई. में भारत के भाषाई सर्वेक्षण में इसका उपयोग किया था।
- राजस्थानी के एक प्रमुख भाषाविद् और 1920 के दशक के दौरान राजस्थानी की लगभग सभी बोलियों का इस्तेमाल किया।
- राजस्थानी राजस्थान में बोली जाने वाली बोलियों के समूह को दिया गया नाम है।
- हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का सबसे पहला प्रयास फ्रेंच विद्वान गार्सा द तासी ने किया है।
- गार्सा द तासी ने अपनी पुस्तक का नाम "इस्त्वार द ला लितरेत्युर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी" है।
- इसकी रचना फ्रेंच भाषा में की गई है।
- यह पुस्तक दो भागों में विभक्त है जिसका प्रकाशन क्रमशः 1839 ईस्वी तथा 1847 ईस्वी में हुआ।
- इस ग्रंथ में कुल 738 कवि हैं जिनमें हिंदी के 72 तथा शेष उर्दू के हैं।
हिन्दी साहित्य के इतिहास के संबंध में ‘मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान’ किसने लिखा है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान’ 'जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन' ने लिखा है।
- यह किताब 1989 में लिखी गयी थी जिसमें पहली बार हिंदी साहित्य के काल विभाजन का प्रयास किया गया था।
- इसमें हिंदी साहित्य के काल को दस अध्यायों में बाँटा गया था।
- शेष विकल्प असंगत हैं।
अतः सही विकल्प 'जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन' हैं।
कहानी संग्रह 'दूसरा ताजमहल' की लेखिका है:
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- कहानी संग्रह 'दूसरा ताजमहल' की लेखिका नासिरा शर्मा है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 1 नासिरा शर्मा सही उत्तर होगा।
Key Points
- नासिरा शर्मा की अन्य रचनाए- शामी काग़ज, पत्थर गली, इब्ने मरियम, संगसार, सबीना के चालीस चोर आदि।
- नासिरा शर्मा अपने कथा साहित्य में नारी संवेदनाओं का चित्रण मार्मिक. ढंग से करती हैं।
- 'दूसरा ताजमहल' में प्रकाशित इस संग्रह में कुल सात कहानीयाँ हैं।
Additional Information
- महादेवी वर्मा:- नीहार (1930), 2. रश्मि (1932), 3. नीरजा (1934), 4. सांध्यगीत (1936), 5. दीपशिखा (1942), 6. सप्तपर्णा (अनूदित 1959), 7. प्रथम आयाम (1974)
- ममता कालिया:- खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला