उपनाम और उपाधियाँ MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for उपनाम और उपाधियाँ - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

Last updated on Mar 20, 2025

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Latest उपनाम और उपाधियाँ MCQ Objective Questions

Top उपनाम और उपाधियाँ MCQ Objective Questions

उपनाम और उपाधियाँ Question 1:

भट्टजी को किसने अँगरेजी साहित्य के स्टील की श्रेणी में रखा है?

  1. हजारी प्रसाद द्विवेदी
  2. डॉ० नगेंद्र
  3. रामचंद्र शुक्ल
  4. रामविलास शर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : रामचंद्र शुक्ल

उपनाम और उपाधियाँ Question 1 Detailed Solution

बालकृष्ण भट्ट को 'हिंदी का स्टील' आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा है

Key Points

रामचंद्र शुक्ल -

  • जन्म - 1884 ई.
  • जन्म स्थान - बस्ती जिले का अगोना नामक ग्राम
  • मुख्य -
    • हिंदी निबंध को नया आयाम देकर उसे ठोस धरातल पर प्रतिष्ठित  करने वाले शुक्ल जी हिंदी साहित्य के मूर्धन्य आलोचक, श्रेष्ठ निबंधकार और निष्पक्ष  इतिहासकार,महान शैली के युग प्रवर्तक आचार्य थे

 Important Points

रचनाएं -

  • निबंध संग्रह -
    • चिंतामणि भाग 1 और भाग 2
    • विचार वीथी
  • इतिहास-
    • हिंदी साहित्य का इतिहास (1929 ई.)
  • आलोचना -
    • सूरदास
    • रस मीमांसा
    • त्रिवेणी
  • संपादक -
    • जयसी ग्रंथावली
    • तुलसी ग्रंथावली
    • भ्रमर गीत सार
    • हिंदी शब्द सागर
    • काशी नागरी प्रचारिणी पत्रिका
    • आनंद कदंबिनी

 Additional Information

बालकृष्ण भट्ट (1844 ई.)

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने इन्हें हिंदी का स्टील कहां है
  • यह गद्य काव्य के आदि आचार्य कहलाते हैं
  • 1877 ई. में इन्होंने इलाहाबाद से 'हिंदी प्रदीप' पत्र निकाला
  • रचनाएं-
    • कलिराज की सभा
    • बाल विवाह
    • चंद्रसेन रहस्य कथा
    • सौ अजान एक सुजान
    • नूतन ब्रह्मचारी
  • यह भारतेंदु युग के सर्वाधिक निबंध लिखने वाले रचनाकार है इन्होंने लगभग 1000 निबंधों की रचना की

उपनाम और उपाधियाँ Question 2:

'रसा' उपनाम में कौन लिखते थे ?

  1. लछिराम 
  2. अंबिकादत्त व्यास 
  3. पं. प्रतापनारायण मिश्र 
  4. भारतेन्दु 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भारतेन्दु 

उपनाम और उपाधियाँ Question 2 Detailed Solution

'रसा' उपनाम से भारतेंदु लिखते थे।

Key Points

भारतेंदु हरिश्चन्द्र (1850-1885 ई.)

  • आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।

प्रमुख रचनाएँ-

  • वैदिक हिंसा हिंसा न भवति 1873
  • भारत दुर्दशा 1875
  • नीलदेवी 1881
  • अंधेर नगरी 1881
  • धनंजय-विजय 1874
  • चन्द्रावली 1881 आदि।

Additional Informationलछिराम-

  • हिंदी में लछिराम (ब्रह्मभट्ट) नाम के सात कवियों का उल्लेख मिलता है।
  • जिनमें बहुज्ञात और प्रख्यात हैं 19 वीं शती के अमोढ़ा या अयोध्यावाले लछिराम।

अंबिकादत्त व्यास-(1858-1900)

  • भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे।
  • ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे।  इन्होंने कवित्तसवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की।
  • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के समकालीन हिन्दी सेवियों में पंडित अंबिकादत्त व्यास बहुत प्रसिद्ध लेखक और कवि हैं।

प्रमुख रचनाएँ-

  • गणेशशतकम्
  • शिवविवाह (खण्डकाव्य)
  • सहस्रनामरामायणम्
  • पुष्पवर्षा (काव्य),
  • उपदेशलता (काव्य)
  • साहित्यनलिनी आदि।

पं. प्रतापनारायण मिश्र-(1856-1894)

  • भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे।
  • भारतेंदु जैसी रचनाशैली, विषयवस्तु और भाषागत विशेषताओं के कारण मिश्र जी "प्रति-भारतेंदु" और "द्वितीय हरिश्चंद्र" कहे जाने लगे थे।

प्रमुख रचनाएँ-

  • कानपुर माहात्म्य
  • तृप्यन्ताम्‌
  • तारापति पचीसी
  • दंगल खण्ड
  • प्रार्थना शतक
  • प्रेम पुष्पावली आदि।

उपनाम और उपाधियाँ Question 3:

'स्वर सिद्ध' किस कवि के लिए उपनाम प्रयोग किया जाता है?

  1. जयशंकर प्रसाद 
  2. सुमित्रानंदन पंत 
  3. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
  4. केदारनाथ सिंह 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सुमित्रानंदन पंत 

उपनाम और उपाधियाँ Question 3 Detailed Solution

'स्वर सिद्ध' सुमित्रानंदन पंत कवि के लिए उपनाम प्रयोग किया जाता है। 

Key Pointsसुमित्रानंदन पंत-

  • जन्म-1900-1977 ई. 
  • छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ है। 
  • काव्य रचनाएँ-
  • छायावादी-
    • ग्रंथि(1920 ई.)
    • पल्लव(1926 ई.)
    • वीणा(1927 ई.) 
    • गुंजन(1932 ई.) 
  • प्रगतिवादी-
    • युगान्त(1936 ई.)
    • युगवाणी(1939 ई.) 
    • ग्राम्या(1940 ई.)
  • अरविन्द दर्शन से प्रभावित- 
    • स्वर्ण किरण(1947 ई.)
    • स्वर्णधूलि(1947 ई.)
    • युगांतर(1948 ई.)
    • युगपथ(1949 ई.)
  • नवमानवतावादी-
    • उत्तरा(1949 ई.)
    • रजतशिखर(1952 ई.)
    • शिल्पी(1952 ई.)
    • अतिमा(1955 ई.) 
    • कला और बूढ़ा चाँद(1959 ई.)
    • लोकायतन(1964 ई.) आदि। 

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • बाल्य नाम-झारखंडी 
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि।

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-

  • जन्म-1899-1961 ई. 
  • छायावादी प्रमुख रचनाकार है।
  • काव्य रचनाएँ-
    • अनामिका(1923 ई.)
    • परिमल(1930 ई.)
    • गीतिका(1936 ई.)
    • तुलसीदास(1938 ई.)
    • कुकुरमुत्ता(1942 ई.)
    • नये पत्ते(1946 ई.) आदि। 

केदारनाथ सिंह-

  • जन्म-1934-2018 ई. 
  • तीसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
    • जमीन पक रही है(1980 ई.)
    • यहाँ से देखो(1983 ई.)
    • बाघ(1996 ई.)
    • अकाल में सारस(1988 ई.)
    • उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ(1995 ई.)
    • तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 4:

निम्नलिखित में से किसके बचपन का नाम आनंदीलाल था ?

  1. अज्ञेय
  2. रेणु
  3. यशपाल 
  4. जैनेन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जैनेन्द्र

उपनाम और उपाधियाँ Question 4 Detailed Solution

जैनेन्द्र के बचपन का नाम आनंदीलाल था 

Key Pointsजैनेंद्र -

  • जन्म - 1905 ई.
  • जन्म स्थान - अलीगढ़ के कौड़ीयागंज गांव में
  • जैनेंद्र के अन्य उपन्यास-
    • परख (1929 ई.)
    • सुखदा (1952 ई.)
    • व्यतीत (1953 ई.)
    • मुक्तिबोध (1965 ई.)
    • अन्नतर (1968 ई.)
    • अनाम स्वामी (1974 ई.)
    • दशार्क (1985 ई.)
  • जैनेंद्र को 'मुक्तिबोध' उपन्यास के लिए (1966 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
  • जैनेंद्र कुमार को हिंदी में मनोविश्लेषणवादी उपन्यास का जनक माना जाता है।
  • उनके उपन्यासों का मुख्य विषय काम पीड़ा व अहं का समर्पण है।

Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-

  • जन्म-1921-1977 ई. 
  • आंचलिक रचनाकार है। 
  • कहानी संग्रह-
    • आदिम रात्रि की महक (1967 ई.)
    • ठुमरी (1959 ई.)
    • अगिनखोर (1973 ई.)
    • एक श्रावणी दोपहरी की धूप (1984 ई.)
    • अच्छे आदमी (1986 ई.) आदि। 
  • उपन्यास-
    • मैला आंचल (1954 ई.)
    • परती परिकथा (1957 ई.)
    • जूलूस (1965 ई.)
    • दीर्घतपा (1964 ई.)
    • कितने चौराहे (1966 ई.)
    • पल्टू बाबू रोड (1979 ई.) आदि।

अज्ञेय-

  • कहानी संग्रह-
    • विपथगा(1937 ई.)
    • परम्परा(1940 ई.)
    • कोठरी की बात(1945 ई.)
    • अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि। 

यशपाल-

  • जन्म-1903-1976 ई. 
  • कहानियाँ-
    • पिंजरे की उड़ान(1939 ई.)
    • तर्क का तूफान(1944 ई.)
    • भस्मावृत चिंगारी(1946 ई.)
    • फूलो का कुर्ता(1949 ई.)
    • धर्मयुद्ध(1950 ई.)
    • उत्तमी की मां(1955 ई.)
    • सच बोलने की भूल(1962 ई.) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 5:

भगवती प्रसाद शुक्ल ने 'बघेली जनपद का प्रतिनिधि कवि' किसे कहा है ?

  1. जगदीन
  2. बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'
  3. रामचन्द्र सोनी
  4. भगवती प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'

उपनाम और उपाधियाँ Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'

Key Points

बैजनाथ पाण्डेय 'बैजू'-

  • बघेली लोकगीत 
रामचन्द्र सोनी-
  • बघेली काव्य संकलन 
  • लोक कथाएँ और गीत 
भगवती प्रसाद-
  • बघेली साहित्य का अध्ययन 
  • साहित्यिक निबंध

उपनाम और उपाधियाँ Question 6:

किस कवि को ‘प्रकृति का सुकुमार कवि' कहा जाता है?

  1. रामधारी सिंह दिनकर
  2. सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
  3. सुमित्रानंदन पन्त
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सुमित्रानंदन पन्त

उपनाम और उपाधियाँ Question 6 Detailed Solution

'सुमित्रा नंदन पन्‍त' को प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है। 

Key Points

  • छायावादी युग के महान कवि सुम‍ित्रा नंदन पन्‍त को प्रकृति के सुकुमार कवि के नाम से हिन्‍दी साहित्‍य में जाना जाता है। 
  • उन्होंने प्रकृति के माध्यम से हर भाव को बड़ी ही सुंदरता से शब्दों में प्रस्तुत किया है।
  • यह उनकी विशेषता थी, इसी कारण से उन्हें प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है ।
  • वर्ष 1968 ई. में सुमित्रा नंदन पन्‍त को चिदंबरा(काव्‍य) रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। 
  • वर्ष 1960 ई. में सुमित्रा नंदन पन्‍त को कला और बूढ़ा चॉंद(काव्‍य) रचना के लिए साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। 
कवि  रचनाऍं 
सुमित्रा नंदन पन्‍त 

कविताऍं- वीणा (1919), ग्रंथि (1920), पल्‍लव(1926), गुंजन (1932), युगपथ(1949), चिदंबरा (1958)। 

उपन्‍यास- हार (1960) आदि। 

Additional Information

कवि  रचनाऍं 
रामधारी सिंह दिनकर

(काव्‍य)- बारदोली-विजय संदेश(1928), प्रणभंग(1929), रेणुका(1935), हुंकार(1938)। 

(गद्य)- मिट्टी की ओर(1946), चित्तौड़ का साका(1948), अर्धनारीश्वर(1952) आदि। 

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

 (काव्‍य)-अनामिका(1923),परिमल(1930), गीतिका(1936), अणिमा(1943)। 

(उपन्‍यास)- अप्‍सरा(1939), अलका(1933), प्रभावती(1936), चोटी की पकड़(1946)।

(कहानी संग्रह)- लिली(1934), सखी(1935), सुकुल की बीवी(1949) आदि। 

जयशंकर प्रसाद

(काव्‍य)- प्रेम-पथिक(1909), ऑंसू(1925), लहर(1935)। 

(उपन्‍यास)- कंकाल(1929), तितली(1934), इरावती(1938)। 

(नाटक)- उर्वशी(1909), सज्‍जन(1910), राज्‍यश्री(1915) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 7:

निम्नलिखित में से किस कवि का उपनाम 'हितैषी' है?

  1. तुलसीराम शर्मा
  2. जगदंबाप्रसाद
  3. अनूप शर्मा 
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : जगदंबाप्रसाद

उपनाम और उपाधियाँ Question 7 Detailed Solution

जगदंबा प्रसाद मिश्र का उपनाम हितैषी है।

Key Points

जगदंबा प्रसाद मिश्र हितैषी नाम से भी जाने जाते हैं।

कुछ प्रमुख कृतियाँ

मातृगीता, कल्लोलिनी, वैकाली, दर्शना

Additional Information

तुलसी राम शर्मा कश्यप

  • नेपाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं।
  • इनके द्वारा रचित एक महाकाव्य आमा के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

ठाकुर गोपाल शरण सिंह की कुछ प्रमुख कृतियाँ

  • मानवी (1938), माधवी (1938), ज्योतिष्मती (1938), संचिता (1939), सुमना(1941), सागरिका(1944), ग्रामिका (1951)
  • जगदालोक (प्रबंध-काव्य, 1952), प्रेमांजलि [(1953), कादम्बिनी (1954), विश्वगीत (1955)

अनूप शर्मा

  • अनूप शर्मा की रचनाओं में ‘सिद्धार्थ’, ‘फेरि मिलिबो’, ‘कुणाल’, ‘वर्द्धमान’, ‘सुमनांजली’, ‘शर्वाणी’ प्रमुख है। ‘सिद्धार्थ’ में बुद्ध के जीवन के विविध पक्षों का वर्णन है।
  • 18 सर्गों का महाकाव्य ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि की खड़ी बोली की रचना है।
  • ‘फेरि मिलिबो’ ब्रजभाषा का प्रबंध काव्य है, इसमें 75 अध्यायों में श्रीमद्भागवत की कथा को मुख्य आधार बनाया गया है।
  • ‘वर्द्धमान’ महावीर स्वामी के चरित्र पर आधारित है।
  • अनूप शर्मा द्विवेदी युग के प्रसिद्ध कवि थे और उन्हें अपने समय के हिंदी के प्रसिद्ध 'देव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
  • 'सुमनांजली' स्फुट कविताओं का संग्रह है और 'शर्वाणी' आद्यशक्ति रूपा दुर्गा के सभी अंगों पर 700 घनाक्षरीयों का प्रबंध काव्य है।

उपनाम और उपाधियाँ Question 8:

'बीसवीं सदी का बाणभट्ट' किसे कहा जाता है?

  1. फणीश्वर नाथ
  2. हरिवंश राय
  3. हजारी प्रसाद द्विवेदी
  4. वैद्यनाथ मिश्र 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हजारी प्रसाद द्विवेदी

उपनाम और उपाधियाँ Question 8 Detailed Solution

सही उत्तर "हजारी प्रसाद द्विवेदी' है।

Additional Information

हिंदी साहित्यकार और उनके उपनाम 

  • रामधारी सिंह- दिनकर, अधैर्य के कवि, समय-सूर्य
  • सुमित्रानंदन पंत -अप्सरा लोक का कवि ,स्वरसिद्ध,गोसाई दत्त पंत
  • फणीश्वर नाथ- रेणु ,धरती का धन
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी - बीसवीं सदी का बाणभट्ट ,वैद्यनाथ दिवेदी, व्योमकेश
  • हरिवंश राय-  बच्चन,जनता के बीच के कवि
  • वैद्यनाथ मिश्र - यात्री, नागार्जुन, बाबा ,ढक्कन ,राजनीतिक कवि
  • बाबू गोपाल चन्द्र- गिरिधरदास
  • विश्वंभरनाथ शर्मा- कौशिक विजयानन्द दुबे
  • अभिमन्यु अनत - शबनम
  • वासुदेव सिंह- त्रिलोचन, किवदंती पुरुष ,अवध का किसान कवि
  • गजानन माधव - मुक्तिबोध, भयानक खबरों का कवि
  • शमशेर बहादुर सिंह - कवियों के कवि ,मूड्स के कवि, बात के कवि, कुलदीप सिंह
  • भवानी प्रसाद मिश्र - बालमोहन, सहजता की कवि,कविता का गांधी
  • त्रयम्बक वीर राघवाचार्य- रांगेय राघव
  • कैलास सक्सेना - कमलेश्वर
  • रामविलास शर्मा - अगिया बेताल, निरंजन
  • विद्यानिवास मिश्र - भ्रमरानंद, परंपरा जीवी
  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन- अज्ञेय, कुट्टिचातन,कठिन गद्य के प्रेत
  • नारायण प्रसाद- बेताब

उपनाम और उपाधियाँ Question 9:

'स्वर सिद्ध' किस कवि के लिए उपनाम प्रयोग किया जाता है?

  1. जयशंकर प्रसाद 
  2. सुमित्रानंदन पंत 
  3. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
  4. केदारनाथ सिंह 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सुमित्रानंदन पंत 

उपनाम और उपाधियाँ Question 9 Detailed Solution

'स्वर सिद्ध' सुमित्रानंदन पंत कवि के लिए उपनाम प्रयोग किया जाता है। 

Key Pointsसुमित्रानंदन पंत-

  • जन्म-1900-1977 ई. 
  • छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ है। 
  • काव्य रचनाएँ-
  • छायावादी-
    • ग्रंथि(1920 ई.)
    • पल्लव(1926 ई.)
    • वीणा(1927 ई.) 
    • गुंजन(1932 ई.) 
  • प्रगतिवादी-
    • युगान्त(1936 ई.)
    • युगवाणी(1939 ई.) 
    • ग्राम्या(1940 ई.)
  • अरविन्द दर्शन से प्रभावित- 
    • स्वर्ण किरण(1947 ई.)
    • स्वर्णधूलि(1947 ई.)
    • युगांतर(1948 ई.)
    • युगपथ(1949 ई.)
  • नवमानवतावादी-
    • उत्तरा(1949 ई.)
    • रजतशिखर(1952 ई.)
    • शिल्पी(1952 ई.)
    • अतिमा(1955 ई.) 
    • कला और बूढ़ा चाँद(1959 ई.)
    • लोकायतन(1964 ई.) आदि। 

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • बाल्य नाम-झारखंडी 
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि।

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-

  • जन्म-1899-1961 ई. 
  • छायावादी प्रमुख रचनाकार है।
  • काव्य रचनाएँ-
    • अनामिका(1923 ई.)
    • परिमल(1930 ई.)
    • गीतिका(1936 ई.)
    • तुलसीदास(1938 ई.)
    • कुकुरमुत्ता(1942 ई.)
    • नये पत्ते(1946 ई.) आदि। 

केदारनाथ सिंह-

  • जन्म-1934-2018 ई. 
  • तीसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
    • जमीन पक रही है(1980 ई.)
    • यहाँ से देखो(1983 ई.)
    • बाघ(1996 ई.)
    • अकाल में सारस(1988 ई.)
    • उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ(1995 ई.)
    • तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि। 

उपनाम और उपाधियाँ Question 10:

केदारनाथ मिश्र को कहा जाता है?

  1. माधव 
  2. प्रभात 
  3. भूषण 
  4. किरण 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रभात 

उपनाम और उपाधियाँ Question 10 Detailed Solution

केदारनाथ मिश्र को प्रभात कहा जाता है। 

Key Pointsकेदारनाथ मिश्र-

  • केदारनाथ मिश्र 'प्रभात का जन्म बिहार के आरा जिले में 1907 ई. में हुआ।
  • उच्च शिक्षा पटना में हुई।
  • बिहार राज्य के पुलिस विभाग में सेवा की।
  • इनके मुख्य गीत-संग्रह हैं-
    • 'शुभ्रा
    • 'श्वेत नील
    • 'कलापिनी
    • 'कम्पन
    • 'ॠतम्भरा
    • 'बैठो मेरे पास।
  • अंतिम दो संग्रह बिहार तथा उ.प्र. सरकार द्वारा पुरस्कृत हुए।
  • 'कैकेयी, 'तप्त गृह तथा 'कर्ण इनके प्रबंध-काव्य हैं।
  • इन्होंने प्रचुर बाल साहित्य भी लिखा। 
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