भाषा MCQ Quiz - Objective Question with Answer for भाषा - Download Free PDF
Last updated on Jun 6, 2025
Latest भाषा MCQ Objective Questions
भाषा Question 1:
पालि भाषा का संबंध निम्न में से किस साहित्य से मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 1 Detailed Solution
पालि भाषा का संबंध बौद्ध साहित्य से मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है
Key Pointsबौद्ध धर्म का साहित्य-
- बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण स्रोत पाली भाषा में लिखे गए त्रिपिटक हैं। वे हैं:
- सुत्त पिटक
- विनय पिटक
- अभिधम्म पिटक
- जातक बौद्ध कला और साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।
- वे बुद्ध (प्रबुद्ध एक) के पिछले अस्तित्व या जन्मों का वर्णन करते हैं, जब वे बोधिसत्व (ऐसे प्राणी जिन्हें अभी ज्ञान या मोक्ष प्राप्त होना बाकी है) के रूप में मानव और गैर-मानव दोनों रूपों में प्रकट हुए थे।
- इन कहानियों से हमें पता चलता है कि विभिन्न सिद्धियाँ या पारलौकिक गुण (जिन्हें आमतौर पर पारमिता कहा जाता है) का अभ्यास करना, आत्मज्ञान (मोक्ष) प्राप्त करने या पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र, संसार से मुक्ति के लिए बौद्ध विचारों की कुंजी है।
Important Pointsजैन साहित्य को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
- आगम साहित्य (आगम सूत्र) -
- भगवान महावीर का उपदेश विधिपूर्वक उनके तात्कालिक शिष्यों द्वारा संकलित किया गया था, जिन्हें गंधार के रूप में जाना जाता था, और बड़े भिक्षुओं को श्रुत-केवली के रूप में जाना जाता था, जिन्हें विभिन्न ग्रंथों में सूत्र के रूप में जाना जाता है।
- ये सूत्र सामूहिक रूप से जैन धर्म के पवित्र ग्रंथ आगम या आगम सूत्र के रूप में जाने जाते हैं।
- इसलिए, जैन धर्म में बाइबल या कुरान जैसी एक पवित्र ग्रंथ नहीं है, लेकिन इसमें गंधार और श्रुत-केवली द्वारा संकलित विभिन्न ग्रंथ हैं।
- गैर-आगम साहित्य में आगम साहित्य की व्याख्या और भाष्य, तथा तपस्वियों और विद्वानों द्वारा संकलित स्वतंत्र रचनाएँ शामिल हैं।
सिद्ध साहित्य-
- सिद्ध साहित्य ब्रजयानी सिद्धों के द्वारा रचा गया साहित्य है।
- इनका संबंध बौद्ध धर्म से है। ये भारत के पूर्वी भाग में सक्रिय थे।
- इनके ग्रंथों की संख्या 84 मानी जाती है सिद्ध साहित्य का प्रारंभ आठवीं सदी से लेकर तेरे सदी मन जाती है।
- जिनमें सरहप्पा, शबरप्पा, लुइप्पा, डोम्भिप्पा, कुक्कुरिप्पा (कणहपा) आदि मुख्य हैं।
- इन्होंने अपभ्रंश मिश्रित पुरानी हिंदी तथा अपभ्रंश में रचनाएं की हैं।
भाषा Question 2:
प्राकृत किस परिवार की भाषा है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 2 Detailed Solution
प्राकृत आर्य परिवार की भाषा है
Key Pointsहिन्दी भाषा के इतिहास को तीन भागों में विभाजित किया गया है -
- प्राचीन भारतीय आर्य भाषा (1500 ई.पू. - 500 ई.पू.)
- वैदिक संस्कृत (1500 ई. पू. - 1000 ई. पू.)
- लौकिक संस्कृत (1000 ई. पू. - 500 ई. पू.)
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा (500 ई.पू. - 1000 ई.)
- पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
- पश्चिमोत्तरीय
- मध्यदेशीय
- पूर्वी
- दक्षिणी
- प्राकृत (1 ई. - 500 ई.)
- शौरसेनी
- पैशाची
- महाराष्ट्री
- मागधी
- अर्धमागधी
- अपभ्रंश (500 ई. - 1000 ई.)
- शौरसेनी - पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली), गुजराती, राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
- पैशाची - लहंदा, पंजाबी
- महाराष्ट्री - मराठी
- मागधी - बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
- अर्धमागधी - पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
- खस / मागधी - पहाड़ी हिन्दी)
- पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
- आधुनिक भारतीय आर्य भाषा (1000 ई. - अब तक)
- पश्चिमी हिंदी उपभाषा
- पूर्वी हिंदी उपभाषा
- राजस्थानी उपभाषा
- बिहारी उपभाषा
- पहाड़ी उपभाषा
भाषा Question 3:
केंद्रीय हिंदी संस्थान का मुख्यालय कहाँ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर ‘आगरा’ है।
Key Points
- केंद्रीय हिंदी संस्थान भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक उच्चतर शैक्षणिक एवं शोध संस्थान है।
- इसका मुख्यालय आगरा में है।
- इसके आठ केंद्र- दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर तथा अहमदाबाद हैं।
Top भाषा MCQ Objective Questions
पालि भाषा का संबंध निम्न में से किस साहित्य से मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 4 Detailed Solution
Download Solution PDFपालि भाषा का संबंध बौद्ध साहित्य से मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है
Key Pointsबौद्ध धर्म का साहित्य-
- बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण स्रोत पाली भाषा में लिखे गए त्रिपिटक हैं। वे हैं:
- सुत्त पिटक
- विनय पिटक
- अभिधम्म पिटक
- जातक बौद्ध कला और साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।
- वे बुद्ध (प्रबुद्ध एक) के पिछले अस्तित्व या जन्मों का वर्णन करते हैं, जब वे बोधिसत्व (ऐसे प्राणी जिन्हें अभी ज्ञान या मोक्ष प्राप्त होना बाकी है) के रूप में मानव और गैर-मानव दोनों रूपों में प्रकट हुए थे।
- इन कहानियों से हमें पता चलता है कि विभिन्न सिद्धियाँ या पारलौकिक गुण (जिन्हें आमतौर पर पारमिता कहा जाता है) का अभ्यास करना, आत्मज्ञान (मोक्ष) प्राप्त करने या पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र, संसार से मुक्ति के लिए बौद्ध विचारों की कुंजी है।
Important Pointsजैन साहित्य को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
- आगम साहित्य (आगम सूत्र) -
- भगवान महावीर का उपदेश विधिपूर्वक उनके तात्कालिक शिष्यों द्वारा संकलित किया गया था, जिन्हें गंधार के रूप में जाना जाता था, और बड़े भिक्षुओं को श्रुत-केवली के रूप में जाना जाता था, जिन्हें विभिन्न ग्रंथों में सूत्र के रूप में जाना जाता है।
- ये सूत्र सामूहिक रूप से जैन धर्म के पवित्र ग्रंथ आगम या आगम सूत्र के रूप में जाने जाते हैं।
- इसलिए, जैन धर्म में बाइबल या कुरान जैसी एक पवित्र ग्रंथ नहीं है, लेकिन इसमें गंधार और श्रुत-केवली द्वारा संकलित विभिन्न ग्रंथ हैं।
- गैर-आगम साहित्य में आगम साहित्य की व्याख्या और भाष्य, तथा तपस्वियों और विद्वानों द्वारा संकलित स्वतंत्र रचनाएँ शामिल हैं।
सिद्ध साहित्य-
- सिद्ध साहित्य ब्रजयानी सिद्धों के द्वारा रचा गया साहित्य है।
- इनका संबंध बौद्ध धर्म से है। ये भारत के पूर्वी भाग में सक्रिय थे।
- इनके ग्रंथों की संख्या 84 मानी जाती है सिद्ध साहित्य का प्रारंभ आठवीं सदी से लेकर तेरे सदी मन जाती है।
- जिनमें सरहप्पा, शबरप्पा, लुइप्पा, डोम्भिप्पा, कुक्कुरिप्पा (कणहपा) आदि मुख्य हैं।
- इन्होंने अपभ्रंश मिश्रित पुरानी हिंदी तथा अपभ्रंश में रचनाएं की हैं।
प्राकृत किस परिवार की भाषा है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 5 Detailed Solution
Download Solution PDFप्राकृत आर्य परिवार की भाषा है
Key Pointsहिन्दी भाषा के इतिहास को तीन भागों में विभाजित किया गया है -
- प्राचीन भारतीय आर्य भाषा (1500 ई.पू. - 500 ई.पू.)
- वैदिक संस्कृत (1500 ई. पू. - 1000 ई. पू.)
- लौकिक संस्कृत (1000 ई. पू. - 500 ई. पू.)
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा (500 ई.पू. - 1000 ई.)
- पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
- पश्चिमोत्तरीय
- मध्यदेशीय
- पूर्वी
- दक्षिणी
- प्राकृत (1 ई. - 500 ई.)
- शौरसेनी
- पैशाची
- महाराष्ट्री
- मागधी
- अर्धमागधी
- अपभ्रंश (500 ई. - 1000 ई.)
- शौरसेनी - पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली), गुजराती, राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
- पैशाची - लहंदा, पंजाबी
- महाराष्ट्री - मराठी
- मागधी - बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
- अर्धमागधी - पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
- खस / मागधी - पहाड़ी हिन्दी)
- पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
- आधुनिक भारतीय आर्य भाषा (1000 ई. - अब तक)
- पश्चिमी हिंदी उपभाषा
- पूर्वी हिंदी उपभाषा
- राजस्थानी उपभाषा
- बिहारी उपभाषा
- पहाड़ी उपभाषा
केंद्रीय हिंदी संस्थान का मुख्यालय कहाँ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर ‘आगरा’ है।
Key Points
- केंद्रीय हिंदी संस्थान भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक उच्चतर शैक्षणिक एवं शोध संस्थान है।
- इसका मुख्यालय आगरा में है।
- इसके आठ केंद्र- दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर तथा अहमदाबाद हैं।
भाषा Question 7:
पालि भाषा का संबंध निम्न में से किस साहित्य से मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 7 Detailed Solution
पालि भाषा का संबंध बौद्ध साहित्य से मुख्य रूप से जुड़ा हुआ है
Key Pointsबौद्ध धर्म का साहित्य-
- बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण स्रोत पाली भाषा में लिखे गए त्रिपिटक हैं। वे हैं:
- सुत्त पिटक
- विनय पिटक
- अभिधम्म पिटक
- जातक बौद्ध कला और साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।
- वे बुद्ध (प्रबुद्ध एक) के पिछले अस्तित्व या जन्मों का वर्णन करते हैं, जब वे बोधिसत्व (ऐसे प्राणी जिन्हें अभी ज्ञान या मोक्ष प्राप्त होना बाकी है) के रूप में मानव और गैर-मानव दोनों रूपों में प्रकट हुए थे।
- इन कहानियों से हमें पता चलता है कि विभिन्न सिद्धियाँ या पारलौकिक गुण (जिन्हें आमतौर पर पारमिता कहा जाता है) का अभ्यास करना, आत्मज्ञान (मोक्ष) प्राप्त करने या पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र, संसार से मुक्ति के लिए बौद्ध विचारों की कुंजी है।
Important Pointsजैन साहित्य को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
- आगम साहित्य (आगम सूत्र) -
- भगवान महावीर का उपदेश विधिपूर्वक उनके तात्कालिक शिष्यों द्वारा संकलित किया गया था, जिन्हें गंधार के रूप में जाना जाता था, और बड़े भिक्षुओं को श्रुत-केवली के रूप में जाना जाता था, जिन्हें विभिन्न ग्रंथों में सूत्र के रूप में जाना जाता है।
- ये सूत्र सामूहिक रूप से जैन धर्म के पवित्र ग्रंथ आगम या आगम सूत्र के रूप में जाने जाते हैं।
- इसलिए, जैन धर्म में बाइबल या कुरान जैसी एक पवित्र ग्रंथ नहीं है, लेकिन इसमें गंधार और श्रुत-केवली द्वारा संकलित विभिन्न ग्रंथ हैं।
- गैर-आगम साहित्य में आगम साहित्य की व्याख्या और भाष्य, तथा तपस्वियों और विद्वानों द्वारा संकलित स्वतंत्र रचनाएँ शामिल हैं।
सिद्ध साहित्य-
- सिद्ध साहित्य ब्रजयानी सिद्धों के द्वारा रचा गया साहित्य है।
- इनका संबंध बौद्ध धर्म से है। ये भारत के पूर्वी भाग में सक्रिय थे।
- इनके ग्रंथों की संख्या 84 मानी जाती है सिद्ध साहित्य का प्रारंभ आठवीं सदी से लेकर तेरे सदी मन जाती है।
- जिनमें सरहप्पा, शबरप्पा, लुइप्पा, डोम्भिप्पा, कुक्कुरिप्पा (कणहपा) आदि मुख्य हैं।
- इन्होंने अपभ्रंश मिश्रित पुरानी हिंदी तथा अपभ्रंश में रचनाएं की हैं।
भाषा Question 8:
प्राकृत किस परिवार की भाषा है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 8 Detailed Solution
प्राकृत आर्य परिवार की भाषा है
Key Pointsहिन्दी भाषा के इतिहास को तीन भागों में विभाजित किया गया है -
- प्राचीन भारतीय आर्य भाषा (1500 ई.पू. - 500 ई.पू.)
- वैदिक संस्कृत (1500 ई. पू. - 1000 ई. पू.)
- लौकिक संस्कृत (1000 ई. पू. - 500 ई. पू.)
- मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा (500 ई.पू. - 1000 ई.)
- पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
- पश्चिमोत्तरीय
- मध्यदेशीय
- पूर्वी
- दक्षिणी
- प्राकृत (1 ई. - 500 ई.)
- शौरसेनी
- पैशाची
- महाराष्ट्री
- मागधी
- अर्धमागधी
- अपभ्रंश (500 ई. - 1000 ई.)
- शौरसेनी - पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली), गुजराती, राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
- पैशाची - लहंदा, पंजाबी
- महाराष्ट्री - मराठी
- मागधी - बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
- अर्धमागधी - पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
- खस / मागधी - पहाड़ी हिन्दी)
- पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
- आधुनिक भारतीय आर्य भाषा (1000 ई. - अब तक)
- पश्चिमी हिंदी उपभाषा
- पूर्वी हिंदी उपभाषा
- राजस्थानी उपभाषा
- बिहारी उपभाषा
- पहाड़ी उपभाषा
भाषा Question 9:
केंद्रीय हिंदी संस्थान का मुख्यालय कहाँ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर ‘आगरा’ है।
Key Points
- केंद्रीय हिंदी संस्थान भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक उच्चतर शैक्षणिक एवं शोध संस्थान है।
- इसका मुख्यालय आगरा में है।
- इसके आठ केंद्र- दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर, भुवनेश्वर तथा अहमदाबाद हैं।