अलंकार सामान्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अलंकार सामान्य - Download Free PDF
Last updated on May 30, 2025
Latest अलंकार सामान्य MCQ Objective Questions
अलंकार सामान्य Question 1:
‘मखमल के झूले पड़े, हाथी सा टीला' में कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 1 Detailed Solution
'मखमल के झूले पड़े, हाथी सा टीला' इस पंक्ति में 'लुप्तोपमा अलंकार' है।
Key Points
- 'मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला।' पंक्ति में लुप्तोपमा अलंकार है। क्योंकि प्रस्तुत वस्तु 'टीला' की तुलना अप्रस्तुत वस्तु 'हाथी' से की गई है।
- लुप्तोपमा अलंकार उपमा अलंकार का भेद है।
परिभाषा | उदाहरण |
लुप्तोपमा- जहॉं उपमा में उपमेय, उपमान, वाचक तथा धर्म इनमें से एक, दो या तीन का लोप रहता है, वहॉं लुप्तोपमा अलंकार होता है। | मखमल के झूले पड़े, हाथी सा टीला। |
Additional Information
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
रूपक | जहॉं उपमेय पर उपमान का आरोप हो या उपमान और उपमेय का अभेद हो, वहॉं रूपक अलंकार होता है। | 'बन्द नहीं, अब भी चलते हैं, नियति-नटी के कार्य कलाप।' |
अतिशयोक्ति | जहॉं किसी विषय या वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चमत्कारपूर्ण वर्णन किया जाए, वहॉं अतिशयोक्ति अलंकार होता है। |
हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग। |
पूर्णोपमा | यह उपमा अलंकार का ही भेद है। जहॉं उपमा के चारों अंग का अर्थ अर्थात् उपमेय, उपमान, साधारण धर्म तथा वाचक शब्द हों, उसे पूर्णोपमा अलंकार कहते हैं। | 'उसी तपस्वी से लम्बे थे देवदारु दो चार खड़े।' |
अलंकार सामान्य Question 2:
जहाँ उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे वहाँ कौन-सा अलंकार होता है।
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 2 Detailed Solution
जहाँ उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे वहाँ अलंकार होता है:- रूपक अलंकार
Key Points
'रूपक अलंकार'-
- जहाँ पर उपमेय और उपमान में कोई अंतर न दिखाई दे अथार्त जहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच के भेद को समाप्त करके उसे एक कर दिया जाता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है।
- उदाहरण - ’चरन-सरोज पखारन लागा।’यहाँ ’चरणों’ (उपमेय) में ’सरोज’ (उपमान) का भेद समाप्त होने के कारण रूपक अलंकार है।
Additional Information'वक्रोक्ति अलंकार'-
- जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अभिप्रेत अर्थ ग्रहण न कर श्रोता अन्य ही कल्पित या चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, उसे वक्रोक्ति कहते हैं।
- उदाहरण - एक कह्यौ ‘वर देत भव, भाव चाहिए चित्त’।सुनि कह कोउ ‘भोले भवहिं भाव चाहिए ? मित्त’ ।। किसी ने कहा-भव (शिव) वर देते हैं; पर चित्त में भाव होना चाहिये।यह सुन कर दूसरे ने कहा- अरे मित्र, भोले भव के लिए ‘भाव चाहिये’ ?अर्थात शिव इतने भोले हैं कि उनके रिझाने के लिए ‘भाव’ की भी आवश्यकता नहीं।
- समासोक्ति शब्द समास + उक्ति के योग से बना है जिसका अर्थ है -'संक्षेप में कथन'।जहां प्रस्तुत के वर्णन से अप्रस्तुत वर्णन की प्रतीति हो, वहां समासोक्ति अलंकार होता है।
- उदाहरण -नहीं पराग ,नहीं मधुर मधु, नहिं विकास एहि काल।अली कली ही सौंं बंध्यौ, आगे कौन हवाल।। यहां प्रस्तुत अर्थ भंवरे का कली से बंध जाना, अप्रस्तुत अर्थ में मिर्जा राजा जयसिंह को सचेत करना कि कलीवत नववधू के प्रेम में अभी से इतना लिप्त हो गए हो तो आगे क्या हाल होगा यहां प्रस्तुत में अप्रस्तुत की प्रतीति होने से समासोक्ति अलंकार है ।
विभावना अलंकार'-
- विभावना का अर्थ है बिना कारण के जहां कारण के ना होने पर भी कार्य का होना पाया जाता है,वहाँ विभावना अलंकार होता है।
- उदाहरण - मूक होय वाचाल पंगु चढ़ै गिरिवर गहन । जासु कृपा सु दयाल द्रबहु सकल कलिमलि दहन ।। इसका अर्थ हुआ कि जब प्रभु की कृपा होती है तो जो गूंगा है वह भी अधिक बोलता है, जो लंगड़ा है वह पर्वत चढ़ जाता है तो यहाँ पर कारण नहीं है फिर भी कार्य पूर्ण हो रहे इसीलिए यहाँ विभावना अलंकार है।
अलंकार सामान्य Question 3:
शीतल ज्वाला जलती है, ईंधन होता दृग जल का ।
यह व्यर्थ सांस चल चल कर करती है काम अनिल का ।।
इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 3 Detailed Solution
शीतल ज्वाला जलती है, ईंधन होता दृग जल का ।
यह व्यर्थ सांस चल चल कर करती है काम अनिल का ।।
इस पंक्ति में अलंकार है- विरोधाभास
Key Points
- (इस पंक्ति में आंसू जल की तरह शीतल ज्वाला-सी जलती है और यह ज्वाला ईंधन का काम करती है, और सांस का चलना हवा का काम कर रही हैं।)
- जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
- उदाहरण -
- बैन सुन्या जबतें मधुर,
- तबतें सुनत न बैन।
- (यहाँ पर ‘बैन सुन्या’ और ‘सुनत न बैन’ में विरोध दिखाई पड़ता है।
- सच तो यह है कि दोनों में वास्तविक विरोध नहीं हो रहा है।
- यह विरोध तो प्रेम की तन्मयता का सूचक है। अतः यहाँ पर ‘विरोधाभास अलंकार’ है।)
Additional Information
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
रूपक |
जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है। |
मुनि पद कमल बंदि दोउ भ्राता। |
यमक |
जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है। |
ऊधौ जोग जोग हम नाहीं । |
विभावना | जब कार्य के लिए कारण की आवश्यकता नहीं होती है किसी भी कारण के बिना ही कार्य संपन्न हो जाए वहां विभावना अलंकार होता है। |
लाज भरी आँखियाँ बिहँसी, बलि बोल कहे बिनु उत्तर दीन्हीं । |
अलंकार सामान्य Question 4:
'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते हैं |'
इस उक्ति में प्रयुक्त 'धर्म' शब्द का क्या अर्थ है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 4 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'गुण' होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते हैं |'
- इस उक्ति में प्रयुक्त 'धर्म' शब्द का अर्थ है - गुण।
- आचार्यों ने काव्यशरीर, उसके नित्यधर्म तथा बहिरंग उपकारक का विचार करते हुए काव्य में अलंकार के स्थान और महत्व का व्याख्यान किया है।
- इस संबंध में इनका विचार, गुण, रस, ध्वनि तथा स्वयं के प्रसंग में किया जाता है।
- अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Additional Information
- अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आभूषण या गहना’ ।
- जिस प्रकार स्वर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार काव्य अलंकारों से काव्य की शोभा बढ़ती है।
- अलंकार के तीन प्रकार अथवा भेद होते हैं, किन्तु प्रधान रूप से अलंकार के दो भेद माने जाते हैं — शब्दालंकार तथा अर्थालंकार
अलंकार सामान्य Question 5:
निम्न में कौन सा रूपक अलंकार का एक उदाहरण नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - यह जिंदगी क्या जिंदगी , जो सिर्फ पानी से बही
- यह जिंदगी क्या जिंदगी , जो सिर्फ पानी से बही -उपमा अलंकार का एक उदाहरण है
Key Points रूपक अलंकार की परिभाषा
- इसमें उपमेय को उपमान के समान बताया जाता है।"
- सरल शब्दों में कहें तो जब किसी भी वस्तु (उपमेय) को किसी दूसरी वस्तु (उपमान) के समान बताया जाता है और उनमें कोई अंतर नही राह जाता वहाँ रूपक अलंकार होता है।
- उदाहरण पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
- उदाहरण में राम रतन को ही धन बता दिया गया है। 'राम रतन' – उपमेय पर 'धन' – उपमान का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है।
Additional Information उपमा अलंकार की परिभाषा
- किसी प्रस्तुत वस्तु की उसके किसी विशेष गुण, क्रिया, स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता स्थापित की जाए तो उपमा अलंकार होगा।
- हरि पद कोमल कमल से -यहाँ हरि (भगवान) के पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है।
Important Points
- उत्प्रेक्षा के उदाहरण में उपमेय में उपमान की सम्भावना प्रकट की गयी है तथा रूपक के उदाहरण में उपमेय में उपमान का भेद रहित आरोप किया गया है।
Top अलंकार सामान्य MCQ Objective Questions
अलंकार के मुख्य भेद कितने होते है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFअलंकार मुख्यतः तीन प्रकार के होते है-शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार। अत: 3 तीन सही विकल्प है।
अलंकार-
- जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।
- दूसरे अर्थ में- काव्य अथवा भाषा को शोभा बनाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है।
अलंकार |
परिभाषा |
उदहारण |
शब्दालंकार |
जहाँ अलंकार शब्द पर आश्रित हों अर्थात शब्द के बदल देने पर अलंकारत्व नष्ट हो जाता हो। |
अनुप्रास, यमक अलंकार इत्यादि। |
अर्थालंकार |
जहाँ अलंकार अर्थ पर आश्रित हों। अर्थालंकार में शब्द बदल देने पर भी अलंकारत्व नष्ट नहीं होता। |
उपमा, रूप, उत्प्रेक्षा अलंकार इत्यादि। |
उभयालंकार |
जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते है, वे 'उभयालंकार' कहलाते है। |
संसृष्टि, संकर अलंकार। |
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई। में अलंकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 मानवीकरण अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
- ‘उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है।
- दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
उपमा |
जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो उसे उपमा अलंकार कहते हैं। |
पीपर पात सरिस मन डोला। |
अतिशयोक्ति |
जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु आदि को गुण, रूप सौंदर्य आदि का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि जिस पर विश्वास करना कठिन हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। |
एक दिन राम पतंग उड़ाई। देवलोक में पहुँची जाई।। |
विशेषोक्ति |
जहाँ कारण के रहने पर भी कार्य नहीं होता है वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है। |
पानी बिच मीन पियासी। मोहि सुनि सुनि आवै हासी।। |
अलंकार के कितने भेद होते है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFअलंकार के 'तीन’ भेद हैं। Key Pointsअलंकार -
- काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
- अलंकार के तीन भेद हैं -
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
शब्दालंकार -
- जहाँ शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि होती है और काव्य में चमत्कार आ जाता है, वहाँ शब्दालंकार होता है।
- शब्दालंकार के भेद -
- 1. अनुप्रास अलंकार
- 2. श्लेष अलंकार
- 3. यमक अलंकार
- 4. वक्रोक्ति अलंकार
अर्थालंकार -
- जिस वाक्य पंक्ति में अर्थ के कारण चमत्कार या सुंदरता उत्पन्न हो, उसे अर्थालंकार कहते हैं।
- अर्थालंकार के भेद -
- 1. उपमा
- 2.रूपक
- 3. उत्प्रेक्षा
- 4. विभावना
उभयालंकार -
- जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है वहाँ उभयालंकार होता है।
अलंकार के कितने प्रकार है:
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFमुख्य रूप से अलंकार के 3 भेद होते हैं| शब्दालंका, अर्थालंकार, उभयालंकार|
Key Points
- शब्दालंकार - जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उत्पत्र हो जाता है वे 'शब्दालंकार' कहलाते है।
- अर्थालंकार - साहित्य में अर्थगत चमत्कार को अर्थालंकार कहते हैं। अथवा जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार स्पष्ट हो, वहाँ अर्थालंकार माना जाता है।
- विशेष - जहाँ शब्द तथा अर्थ के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उत्पत्र हो जाता है वे "उभयालंकार " कहलाते है|
Additional Information
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
शब्दालंकार | जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उत्पत्र हो जाता है वे 'शब्दालंकार' कहलाते है। | मुदित महीपति मंदिर आए। |
अर्थालंकार | साहित्य में अर्थगत चमत्कार को अर्थालंकार कहते हैं। अथवा जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार स्पष्ट हो, वहाँ अर्थालंकार माना जाता है। | बड़े न हूजे गुनन बिनु, बिरद बड़ाई पाय। कहत धतूरे सों कनक, गहनो गढ़ो न जाय। |
उभयालंकार | जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते है, वे 'उभयालंकार' कहलाते है। |
'कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाय।' |
निम्न में से भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF
- भ्रांतिमान अलंकार- जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं.
अन्य विकल्प
- ये हैं सरस ओस की बूँदे या हैं मंजूुल मोती - संदेह अलंकार
- एक रम्य उपवन था नन्दनवन सा सुन्दर - उपमा अलंकार
- वह दीपशिखा-सी शान्त भाव में लीन - उपमा अलंकार
अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
निम्न पंक्ति में सही अलंकार का चयन कीजिए l
पानी विच मीन प्यासी l
मोहि सुनि सुनि आवै हासी ll
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 'विशेषोक्ति’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
- 'पानी विच मीन प्यासी l मोहि सुनि सुनि आवै हासी ll' इस काव्य पंक्ति में 'विशेषोक्ति' अलंकार है।
- जहां पर कारण के होने पर भी कार्य न हो वहां विशेषोक्ति अलंकार होता है।
- उपरयुक्त काव्य पंक्ति में मछली पानी के अन्दर रहकर भी सदा प्यासी होती है अर्थात यहाँ कारण तो है कि मछली प्यासी है जबकि वह पानी में है।
- अर्थात कार्य नहीं हुआ है।
अन्य विकल्प:
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
विभावना अलंकार |
जहाँ कारण के न होते हुए भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है। |
बिनु पग चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना। |
अतिशयोक्ति अलंकार |
जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है। |
हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि। |
उपमा अलंकार |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन। |
- काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं।
- जिस प्रकार मनुष्य अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों का प्रयोग करते हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।
- अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं :
शब्दालंकार
अर्थालंकार
उषा उदास आती है। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF'उषा उदास आती है' में 'मानवीकरण अलंकार' है. अत: सही उत्तर विकल्प 2 'मानवीयकरण अलंकार' होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं.
- मानवीकरण अलंकार- जब प्राकृतिक वस्तुओं कैसे पेड़,पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है।
अन्य विकल्प
- उपमा अलंकार - जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।
- यमक अलंकार - जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
- विभावना अलंकार - जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए वहाँ पर विभावना अलंकार होता है। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध होने पर भी फल की उत्पत्ति विभावनालंकार है।
अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
गंगा क्यों टेढ़ी चलती हो, दुष्टों को शिव कर देती हो इस वाक्य में कौन - सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFदिये गए विकल्पों में से विकल्प 2 ‘व्याज स्तुति अलंकार‘ सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
स्पष्टीकरण:
काव्य में जहाँ देखने, सुनने में निंदा प्रतीत हो, किन्तु वह वास्तव में प्रशंसा हो, वहाँ व्याज स्तुति अलंकार होता है।
“गंगा क्यों टेढ़ी चलती हो, दुष्टों को शिव कर देती हो” - यहाँ देखने, सुनने में गंगा की निंदा प्रतीत हो रहा है किन्तु वास्तव में यहाँ गंगा की प्रशंसा की जा रही है, अतः यहाँ व्याज स्तुति अलंकार है।
विशेष:
अलंकार- अलंकार शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है- आभूषण। काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले अवयव को अलंकार कहते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद होते हैं। शब्दालंकार, अर्थालंकार तथा उभयालंकार। |
||
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
शब्दालंकार |
जहाँ शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि होती है और काव्य में चमत्कार आ जाता है, वहाँ शब्दालंकार माना जाता है। |
कहाँ भिखारी गयो यहाँ ते। |
अर्थालंकार |
जिस वाक्य पंक्ति में अर्थ के कारण चमत्कार या सुंदरता उत्पन्न हो, उसे अर्थालंकार कहते है। |
हरिपद कोमल कमल से। |
उभयालंकार |
जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है। वहाँ उभयालंकार होता है। |
मेखलाकर पर्वत अपार।
|
निम्नलिखित विकल्पों में सन्देह अलंकार का उदाहरण कौन-सा विकल्प है?
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'यह काया है या शेष उसी की छाया' में 'संदेह अलंकार' है. अत: सही उत्तर विकल्प 3 'यह काया है या शेष उसी की छाया' होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं.
- संदेह अलंकार- रूप-रंग, आदि के साद्रश्य से जहां उपमेय में उपमान का संशय बना रहे या उपमेय के लिए दिए गए उपमानों में संशय रहे, वहाँ सन्देह अलंकार होता है।
अन्य विकल्प
- मानो घर-घर ना हो, कोई चिड़ियाघर हो - उत्प्रेक्षा अलंकार
- एक रम्य उपवन था, नन्दन वन सा सुन्दर - उपमा अलंकार
- रति सम रमणीय मूर्ति राधा की - उपमा अलंकार
अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
"लो यह लतिका भी भर लाई,
मधु मुकुल नवल रस गागरी।"
उदाहरण है-
Answer (Detailed Solution Below)
अलंकार सामान्य Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 'मानवीकरण अलंकार का' है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
-
लो यह लतिका भी भर लाई, मधु मुकुल नवल रस गागरी।" इस काव्य पंक्ति में लता को उषा के ही समान स्त्री रूप में प्रस्तुत किया गया है, अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
- जहां जड़ता पर चेतनता का आरोप हो अर्थात जड़ प्राकृतिक उपादानों पर मानवीय क्रियाओं और भावनाओं का आरोप होता है वहां मानवीकरण अलंकार होता है।
- अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
अन्य विकल्प:
- उल्लेख अलंकार - जब एक ही वस्तु का एक ही व्यक्ति द्वारा अनेक प्रकार से वर्णन किया जाता है, तब वहाँ 'द्वितीय उल्लेख अलंकार' होता है।
- प्रतीप अलंकार - 'प्रतीप' का अर्थ होता है- 'उल्टा' या 'विपरीत'। यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है। क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित, पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्टता बताई जाती है।
- भ्रांतिमान अलंकार - जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं।
Additional Information
- वह कारक जो काव्य की शोभा बढ़ाते हैं अलंकार कहलाते हैं।
- काव्य का निर्माण शब्द और अर्थ द्वारा होता है।
- इसलिए अलंकार के दो मुख्य भेद माने गए हैं - शब्दालंकार और अर्थालंकार।