अन्य काव्य और गद्य MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for अन्य काव्य और गद्य - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 22, 2025
Latest अन्य काव्य और गद्य MCQ Objective Questions
Top अन्य काव्य और गद्य MCQ Objective Questions
अन्य काव्य और गद्य Question 1:
"अपभ्रंश का वाल्मीकि" किसे कहा जाता है-
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 1 Detailed Solution
"अपभ्रंश का वाल्मीकि" "स्वयंभू "को कहा जाता है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) स्वयंभू सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- स्वयंभू को जैन परंपरा का भी प्रथम कवि कहा जाता है।
- स्वयंभू को "अपभ्रंश भाषा का" व्यास भी कहा जाता है।
स्वयंभू के तीन ग्रंथ बताए जाते हैं:-
- पउम चरिउ
- रिट्ठणेमि चरिउ
- स्वयंभू छंद
Additional Information
अन्य काव्य और गद्य Question 2:
मुकरी लिखने का सर्वप्रथम प्रयास किस कवि ने किया है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 2 Detailed Solution
"मुकरी" लिखने का सर्वप्रथम प्रयास "अमीर खुसरो" ने किया है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) अमीर खुसरो सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- हिंदी में मुकरी सर्वप्रथम अमीर खुसरो ने लिखी।
- हिन्दी में अमीर खुसरो की मुकरियाँ प्रसिद्ध हैं।
- इसी को ‘कह-मुकरी’ भी कहते हैं साहित्यिक दृष्टि से मुकरियों का विषय छेकापह्रुति अलंकार के अंतर्गत आता है।
Important Points
- मुकरी
- मुकरने की क्रिया या भाव, एक प्रकार की लोक-प्रचलित कविता जिसका रूप बहुत कुछ पहेली का सा होता है।
- स्त्रीलिंग- मुकरना
- उदाहरण
- सगरि रैन वह मो संग जागा।
- भोर भई तब बिछुरन लागा।
- वाके बिछरत फाटे हिया।
- क्यों सखि साजन ना सखि दिया।
- उपर्युक्त मुकरी अमीर खुसरो की है।
- जगनिक
- रचना :- परमाल रासो
- यह वीर रस प्रधान सर्वश्रेष्ठ रचना है।
- सर्वप्रथम चार्ल्स इलियट ने इसका प्रकाशन आल्हाखंड नाम से कराया था।
- विद्यापति की कृतियाँ :-
- संस्कृत में
- भूपरिक्रमा ,पुरुषपरीक्षा ,लिखनावली , विभागसार ,शैवसर्वस्वसार, दानवाक्यावली, गंगावाक्यावली,दुर्गाभक्तितरंगिणी, गयापत्तलक, वर्षकृत्य, मणिमञ्जरी नाटक , गोरक्षविजय नाटक
- अवहट्ठ में
- कीर्तिलता
- कीर्तिपताका
- संस्कृत में
- कबीर दास
- कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
- वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
- कृतियां :- साखी, सबद, रमैनी
अन्य काव्य और गद्य Question 3:
ढोला मारू रा दूहा के मूल कवि का नाम है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 3 Detailed Solution
"ढोला मारू रा दूहा" के मूल कवि "कल्लोल" है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) कल्लोल सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- कल्लोल ने इसकी रचना 11 वी शताब्दी में की थी।
- इसमे दोहा छंद प्रयुक्त हुआ है।
- डोला-मारू' की कथा राजस्थान की अत्यन्त प्रसिद्ध लोक गाथा है।
- मूलतः दोहों में रचित इस लोक काव्य को सत्रहवीं शताब्दी मे कुशलराय वाचक ने कुछ चौपाईयां जोड़कर विस्तार दिया।
अन्य काव्य और गद्य Question 4:
हिन्दी का भवभूति किसे कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 4 Detailed Solution
"पुष्पदंत" को "हिंदी का भवभूति" कहा जाता है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) पुष्पदंत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- पुष्य दंत(972ईस्वी)
- "शिव सिंह सेंगर" ने पुष्य दंत को “भाखा की जड़” कहा है।
- पुष्पदंत अपभ्रंश भाषा के महाकवि थे।
- भवभूति संस्कृत के एक नाट्यकार थे पुष्य दंत की जिनसे तुलना की गई थी|
- तत्कालीन राष्ट्रकुल नरेश कृष्णराज तृतीय के मंत्री भरत ने आश्रय दिया और उन्हें काव्यरचना की ओर प्रेरित किया। इसके फलस्वरूप कवि ने महापुराण की रचना की और उसे भरत नामांकित किया।
Additional Information
- इनकी तीन रचनाएँ हैं-
- महापुराण
- जसहरचरित (यशोधरचरित)
- णायकुमारचरिअ (नागकुमारचरित)
अन्य काव्य और गद्य Question 5:
आदिकाल के काव्यों प्रधान भाषा थी:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 5 Detailed Solution
- आदिकाल के काव्यों की प्रधान भाषा है डिंगल - पिंगल ( मिश्रित ) ।
- रासो काव्यों की भाषा का विश्लेषण विभिन्न आधारों पर किया जाता है क्योंकि रासो साहित्य का रचना क्षेत्र व काल अत्यंत व्यापक रहा है ।
Key Points
- डिंगल वह शैली है जिसमें ओज - गुण की उपस्थिति हो तथा जिसका प्रयोग सामान्यतः अशिक्षित वर्ग द्वारा व्याकरण सम्मत ढंग से न हुआ हो ।
- पिंगल वह शैली है जिसमें व्याकरणिक व्यवस्था तथा माधुर्य गुण की अवस्थिति मानी गयी ।
- डिंगल व पिंगल दो भिन्न भाषाएँ नहीं थीं बल्कि एक ही भाषा की दो शैलियाँ थीं ।
अन्य काव्य और गद्य Question 6:
अमीर खुसरो किसके दरबारी थे ?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 6 Detailed Solution
अमीर खुसरो अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी कवि थे।
Key Points अलाउद्दीन खिलजी-(1296-1316)
- अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था।
- उसका साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर उत्तर-मध्य भारत तक फैला था।
- भारतीय साम्राज्य अगले तीन सौ सालों तक कोई भी शासक स्थापित नहीं कर पाया था।
- मेवाड़ चित्तौड़ का युद्धक अभियान इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।
Additional Information हुमायूँ-(1508-1556)
- हुमायूँ मुगल शासक था।
- प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर का पुत्र नसीरुद्दीन हुमायूँ था।
- मुग़ल साम्राज्य की नींव में हुमायूँ का योगदान है।
शेरशाह सूरी-(1486-1545)
- शेरशाह सूरी भारत में जन्मा पठान था।
- इन्होंने हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था।
- शेरशाह सूरी ने पहले बाबर के लिये एक सैनिक के रूप में काम किया था जिन्होंने उन्हें पदोन्नत कर सेनापति बनाया और फिर बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया।
इल्तुतमिश-(1210-1236)
- शम्सुद्दीन इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत में शम्सी वंंश का एक प्रमुख शासक था।
- तुर्की-राज्य संस्थापक कुतुब-उद-दीन ऐबक के बाद वो उन शासकों में से था जिससे दिल्ली सल्तनत की नींव मजबूत हुई।
- उसने 1211 इस्वी से 1236 इस्वी तक शासन किया।
अन्य काव्य और गद्य Question 7:
'मैथिल - कोकिल' नाम से जाने जाते हैं -
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 7 Detailed Solution
- 'मैथिल - कोकिल' नाम से विद्यापति के नाम से जाना जाता है।
- विद्यापति बिहार प्रान्त के दरभंगा जिले के 'विपसी' नामक गाँव के निवासी थे।
Key Points
- बच्चन सिंह ने विद्यापति को 'जातीय कवि' कहा है।
- विद्यापति शैव सम्प्रदाय के कवि हैं।
Important Points
- मैथिली में रचित रचनाएं - पदावली , गोरक्ष विजय।
अन्य काव्य और गद्य Question 8:
विद्यापति की कौनसी रचना सदैव अप्रकाशित है:-
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 8 Detailed Solution
विद्यापति की "कीर्तिपताका" अप्रकाशित रही है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) कीर्तिपताका सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- कीर्ति पताका सदैव अप्रकाशित रही है।
- यह अवहट्ठ भाषा में है।
- विद्यापति भारतीय साहित्य की 'शृंगार-परम्परा' के साथ-साथ 'भक्ति-परम्परा' के प्रमुख स्तंभों मे से एक और मैथिली के सर्वोपरि कवि के रूप में जाने जाते हैं।
- इनके काव्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के स्वरूप का दर्शन किया जा सकता है।
- इन्हें वैष्णव , शैव और शाक्त भक्ति के सेतु के रूप में भी स्वीकार किया गया है।
- मिथिला के लोगों को 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा' का सूत्र दे कर इन्होंने उत्तरी-बिहार में लोकभाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान् प्रयास किया है।
Additional Information
- विद्यापति की कृतियाँ :-
- संस्कृत में
- भूपरिक्रमा ,पुरुषपरीक्षा ,लिखनावली , विभागसार ,शैवसर्वस्वसार, दानवाक्यावली, गंगावाक्यावली,दुर्गाभक्तितरंगिणी, गयापत्तलक, वर्षकृत्य, मणिमञ्जरी नाटक , गोरक्षविजय नाटक
- अवहट्ठ में
- कीर्तिलता
- कीर्तिपताका
अन्य काव्य और गद्य Question 9:
'गोरा बादल की कथा' किसके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 9 Detailed Solution
'गोरा बादल की कथा' जटमल द्वारा रचित है।
Key Points
गोरा बादल
- जटमल ने इस कहानी की रचना सन् 1623 ई. मे की थी|
- गोरा बादल की कथा एक कहानी है।
- दिल्ली के अलाउद्दीन खिलजी ने रतनसिंह की पत्नी रानी पद्मावती को प्राप्त करने के लिए चित्तौड़ पर हमला किया और राजा को धोखे से बन्दी बना लिया ।
- गोरा, बादल और उनके सैनिकों ने पद्मिनी और उनके साथियों के रूप में प्रच्छन्न दिल्ली में प्रवेश किया, और राजा को बचाया।
- गोरा इस अभियान में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुएं, जबकि बादल राजा को चित्तौड़ ले गए।
- वे निर्भीक और सच्चे योद्धा थे।
Additional Information
लेखक | रचनाएँ |
जल्हण | सूक्तिमुक्तावली (काव्य) |
नरपति नाल्ह | वीसलदेव रासो(काव्य) |
दलपति विजय | खुमान रासो(काव्य) |
जटमल | गोरा बादल की कथा(कहानी) |
अन्य काव्य और गद्य Question 10:
राउल वेल किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 10 Detailed Solution
"राउल वेल" रोड़ा की रचना है अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) रोड़ा सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है ।
Key Points
- इसकी रचना 10 वीं शताब्दी में की गई थी|
- यह एक शिलांकित कृति है जिन शिलाओं पर ,यह लिखी गई थी वह मध्यप्रदेश के( मालवा क्षेत्र) धार जिले से प्राप्त हुई है और वर्तमान में -मुम्बई के 'प्रिन्स ऑफ वेल्स संग्रहालय' में सुरक्षित रखी हुई है।
- यह एक चम्पू काव्य है यानि गद्य-पद्य मिश्रित रचना है ।
- यह हिन्दी की प्राचीनतम चम्पू काव्य की कृति है यानि "हिन्दी का प्रथम चम्पू काव्य" ग्रंथ है ।
- इसकी नायिका 'राउल' है, जिसके नख-शिख सौन्दर्य वर्णन मिलता है।
Additional Information