नयी कविता (1960 के बाद) MCQ Quiz - Objective Question with Answer for नयी कविता (1960 के बाद) - Download Free PDF

Last updated on May 28, 2025

Latest नयी कविता (1960 के बाद) MCQ Objective Questions

नयी कविता (1960 के बाद) Question 1:

नई कविता' के प्रमुख कवि इनमें से कौन हैं?

  1. दिनकर
  2. प्रसाद
  3. अज्ञेय
  4. निराला
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अज्ञेय

नयी कविता (1960 के बाद) Question 1 Detailed Solution

नई कविता' के प्रमुख कवि सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' हैं।

नई कविता की शुरुआत 1948ई. के बाद मानी जाती है।

Key Pointsअज्ञेय-

  • जन्म-1911-1987ई.
  • 'अज्ञेय' हिन्दी के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार, सम्पादक, यायावर एवं अध्यापक रहे हैं।
  • इन्हें कविता में नये प्रयोग के लिए जाना जाता है।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • परम्परा 1944
    • शेखर एक जीवनी- प्रथम भाग 1941 द्वितीय भाग(संघर्ष)1944
    • नदी के द्वीप 1951 अपने अपने अजनबी 1961
    • एक बूँद सहसा उछली 1960 आदि।

Additional Informationरामधारी सिंह 'दिनकर-

  • जन्म-1908-1974ई.
  • हिन्दी के प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
  • 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • रेणुका 1935ई.
    • हुंकार 1938ई.
    • रसवंती 1939ई.
    • द्वन्दगीत 1940
    • क्रुरुक्षेत्र 1946ई. आदि।

जयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937ई.
  • हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
  • वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। 
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • प्रेमपथिक 1914 ई.
    • झरना 1918ई.
    • आँसूं 1924ई.
    • महाराणा का महत्त्व 1914ई. आदि।

निराला-

  • जन्म-1899-1961ई.
  • छायावाद के स्तम्भ एवं प्रसिद्ध कवि,कहानीकार एवं  निबंधकार थे।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • बेला 1946ई.
    • नये पत्ते 1946ई.
    • अर्चना 1950ई.
    • आराधना 1953ई. आदि।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 2:

निम्नलिखित में से कौन से युग्म सही हैं?

(A) कैलाश वाजपेयी - संक्रांत

(B) लीलाधर जगूड़ी - भय भी शक्ति देता है

(C) भगवत रावत - सुनो हीरामन

(D) अशोक वाजपेयी - एक पतंग अनन्त में

(E) राजेश जोशी - कंकावती

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (A), (B), (C), (D)
  2. (B), (C), (E)
  3. (A), (C), (D), (E)
  4. (A), (B), (D), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : (A), (B), (C), (D)

नयी कविता (1960 के बाद) Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है- (A), (B), (C), (D)

 

विश्लेषण:
  • (A) सही: कैलाश वाजपेयी की कृति "संक्रांत" 1964 में प्रकाशित हुई।
  • (B) सही: लीलाधर जगूड़ी की कृति "भय भी शक्ति देता है" 1991 में प्रकाशित हुई।
  • (C) सही: भगवत रावत की कृति "सुनो हीरामन" 1992 में प्रकाशित हुई।
  • (D) सही: अशोक वाजपेयी की कृति "एक पतंग अनन्त में" 1984 में प्रकाशित हुई।
  • (E) गलत: "कंकावती" राजेश जोशी की नहीं, बल्कि राजकमल चौधरी की कृति है।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 3:

निम्नलिखित में से कौन से युग्म सही हैं?

(A) वीरेन डंगवाल - दुश्चक्र में स्रष्टा

(B) मंगलेश डबराल - पहाड़ पर लालटेन

(C) उदय प्रकाश - सुनो कारीगर

(D) अरुण कमल - अपनी केवल धार

(E) गीत चतुर्वेदी - रंग खतरे में हैं

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (A), (C), (D), (E)
  2. (A), (B), (C), (D)
  3. (B), (C), (D), (E)
  4. (A), (B), (C), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : (A), (B), (C), (D)

नयी कविता (1960 के बाद) Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- (A), (B), (C), (D)

 

विश्लेषण:
  • (A) सही: वीरेन डंगवाल की कृति "दुश्चक्र में स्रष्टा" 2002 में प्रकाशित हुई।
  • (B) सही: मंगलेश डबराल की कृति "पहाड़ पर लालटेन" 1981 में प्रकाशित हुई।
  • (C) सही: उदय प्रकाश की कृति "सुनो कारीगर" 1980 में प्रकाशित हुई।
  • (D) सही: अरुण कमल की कृति "अपनी केवल धार" 1980 में प्रकाशित हुई।
  • (E) गलत: "रंग खतरे में हैं" गीत चतुर्वेदी की नहीं, बल्कि कुमार विकल की कृति है।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 4:

सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए :

सूची - I

(कविता)

सूची - II

(कवि)

(A)

टूटा पहिया

(I)

लीलाधर जगूड़ी

(B)

नाटक जारी है

(II)

कुमार विमल

(C)

जंगल का दर्द

(III)

धर्मवीर भारती

(D)

एक छोटी सी लड़ाई

(IV)

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना


नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (A) - (I), (B) - (II), (C) - (III), (D) - (IV)
  2. (A) - (II), (B) - (III), (C) - (I), (D) - (IV)
  3. (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (II), (D) - (I) 
  4. (A) - (III), (B) - (I), (C) - (IV), (D) - (II)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : (A) - (III), (B) - (I), (C) - (IV), (D) - (II)

नयी कविता (1960 के बाद) Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- (A) - (III), (B) - (I), (C) - (IV), (D) - (II)

Key Pointsसूची-I का सूची-II से सही मिलान है-

सूची - I

(कविता)

सूची - II

(कवि)

(A)

टूटा पहिया

(III)

धर्मवीर भारती 

(B)

नाटक जारी है

(I)

लीलाधर जगूड़ी कुमार विमल

(C)

जंगल का दर्द

(IV)

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

(D)

एक छोटी सी लड़ाई

(II)

कुमार विमल

Important Points

धर्मवीर भारती-

  • जन्म-1926-1997 ई.
  • इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में इनका जन्म हुआ था। 
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
  • वे साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' के प्रधान संपादक भी रहे।
  • डॉ. धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 
  • दूसरा सप्तक के प्रमुख कवि है। 
  • काव्य रचनाएँ-
    • ठंडा लोहा (1952 ई.)
    • कनुप्रिया (1959 ई.)
    • सात गीत वर्ष (1959 ई.)
    • देशान्तर (1960 ई.)
    • टूटा पहिया (1960 ई.) आदि। 
  • गीतिनाट्य-
    • अंधायुग (1954 ई.)
  • कहानी संग्रह-
    • मुर्दों का गाँव (1946 ई.)
    • स्वर्ग और पृथ्वी (1949 ई.)
    • चाँद और टूटे हुए लोग (1955 ई.) आदि। 
  • उपन्यास-
    • गुनाहों का देवता(1949 ई.)
    • सूरज का सातवाँ घोडा (1952 ई.) आदि। 
  • निबंध संग्रह-
    • ठेले पर हिमालय (1958 ई.)
    • कहनी-अनकहनी (1970 ई.)
    • पश्यंती (1969 ई.)
    • साहित्य विचार और स्मृति (2003 ई.) आदि।

लीलाधर जगूड़ी-

  • जन्म- 1940 ई. 
  • अन्य रचनाएँ-
    • शंखमुखी शिखरों पर(1964 ई.)
    • नाटक जारी है(1962 ई.)
    • इस यात्रा में(1964 ई.)
    • रात अब भी मौजूद है(1996 ई.)
    • बची हुई पृथ्वी (1977 ई.)
    • घबराए हुए शब्द (1981 ई.)
    • भय भी शक्ति देता है (1991 ई.)
    • अनुभव के आकाश में चाँद(1994 ई.)
    • महाकाव्य के बिना (1995 ई.)
    • ईश्वर की अध्यक्षता में (1999 ई.)
    • जितने लोग उतने प्रेम (2013 ई.)
    • ख़बर का मुँह विज्ञापन से ढका है (2014 ई.)आदि।

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना -

  • जन्म-1927-1983 ई. 
  • यह तीसरा सप्तक के कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • काठ की घंटियाँ(1959 ई.)
    • बाँस का पुल(1963 ई.)
    • एक सुनी नाव(1966 ई.)
    • गर्म हवाएं (1966 ई.)
    • कुआनो नदी(1973 ई.)
    • जंगल का दर्द (1976 ई.)
    • खूंटियों पर टंगे लोग (1982 ई.)
    • क्या कह कर पुकारूं- प्रेम कविताएं आदि। 

कुमार विकल-

  • जन्म- 1931- 2011 ई. 
  • हिन्दी साहित्य के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रखने वाले समालोचक तथा काव्य में सौन्दर्यशास्त्र के आचार्य थे।
  • प्रमुख कृतियाँ- 
    • सौन्दर्यशास्त्र के तत्त्व
    • छायावाद का सौन्दर्यशास्त्रीय अध्ययन
    • मूल्य और मीमांसा
    • नई कविता
    • नई आलोचना और कला
    • साहित्य चिन्तन और मूल्यांकन
    • आलोचना और अनुशीलन आदि।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 5:

नयी कविता की प्रवृत्तियों में सम्मिलित नहीं है- 

  1. जीवन के प्रति इसमें आस्था है।
  2. इसमें दो तत्त्व प्रमुख हैं - अनुभूति की सच्चाई और बुद्धिमूलक यथार्थवादी दृष्टि।
  3. इसमें व्यक्ति का चित्रण वर्गीय चेतना के दायरे में किया गया है।
  4. यह जीवन-मूल्यों की पुनः परीक्षा करती है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जीवन के प्रति इसमें आस्था है।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 5 Detailed Solution

नयी कविता की प्रवृत्तियों में सम्मिलित नहीं है- जीवन के प्रति इसमें आस्था है।

Key Points नयी कविता-

  • नयी कविता हिन्दी साहित्य में सन् 1951 ई. के बाद की उन कविताओं को कहा गया,
  • जिनमें परंपरागत कविता से आगे नये भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नये मूल्यों और नये शिल्प-विधान का अन्वेषण किया गया।
  • यह प्रयोगवाद के बाद विकसित हुई हिन्दी कविता की नवीन धारा है। 
  • नयी कविता में 'कैक्टसवाद' का जन्म होता है।
  • नयी कविता में कैक्टस प्रतीक रूप में अपनाया गया है, जो अदम्य उत्साह, जीवनाकांक्षा और अनगढ़ता का प्रतीक है।

Important Points 

  • दूसरे सप्तक' के प्रकाशन वर्ष 1951 ई. से “नयी कविता' का प्रारंभ माना जाता है।
  • अज्ञेय को 'नयी कविता का भारतेन्दु' कह सकते हैं ।
  • इसमें व्यक्ति का चित्रण वर्गीय चेतना के दायरे में किया गया है।
  • यह जीवन-मूल्यों की पुनः परीक्षा करती है।
  • “नयी कविता' में दो प्रमुख तत्व - (1) अनुभूति की प्रामाणिकता और (2) बुद्धिमूलक यथार्थवादी दृष्टि।

नई कविता के प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ

  • भवानी प्रसाद मिश्र- 
    • रचनाएँ; सन्नाटा, गीत फरोश, चकित है दुःख।
  • कुंवर नारायण-                       
    • रचनाएँ; चक्रव्यूह, आमने-सामने, कोई दूसरा नही।
  • शमशेर बहादुर सिंह-
    • रचनाएँ; काल तुझ से होड़ है मेरी, इतने पास अपने, बात बोलेगी हम नहीं।
  • जगदीश गुप्त-
    • रचनाएँ; नाव के पाँव, शब्द दंश, बोधि वृक्ष, शम्बूक।
  • दुष्यंत कुमार-
    • रचनाएँ; सूर्य का स्वागत, आवाजों के घेरे, साये में धूप।
  • श्रीकांत वर्मा- 
    • रचनाएँ; दिनारम्भ, भटका मेघ, माया दर्पण, मखध।
  • रघुवीर सहाय- 
    • रचनाएँ; हँसो-हँसो जल्दी हँसो, आत्म हत्या के विरुद्ध।
  • नरेश मेहता-
    • रचनाएँ; वनपांखी सुनों, बोलने दो चीड़ को, उत्सव।

Additional Information नयी कविता की विशेषताएँ-

  • कथ्य की व्यापकता
  • अनुभूति की प्रमाणिकता
  • लघुमानववाद,
  • क्षणवाद तथा तनाव व द्वन्ध
  • मूल्यों की परीक्षा
  • लोक-सम्पृक्ति
  • काव्य संरचना
  • काव्य-भाषा-बातचीत की भाषा, शब्दों पर जोर
  • नये उपमान, नये प्रतीक, नये बिम्बों का प्रयोग

Top नयी कविता (1960 के बाद) MCQ Objective Questions

सन् 1975 के बाद की कविता को इनमें से क्या नाम दिया गया?

  1. नयी कविता
  2. समकालीन कविता
  3. अकविता
  4. नवगीत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : समकालीन कविता

नयी कविता (1960 के बाद) Question 6 Detailed Solution

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सन् 1975 के बाद की कविता को समकालीन कविता नाम दिया गया। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 समकालीन कविता होगा ।

Key Points

नयी कविता

  • नयी कविता हिन्दी साहित्य में सन् १९५१ के बाद की उन कविताओं को कहा गया, जिनमें परंपरागत कविता से आगे नये भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नये मूल्यों और नये शिल्प-विधान का अन्वेषण किया गया।
  •  यह प्रयोगवाद के बाद विकसित हुई हिन्दी कविता की नवीन धारा है। नयी कविता अपनी वस्तु-छवि और रूप-छवि दोनों में प्रगतिवाद और प्रयोगवाद का विकास होकर भी विशिष्ट है।

समकालीन कविता

हुकुमचंद राजपाल के अनुसार समकालीन कविता का प्रारंभ सन् 1964 के बाद माना जा सकता है।

अकविता

पूर्व साहित्यिक मानकों को अस्वीकार कर चलने वाली नए रूप-प्रारूप की हिंदी कविता जो 'नई कविता' के बाद शुरू हुई।

नवगीत

हिन्दी काव्य-धारा की एक नवीन विधा है। इसकी प्रेरणा सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई और लोकगीतों की समृद्ध भारतीय परम्परा से है।

'चाँद का मुँह टेढ़ा है' किस कवि का काव्य संग्रह है?

  1. अज्ञेय
  2. मुक्तिबोध
  3. भारतभूषण अग्रवाल
  4. नेमिचंद जैन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मुक्तिबोध

नयी कविता (1960 के बाद) Question 7 Detailed Solution

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सही उत्तर मुक्तिबोध है। 

Key Points

  • मुक्तिबोध का पहला कविता संग्रह 'चाँद का मुँह टेढ़ा' है
  • चाँद का मुँह टेढ़ा- भारत के प्रसिद्धि प्रगतिशील कवि और हिन्दी साहित्य की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व गजानन माधव 'मुक्तिबोध' द्वारा लिखी गई कविताओं का संग्रह है।
  • यह पुस्तक 'भारतीय ज्ञानपीठ' द्वारा 1 जनवरी, सन 2004 में प्रकाशित की गई थी।
  • हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चा के केन्द्र में रहने वाले मुक्तिबोध एक कहानीकार होने के साथ ही समीक्षक भी थे। उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है।
  • मुक्तिबोध ने अपने काव्य में विशिष्ट प्रकार के प्रतीक, बिंब, अलंकार, विविधतापूर्ण शब्दों का प्रयोग मुहावरे-लोकोक्तियों तथा छंदों को कविता में स्थान दिया है।

Additional Information

  • अज्ञेय एक मनोविश्लेषण वादी तथा व्यक्तिवादी कवि हैं। अपनी कविताओं में उन्होंने मानव मन की कुंठाओं तथा वासनाओं का वर्णन किया है।
  • भारतभूषण अग्रवाल छायावादोत्तर हिंदी कविता के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। वे अज्ञेय द्वारा संपादित तारसप्तक के महत्वपूर्ण कवि हैं।
  • नेमिचन्द्र जैन हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि, समालोचक, नाट्य-समीक्षक, पत्रकार, अनुवादक, शिक्षक थे। वे भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में भी शामिल हुए थे। 

"एक आदमी रोटी बेलता है,

एक आदमी रोटी खाता है,

एक तीसरा आदमी भी है,

जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है।"

उपर्युक्त पंक्तियाँ धूमिल की किस कविता से हैं?

  1. नक्सलबाड़ी
  2. मोचीराम
  3. अकाल दर्शन
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 5 : उपर्युक्त में से कोई नहीं

नयी कविता (1960 के बाद) Question 8 Detailed Solution

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"एक आदमी रोटी बेलता है,

एक आदमी रोटी खाता है,

एक तीसरा आदमी भी है,

जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है।"

उपर्युक्त पंक्तियाँ धूमिल की रोटी और संसद कविता से ली गई है। अतः सही उत्तर होगा- उपर्युक्त में से कोई नहीं। 

Key Pointsरोटी और संसद - 

  • रचनाकार - सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'
  • विधा - कविता 
  • प्रकाशन वर्ष- 1976 ई.
  • कविता - संग्रह - कल सुनना मुझे 
  • प्रमुख पंक्ति -
    • एक आदमी
      रोटी बेलता है
      एक आदमी रोटी खाता है
      एक तीसरा आदमी भी है
      जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है
      वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है
      मैं पूछता हूँ--
      'यह तीसरा आदमी कौन है ?'
      मेरे देश की संसद मौन है।

Important Pointsसुदामा पांडेय धूमिल- 

  • जीवनकाल- 1936-1975 ई.
  • जन्मस्थान- वाराणसी
  • धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
    • संसद से सड़क तक-1972
    • कल सुनना मुझे-1976
    • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र- 1984

Additional Informationनक्सलबाड़ी-

  • रचनाकार- धूमिल 
  • विधा- काव्य
  • यह 'सड़क से संसद' काव्य संग्रह में संकलित है।
  • मुख्य हैं-
  • आंदोलन की प्रशंसा-
    • "नक्सलबाड़ी" कविता नक्सलवादी आंदोलन की प्रशंसा करती है और आंदोलन के आदर्शों और मकसदों की महिमा गाती है।
  • क्षमता की जुबां-
    • इस कविता में नक्सलवादी संगठन के सदस्यों की क्षमता और लड़ाई की जुबां सुनाई गई है।
  • अधिकार की मांग-
    • कविता में नक्सलवादी संगठन की मुख्य मांगों जैसे भूमि-संपत्ति विवाद, मजदूरी अधिकार, समाजिक न्याय, और स्वतंत्रता की मांग को उजागर किया गया है।

अकाल दर्शन - 

  • रचनाकार - सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'
  • विधा - कविता 
  • कविता - संग्रह - संसद से सड़क तक 
  • प्रमुख पंक्ति -
    • भूख कौन उपजाता है :
      वह इरादा जो तरह देता है
      या वह घृणा जो आँखों पर पट्टी बाँधकर
      हमें घास की सट्टी मे छोड़ आती है?
    • उनकी आँखों में विरक्ति है :
      पछतावा है;
      संकोच है
      या क्या है कुछ पता नहीं चलता।
      वे इस कदर पस्त हैं :
    • क्रान्ति –
      यहाँ के असंग लोगों के लिए
      किसी अबोध बच्चे के –
      हाथों की जूजी है।

मोचीराम - 

  • रचनाकार - सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'
  • विधा - कविता 
  • कविता - संग्रह - संसद से सड़क तक 
  • प्रमुख पंक्ति -
    • मुझे हर वक्त यह खयाल रहता है कि
      जूते और पेशे के बीच
      कहीं-न-कहीं एक अदद आदमी है
  • जो वह सोचता कि पेशा एक जाति है
    और भाषा पर
    आदमी का नहीं,किसी जाति का अधिकार है

धूमिल की किस कविता में 'एकता युद्ध की' और 'दया अकाल की पूँजी' के रूप में बताई गई है?

  1. नक्सलबाड़ी 
  2. अकालदर्शन 
  3. पटकथा
  4. मोचीराम

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अकालदर्शन 

नयी कविता (1960 के बाद) Question 9 Detailed Solution

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धूमिल की अकालदर्शन कविता में 'एकता युद्ध की' और 'दया अकाल की पूँजी' के रूप में बताई गई है।

 Key Points

अकाल दर्शन -

  • रचनाकार - सुदामा पांडे धूमिल
  • प्रकाशन वर्ष - 1972 ई.
  • विधा – कविता
  • मुख्य
    • 'संसद से सड़क तक' काव्य संग्रह से ली गई है।
    • अकाल दर्शन शीर्षक कविता में कवि प्रश्न करता है- भूख कौन उपजाता है? चतुर आदमी जवाब दिए बगैर बेतहाशा बढती आबादी की ओर इशारा करता है। कवि इस कविता के मार्फत उन लोगों को तलाशता है जो देश के जंगल में भेडिये की तरह लोगों को खा रहे हैं और शोषित उन्हीं की जय-जयकार करने में जुटे हैं।

 Important Pointsसुदामा पांडेय -

  • जन्म - 1936 ई.
  • जन्म स्थान - खेवली, वाराणसी उत्तर प्रदेश
  • उपनाम – धूमिल
  • रचनाएं
    • संसद से सड़क तक (1972 ई.)
    • कल सुनना मुझे (1976 ई.)
    • सुदामा पांडेय का प्रजातंत्र (1984 ई.)
  • प्रमुख कविताएं-
    • किस्सा जनतंत्र
    • रोटी और संसद
    • मोचीराम
    • पटकथा

 Additional Information

नक्सलबाड़ी:

  • धूमिल’ की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में प्रकाशित है। संग्रह से पहले 1967 में यह बनारस से निकलने वाली पत्रिका ‘आमुख’ में छपी थी। यही साल नक्सलबाड़ी विद्रोह का साल था। उस समय किसी स्थापित पत्रिका में इस कविता का प्रकाशित होना लगभग असंभव था।

मोचीराम: 

  • इस कविता में कवि ने मोचीराम के माध्यम से अपने विचारों की अभिव्यक्ति की है। कवि कहते हैं कि आदमी को अपनी सीमा एवं दायरा मालूम होना चाहिए। मोचीराम का जो काम है वह अपना काम बखूबी कर रहा है। उसकी फटेहाल जिंदगी में कुछ भी नया नहीं हुआ है। वह जहाँ था वहीं है, यही उसकी सीमा है।

पटकथा

  • आधी सदी पहले सुदामा पांडेय यानी धूमिल ने ‘पटकथा’ नाम की वह कविता लिखी थी जिसने तार-तार होते हिंदुस्तान को इस तरह देखा जैसे पहले किसी ने नहीं देखा था।

पक्षी पेड़ों को छोड़कर क्यों चले गए?

  1. बाढ़ आने से
  2. भोजन की तलाश में
  3. पेड़ के पास साँप को देखकर
  4. सूखा पड़ने से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सूखा पड़ने से

नयी कविता (1960 के बाद) Question 10 Detailed Solution

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सही उत्तर है - सूखा पड़ने से। 
 Key Pointsअकाल में दूब कविता के अनुसार:
  • भयानक सूखा है
    पक्षी छोड़कर चले गए हैं 
    पेड़ों को 
    बिलों को छोड़कर चले गए हैं चींटे
    चीटियां 
    पता नहीं किधर चले गए हैं
    घरों को छोड़कर 

इनमें से कौन सी रचनाएँ लीलाधर जगूड़ी की हैं?

A. इस यात्रा में

B. दीवार पर खून से

C. भय भी शक्ति देता है

D. रंग खतरे में है

E. नाटक जारी है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल A, B, D
  2. केवल A, C, D
  3. केवल A, C, E
  4. केवल C, D, E

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल A, C, E

नयी कविता (1960 के बाद) Question 11 Detailed Solution

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लीलाधर जगूड़ी के रचनाएं -  A, C, E

 Key Points

लीलाधर जगूड़ी -

  • जन्म - 1940 ई.
  • जन्म स्थान - उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले में
  • मुख्य -
    • लीलाधर जगूड़ी एक भारतीय शिक्षक,पत्रकार और हिंदी साहित्य के कवि है।
    • अनुभव के आकाश में चांद (1997 ई.) के संकलन के लिए इन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
    • भारत सरकार ने इन्हें हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए (2004 ई.)में चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया।

 Important Points

लीलाधर जगूड़ी की रचनाएं -

  • शंख मुखी शिखरों पर (1964 ई.)
  • नाटक जारी है (1972 ई.)
  • इस यात्रा में (1974 ई.)
  • रात अब भी मौजुद है
  • घबराए हुए शब्द
  • बची हुई पृथ्वी पर
  • अनुभव के आकाश में चांद
  • भय भी शक्ति देता है
  • महाकाव्य के बिना
  • ईश्वर की अध्यक्षता में
  • खबर का मुंह विज्ञापन से ढका है

 Additional Information

रंग खतरे में-

  • रचनाकार - कुमार विकल
  • विधा - कविता संग्रह
  • कुमार विकल के अन्य कविता संग्रह-
    • संपूर्ण कविताएं
    • एक छोटी सी लड़ाई
    • निरुपमा दत में बहुत उदास हूं।
    • आओ पहल करें
    • शब्दों की हिफाजत के लिए।

दीवार पर खून से-

  • रचनाकार - चंद्रकांत देवताले
  • प्रकाशन वर्ष - 1975 ई.
  • रचनाएं
    • हड्डियों में छिपा ज्वर (1973 ई.)
    • लकड़बग्घा हँस रहा है (1980 ई.)
    • रोशनी मैदान की तरफ (1982 ई.)
    • उजड़ में संग्रहालय (2003 ई.)
    • पत्थर फ्रैंक रहा हूँ (2010 ई.)- इस पर साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 12:

निम्नलिखित में से भवानी प्रसाद मिश्र की रचना कौन-सी है?

  1. पथिक
  2. मेरा घर
  3. युगवाणी
  4. सतपुड़ा के जंगल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सतपुड़ा के जंगल

नयी कविता (1960 के बाद) Question 12 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से "सतपुड़ा के जंगल"  भवानी प्रसाद मिश्र की रचना है।  

Key Points

रचना  रचनाकार 
सतपुड़ा के जंगल भवानी प्रसाद मिश्र 
पथिक रामनरेश त्रिपाठी 
युगवाणी सुमित्रानंदन पंत

Additional Information

  • भवानी प्रसाद मिश्र  (जन्म: 29 मार्च, 1913; मृत्यु: 20 फ़रवरी, 1985) 
  • मुख्य रचनाएँ-  'गीत फ़रोश', 'बुनी हुई रस्सी', 'नीली रेखा तक', 'मानसरोवर', 'अनाम तुम आते हो',
  • 'त्रिकाल संध्या', 'चकित है दु:ख' और 'अन्धेरी कविताएँ', आदि।
  • पुरस्कार-उपाधि -  'साहित्य अकादमी पुरस्कार' और 'पद्मश्री', राज्य स्तरीय शिखर सम्मान
  • प्रसिद्धि -  हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और गाँधीवादी विचारक। 

नयी कविता (1960 के बाद) Question 13:

वंचना है चांदनी सित, झूठ वह आकाश का निरवधि गहन विस्तार, शिशिर की राका निशा की, शांति है निस्सार' पंक्तियाँ किस काल' से जुड़ी हैं?

  1. छायावादी
  2. प्रयोगवादी
  3. नई कविता
  4. अकविता

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : नई कविता

नयी कविता (1960 के बाद) Question 13 Detailed Solution

यह पंक्तियाँ नई कविता से जुडी हैं।

Key Points नई कविता-

  • नयी कविता आंदोलन की शुरुआत इलाहाबाद की साहित्यिक संस्था परिमल के कवि लेखकों- जगदीश गुप्तरामस्वरुप चतुर्वेदी और विजयदेव नारायण साही के संपादन में 1948 में प्रकाशित नयी कविता (पत्रिका) से माना जाता है।
  • इससे पहले अज्ञेय के संपादन में प्रकाशित काव्य-संग्रह 'दूसरा सप्तक' की भूमिका तथा उसमें शामिल कुछ कवियों के वक्तव्यों में अपनी कवितओं के लिये 'नयी कविता' शब्द को स्वीकार किया गया था।
  • नयी कविता हिन्दी साहित्य में सन् 1949 के बाद की उन कविताओं को कहा गया, जिनमें परंपरागत कविता से आगे नये भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नये मूल्यों और नये शिल्प-विधान का अन्वेषण किया गया।
  • यह प्रयोगवाद के बाद विकसित हुई हिन्दी कविता की नवीन धारा है।

Additional Information छायावादी-

  • छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह काव्य-धारा है जो लगभग ई.स. 1918 से 1936 तक की प्रमुख युगवाणी रही।
  • जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा छायावाद के स्तंभ माने जाते हैं।
  • छायावाद नामकरण का श्रेय मुकुटधर पाण्डेय को जाता है। 

प्रयोगवादी-

  • प्रयोगवाद 1943 से 1953 के बीच का दौर है।
  • प्रयोगवाद हिंदी साहित्य में कविता की उस प्रवृत्ति का जिक्र अज्ञेय ने दूसरा सप्तक की भूमिका में किया था।
  • प्रयोग अपने आप में इष्ट नहीं है बल्कि वह साधन और दोहरा साधन है। वह एक ओर तो सत्य को जानने का साधन है दूसरी तरफ वह उस साधन को भी जानने का साधन है।
  • प्रयोगवाद में कविता में शिल्प और संवेदना के स्तर पर सर्वथा नवीन प्रयोग मिलते हैं।
  • प्रयोगवाद ने साहित्य में पहली बार व्यक्तिक अस्मिता, निजी व्यक्तित्व और निजता को बहुत महत्व दिया।
  • इसमें क्षण को महत्व देकर जीवन को भरपूर ढंग से जीने की चाह है।
  • प्रयोगवादी कवि व्यक्तिक प्रेम की सहज स्वीकृति पर बल देता है।

अकविता-

  • जगदीश चतुर्वेदी अकविता आन्दोलन के प्रवर्तक माने जाते है।
  • अकविता साहित्यिक मानकों को अस्वीकार कर चलने वाली नए रूप-प्रारूप की हिंदी कविता जो ‘नई कविता’ के बाद शुरू हुई।

नयी कविता (1960 के बाद) Question 14:

निम्न में से किस कवि की भाषा को अश्लील कहा गया है ? 

  1. धर्मवीर भारती
  2. रघुवीर सहाय
  3. धूमिल
  4. मुक्तिबोध

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Option 3 : धूमिल

नयी कविता (1960 के बाद) Question 14 Detailed Solution

  • सुदामा पांडेय 'धूमिल' की भाषा को अश्लील कहा गया है।
  • धूमिल की आक्रामक और तीक्ष्ण लेखन शैली के कारण उन पर अश्लीलता का आरोप लगाया जाता है।

Important Pointsधूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-

  • संसद से सड़क तक (1972)
  • कल सुनना मुझे (1976)
  • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र (1984)

डॉ धर्मवीर की प्रमुख आलोचनात्मक रचनाएं -

  • कबीर :डॉ हजारिप्रसाद द्विवेदी का प्रक्षिप्त चिंतन (2000)
  • कबीर बाज भी, कपोत भी, कपोहा भी (2000)
  • कबीर के आलोचक (1998)
  • कबीर सुत न कपास (2003)

मुक्तिबोध की प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां -

  • कामायनी : एक पुनर्विचार (1961)
  • नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
  • नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र (1971)
  • समीक्षा की समस्याएं (1982)

रघुवीर सहाय की प्रमुख कविताएँ -

  • किताब पढ़कर रोना
  • कोई एक और मतदाता
  • भाषण
  • संस्कृत
  • आओ, जल-भरे बरतन में
  • आज़ादी
  • हत्या की संस्कृति

नयी कविता (1960 के बाद) Question 15:

सन् 1975 के बाद की कविता को इनमें से क्या नाम दिया गया?

  1. नयी कविता
  2. समकालीन कविता
  3. अकविता
  4. नवगीत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : समकालीन कविता

नयी कविता (1960 के बाद) Question 15 Detailed Solution

सन् 1975 के बाद की कविता को समकालीन कविता नाम दिया गया। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 समकालीन कविता होगा ।

Key Points

नयी कविता

  • नयी कविता हिन्दी साहित्य में सन् १९५१ के बाद की उन कविताओं को कहा गया, जिनमें परंपरागत कविता से आगे नये भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नये मूल्यों और नये शिल्प-विधान का अन्वेषण किया गया।
  •  यह प्रयोगवाद के बाद विकसित हुई हिन्दी कविता की नवीन धारा है। नयी कविता अपनी वस्तु-छवि और रूप-छवि दोनों में प्रगतिवाद और प्रयोगवाद का विकास होकर भी विशिष्ट है।

समकालीन कविता

हुकुमचंद राजपाल के अनुसार समकालीन कविता का प्रारंभ सन् 1964 के बाद माना जा सकता है।

अकविता

पूर्व साहित्यिक मानकों को अस्वीकार कर चलने वाली नए रूप-प्रारूप की हिंदी कविता जो 'नई कविता' के बाद शुरू हुई।

नवगीत

हिन्दी काव्य-धारा की एक नवीन विधा है। इसकी प्रेरणा सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई और लोकगीतों की समृद्ध भारतीय परम्परा से है।

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