प्रवासी साहित्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रवासी साहित्य - Download Free PDF
Last updated on Mar 16, 2025
Latest प्रवासी साहित्य MCQ Objective Questions
प्रवासी साहित्य Question 1:
"भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है' के अनुसार सूची I के साथ सूची II का मिलान कीजिए
सूची I (प्रयोग की वस्तु) |
सूची II (निर्यातक देश) |
||
A. |
मारकीन की धोती |
I. |
फरांसीस (फ्रांस) |
B. |
लाकलाट का अंगा |
II. |
अमेरिका |
C. |
कंघी |
III. |
इंग्लैण्ड |
D. |
चरबी की बत्ती |
IV. |
जर्मनी |
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है - A - II, B - III, C - I, D - IV
Key Points
सूची I (प्रयोग की वस्तु) |
सूची II (निर्यातक देश) |
||
A. |
मारकीन की धोती |
II. |
अमेरिका |
B. |
लाकलाट का अंगा |
III. |
इंग्लैण्ड |
C. |
कंघी |
I. |
फरांसीस (फ्रांस) |
D. |
चरबी की बत्ती |
IV. |
जर्मनी |
Important Points भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है -
- यह भारतेंदु हरिश्चंद्र का प्रसिद्ध निबंध है।
- दिसंबर, 1884 में हरिश्चंद्र चंद्रिका के अंक में प्रकाशित हुआ था।
- यह निबंध बलिया के ददरी मेले में भाषण देने के लिए लिखा गया था,
- इस पाठ में एक तरफ ब्रिटिश सरकार की मनमानी पर व्यंग्य किया है,
- तो दूसरी तरफ उन्होंने अंग्रेजों के काम के प्रति समर्पण और परिश्रम की तारीफ़ भी की है।
- लेखक ने इस लेख में भारत के लोगों की कमियों के बारे में भी बताया है।
Additional Informationभारतेंदु हरिश्चंद्र -
- (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885)
- आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
- वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
- इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी।
- निबंध संग्रह -
- कालचक्र (जर्नल)
- लेवी प्राण लेवी
- कश्मीर कुसुम
- जातीय संगीत
- संगीत सार
- हिंदी भाषा
- स्वर्ग में विचार सभा।
प्रवासी साहित्य Question 2:
निम्न में से कौन- सी रचना इला प्रसाद की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 2 Detailed Solution
"मेरा दावा है " रचना इला प्रसाद की नहीं है।
- 'मेरा दावा है 'रचना सुधा ओम ढींगरा की है।
Key Pointsइला प्रसाद (1960) --
- इला प्रसाद अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता संग्रह - धूप का टुकड़ा
- कविता -
- रिक्त, ठंड, संदेश, तलाश, अंतर दीमक
- बाकी कुछ, मूल्य, रास्ते ,यात्रा, विश्वास, सूरज
- कहानी संग्रह -
- इस कहानी का अंत नहीं
- उस स्त्री का नाम
Important Pointsसुधा ओम ढींगरा --
- सुधा ओम ढींगरा अमेरिका की प्रवासी लेखिका है।
- कविता संग्रह -
- मेरा दावा है
- तलाश पहचान की
- सफ़र यादों का
- माँ ने कहा था
- परिक्रमा (पंजाबी से अनुवादित हिन्दी उपन्यास)
- वसूली (कथा- संग्रह हिन्दी एवं पंजाबी)
प्रवासी साहित्य Question 3:
'विश्वास की रजत सीपियाँ' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 3 Detailed Solution
'विश्वास की रजत सीपियाँ' उषाराजे सक्सेना की रचना है।
Key Pointsउषाराजे सक्सेना (1943) -
- इंग्लैंड में प्रवासी भारतीय के रूप में जानी मानी लेखिका।
- ब्रिटेन की हिंदी साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका पुरवाई की सह-संपादिका तथा हिंदी समिति यूके की उपाध्यक्ष हैं।
- काव्य-संग्रह -
- विश्वास की रजत सीपियाँ
- इंद्रधनुष की तलाश में
- फिर क्या वही होगा।
- कहानी संग्रह - प्रवास में, वॉकिंग पार्टनर।
Important Pointsदिव्या माथुर (1949) -
- दिव्या माथुर ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखिका है।
- कविता संग्रह -
- अंतःसलिला
- ख़याल तेरा
- रेत का लिखा
- 11 सितम्बर: सपनों की राख तले
- चंदन पानी
- झूठ, झूठ और झूठ
- कहानी संग्रह -
- मेड इन इंडिया और अन्य कहानियां
- तमन्ना
- 2050 और अन्य कहानियां
- पंगा ,आक्रोश, आशा
प्राण शर्मा (1937) -
- प्राण शर्मा ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है।
- कविता संग्रह -
- सुराही
- गजल संग्रह - गजल कहता हूं।
रचना श्रीवास्तव (1968) -
- कहानी - पार्किंग
- नई रचनाएं - अभिलाषा,इस ठंड में
प्रवासी साहित्य Question 4:
'मैंने नाता तोड़ा' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 4 Detailed Solution
'मैंने नाता तोड़ा' उपन्यास है।
- मैंने नाता तोड़ा सुषम बेदी का उपन्यास है।
Key Pointsमैंने नाता तोड़ा (2009) -
- सुषम बेदी का यह उपन्यास नारी मन की उखाड़-पछाड़ का प्रभावी चित्रण है।
- रिश्तों और परिस्थितियों के बवंडर में कभी सूखे पत्ते सा उड़ता जीवन और कभी अपनी जड़ों से जुड़ता जीवन ।
- जीवन के दोनों पक्षों का सटीक वर्णन सुषम बेदी ने किया है।
- ‘मैंने नाता तोड़ा’ वस्तुतः नातों-रिश्तों को यथार्थ के प्रकाश में देखने का उपक्रम है।
Important Pointsसुषम बेदी (1945 - 2020) -
- सुषम बेदी अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता -
- अतीत का अंधेरा
- औरत
- उपन्यास -
- हवन, लौटना (1992),
- नव भूम की रसकथा (2002)
- गाथा अमरबेल की (1999), इतर (1997)
- मैंने नाता तोड़ा (2009), मोर्चे (2006)
- पानी केरा बुदबुदा (2017)
- कतरा-दर-कतरा (1994)
- कहानी संग्रह -
- चिड़िया और चील (1995)
- यादगारी कहानियां
- तीसरी आंख (2016)
- सडक की लय (2017)
Additional Informationउपन्यास --
- उपन्यास गद्य की विधा है जिसमें प्रधानतः काल्पनिक पात्र और घटनाएँ रहती है।
- यह जीवन का अत्यन्त विस्तृत और विशद दपर्ण है और साहित्य की अन्य विधाओं की तुलना में इसका क्षेत्र व्यापक होता है।
- उपन्यास लगभग 50,000 से 70,000 शब्दों के होते हैं।
कहानी --
- कहानी, हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है।
- उन्नीसवीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना गया।
- बंगला भाषा में इसे गल्प कहा जाता है।
- मनुष्य के जन्म के साथ ही साथ कहानी का भी जन्म हुआ और कहानी कहना तथा सुनना मानव का आदिम स्वभाव बन गया।
- इसी कारण से प्रत्येक सभ्य तथा असभ्य समाज में कहानियाँ पाई जाती हैं।
- हमारे देश में कहानियों की बड़ी लंबी और सम्पन्न परंपरा रही है।
गजल --
- यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है, जो बाद में फ़ारसी, उर्दू, नेपाली और हिंदी साहित्य में भी बेहद लोकप्रिय हुई।
- ग़ज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है।
- इसके पहले शेर को मतला कहते हैं।
- ग़ज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं।
- मक़्ते में सामान्यतः शायर अपना नाम रखता है।
कविता --
- काव्य, कविता या पद्य, साहित्य की वह विधा है, जिसमें किसी कहानी या मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है।
- भारत में कविता का इतिहास और कविता का दर्शन बहुत पुराना है।
- कविता का शाब्दिक अर्थ है - काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है।
प्रवासी साहित्य Question 5:
निम्न में से शैल अग्रवाल की रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 5 Detailed Solution
तन पराग शैल अग्रवाल की रचना नहीं है।
- तन पराग भारतेन्दु श्रीवास्तव की रचना है।
Key Pointsशैल अग्रवाल (1947) -
- ब्रिटेन में बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखिका है।
- उनका जन्म बनारस में हुआ था।
- कहानी-संग्रह - 'ध्रुव-तारा'
- काव्य-संग्रह - 'समिधा' व 'नेति-नेति'
- कहानी - वापसी
Important Pointsभारतेन्दु श्रीवास्तव (1935) -
- भारतेंदु श्रीवास्तव कनाडा के प्रवासी हिंदी साहित्यकार हैं।
- डा. भारतेन्दु श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई पुस्तकों में 'भगवद्गीता ज्ञान एवं गान' एक वृहद् ग्रंथ है।
- कविता–संग्रह - 'उस पार से' वैज्ञानिक साधना और देश–प्रेम का परिचायक है।
- अन्य रचनाएं - तन पराग ,रसमय गुंजन आदि।
Confusion Points
- ' वापसी ', उषा प्रियंवदा की प्रसिद्ध कहानी है।
- ' वापसी ', शैल अग्रवाल की भी कहानी है।
Top प्रवासी साहित्य MCQ Objective Questions
निम्नलिखित में से कौन-सा प्रवासी लेखक मॉरीशस का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFमहातम सिंह, मॉरीशस के प्रवासी लेखक नहीं है अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) महातम सिंह सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- महातम सिंह एक प्रवासी लेखक हैं।
- यह सूरीनाम से हैं।
- सूरीनाम में व्यवस्थित हिन्दी शिक्षण की शुरुआत का श्रेय बाबू महातम सिंह को दिया जाना चाहिए ।
- आज पचास से अधिक स्वयंसेवी हिन्दी शिक्षक, बाबू महातम सिंह के काम को आगे बढ़ाते हुए लगभग 600 विद्यार्थियों को हिन्दी की शिक्षा दे रहे हैं ।
- सूरीनाम के प्रवासी लेखक निम्नलिखित हैं :-
- मार्टिन हरिदत्त लक्ष्मन, महादेव खुनखुन, सुरजन परोही, डॉ. पुष्पिता
- मॉरीशस के प्रवासी लेखक निम्नलिखित हैं:-
- धनराज शम्भू , धर्मानन्द, डॉ . ब्रिजेन्द्रकुमार भगत ‘मधुकर’, मुकेश जीबोध , मुनाश्वरलाल चिन्तामणि , राज हीरामन , सूर्यदेव खिरत , अजामिल माताबदल , अजय मंग्रा , डॉ. उदयनारायण गंगू , नारायणपत देसाई , प्रहलाद रामशरण , हेमराज सुन्दर, पूजाचंद नेमा
प्रवासी साहित्य Question 7:
निम्न में से कौन-सी रचना तेजेन्द्र शर्मा की है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 7 Detailed Solution
बेघर आंखें रचना तेजेन्द्र शर्मा की है।
Key Pointsतेजेन्द्र शर्मा (1952) --
- तेजेंद्र शर्मा ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी कवि लेखक एवं नाटककार है।
- कहानी संग्रह --
- काला सागर, ढिबरी टाईट, देह की कीमत,
- ये क्या हो गया, पासपोर्ट के रंग, बेघर आंखें, सीधी रेखा की परतें,
- कब्र का मुनाफा, प्रतिनिधि कहानियां, मेरी प्रिय कथाएं, दीवार में रास्ता
- कविता एवं गजल संग्रह --
- ये घर तुम्हारा है
Important Points
- ' धूप ' -- अंजना संधीर (अमेरिका के प्रवासी साहित्यकार) का गजल संग्रह है।
- ' चरागे दिल ' -- देवी नागरानी (अमेरिका के प्रवासी साहित्यकार) का हिंदी ग़ज़ल संग्रह है।
- ' लाल पसीना ' -- अभिमन्यु अनत (मॉरीशस के प्रवासी साहित्यकार) कामहाकाव्यात्मक उपन्यास है।
Additional Informationअंजना संधीर (1960) --
- अमेरिका में प्रवासी हिन्दी लेखिका हैं।
- गज़ल संग्रह --
- बारिशों का मौसम
- धूप, छाँव और आँगन
- कविता संग्रह --
- तुम मेरे पापा जैसे नहीं हो
देवी नागरानी (1941) —
- प्रवासी साहित्यकार देवी नागरानी का संबंध अमेरिका से है।
- सिंधी गजल संग्रह -
- गम में भीगी खुशी
- सिंधी भजन संग्रह -
- उड़ जा पंछी
- हिंदी गजल संग्रह -
- चिरागे - दिल
अभिमन्यु अनत (1937 - 1918) --
- मॉरीशस के हिन्दी कथा-साहित्य के सम्राट हैं।
- उनका जन्म 9 अगस्त 1937 को मॉरीशस के उत्तर प्रान्त में स्थित त्रियोले गांव में हुआ।
- इन्हें मॉरीशस का उपन्यास सम्राट कहा जाता है ।
- लाल पसीना इनका कालजयी महाकाव्यात्मक उपन्यास है।
- कविता संग्रह --
- कैक्टस के दांत
- नागफनी में उलझी सांसे
- नाटक --
- गूंगा इतिहास
- देख कबीरा हंसी
- कहानी संग्रह --
- इंसान और मशीन
- अब कल आएगा यमराज
- लघु उपन्यास --
- लहरों की बेटी
- एक बीघा प्यार
- कुहासे का दायरा
- महाकाव्यात्मक उपन्यास --
- लाल पसीना
प्रवासी साहित्य Question 8:
निम्नलिखित में से कौन-सा प्रवासी लेखक मॉरीशस का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 8 Detailed Solution
महातम सिंह, मॉरीशस के प्रवासी लेखक नहीं है अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) महातम सिंह सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- महातम सिंह एक प्रवासी लेखक हैं।
- यह सूरीनाम से हैं।
- सूरीनाम में व्यवस्थित हिन्दी शिक्षण की शुरुआत का श्रेय बाबू महातम सिंह को दिया जाना चाहिए ।
- आज पचास से अधिक स्वयंसेवी हिन्दी शिक्षक, बाबू महातम सिंह के काम को आगे बढ़ाते हुए लगभग 600 विद्यार्थियों को हिन्दी की शिक्षा दे रहे हैं ।
- सूरीनाम के प्रवासी लेखक निम्नलिखित हैं :-
- मार्टिन हरिदत्त लक्ष्मन, महादेव खुनखुन, सुरजन परोही, डॉ. पुष्पिता
- मॉरीशस के प्रवासी लेखक निम्नलिखित हैं:-
- धनराज शम्भू , धर्मानन्द, डॉ . ब्रिजेन्द्रकुमार भगत ‘मधुकर’, मुकेश जीबोध , मुनाश्वरलाल चिन्तामणि , राज हीरामन , सूर्यदेव खिरत , अजामिल माताबदल , अजय मंग्रा , डॉ. उदयनारायण गंगू , नारायणपत देसाई , प्रहलाद रामशरण , हेमराज सुन्दर, पूजाचंद नेमा
प्रवासी साहित्य Question 9:
उषा प्रियंवदा की रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 9 Detailed Solution
मैंने नाता तोड़ा उषा प्रियंवदा की रचना नहीं है।
- मैंने नाता तोड़ा सुषम बेदी का उपन्यास है।
Key Pointsउषा प्रियंवदा (1930) --
- उषा प्रियंवदा अमेरिका की हिंदी प्रवासी लेखिका है।
- ' वापसी ' उषा प्रियंवदा की प्रसिद्ध कहानी है।
- कहानी संग्रह --
- वनवास,
- कितना बड़ा झूठ, शून्य,
- जिन्दग़ी और गुलाब के फूल(1961),
- एक कोई दूसरा(1966),
- फिर वसंत आया (1961),
- कितना बड़ा झूठ (1972)
- उपन्यास --
- पचपन खंभे लाल दीवारे (1961)
- रुकोगी नहीं राधिका (1967)
- शेषयात्रा (1984), अंतर्वंशी (2000)
- भया कबीर उदास (2007), नदी (2013)।
- 'अल्पविराम ' इनका नया उपन्यास है।
Important Pointsमैंने नाता तोड़ा (2009) -
- सुषम बेदी का यह उपन्यास नारी मन की उखाड़-पछाड़ का प्रभावी चित्रण है।
- रिश्तों और परिस्थितियों के बवंडर में कभी सूखे पत्ते सा उड़ता जीवन और कभी अपनी जड़ों से जुड़ता जीवन ।
- जीवन के दोनों पक्षों का सटीक वर्णन सुषम बेदी ने किया है।
- ‘मैंने नाता तोड़ा’ वस्तुतः नातों-रिश्तों को यथार्थ के प्रकाश में देखने का उपक्रम है।
सुषम बेदी (1945 - 2020) -
- सुषम बेदी अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता -
- अतीत का अंधेरा
- औरत
- उपन्यास -
- हवन
- लौटना (1992)
- नव भूम की रसकथा (2002)
- गाथा अमरबेल की (1999)
- इतर (1997)
- मैंने नाता तोड़ा (2009)
- मोर्चे (2006)
- पानी केरा बुदबुदा (2017)
- कतरा-दर-कतरा (1994)
- कहानी संग्रह -
- चिड़िया और चील (1995)
- यादगारी कहानियां
- तीसरी आंख (2016)
- सडक की लय (2017)
Confusion Points
- ' वापसी ', उषा प्रियंवदा की प्रसिद्ध कहानी है।
- ' वापसी ', शैल अग्रवाल की भी कहानी है।
प्रवासी साहित्य Question 10:
प्रवासी साहित्य के संबंध में सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 10 Detailed Solution
प्रवासी साहित्य के संबंध में सही नहीं है -- प्रवासी साहित्य को हिन्दी साहित्य से अलग माना जाता है।
Key Pointsप्रवासी साहित्य --
- अनेक भारतीय ऐसे हैं जो भारत से इतर देशों में हिंदी रचना व विकास के काम में लगे हुए हैं।
- इनमें दूतावास के अधिकारी और विदेशी विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक तो हैं ही, अनेक सामान्य जन भी हैं जो नियमित लेखन व अध्यापन से विदेश में हिंदी को लोकप्रिय बनाने के काम में लगे हैं।
- विदेश में रहने वाले हिंदी साहित्यकारों का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्यों कि उनकी रचनाओं में अलग-अलग देशों की विभिन्न परिस्थितियों को विकास मिलता है और इस प्रकार हिंदी साहित्य का अंतर्राष्ट्रीय विकास होता है और समस्त विश्व हिंदी भाषा में विस्तार पाता है।
- बीसवीं शती के मध्य से भारत छोड़ कर विदेश जा बसने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई।
- इनमें से अनेक लोग हिंदी के विद्वान थे और भारत छोड़ने से पहले ही लेखन में लगे हुए थे।
- ऐसे लेखक अपने अपने देश में चुपचाप लेखन में लगे थे पर उनमें से कुछ भारत में धर्मयुग जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर काफी लोकप्रिय हुए, जिनका लोहा भारतीय साहित्य संसार में भी माना गया।
- ऐसे साहित्यकारों में उषा प्रियंवदा और सोमावीरा के नाम सबसे पहले आते हैं।
- बीसवीं सदी का अंत होते होते लगभग १०० प्रवासी भारतीय अलग अलग देशों में अलग अलग विधाओं में साहित्य रचना कर रहे थे।
- इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ होने तक पचास से भी अधिक साहित्यकार भारत में अपनी पुस्तकें प्रकाशित करवा चुके थे। वेब पत्रिकाओं का विकास हुआ तो ऐसे साहित्यकारों को एक खुला मंच मिल गया और विश्वव्यापी पाठकों तक पहुँचने का सीधा रास्ता भी।
- अभिव्यक्ति और अनुभूति पत्रिकाओं में ऐसे साहित्यकारों की सूची देखी जा सकती है जिसमें प्रवासी साहित्यकारों के साहित्य को रखा गया है।
- 9 जनवरी 2003 को प्रवासी दिवस मनाए जाने के साथ ही दिल्ली में प्रवासी हिंदी उत्सव का श्रीगणेश हुआ।
- प्रवासी हिंदी उत्सव में ऐसे लोगों को रेखांकित करने और प्रोत्साहित करने के काम की ओर भारत की केंद्रीय और प्रादेशिक सरकारों तथा व्यक्तिगत संस्थाओं ने रुचि ली, जो विदेश में रहते हुए हिंदी में साहित्य रच रहे थे।
- भारत की प्रमुख पत्रिकाओं जैसे वागर्थ, भाषा और वर्तमान साहित्य ने भी प्रवासी विशेषांक प्रकाशित कर के इन साहित्यकारों को भारतीय साहित्य की प्रमुख धारा से जोड़ने का काम किया।
- इस तरह इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ में आधुनिक साहित्य के अंतर्गत प्रवासी हिंदी साहित्य के नाम से एक नए युग का प्रारंभ हुआ।
प्रवासी साहित्य Question 11:
निम्न में से कौन- सी रचना इला प्रसाद की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 11 Detailed Solution
"मेरा दावा है " रचना इला प्रसाद की नहीं है।
- 'मेरा दावा है 'रचना सुधा ओम ढींगरा की है।
Key Pointsइला प्रसाद (1960) --
- इला प्रसाद अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता संग्रह - धूप का टुकड़ा
- कविता -
- रिक्त, ठंड, संदेश, तलाश, अंतर दीमक
- बाकी कुछ, मूल्य, रास्ते ,यात्रा, विश्वास, सूरज
- कहानी संग्रह -
- इस कहानी का अंत नहीं
- उस स्त्री का नाम
Important Pointsसुधा ओम ढींगरा --
- सुधा ओम ढींगरा अमेरिका की प्रवासी लेखिका है।
- कविता संग्रह -
- मेरा दावा है
- तलाश पहचान की
- सफ़र यादों का
- माँ ने कहा था
- परिक्रमा (पंजाबी से अनुवादित हिन्दी उपन्यास)
- वसूली (कथा- संग्रह हिन्दी एवं पंजाबी)
प्रवासी साहित्य Question 12:
'मैंने नाता तोड़ा' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 12 Detailed Solution
'मैंने नाता तोड़ा' उपन्यास है।
- मैंने नाता तोड़ा सुषम बेदी का उपन्यास है।
Key Pointsमैंने नाता तोड़ा (2009) -
- सुषम बेदी का यह उपन्यास नारी मन की उखाड़-पछाड़ का प्रभावी चित्रण है।
- रिश्तों और परिस्थितियों के बवंडर में कभी सूखे पत्ते सा उड़ता जीवन और कभी अपनी जड़ों से जुड़ता जीवन ।
- जीवन के दोनों पक्षों का सटीक वर्णन सुषम बेदी ने किया है।
- ‘मैंने नाता तोड़ा’ वस्तुतः नातों-रिश्तों को यथार्थ के प्रकाश में देखने का उपक्रम है।
Important Pointsसुषम बेदी (1945 - 2020) -
- सुषम बेदी अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता -
- अतीत का अंधेरा
- औरत
- उपन्यास -
- हवन, लौटना (1992),
- नव भूम की रसकथा (2002)
- गाथा अमरबेल की (1999), इतर (1997)
- मैंने नाता तोड़ा (2009), मोर्चे (2006)
- पानी केरा बुदबुदा (2017)
- कतरा-दर-कतरा (1994)
- कहानी संग्रह -
- चिड़िया और चील (1995)
- यादगारी कहानियां
- तीसरी आंख (2016)
- सडक की लय (2017)
Additional Informationउपन्यास --
- उपन्यास गद्य की विधा है जिसमें प्रधानतः काल्पनिक पात्र और घटनाएँ रहती है।
- यह जीवन का अत्यन्त विस्तृत और विशद दपर्ण है और साहित्य की अन्य विधाओं की तुलना में इसका क्षेत्र व्यापक होता है।
- उपन्यास लगभग 50,000 से 70,000 शब्दों के होते हैं।
कहानी --
- कहानी, हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है।
- उन्नीसवीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना गया।
- बंगला भाषा में इसे गल्प कहा जाता है।
- मनुष्य के जन्म के साथ ही साथ कहानी का भी जन्म हुआ और कहानी कहना तथा सुनना मानव का आदिम स्वभाव बन गया।
- इसी कारण से प्रत्येक सभ्य तथा असभ्य समाज में कहानियाँ पाई जाती हैं।
- हमारे देश में कहानियों की बड़ी लंबी और सम्पन्न परंपरा रही है।
गजल --
- यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है, जो बाद में फ़ारसी, उर्दू, नेपाली और हिंदी साहित्य में भी बेहद लोकप्रिय हुई।
- ग़ज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है।
- इसके पहले शेर को मतला कहते हैं।
- ग़ज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं।
- मक़्ते में सामान्यतः शायर अपना नाम रखता है।
कविता --
- काव्य, कविता या पद्य, साहित्य की वह विधा है, जिसमें किसी कहानी या मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है।
- भारत में कविता का इतिहास और कविता का दर्शन बहुत पुराना है।
- कविता का शाब्दिक अर्थ है - काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है।
प्रवासी साहित्य Question 13:
निम्न में से कौन-सी स्त्री रचनाकार प्रवासी साहित्य से संबंध रखती है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 13 Detailed Solution
उषा प्रियंवदा प्रवासी साहित्य से संबंध रखती है।
Key Points उषा प्रियंवदा (1930) --
- उषा प्रियंवदा अमेरिका की हिंदी प्रवासी लेखिका है।
- ' वापसी ' उषा प्रियंवदा की प्रसिद्ध कहानी है।
- कहानी संग्रह --
- वनवास,
- कितना बड़ा झूठ, शून्य,
- जिन्दग़ी और गुलाब के फूल(1961),
- एक कोई दूसरा(1966),
- फिर वसंत आया (1961),
- कितना बड़ा झूठ (1972)
- उपन्यास --
- पचपन खंभे लाल दीवारे (1961)
- रुकोगी नहीं राधिका (1967)
- शेषयात्रा (1984), अंतर्वंशी (2000)
- भया कबीर उदास (2007), नदी (2013)।
- 'अल्पविराम ' इनका नया उपन्यास है।
Important Pointsमैत्रेयी पुष्पा (1944) --
- मैत्रेयी पुष्पा हिंदी लेखिका हैं।
- उपन्यास --
- स्मृति दंश, बेतवा बहती रही
- इदन्नमम, चाक (1917), झूला नट
- अल्मा कबूतरी, कहै ईसुरी फाग
- चिन्हार, गुनाह बेगुनाह
- आत्मकथा --
- कस्तूरी कुण्डल बसै (2003)
- गुड़िया भीतर गुड़िया (2008)
- कहानी संग्रह --
- चिन्हार, ललमनियाँ तथा अन्य कहानियां
- त्रिया हठ, फैसला, सिस्टर, सेंध, छाँह
- अब फूल नहीं खिलते, बोझ, पगला गई है भागवती
- तुम किसकी हो बिन्नी?
इंदु बाली --
- इंदु बाली प्रसिद्ध हिंदी महिला कहानीकार है।
- कहानी संग्रह --
- टूटती जुड़ती (1981), बिना छत का मकान (1983),
- अँधेरे की लहर (1985), बिखरती आकृतियाँ (1985),
- दूसरी औरत होने का सुख कौन दिला दिया जाने (1986),
- मेरी तीन मौतें (1991), धरातल (1992), चुभन (1993),
- मैं खरगोश होना चाहती हूँ (1995), पाँचवाँ युग (1997)।
उषा किरण खान --
- उषा किरण खान हिंदी की महिला कहानीकार हैं।
- कहानी संग्रह --
- विवश विक्रमादित्य, दूब धान,गीली पाँक (1995),
- कासवन (1998), जलधार (2002)।
प्रवासी साहित्य Question 14:
'अतः सलिला' किसी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 14 Detailed Solution
'अतः सलिला' दिव्या माथुर की रचना है।
Key Pointsदिव्या माथुर (1949) -
- दिव्या माथुर ब्रिटेन मे बसी भारतीय मूल की हिंदी लेखिका है।
- कविता संग्रह -
- अंतःसलिला
- ख़याल तेरा
- रेत का लिखा
- 11 सितम्बर: सपनों की राख तले
- चंदन पानी
- झूठ, झूठ और झूठ
- कहानी संग्रह -
- मेड इन इंडिया और अन्य कहानियां
- तमन्ना
- 2050 और अन्य कहानियां
- पंगा ,आक्रोश, आशा
Important Pointsइला प्रसाद (1960) -
- इला प्रसाद अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता संग्रह - धूप का टुकड़ा
- कविता -
- रिक्त, ठंड, संदेश, तलाश, अंतर दीमक
- बाकी कुछ, मूल्य, रास्ते ,यात्रा, विश्वास, सूरज
- कहानी संग्रह -
- इस कहानी का अंत नहीं
- उस स्त्री का नाम
सुषम बेदी (1945 - 2020) -
- सुषम बेदी अमेरिका की प्रवासी लेखिका हैं।
- कविता -
- अतीत का अंधेरा
- औरत
- उपन्यास -
- हवन, लौटना (1992), नव भूम की रसकथा (2002), गाथा अमरबेल की (1999)
- इतर (1997), मैंने नाता तोड़ा (2009), मोर्चे (2006)
- पानी केरा बुदबुदा (2017), कतरा-दर-कतरा (1994)
- कहानी संग्रह -
- चिड़िया और चील (1995), यादगारी कहानियां
- तीसरी आंख (2016), सडक की लय (2017)
प्राण शर्मा (1937) -
- प्राण शर्मा ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है।
- कविता संग्रह -
- सुराही
- गजल संग्रह - गजल कहता हूं।
प्रवासी साहित्य Question 15:
प्रवासी रचनाकार माया भारती किस देश से संबंध रखती है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रवासी साहित्य Question 15 Detailed Solution
प्रवासी रचनाकार माया भारती नार्वे से संबंध रखती है।
Key Pointsनार्वे के अन्य प्रवासी साहित्यकार -
- प्रभात कुमार , माया भारती, रंजना सोनी,
- सुरेशचंद्र शुक्ल, शरद आलोक
Important Pointsजर्मनी के प्रवासी साहित्यकार -
- अंशुमान अवस्थी ,रजनीश कुमार , विशाल मेहरा।
फिजी के प्रवासी साहित्यकार -
- आलोक शर्मा, जैनन प्रसाद।
जापान के प्रवासी साहित्यकार -
- प्रोफेसर सुरेश रितुपर्ण।