हिन्दी भाषा और उसका विकास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी भाषा और उसका विकास - Download Free PDF
Last updated on Jul 16, 2025
Latest हिन्दी भाषा और उसका विकास MCQ Objective Questions
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 1:
हिंदी की विशिष्ट बोली ब्रजभाषा किस रूप में सबसे अधिक प्रसिद्ध है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 1 Detailed Solution
इसका सही उत्तर विकल्प 4 काव्यभाषा है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
ब्रजभाषा -
- मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत में साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी।
- शुद्ध रूप में यह आज भी मथुरा, आगरा, धौलपुर और अलीगढ़ ज़िलों में बोली जाती है।
- प्रारम्भ में ब्रजभाषा में ही काव्य रचना हुई। भक्तिकाल के कवियों ने अपनी रचनाएँ ब्रजभाषा में ही लिखी हैं, जिनमें सूरदास, रहीम, रसखान, बिहारी लाल, केशव, घनानन्द आदि कवि प्रमुख हैं।
- साहित्य— कृष्ण भक्ति काव्य की एकमात्र भाषा, लगभग सारा रीतिकाल साहित्य। साहित्यिक दृष्टि से हिंदी भाषा की सबसे महत्त्वपूर्ण बोली। साहित्यिक महत्त्व के कारण ही इसे ब्रजबोली नहीं ब्रजभाषा की संज्ञा दी जाती है |
Additional Information
राजभाषा- किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रयोजनों में प्रयोग होती है। उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।
राष्ट्रभाषा- वह भाषा जो एक पूरे राष्ट्र अथवा देश द्वारा समझी, बोली जाती है; तथा उस राष्ट्र की संस्कृति से संबंधित होती है। यह पूरे देश की होती है। वह भाषा जो देश के विभिन्न भागो के निवासियो के बीच सम्पर्क स्थापित करे राष्ट्र भाषा कहलाती है
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 2:
अर्द्धमागधी अपभ्रंश से किसका विकास हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर पूर्वी हिंदी है।
Key Points
- ‘पश्चिमी हिंदी’ का विकास शौरसेनी से हुआ है,
- ‘पूर्वी हिंदी’ का विकास अर्द्धमागधी से हुआ है,
- ‘मराठी’ का विकास महाराष्ट्री से हुआ है
- ‘गुजराती’ का विकास शौरसेनी से हुआ है।
- अतः सही विकल्प पूर्वी हिंदी है।
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 3:
हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं।
Key Points
- हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
- इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।
Important Pointsबोली -
- एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
उपभाषा -
- अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
- तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा-
- साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
- तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
Additional Information
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 4:
पश्चिमी और पूर्वी हिन्दी में मौलिक भेद का आधार है-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 4 Detailed Solution
इसका सही उत्तर विकल्प 4 'दोनों 1 और 2' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Important Points
- पश्चिमी और पूर्वी हिन्दी में मौलिक भेद का आधार है- व्याकरण और उच्चारण में अंतर एवं भौगोलिक क्षेत्र में अंतर होना।
-
पश्चिमी और पूर्वी हिंदी में अंतर -
- पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ और पूर्वी हिंदी प्राकृत की परंपरा में है।
- पश्चिमी हिंदी के अंतर्गत 5 बोलियाँ आती है – खड़ी बोली, हरियाणवी, ब्रज, कन्नुजी और बुन्देली, जबकि पूर्वी हिंदी की तीन शाखाएँ हैं – अवधि बघेली और छत्तीसगढ़ी।
- पश्चिमी और पूर्वी शाखाओं को अलग करके भाषाशास्त्री हिंदी के क्षेत्र को सीमित करते हैंपश्चिमी हिंदी का क्षेत्र मध्य देश है, जिस कारण से यह सम्पूर्ण देश में बोली जाती है।
हिंदी भाषी क्षेत्र |
||
उपभाषा |
क्षेत्र |
बोलियाँ |
पश्चिमी |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
खड़ी बोली, बांगरू, हरियाणवी, ब्रज भाषा, कन्नौजी, बुन्देली |
पूर्वी |
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
अवधि, बघेली, छत्तीसगढ़ी |
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 5:
इनमें से कौन-सी बोली पश्चिमी हिंदी की बोली नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 5 Detailed Solution
- ‘बघेली’ बोली पश्चिमी हिंदी की बोली नहीं है।
- बघेली, पूर्वी हिंदी की बोली है।
- पूर्वी हिंदी की 3 बोलियाँ हैं—अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी।
- अन्य विकल्प ब्रज, कन्नौजी और बुन्देली बोली पश्चिमी हिंदी की बोली है।
Key Points
- बघेली या बाघेली, हिन्दी की एक बोली है जो भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है। यह मध्य प्रदेश के जनपदों में बोली जाती है।
- पश्चिमी हिंदी : शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित पश्चिमी हिंदी के अन्तर्गत पाँच बोलियों आती है- हरियाणी, खड़ी बोली, ब्रजभाषा, कन्नौजी और बुन्देली।
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“ब्राम्ही” से किस लिपि की उत्पत्ति हुई है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF‘देवनागरी’ , यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- देवनागरी भारत, नेपाल, तिब्बत और दक्षिण पूर्व एशिया की लिपियों के ब्राह्मी लिपि परिवार का हिस्सा है।
- अत: सही विकल्प 1 'देवनागरी' है।
Additional Information
अन्य विशेष
लिपि |
उत्पत्ति |
खरोष्ठी |
इसे विदेशी उद्गम लिपि यानी अरामाइक और सीरियाई लिपि से विकसित माना जाता है। |
गुरमुखी |
इसमें पंजाबी भाषा लिखी जाती है। इसकी उत्पत्ति सारदा लिपि अथवा देवनागरी दोनों से मानी जाती है। |
कैथी |
कैथी लिपि का उपयोग मद्यकालीन भारत में उत्तर भारत क्षेत्र में किया जाता था। |
'भाषा संवर्धिनी सभा' कहाँ स्थापित की गई थी?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर अलीगढ़ है।
- अलीगढ़ में 1877 में भाषा संवर्धिनी सभा बनी।
- 'भाषा संवर्धिनी सभा' के संस्थापक बाबू तोताराम थे।
Key Points
बाबू तोताराम
- इनका जन्म अलीगढ़ के नगला सिंह में 1847 में हुआ।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'भारत-बंधु' पत्र निकाला।
- भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
- 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव डाली जिसका नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया।
- इन्होंने 11 ग्रंथों की रचना की।
- 7 दिसंबर 1902 में तोताराम का निधन हो गया।
हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं।
Key Points
- हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
- इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।
Important Pointsबोली -
- एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
उपभाषा -
- अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
- तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा-
- साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
- तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
Additional Information
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
निम्नलिखित में से कौन सी भाषा पश्चिमी हिंदी से संबंध रखती है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से बाँगरू पश्चिमी हिंदी से संबंधित है।
Key Points
- पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
- पश्चिमी हिंदी की बोलियां-ब्रजभाषा,कन्नौजी,बुंदेली,कौरवी/खड़ी बोली,हरियाणवी(जाटू, बाँगरू),दक्खिनी।
- पूर्वी हिंदी का विकास अर्धमागधी से हुआ है।
- पूर्वी हिंदी की बोलियां-अवधि,बघेली,छत्तीसगढ़ी।
Additional Information
- शौरसेनी अपभ्रंश के अंतर्गत राजस्थानी हिंदी,पहाड़ी हिंदी,पश्चिमी हिंदी आती है।
- राजस्थानी हिंदी की बोलियां-मारवाड़ी,मालवी,मेवाती,जयपुरी।
- पहाड़ी हिंदी की बोलियां-कुमाउँनी,गढ़वाली।
- बिहारी हिंदी की बोलियां-भोजपुरी,मगही,मैथिली।
इनमें से कौन-सी बोली अर्धमागधी अपभ्रंश से निकली है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर बघेली है।
- बघेली भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है।
- बघेले राजपूतों के आधार पर रीवा तथा आसपास का क्षेत्र बघेलखंड कहलाता है वहीं की बोली को बघेली या बघेलखंडी कहलाती हैं।
Key Points
अपभ्रंश और आधुनिक भारतीय भाषाएँ -
- शौरसेनी
- पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली),
- गुजराती,
- राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
- अर्धमागधी
- पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
- मागधी
- बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
- खस
- पहाड़ी हिन्दी
- पैशाची
- लहंदा, पंजाबी
- ब्राचड़
- सिन्धी
- महाराष्ट्री
- मराठी
पूर्वी हिन्दी के अन्तर्गत कौन-सी बोली नहीं आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर भोजपुरी है।
- भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा ज़िले में स्थित भोजपुर नामक गाँव के नाम पर हुआ है।
- भोजपुरी भाषा 1000 से अधिक साल पुरानी भाषा है।
- भोजपरी की उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुआ है।
- भोजपुरी भाषा की प्रधान बोलियाँ -
- आदर्श भोजपुरी
- पश्चिमी भोजपुरी
- 'मघेसी' तथा 'थारु'
Key Points
पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी-
- पूर्वी हिंदी में तीन बोलियाँ आती हैं -
- अवधी
- बघेली
- छत्तीसगढ़ी
- पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ हैं -
- खड़ी बोली
- हरियाणवी
- ब्रजभाषा
- कन्नौजी
- बुंदेली
"संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देव नागरी है।" यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF"संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देव नागरी है।" यह कथन आइजक पिटमेन का है।
Key Points
आइजक पिटमैन -
- पिटमैन ने 'शीघ्रलिपि' फोनोग्राफी का अनुसंधान किया था उनका मानना था कि संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है तो वह एकमात्र देवनागरी है।
- यदि संसार की कोई लिपि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देवनागारी है।
Important Points
देवनागरी लिपि -
- भारतीय उपमहाद्वीप में प्रयुक्त प्राचीन ब्राह्मी लिपि पर आधारित है।
- बाएँ से दाएँ लिखी जाती है।
- प्राचीन भारत में पहली से चौथी शताब्दी ई. तक इसे विकसित किया गया।
- इसमें 47 वर्ण है जिसमे 14 स्वर और 33 व्यंजन होते।
- यह एक ध्वन्यात्मक वैज्ञानिक लिपि है।
- इसमें वर्ण को जैसा लिखा जाता है वैसा का वैसा उच्चारण किया जाता है।
- इसमें प्रत्येक वर्ण पर शिरोरेखा को लगाई जाती है।
Additional Information
ब्लूमफील्ड –
- ब्लूमफील्ड कहते हैं कि किसी भाषिक रूप का अर्थ "वह स्थिति जिसमें वक्ता उसका इस्तेमाल करता है' तथा 'वह अनुक्रिया जो उससे श्रोता में उत्पन्न होती है' में निहित होता है। ऐसी स्थिति में किसी भाषिक रूप के अर्थ कोक ठीक-ठीक तभी बतलाया जा सकता है जब उसका सम्बंध किसी ऐसी चीज से हो,जिसकी हमें वैज्ञानिक जानकारी हो।
विलियम जोन्स –
- 1784 ई.में "बंगाल एशियाटिक सोसाइटी" की स्थापना की जिससे भारत के इतिहास, पुरातत्व, विशेषकर साहित्य और विधिशास्त्र संबंधी अध्ययन की नींव पड़ी।
- यूरोप में उसी ने संस्कृत साहित्य की गरिमा सबसे पहले घोषित की।
- कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम के अनुवाद ने संस्कृत और भारत संबंधी यूरोपीयदृष्टि में क्रांति उत्पन्न कर दी।
देवनागरी अंक कितने होते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवनागरी अंक दस होते है।
Key Points
- इसमें दस संकेतों का उपयोग होता है। (०, १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९)
Important Points
देवनागरी;-
|
निम्नलिखित बोलियों में से कौन - सी बोली उत्तर प्रदेश में सामान्यत: नहीं बोली जाती?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘मैथिली’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- मैथिली बोली उत्तर प्रदेश में सामान्यत: नहीं बोली जाती है।
- मैथिली- मैथिली मुख्य रूपर से भारत के बिहार राज्य और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की भाषा है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगती है।
अन्य विकल्प -
अवधी |
अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती तथा फतेहपुर) में बोली जाती है। |
ब्रजभाषा |
हिन्दी की एक उपभाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है। इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है। |
खड़ी बोली |
यह वह भाषा है जो मोटे तौर पर आज की मानक हिन्दी का एक पूर्वरूप है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से इसे आदर्श (स्टैंडर्ड) हिंदी, उर्दू तथा हिंदुस्तानी की आधार स्वरूप बोली होने का गौरव प्राप्त है। किन्तु 'खड़ी बोली' से आपस में मिलते जुलते अनेक अर्थ निकाले जाते हैं। |
Additional Information
बोली- बोली भाषा का प्रारंभिक रूप कहलाती है। यह एक सीमित क्षेत्र तक बोली जाती है। अर्थात भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं। जब एक ही भाषा अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से बोली जाती है, तो उसे बोली कहते हैं। |
इनमें से किस राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी भाषा और उसका विकास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFअसम राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है।
- छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश व झारखंड की राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- असम में असमिया मुख्य राजभाषा है।
- असमिया लिपि मूलत: ब्राह्मी का ही एक विकसित रूप है।
- असम में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ बांग्ला, हिन्दी, बोडो, नेपाली।
असमिया साहित्य का मूल रूप मुख्यत: तीन लेखकों द्वारा निर्मित हुआ -
- चंद्रकुमार अग्रवाल (1858-1938)
- लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ (1858-1938)
- हेमचंद्र गोस्वामी (1872-1928)
Key Pointsअन्य विकल्प -
छत्तीसगढ़
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है।
- छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है।
- इसकी लिपि देवनागरी है।
- छत्तीसगढ़ में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ ओड़िया, बांग्ला, तेलुगु।
हिमाचल प्रदेश
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोले जाने वाली भाषा का नाम पहाड़ी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ पंजाबी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी।
झारखंड
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया व कुरमाली है।
- झारखंड प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ सन्थाली, बांग्ला, उर्दू, ओड़िया।
Additional Information
क्षेत्र | मुख्य राजभाषा |
अंडमान एवं निकोबार | बांग्ला |
केरल | मलयालम |
बिहार | हिन्दी |
गोवा | कोंकणी |
गुजराती | गुजराती |
दिल्ली | हिन्दी |
लद्दाख | लद्दाखी |
लक्षद्वीप | मलयालम |
मध्य प्रदेश | हिन्दी |
ओड़ीसा | ओड़िया |
पंजाब | पंजाबी |
राजस्थान | हिन्दी |
सिक्किम | नेपाली |
तमिलनाडु | तमिल |
उत्तराखण्ड | हिन्दी |
पश्चिम बंगाल | बांग्ला |
उत्तर प्रदेश | हिन्दी |
तेलंगना
|
तेलुगु |
त्रिपुरा | बांग्ला |
पुद्दुचेरी | तमिल |
नागालैंड | नागा |
महाराष्ट्र | मराठी |
मणिपुर | मणिपुरी |
मेघालय | खासी |
मिजोरम | मिजो |
कर्नाटक | कन्नड |
जम्मू-कश्मीर | कश्मीरी |
आंध्र प्रदेश | तेलुगु |