वीप्सा MCQ Quiz - Objective Question with Answer for वीप्सा - Download Free PDF
Last updated on May 23, 2025
Latest वीप्सा MCQ Objective Questions
वीप्सा Question 1:
'वीप्सा' में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 1 Detailed Solution
'वीप्सा' में अलंकार है- शब्दालंकार
Key Points
- जब दुख, आश्चर्य, आदर, शोक, हर्ष इत्यादि जैसे विस्मयादिबोधक भावों को व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृति की जाए, तब उसे ही वीप्सा अलंकार कहते है।
- वीप्सा अलंकार द्वारा मन का आकस्मिक भाव स्पष्ट होता है।
- उदाहरण-
- बहू तनिक अक्षत रोली तिलक लगा दूं, माँ बोली
- जियो, जियो, बेटा आओ, पूजा का प्रसाद पाओ।
Important Points
- अलंकार के तीन भेद होते है:-
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
Additional Information शब्दालंकार:-
- शब्दालंकार शब्द “शब्द” और “अलंकार” के संयोजन से बना है। शब्द के दो प्रमुख रूप होते हैं: ध्वनि और अर्थ।
- शब्दालंकार की रचना ध्वनि के आधार पर होती है।
- जब किसी अलंकार में शब्दों के प्रयोग से चमत्कार उत्पन्न होता है,
- और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी शब्द रखने पर वह चमत्कार खत्म हो जाता है, तो इसे भी शब्दालंकार माना जाता है।
- उदाहरण - रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून, पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून।
- शब्दालंकार के मुख्यतः 6 प्रकार हैं-
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- पुनरुक्ति अलंकार
- विप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- श्लेष अलंकार
अर्थालंकार:-
- जहाँ अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार या विशेष प्रभाव उत्पन्न होता है, उसे अर्थालंकार कहते हैं।
- यह अलंकार शब्दों के अर्थ को गहराई और संजीवनी प्रदान करता है, जिससे पाठक या श्रोता को एक नई दृष्टि मिलती है।
- उदाहरण - उदित उदय गिरी मंच पर, रघुवर बाल पतंग।
- अर्थालंकार के मुख्य रूप से पांच प्रकार होते हैं:
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- अतिशयोक्ति अलंकार
- मानवीकरण अलंकार
उभयालंकार:-
- जहाँ पर अलंकार में शब्द और अर्थ दोनो का प्रयोग किया जाता है
- अर्थात जो अलंकार शब्दालंकार तथा अर्थालंकार के प्रयोग से बनता है, वह उभयालंकार कहलता है।
- इसका निर्माण दो अलंकारों के योग से होता है।
- उदाहरण - कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाय।
वीप्सा Question 2:
पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार किस अलंकार का दूसरा नाम है ?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - वीप्सा अलंकार।
Key Points
- वीप्सा अंलकार
- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है
- पुनरुक्ति अलंकार
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
- पुनरुक्ति अलंकार का साधारण सा अर्थ है जहां बार-बार शब्दों की आवृत्ति हो।
- पुनरुक्ति दो शब्दों के योग से बना है पुन्र+उक्ति, अतः वह उक्ति जो बार-बार प्रकट हो।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
वीप्सा Question 3:
'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो।' में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 3 Detailed Solution
'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो' में वीप्सा अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'वीप्सा अलंकार' है।
Key Points
- 'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो' में वीप्सा अलंकार है।
- यहाँ 'जिओ जिओ' की पुनरुक्ति हुई है।
- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है।
- जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
श्लेष अलंकार |
जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। |
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
वीप्सा Question 4:
'विहग-विहग फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज।'
वाक्य में 'विहग' और पुंज' की आवृत्ति के कारण कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 4 Detailed Solution
उक्त पंक्ति में ‘वीप्सा अलंकार’ का प्रयोग हुआ है।
Key Points
- ‘वीप्सा अलंकार’ अर्थात ‘आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए शब्दों का दुहराव
- जैसे- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
अन्य विकल्प
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उत्प्रेक्षा |
जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए। इस अलंकार में- मनु, जनु, जनहु, जानो, मानहु मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि शब्द आते हैं। |
सोहत ओढ़े पीतु पटु, स्याम सलोने गात। मनो नीलमनि - सैल पर, आतपु परयौ प्रभात ॥ |
व्यतिरेक |
जहाँ उपमान की अपेक्षा अधिक गुण होने के कारण उपमेय का उत्कर्ष हो, वहाँ 'व्यतिरेक अलंकार' होता है। |
खंजन मील सरोजनि की छबि गंजन नैन लला दिन होनो। भौंह कमान सो जोहन को सर बेधन प्राननि नंद को छोनो। |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में। |
Additional Informationविप्सा अलंकार के अन्य उदाहरण
- शिव शिव शिव कहते हो यह क्या?
ऐसा फिर मत कहना.
राम राम यह बात भूलकर,
मित्र कभी मत गहना. . - राम राम यह कैसी दुनिया?
कैसी तेरी माया?
जिसने पाया उसने खोया,
जिसने खोया पाया.. - चिता जलाकर पिता की,
हाय-हाय मैं दीन.
नहा नर्मदा में हुआ,
यादों में तल्लीन.
वीप्सा Question 5:
हा! हा! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।” इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 5 Detailed Solution
उक्त पँक्ति में वीप्सा अलंकार का प्रयोग किया गया है।
Key Points
- हा! हा!! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम। पंक्ति में वीप्सा अलंकार है।
- उपर्युक्त पंक्ति में ‘हा!’ की पुनरुक्ति द्वारा गोपियों का विरह जनित आवेग व्यक्त होने से वीप्सा अलंकार है।
- जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में। |
उत्प्रेक्षा |
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना व्यक्त की जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
वृक्ष ताड़ का बढ़ता जाता मानो नभ को छूना चाहता। |
Top वीप्सा MCQ Objective Questions
'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो।' में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो' में वीप्सा अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'वीप्सा अलंकार' है।
Key Points
- 'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो' में वीप्सा अलंकार है।
- यहाँ 'जिओ जिओ' की पुनरुक्ति हुई है।
- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है।
- जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
श्लेष अलंकार |
जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। |
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
हा! हा! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।” इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFउक्त पँक्ति में वीप्सा अलंकार का प्रयोग किया गया है।
Key Points
- हा! हा!! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम। पंक्ति में वीप्सा अलंकार है।
- उपर्युक्त पंक्ति में ‘हा!’ की पुनरुक्ति द्वारा गोपियों का विरह जनित आवेग व्यक्त होने से वीप्सा अलंकार है।
- जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में। |
उत्प्रेक्षा |
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना व्यक्त की जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
वृक्ष ताड़ का बढ़ता जाता मानो नभ को छूना चाहता। |
'वीप्सा' में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'वीप्सा' में अलंकार है- शब्दालंकार
Key Points
- जब दुख, आश्चर्य, आदर, शोक, हर्ष इत्यादि जैसे विस्मयादिबोधक भावों को व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृति की जाए, तब उसे ही वीप्सा अलंकार कहते है।
- वीप्सा अलंकार द्वारा मन का आकस्मिक भाव स्पष्ट होता है।
- उदाहरण-
- बहू तनिक अक्षत रोली तिलक लगा दूं, माँ बोली
- जियो, जियो, बेटा आओ, पूजा का प्रसाद पाओ।
Important Points
- अलंकार के तीन भेद होते है:-
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
Additional Information शब्दालंकार:-
- शब्दालंकार शब्द “शब्द” और “अलंकार” के संयोजन से बना है। शब्द के दो प्रमुख रूप होते हैं: ध्वनि और अर्थ।
- शब्दालंकार की रचना ध्वनि के आधार पर होती है।
- जब किसी अलंकार में शब्दों के प्रयोग से चमत्कार उत्पन्न होता है,
- और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी शब्द रखने पर वह चमत्कार खत्म हो जाता है, तो इसे भी शब्दालंकार माना जाता है।
- उदाहरण - रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून, पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून।
- शब्दालंकार के मुख्यतः 6 प्रकार हैं-
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- पुनरुक्ति अलंकार
- विप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- श्लेष अलंकार
अर्थालंकार:-
- जहाँ अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार या विशेष प्रभाव उत्पन्न होता है, उसे अर्थालंकार कहते हैं।
- यह अलंकार शब्दों के अर्थ को गहराई और संजीवनी प्रदान करता है, जिससे पाठक या श्रोता को एक नई दृष्टि मिलती है।
- उदाहरण - उदित उदय गिरी मंच पर, रघुवर बाल पतंग।
- अर्थालंकार के मुख्य रूप से पांच प्रकार होते हैं:
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- अतिशयोक्ति अलंकार
- मानवीकरण अलंकार
उभयालंकार:-
- जहाँ पर अलंकार में शब्द और अर्थ दोनो का प्रयोग किया जाता है
- अर्थात जो अलंकार शब्दालंकार तथा अर्थालंकार के प्रयोग से बनता है, वह उभयालंकार कहलता है।
- इसका निर्माण दो अलंकारों के योग से होता है।
- उदाहरण - कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाय।
वीप्सा Question 9:
'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो।' में निम्न में से कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 9 Detailed Solution
'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो' में वीप्सा अलंकार है। अतः सही विकल्प 1 'वीप्सा अलंकार' है।
Key Points
- 'जिओ जिओ, बेटा आवो, पूजा का प्रसाद पावो' में वीप्सा अलंकार है।
- यहाँ 'जिओ जिओ' की पुनरुक्ति हुई है।
- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है।
- जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
श्लेष अलंकार |
जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। |
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। |
वक्रोक्ति अलंकार |
जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं। |
एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’। |
उपमा अलंकार |
वाक्य में दो वस्तुओं की तुलना कि गयी है अतः यह उदाहरण उपमा अलंकार के अंतर्गत आएगा। |
कल्पना सी अतिशय कोमल। |
Additional Information
अलंकार की परिभाषा |
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। |
वीप्सा Question 10:
'विहग-विहग फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज।'
वाक्य में 'विहग' और पुंज' की आवृत्ति के कारण कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 10 Detailed Solution
उक्त पंक्ति में ‘वीप्सा अलंकार’ का प्रयोग हुआ है।
Key Points
- ‘वीप्सा अलंकार’ अर्थात ‘आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए शब्दों का दुहराव
- जैसे- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
अन्य विकल्प
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उत्प्रेक्षा |
जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए। इस अलंकार में- मनु, जनु, जनहु, जानो, मानहु मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि शब्द आते हैं। |
सोहत ओढ़े पीतु पटु, स्याम सलोने गात। मनो नीलमनि - सैल पर, आतपु परयौ प्रभात ॥ |
व्यतिरेक |
जहाँ उपमान की अपेक्षा अधिक गुण होने के कारण उपमेय का उत्कर्ष हो, वहाँ 'व्यतिरेक अलंकार' होता है। |
खंजन मील सरोजनि की छबि गंजन नैन लला दिन होनो। भौंह कमान सो जोहन को सर बेधन प्राननि नंद को छोनो। |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में। |
Additional Informationविप्सा अलंकार के अन्य उदाहरण
- शिव शिव शिव कहते हो यह क्या?
ऐसा फिर मत कहना.
राम राम यह बात भूलकर,
मित्र कभी मत गहना. . - राम राम यह कैसी दुनिया?
कैसी तेरी माया?
जिसने पाया उसने खोया,
जिसने खोया पाया.. - चिता जलाकर पिता की,
हाय-हाय मैं दीन.
नहा नर्मदा में हुआ,
यादों में तल्लीन.
वीप्सा Question 11:
निम्नलिखित में से वीप्सा अलंकार का उदाहरण कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 11 Detailed Solution
आदर, घृणा, शोक और हर्ष जैसे भावों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हुए शब्द बार - बार उपयोग में आते हैं वहां वीप्सा अलंकार होता है। "रीझि - रीझि रहसि- रहसि हंसी - हंसी उठे" पंक्ति में वीप्सा अलंकार है। इस प्रकार सही विकल्प रीझि-रीझि रहसि-रहसि हंसी है।
अन्य विकल्प
"तिन्हहिं सोहाइ न अवध बधावा" में प्रतिवस्तूपमा अलंकार है।
"भव्य भावों में भयानक भावना भरना नहीं" में वृत्यानुप्रास अलंकार है।
"उदित उदयगिरि मंच पर, रघुवर बाल पतंगा।" में रूपक अलंकार है।वीप्सा Question 12:
पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार किस अलंकार का दूसरा नाम है ?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 12 Detailed Solution
सही उत्तर है - वीप्सा अलंकार।
Key Points
- वीप्सा अंलकार
- आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए किसी शब्द को दुहराना ही वीप्सा अलंकार है
- पुनरुक्ति अलंकार
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
- पुनरुक्ति अलंकार का साधारण सा अर्थ है जहां बार-बार शब्दों की आवृत्ति हो।
- पुनरुक्ति दो शब्दों के योग से बना है पुन्र+उक्ति, अतः वह उक्ति जो बार-बार प्रकट हो।
- जिस वाक्य में शब्दों की पुनरावृति होती है वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
- जिस काव्य में क्रमशः शब्दों की आवृत्ति एक समान होती है, किंतु अर्थ की भिन्नता नहीं होती वहां पुनरुक्ति अलंकार माना जाता है।
वीप्सा Question 13:
"हा!हा !! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम l " काव्य पंक्ति में अलंकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 13 Detailed Solution
उक्त पँक्तियों वीप्सा अलंकार का प्रयोग किया गया है, क्योंकि हम अपने मनोभावों को व्यक्त करने के लिए विभिन्न तरह के शब्दों (छि-छि , राम-राम, चुप-चुप,ओह-ओह आदि) का प्रयोग करते है। इन शब्दों का जहां प्रयोग किया जाता है वहां वीप्सा अलंकार होता है।
अत: सही विकल्प 3 वीप्सा अलंकार होगा।
Key Points
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
वीप्सा |
हम अपने मनोभावों को व्यक्त करने के लिए विभिन्न तरह के शब्दों (छि-छि , राम-राम, चुप-चुप,ओह-ओह आदि) का प्रयोग करते है। इन शब्दों का जहां प्रयोग किया जाता है वहां वीप्सा अलंकार होता है। |
"हा!हा !! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम l " |
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास |
एक ही वर्ण की एक से अधिक बार पुनरावृत्ति जिस अलंकार में हो, अनुप्रास अलंकार कहलाता है। |
मधुर- मधुर मुस्कान मेरे मोहन की, देख मेरा मन मंद मंद मुस्काये रे यहाँ म वर्ण का आगमन एक से अधिक बार हो रहा है, अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार होगा। |
वक्रोक्ति |
'वक्रोक्ति' का अर्थ है 'वक्र उक्ति' अर्थात 'टेढ़ी उक्ति'। कहनेवाले का अर्थ कुछ होता है, किन्तु सुननेवाला उससे कुछ दूसरा ही अभिप्राय निकाल लेता है। |
खड़ी यमुना के तीर, मोहे पार लगा दे कान्हा अर्थात यहाँ यमुना नदी से पार और भव सागर से पार जाने की बात कही जा रही है। |
उपमेयोउपमा |
उपमेय और उपमान की तुलना करना अर्थात दोनों को एक दूसरे के समान बताना, उपमेयउपमा अलंकार कहलाता है। |
जैसे- कृष्ण मुख चन्द्रमा सी छवि, अर्थात मुख चाँद के समान बताया गया है और साथ ही चाँद की तुलना कृष्ण के मुख से की गई ह |
वीप्सा Question 14:
हा! हा! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।” इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 14 Detailed Solution
उक्त पँक्ति में वीप्सा अलंकार का प्रयोग किया गया है।
Key Points
- हा! हा!! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम। पंक्ति में वीप्सा अलंकार है।
- उपर्युक्त पंक्ति में ‘हा!’ की पुनरुक्ति द्वारा गोपियों का विरह जनित आवेग व्यक्त होने से वीप्सा अलंकार है।
- जब किसी कथन में अत्यन्त आदर के साथ एक शब्द की अनेक बार आवृत्ति होती है तो वहाँ वीप्सा अलंकार होता है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में। |
उत्प्रेक्षा |
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना व्यक्त की जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
वृक्ष ताड़ का बढ़ता जाता मानो नभ को छूना चाहता। |
वीप्सा Question 15:
निम्न पंक्तियों में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?
विहग-विहग फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज,
कल-कूजित कर उर का निकुंज चिर सुभग-सुभग।Answer (Detailed Solution Below)
वीप्सा Question 15 Detailed Solution
उक्त पंक्ति में ‘वीप्सा अलंकार’ का प्रयोग हुआ है। ‘वीप्सा अलंकार’ अर्थात ‘आदर, घबराहट, आश्चर्य, घृणा, रोचकता आदि प्रदर्शित करने के लिए शब्दों का दुहराव’, जैसे - मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
अन्य विकल्प
‘वक्रोक्ति अलंकार’ अर्थात ‘जहाँ किसी के कथन का कोई दूसरा पुरुष श्लेष या काकु (उच्चारण के ढंग) से दूसरा अर्थ करे’, जैसे - एक कबूतर देख हाथ में पूछा, कहाँ अपर है? उसने कहा, अपर कैसा? वह तो उड़ गया सपर है।
‘रूपक अलंकार’ अर्थात ‘जब उपमान और उपमेय में अभिन्नता या अभेद दिखाया जाए’, जैसे - मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों में चन्द्रमा और खिलौने में समानता न दिखाकर चन्द्र को ही खिलौना बोल दिया गया है।
‘अतिशयोक्ति अलंकार’ अर्थात ‘जब किसी बात का वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए’, जैसे - आगे नदियाँ पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार। यहाँ चेतक की शक्तियों व स्फूर्ति का बहुत बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है।