स्थापना और तर्क MCQ Quiz - Objective Question with Answer for स्थापना और तर्क - Download Free PDF
Last updated on Mar 25, 2025
Latest स्थापना और तर्क MCQ Objective Questions
स्थापना और तर्क Question 1:
नीचे दो कथन दिए गए हैं : एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में;
अभिकथन (A) : भामह के अनुसार काव्य के छह प्रयोजन हैं: धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, कीर्ति और प्रीति ।
कारण (R) : यहाँ कीर्ति तथा अर्थ का सम्बन्ध कवि से है । श्रेष्ठ काव्य रचना से कवि को यश तथा धन की प्राप्ति होती है ।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 1 Detailed Solution
स्थापना और तर्क Question 2:
नीचे दो कथन दिए गए हैं : एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में;
अभिकथन (A) : 'श्रीति करि काहू सुख न लघो। प्रीति पतंग करी दीपक सों आपुहि प्रान दघो।
कारण (R) : रूढ़ि लक्षणा जहाँ रूढ़ि के कारण मुख्यार्थ को छोड़कर उससे सम्बन्ध रखने वाला लाक्षणिक अर्थ ग्रहण किया जाता है, वहाँ रूढ़ि लक्षणा' है।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 2 Detailed Solution
स्थापना और तर्क Question 3:
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन ।: पारिभाषिक शब्दों का निर्माण भारत सरकार द्वारा गठित वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग नई दिल्ली निरंतर करता रहता है।
कथन II: शब्द निर्माण की प्रविधि और प्रक्रिया का संज्ञान प्राप्त करने के लिए शब्द कोशों का अध्ययन आवश्यक नहीं हैं।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- कथन । सत्य है किंतु कथन II असत्य है।
स्थापना और तर्क Question 4:
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन I: 'पृथ्वीराज रासो' के रचनाकार चंदबरदाई हैं ।
कथन II: चंदबरदाई पृथ्वीराज चौहान के समकालीन हैं।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- कथन I और II दोनों सही हैं।
स्थापना और तर्क Question 5:
नीचे दो कथन दिए गए हैं : एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके कारण (Reason R) के रूप में;
अभिकथन (A) : प्रथम वाक्य केवल एक उद्देश्य और विधेय रखता है। ऐसे वाक्य को 'साधारण वाक्य' कहते हैं।
कारण (R) : साधारण वाक्य वह है, जो एक प्रधान क्रिया रखे।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं -
1. साधारण वाक्य-
- जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय हो, उसे साधारण वाक्य कहते हैं।
- जैसे - नीता खाना बना रही है
- जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिस्रिया मिश्रित वाक्य कहते हैं।
- जैसे - गांधी जी ने कहा कि सदा सत्य बोलो
3. संयुक्त वाक्य
- जिस वाक्य में दो या दो से अधिक साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य या समानाधिकरण उपवाक्य, किसी संयोजक शब्द ( तथा, एवं, या, अथवा, और, परंतु, लेकिन, किन्तु,बल्कि, अंत :, आदि ) से जुड़े हो, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
- जैसे - भरत आया किंतु भूपेंद्र चला गया
Top स्थापना और तर्क MCQ Objective Questions
निम्नलिखित कथनों, स्थापना (अ) और तर्क (ब) पर विचार कीजिए और नीचे दिए गए कूट से सही विकल्प का चयन कीजिए :
स्थापना (अ) : कला का आस्वाद युग-निरपेक्ष नहीं होता।
तर्क (ब) : शाश्वतता का गुण कालजयी कलाकृतियों में सहज अंतर्भूत नहीं होता।
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - (अ) और (ब) दोनों गलत हैं
Key Points
- कलावाद - कला के लिए कला
- इसके अनुसार - "कलाजन्य आनंद अलौकिक आस्वादयुक्त एवं समाज निरपेक्ष होता है।"
- कालजई कृतियों में शाश्वतता सहज अन्तर्भूत होती है।
Additional Information
- कालजई अर्थात जिसकी प्रासंगिकता सभी काल में बनी रहे, जो कभी नष्ट ना हो।
- कालजई साहित्यिक रचनाएँ जैसे कामायनी, अंधेर नगरी आदि
- शाश्वत साहित्य प्रभावोत्पादक, चिरनवीन और हृदयस्पर्शी होता है।
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन - I : 'झूठा सच' 'तमस' और 'जिन्दगी नामा' आदि उपन्यासों में अनेक पात्र पंजाबी पृष्ठभूमि के हैं। इसलिए इन उपन्यासों में हिन्दी और उर्दू के अतिरिक्त कहीं - कहीं पंजाबी के भी संवाद उपयोग में लाए गए हैं।
कथन - II : 'आपका बंटी' के अनुसार बंटी का पूरा नाम अरूप बत्रा है।
उपरोक्त कथन के आलोक में नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFकथन - I : 'झूठा सच' 'तमस' और 'जिन्दगी नामा' आदि उपन्यासों में अनेक पात्र पंजाबी पृष्ठभूमि के हैं। इसलिए इन उपन्यासों में हिन्दी और उर्दू के अतिरिक्त कहीं - कहीं पंजाबी के भी संवाद उपयोग में लाए गए हैं।
कथन - II : 'आपका बंटी' के अनुसार बंटी का पूरा नाम अरूप बत्रा है।
उपरोक्त कथन के आलोक में नीचे दिए गए विकल्पों में से कथन I और II दोनों सत्य हैं।
Key Points
- 'झूठा सच' यशपाल का उपन्यास है।
- 'तमस' भीष्म साहनी का उपन्यास है जो 1973 में प्रकाशित हुआ।
- 'जिंदगीनामा' कृष्णा सोबती का उपन्यास है जो 1979 में प्रकाशित हुआ।
- 'आपका बंटी' मन्नू भंडारी का उपन्यास है जो 1971 में प्रकाशित हुआ।
Important Points
- झूठा सच-
- जिसका भाग 1 -1958 में प्रकाशित हुआ।
- इसमें राष्ट्र विभाजन अब त्रासदी का चित्रण है।
- झूठा सच भाग 2 -1960 में प्रकाशित हुआ।
- इसमें स्वतंत्रता प्राप्ति एवं देश के विकास तथा देश के भावी निर्माण में बुद्धिजीवियों की भूमिका का यथार्थ चित्रण है।
- झूठा सच दो भागों में प्रकाशित उपन्यास है इसका प्रथम भाग का नाम 'वतन और देश' तथा दूसरे भाग का नाम' देश का भविष्य '
- तमस –
- भारत विभाजन की सांप्रदायिक विभीषका का महाकाव्यात्मा अकन हुआ है।
- जिंदगीनामा-
- साहित्य अकादमी पुरस्कार से 1980 में सम्मानित हुआ।
- विभाजन से पूर्व पंजाब प्रदेश के सांस्कृतिक रीति -रिवाजों लोक कथाओ और लोकोक्तियों आदी का चित्राकन है।
- डेरा जट्टा गांव के आंचलिक परिवेश की कहानी है।
- इस उपन्यास पर बनी फिल्म 'ट्रेन टू पाकिस्तान' है।
- आपका बंटी-
- यह सामाजिक प्रधान उपन्यास है।
- आपका बंटी की कथावस्तु बंद दरवाजों के साथ कहानी के बीज रूप में दिखाई देते हैं।
- आपका बंटी उपन्यास में मनु ने नारी जीवन से संबंधित दांपत्य, तलाक, मातृत्व,अकेलापन से उत्पन्न उलझनों को सफलतापूर्वक व्यक्त किया।
Additional Information
- यशपाल के अन्य उपन्यास –
- दादा कामरेड 1941
- देशद्रोही 1942
- दिव्या 1945
- पार्टी कामरेड 1946
- मनुष्य के रूप 1949
- अमिता 1956
- बारह घंटे 1962
- अप्सरा का श्राप 1965
- क्यों फसे?1968
- मेरी तेरी उसकी बात 1974.
- भीष्म साहनी के उपन्यास -
- झरोखा 1967
- कड़ियां 1970
- बसंती 1980
- म्यादास की माड़ी 1986
- कुंतो 1993
- नीलू नीलिमां नीलोफर 2000.
- कृष्णा सोबती के उपन्यास -
- मित्रो मरजानी 1967
- सूरजमुखी अंधेरे के 1972
- दिलो दानिश 1993
- समय सरगम 2000
- मन्नू भंडारी का उपन्यास -
- महाभोज 1979.
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक को स्थापना (A) और दूसरे को तर्क (B) कहा गया है।
स्थापना (A): संचारी भावों के उन्मेष द्वारा सहृदय सामाजिक में रस निष्पन्न होता है।
तर्क (B): भरत के रससूत्र के व्याख्याकारों ने इसी तथ्य को अलग-अलग तर्क से पुष्ट किया है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नांकित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 2 हैI
- तर्क और स्थापना दोनों गलत हैंI
Key Points
- भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में भावों की संख्या - 49
- संचारी भाव - 33, स्थायी भाव - 8, सात्विक भाव - 8
- संचारी भाव - जो भाव विशेष रूप से स्थायीभाव की पुष्टि के लिए तत्पर रहते हैं और स्थायी भाव के अंतर्गत आविर्भूत व तिरोहित होते दिखाई देते हैं, वे भाव संचारी भाव कहलाते हैंI
Important Points
- भरतमुनि का रस सूत्र - विभावानुभावव्यभिचारी संयोगा द्रसनिष्पत्तिः I
- “विभावानुभाव व्यभिचारिसंयोगाद रस निष्पत्ति” ये कथन ‘आचार्य भरतमुनि’ का है।
- आचार्य भरत मुनि के इस कथन का तात्पर्य है कि विभाव अनुभाव और संचारी भाव इन तीनों भावों के सहयोग से ही रस की निष्पत्ति होती है।
आचार्य भरतमुनि के अनुसार रस नाटक का वह तक होता है जो है, जो हृदय को आस्वाद प्रदान करता है और रस के आस्वाद से ही हृदय हर्षित होता है।
Additional Information
- संचारी भाव को व्यभिचारी भाव भी कहा जाता हैI
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन - I: समर्पण सगुण भक्ति का मूल है।
कथन - II: भक्ति आंदोलन एकमात्र उद्वितवाद से प्रभावित रहा।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 3 होगाI
- कथन 1 सही है परन्तु कथन 2 गलत हैI
Key Points
- भागवत पुराण में नवधा भक्ति का उल्लेख है - श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य, आत्मनिवेदनI
- भक्ति आन्दोलन में सगुण और निर्गुण दोनों कवियों की भूमिका रहीI
Important Points
- भक्ति शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख श्वेताश्वर उपनिषद में मिलता हैI
- भक्ति आन्दोलन एक जातीय और जनवादी आन्दोलन हैI - रामविलास शर्मा
- हिंदी में भक्ति साहित्य कि परम्परा का प्रवर्तन नामदेव ने कियाI
निम्नलिखित कथनों, स्थापना (अ) और तर्क (ब) पर विचार कीजिए और नीचे दिए गए कूट से सही विकल्प का चयन कीजिए:
स्थापना (अ) : आधुनिकता एक सतत और अंतहीन प्रक्रिया है।
तर्क (ब) : क्योंकि प्रत्येक परिवर्तन नए सिद्धांतों और संभावनाओं को जन्म देता है।
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- यहाँ दिए गये दोनों स्थापना और तर्क सही है।
- स्थापना (अ) : आधुनिकता एक सतत और अंतहीन प्रक्रिया है।
- यह तर्क (ब) : क्योंकि प्रत्येक परिवर्तन नए सिद्धांतों और संभावनाओं को जन्म देता है।
- इसका सीधा आशय यह है कि आधुनिकता यह कभी खत्म न होने वाली प्रक्रिया है, और इससे नयी संभावना जन्म लेती है।
- आधुनिकता एक अंतहीन प्रक्रिया है क्योंकि आधुनिकता का सार यह है कि आप जो भी मानते हैं उस पर हमेशा सवाल उठाएं और बेहतर करना सीखें। आधुनिकता उन सभी जातीयताओं और अन्य संकीर्णताओं पर काबू पाना है जो डार्विनियन भाग्य की दुर्घटना मात्र हैं। चिंतनशील सोच भाग्य की दुर्घटना है जो व्यावहारिकता पर विजय प्राप्त करती है।
नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन - I: दलित लेखन स्थापित सांस्कृतिक व्यवस्था का विरोध कर सामाजिक समता का प्रस्ताव करता है।
कथन - II: दलित लेखन राममनोहर लोहिया के समाजवादी वैचारिक दर्शन से सर्वाधिक प्रभावित है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 3 हैI
- कथन 1 सत्य है परन्तु कथन 2 गलत हैI
Key Points
- दलित साहित्य डॉ भीमराव अम्बेडकर के दर्शन पर आधारित है जो संत मत से जुड़ा हुआ हैI
- वर्ग संघर्ष को समाप्त कर समता और समानता ही अम्बेडकरवाद और दलित साहित्य का लक्ष्य हैI
Important Points
- डॉ लोहिया के समाजवाद का उद्देश्य वर्गहीन समाज की स्थापना करना है जिसमें शासन व्यवस्था विकेंद्रीकृत होI
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन - I : वर्डस्वर्थ के अनुसार कविता स्वतः स्फूर्त अभिव्यक्ति है।
कथन - II : कॉलरिज के अनुसार रम्य कल्पना केवल स्मृति पर निर्भर है जबकि कल्पना प्रेरणा और अवधारणा आदि अनेक स्रोतों से सामग्री संचय करती है।
उपरोक्त कथन के आलोक में नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFकथन - I : वर्डस्वर्थ के अनुसार कविता स्वतः स्फूर्त अभिव्यक्ति है।
कथन - II : कॉलरिज के अनुसार रम्य कल्पना केवल स्मृति पर निर्भर है जबकि कल्पना प्रेरणा और अवधारणा आदि अनेक स्रोतों से सामग्री संचय करती है।
1) कथन l और ll दोनों सत्य है
Key Points
- वर्ड्सवर्थ
- ने कविता को परिभाषित करते हुए लिखा है,-"कविता प्रबल भावों का सहज उच्छलन है"
- वर्ड्सवर्थ के अनुसार कविता स्वत : स्फुर्त अभिव्यक्ति है।
- कवियों का भाव जितने सहज था, उनकी भाषा उतनी ही सरल थी भाषा में कृत्रिमता और आडंबर आदि बाद के कवियों की देन है।
- कॉलरिज
- इन्होने कल्पना और रम्य कल्पना में निम्न अंतर रेखांकित किए है ।
- 'कल्पना' बिंबो को विघटित विगलित कर नये रूप में परिवर्तित करती है।
- 'रम्य' कल्पना बिंबो को सिर्फ आसपास रख देती है कोई परिवर्तन नहीं करते।
- कल्पना अन्त :प्रेरणा प्रत्यक्ष आदि से सामग्री ग्रहण करती है।
- रम्य कल्पना प्रधानत: स्मृति से सामग्री ग्रहण करती है।
- कल्पना जैव कार्य पद्धति पर आधारित है।
- रम्य कल्पना यांत्रिक कार्य प्रति पर आधारित है।
- कल्पना प्रतिभा की उपज है।
- रम्य कल्पना प्रज्ञा की उपज है।
Important Points
- वर्ड्सवर्थ में काव्य भाषा के संबंध में तीन मान्यता प्रस्तुत की –
- काव्य में ग्रामीणों के दैनिक बोलचाल की भाषा का प्रयोग होना चाहिए।
- काव्य और गद्य की भाषा में कोई तात्विक भेद नहीं है।
- प्राचीन कवियों का भावोदोध जितना सहज था भाषा उतनी ही सरल थी भाषा में कृत्रिमता और आडंबर बाद के कवियों की देन है।
- वर्ड्सवर्थ का यह भी मानना है कि काव्य और गद्य में अंतर केवल छंद के कारण होता है।
- कॉलरिज-
- कॉलरिज प्रत्यवादी थे उन और उनकी काव्य संबंधी धारणा जैव वादी सिद्धांत पर आधारित।
- कॉलरिज के अनुसार काव्य सृजन का मूलाधार कल्पना है।
- कल्पना के दो भेद हैं मुख्य कल्पना और गौण कल्पना।
- 'इमैजिनेशन' शब्द की उत्पत्ति लेटिन के 'इमाजिनातियो' से हुई है जिसका हिंदी रूपांतरण 'कल्पना' है।
- 'फैंसी' शब्द की उत्पत्ति ग्रीक की के 'फांतासिया' से हुई है, जिसका हिंदी रूपांतरण में 'रम्यकल्पना' या 'ललित कल्पना' है।
- अंग्रेजी में व्यवहारिक आलोचना का सूत्रपात कोलरिज ने किया था।
Additional Information
- विलियम वर्ड्सवर्थ का जन्म 1770 इंग्लैंड में हुआ।
- इनका प्रथम काव्य संग्रह 'एन इवनिंग वॉक एंड डिस्क्रिप्टिव स्केचेज ' 1793 मे प्रकाशित।
- कॉलरिज केस है लेखन में 'लिरिकल बैलेडस' 1798 में प्रकाशित।
- सैमुअल टेलर कॉलेरिज-
- इनका जन्म 1772 इंग्लैंड में हुआ।
- कॉलरिज की महत्वपूर्ण रचनाएं-
- द फ्रेंड 1817
- एड्स टू रिफ्लेक्शन 1825
- चर्च एंड स्टेट 1830
- कंफेशज ऑफ एन इंक्वायरिंग सिपरिट 1840.
नीचे दो कथन दिए गए हैं: एक अभिकथन (Assertion A) के रूप में लिखित है तो दूसरा उसके (Reason R) कारण के रूप में
अभिकथन A : अंग्रेजों ने पुरानी आर्थिक संरचना को बदला, जमीन का नया बंदोबस्त किया। नये बंदोबस्त के कारण जमीन को क्रय विक्रय करने की छूट मिल गई।
कारण R : बदलती हुई परिस्थितियों में बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करना आरंभ कर दिया।
उपरोक्त कथन के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है- A और R दोनों सही हैं ओर R, A की सही व्याख्या नहीं है
Key Points
अभिकथन A : अंग्रेजों ने पुरानी आर्थिक संरचना को बदला, जमीन का नया बंदोबस्त किया। नये बंदोबस्त के कारण जमीन को क्रय विक्रय करने की छूट मिल गई।
कारण R : बदलती हुई परिस्थितियों में बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध करना आरंभ कर दिया।
- यह अभिकथन(A) सही है इसमें इसमें भूमि के स्थाई बंदोबस्त के बारे में बताया गया ।
- तर्क (B) सही है। क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भावना उनके राष्ट्रप्रेम त्याग और बलिदान के जुनून का संभलते अनुमान भी ना लगा सके कि उन्होंने किस प्रकार धैर्य और साहस के साथ पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन व संपादन किया और उसके लिए कितने आर्थिक शारीरिक मानसिक और पारिवारिक कष्ट झेले ।
- अंग्रेजी सरकार की कठोर नीति में दमन तथा अर्थ आभाव के कारण अनेक पत्र पत्रिकाएं बंद भी होती रही परंतु से अधिक नहीं प्रकाशन भी सामने आते गए ।
- 1793 मे लॉर्ड कार्नवालिस में भूमि के स्थाई बंदोबस्त किया ।
- स्थाई बंदोबस्त का मुख्य उद्देश्य कृषि संकट और संकट की समस्या का समाधान करना था जिसके परिणाम स्वरूप कृषि उत्पादन कम हो गया था ।
- ब्रिटिश अधिकारियों ने सोचा कि कृषि द्वारा कृषि में निवेश व्यापार और राज्य के राजस्व के संसाधनों को बढ़ाया जा सकता ।
- राजस्व को स्थाई रूप से निर्धारित करने और संपत्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वह प्रणाली अपनाई जिसे स्थाई बंदोबस्त के नाम से जाना जाता है ।
- एक बार राज्य की राज्य सभा के स्थाई रूप से निर्धारित हो जाएगी तो कार्य का नियमित परवाह होगा इसके अलावा भूमि धारक अपनी कृषि भूमि में निवेश करेंगे क्योंकि निर्माता निर्धारित कर सकेंगे।
- स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता अजीमुल्ला खाने 8 फरवरी 1857 को दिल्ली से 'पयामे आजादी' पत्र प्रारंभ किया ।
- `उन्होंने शोले की तरह अपनी प्रक्रिया तेजस्विनी लेखनी से जनता में स्वतंत्रता की भावना भर दी अलका तक जीवित रहे इस पत्र से घबराकर ब्रिटिश सरकार ने इसे बंद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
- 'पयामे आजादी' के अंक में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के फरमान आजादी का झंडा गीत प्रकाशित करने के कारण संपादक को फांसी पर लटका दिया गया।
- अरविंद घोष के भाई बरिंद्र घोष का पत्र युगांतर वास्तव में युगांतरकारी पत्र था।
- विष्णु शास्त्री चिपलणकर और लोकमान्य तिलक ने जनवरी 1881 में मराठी में 'केसरी' और अंग्रेजी में 'मराठा साप्ताहिक पत्र निकाले और जनजागृति फैलाई।
- गांधीजी ने अंग्रेजी में 'यंग इंडिया' और जुलाई 1919 से हिंदी गुजराती में 'नवजीवन' का प्रकाशन आरंभ किया ।
- गणेश शंकर विद्यार्थी ने 9 नवंबर 1913 को कानपुर से 'प्रताप' साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरंभ किया।
- माखनलाल चतुर्वेदी ने कर्मवीर का संपादन किया कर्मवीर पत्थर ने स्वतंत्रता के समय और ओज और जोशपूर्ण शीर्षक राष्ट्रीय ज्वाला जगायी इसके साथ देश के युवाओं के हृदय में देशभक्ति का भाव भर दिया।
Additional Information
- लॉर्ड कार्नवालिस का मानना था कि लोग स्थाई बंदोबस्त को तुरंत स्वीकार कर लेंगे और इससे अपनी भूमि को बेहतर बनाने में निवेश करना शुरू कर देंगे ।
- 1790 में निदेशक न्यायालय ने 10 वर्षीय समझौता जारी किया जमींदार, जिसे 1793 में स्थाई कर दिया गया।
- 1797 के स्थाई बंदोबस्त अधिनियम द्वारा सशस्त्र बल रखने का उनका अधिकार हटा दिया गया वे केवल भूमि के कर संग्रह करता बनकर रह गए।
- 1868 में बंगाल के साप्ताहिक पत्र अमृत बाजार पत्रिका ने भी परवल राष्ट्रीय विचारों का प्रचार किया जिसके कारण इसके कई संपादकों को जेल की सजा भुगतनी पड़ी ।
- इस प्रकार बुद्धिजीवियों द्वारा निकाले गए समाचार पत्रों का स्वतंत्रता में योगदान है यह तर्क सही है किंतु यह तर्क अभीकथन की व्याख्या नहीं करता है ।
नीचे दो कथन दिए गए हैं : एक को स्थापना (A) और दूसरे को तर्क (R) कहा गया है।
स्थापना (A): शास्त्रीय विधानों में लोकात्मकता का स्पष्ट झुकाव है।
तर्क (R): इसीलिए अभिनय के धर्मीगत स्वभाव के अनुकूल लोकधर्मी और नाट्यधर्मी भेदों का शास्त्रीय विधान हुआ है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नांकित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 1 हैI
- स्थापना और तर्क दोनों सही हैंI
Key Points
- नाट्य लोकवृत्त का अनुकरण हैI
- नाट्यलेखन और नाट्यअभिनय दोनों में लोक और शास्त्र को आधार बनाया जाता हैI
Important Points
- भरत ने लोकधर्मी और नाट्यधर्मी दो प्रकार की परम्पराओं की परिकल्पना की है I
- लोकधर्मी - लोक के स्वभाव पर आधारित अभिनय लोकधर्मी हैI
- नाट्यधर्मी - लोकगत वर्णन में रंजकता का आधान करने के लिये नाटककार अपने वर्णन में और नट अपने व्यापारों में जो विचित्रता लाता है, उसे नाट्यधर्मी कहते हैंI
नीचे दो कथन दिए गए हैं : एक को स्थापना (A) और दूसरे को तर्क (B) कहा गया है।
स्थापना (A): प्रेम निजी भाव है, साहित्य में उसका चित्रण असामाजिक हो जाता है।
तर्क (B): क्योंकि प्रेम का चित्रण मांसल ही होता है, जिसके कारण उसमें अश्लीलता आ जाती है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नांकित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:
Answer (Detailed Solution Below)
स्थापना और तर्क Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 1 होगाI
- स्थापना और तर्क दोनों गलत हैंI
Key Points
- हर काल में प्रेम और श्रृंगार परक रचनाएँ हुई हैंI
- प्रेम का भाव सामाजिक हैi
- साहित्य में प्रेम का चित्रण लगभग हर कवि और लेखक के यहाँ हुआ हैI
- प्रेम का चित्रण आवश्यक नहीं है कि मांसल ही होI
Important Points
- अज्ञेय- "तुम्हें मैं जो प्यार करता हूँ उसे समग्र विश्व को देता हूँ - दे देता हूँI"
- बोधा - "यह प्रेम को पंथ कराल महा, तलवार की धार पे धावनो हैi"