आलोचना MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for आलोचना - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]
Last updated on Mar 21, 2025
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आलोचना Question 1:
नामवर सिंह द्वारा रचित पुस्तकें हैं -
A. कहानी: नई कहानी
B. साहित्य के समाजशास्त्र की भूमिका
C. इतिहास और आलोचना
D. भक्तिकाव्य और लोकजीवन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिये:
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 1 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 4 होगा - A और C
- नामवर सिंह द्वारा लिखित पुस्तकें हैं -
- कहानी : नई कहानी
- इतिहास और आलोचना
- आलोचना के मूर्धन्य हस्ताक्षर
- प्रगतिशील और विशुद्ध आलोचक
- आलोचना पर मार्क्सवाद का प्रभाव
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के शिष्य रहे।
- इतिहास और आलोचना - 1957
- कहानी : नई कहानी - 1964
- मुख्य रचनाएं -
- आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ - 1954
- छायावाद - 1955
- इतिहास और आलोचना - 1957
- कहानी : नयी कहानी - 1964
- कविता के नये प्रतिमान - 1968
- दूसरी परम्परा की खोज - 1982
- वाद विवाद संवाद - 1989
- साक्षात्कार-
- कहना न होगा - 1994
- बात बात में बात - 2006
- पत्र-संग्रह-
- काशी के नाम - 2006
- व्याख्यान-
- आलोचक के मुख से - 2005
- कविता के नए प्रतिमान के लिए 1971 में साहित्य अकादमी
- नामवर सिंह जी की मृत्यु 2019 में हुई।
- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा जेएनयू में अध्यापन कार्य किया।
- साहित्य के समाजशास्त्र कि भूमिका (1989) - मैनेजर पांडेय
- मैनेजर पांडेय भी आलोचना संसार का एक बड़ा नाम हैं।
- भक्तिकाव्य और लोकजीवन (1983) के लेखक शिव कुमार मिश्र हैं।
- दोनों ही प्रगतिवादी आलोचक रहे हैं।
आलोचना Question 2:
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से सही अनुक्रम है:
A. आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना
B. हिन्दी जाति का साहित्य
C. भारतीय सौन्दर्य बोध और तुलसीदास
D. परंपरा का मूल्यांकन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 2 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से सही अनुक्रम है:-
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना
- परंपरा का मूल्यांकन
- हिन्दी जाति का साहित्य
- भारतीय सौन्दर्य बोध और तुलसीदास
Key Pointsआचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना-
- प्रकाशन वर्ष-1955 ई.
- रचनाकार- रामविलास शर्मा
- शुक्ल जी एक युग विधेयक और आलोचनात्मक मानदंड के निर्माता हैं।
- उन्होंने हिन्दी आलोचना को नई दिशा एवं नई जमीन दी है।
- हिंदी साहित्य में कविता के क्षेत्र में जो स्थान निराला का रहा और उपन्यास के क्षेत्र में जो स्थान प्रेमचद का रहा आलोचना के क्षेत्र में वही स्थान आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का है।
परंपरा का मूल्यांकन-
- आलोचनात्मक ग्रन्थ है रचनाकर रामविलास शर्मा।
- प्रकाशन वर्ष- 1981 ई.
हिन्दी जाति का साहित्य-
- यह रचना रामविलास शर्मा की आलोचनात्मक कृति है।
- प्रकाशन वर्ष- 1986 ई.
भारतीय सौन्दर्य बोध और तुलसीदास-
- यह रामविलास शर्मा की आलोचनात्मक कृति है।
- प्रकाशन वर्ष- 2001 ई.
आलोचना Question 3:
निम्नलिखित में से किस विद्वान ने अपभ्रंश को ‘पुरानी हिंदी' नहीं माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 3 Detailed Solution
हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपभ्रंश को ‘पुरानी हिंदी' नहीं माना है।
Key Pointsहजारी प्रसाद द्विवेदी -
-
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी मानते हैं -
-
“यह विचार (अपभ्रंश को हिंदी कहना) भाषा शास्त्रीय और वैज्ञानिक नहीं है।”
-
-
आचार्च द्विवेदी लिखते हैं-
-
“इस प्रकार, हिंदी साहित्य में प्रायः पूरी परंपराएँ ज्यों की त्यों सुरक्षित हैं। शायद ही किसी प्रांतीय साहित्य में ये सारी की सारी विशेषताएँ इतनी मात्रा में और इस रूप में सुरक्षित हों। यह सब देखकर यदि हिंदी को अपभ्रंश साहित्य से अभिन्न समझा जाता है तो इसे बहुत अनुचित नहीं कहा जा सकता। इन ऊपरी साहित्य रूपों को छोड़ भी दिया जाय, तो भी इस साहित्य की प्राणधारा निरविच्छिन्न रूप से परवर्ती हिंदी साहित्य में प्रवाहित होती रही है।"
-
Important Pointsचन्द्रधर शर्मा गुलेरी -
- हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है।
- सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है।
- उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही 'पद्य' रचना प्रारम्भ हो गयी थी।
- हिन्दी भाषा व साहित्य के जानकार अपभ्रंश की अंतिम अवस्था 'अवहट्ट' से हिन्दी का उद्भव स्वीकार करते हैं।
- चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' ने इसी अवहट्ट को 'पुरानी हिन्दी' नाम दिया।
रामचन्द्र शुक्ल -
- शुक्ल ने अपभ्रंश के लिए 'प्राकृताभास हिन्दी', 'प्राकृत की अंतिम अवस्था' और 'पुरानी हिन्दी' जैसे शब्दों का प्रयोग किया है।
- आचार्य शुक्ल के अनुसार-
- "प्राकृत की अंतिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव माना जा सकता है। उस समय जैसे 'गाथा' कहने सड़े प्राकृत का बोध होता था वैसे ही 'दोहा' उआ 'दूहा' कहने से अपभ्रंश या प्रचलित काव्यभाषा का पद्य समझा जाता था।"
राहुल सांकृत्यायन -
-
‘सिद्ध-सामंत-काल’ की सार्थकता बताते हुए राहुल जी भी अपभ्रंश की पुरानी रचनाओं को, बौद्ध-सिद्ध के पदों और दोहों को हिंदी ही बताया हैं।
आलोचना Question 4:
निम्नलिखित कृतियों को उनके लेखको के साथ सुमेलित कीजिए-
सूचि I | सूचि II | ||
(a) | नया साहित्य : नये प्रश्न | (i) | देवराज उपाध्याय |
(b) | रस सिद्धांत | (ii) | शिवकुमार मिश्र |
(c) | मार्क्सवादी साहित्य चिंतन | (iii) | आनंद प्रकाश दीक्षित |
(d) | रोमांटिक साहित्य शास्त्र | (iv) | नंंददुलारे वाजपेयी |
(v) | नगेन्द्र |
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 4 Detailed Solution
कृतियों का उनके लेखको के साथ सही सुमेलन है-
कृति | लेखक |
नया साहित्य : नये प्रश्न | नंंददुलारे वाजपेयी |
रस सिद्धांत | नगेन्द्र |
मार्क्सवादी साहित्य चिंतन | शिवकुमार मिश्र |
रोमांटिक साहित्य शास्त्र | देवराज उपाध्याय |
Key Pointsप्रकाशन वर्ष-
कृति | प्रकाशन वर्ष |
नया साहित्य : नये प्रश्न | 1955 ई. |
रस सिद्धांत | 1964 ई. |
मार्क्सवादी साहित्य चिंतन | 1973 ई. |
रोमांटिक साहित्य शास्त्र | 1951 ई. |
Important Pointsनंंददुलारे वाजपेयी-
- जन्म-1906-1967 ई.
- आलोचनात्मक ग्रन्थ-
- हिंदी साहित्य:बीसवीं शताब्दी(1942 ई.).जयशंकर प्रसाद(1940 ई.),आधुनिक साहित्य(1950 ई.) आदि।
नगेंद्र-
- जन्म-1915-1999 ई.
- आलोचनात्मक ग्रन्थ-
- सुमित्रानंदन पंत(1938 ई.),साकेत:एक अध्ययन(1939 ई.),रीतिकाव्य की भूमिका(1949 ई.) आदि।
शिवकुमार मिश्र-
- जन्म-1931-2013 ई.
- आलोचनात्मक ग्रन्थ-
- कामायनी और प्रसाद की कविता गंगा(1954 ई.),नया हिंदी काव्य(1962 ई.),प्रगतिवाद(1966 ई.) आदि।
देवराज उपाध्याय-
- जन्म-1917 ई.
- आलोचनात्मक ग्रन्थ-
- आधुनिक हिंदी कथा-साहित्य और मनोविज्ञान(1955 ई.),साहित्य का मनोवैज्ञानिक अध्ययन(1964 ई.) आदि।
आलोचना Question 5:
“हिन्दी शब्दानुशासन' ग्रन्थ के रचनाकार है:
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 5 Detailed Solution
किशोरीदास वाजपेयी द्वारा लिखा गया व्याकरण ग्रन्थ "हिंदी शब्दानुशासन" है। अत: सही विकल्प 3) किशोरीदास वाजपेयी ही होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु-
- हिन्दी शब्दानुशासन एक व्याकरण ग्रन्थ है।
- इसी प्रकार हेमचन्द्र का भी एक व्याकरण ग्रन्थ है जिसका नाम - हेमचन्द्र शब्दानुशासन।
आलोचना Question 6:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I आलोचक |
सूची-II ग्रन्थ |
||
(A) |
नंददुलारे वाजपेयी |
I) |
सुकवि संकीर्तन |
(B) |
श्यामसुन्दर दास |
II) |
नया साहित्य : नए प्रश्न |
(C) |
महावीरप्रसाद द्विवेदी |
III) |
विचार और अनुभूति |
(D) |
नगेन्द्र |
IV) |
साहित्यालोचन |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 6 Detailed Solution
सही उत्तर है- "(A)-(II), (B)-(IV), (C)-(I), (D)-(III)"। अन्य विकल्प असंगत हैं। Key Points
आलोचक | ग्रन्थ |
नंददुलारे वाजपेयी | नया साहित्य : नए प्रश्न |
श्यामसुन्दर दास | साहित्यालोचन |
महावीरप्रसाद द्विवेदी |
सुकवि संकीर्तन
|
नगेन्द्र |
विचार और अनुभूति
|
Important Pointsश्यामसुंदर दास-
- जन्म- 1875 -1945 ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1, 2 (1909-1914)
- साहित्यालोचन (1922)
- भाषाविज्ञान (1923)
- हिंदी भाषा और साहित्य (1930)
- रूपकहस्य (1931)
- भाषारहस्य (1935)
- मेरी आत्मकहानी (1941)
- कबीर ग्रंथावली (1928)
- साहित्यिक लेख (1945)
नंददुलारे वाजपेयी-
- जन्म- 1906 - 1967 ईo
- शुक्लोत्तर युक के समीक्षक हैं।
- निबंध-
- आधुनिक साहित्य (1950)
- नया साहित्य नये प्रश्न (1955)
- राष्ट्रभाषा की कुछ समस्याएँ (1961)
- हिंदी साहित्य का आधुनिक युग (1978)
- आधुनिक साहित्यः सृजन और समीक्षा (1978)
महावीर प्रसाद-
- जन्म- 1864 - 1938 ईo
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- नैषधचरित चर्चा
- हिंदी कालिदास की समालोचना
- कालिदास की
- निरंकुशता
- आलोचनांजलि
- समालोचना समुच्चय
- साहित्यालाप।
- निबंध-
- सम्पत्तिशास्त्र
- रसज्ञ रंजन
- लेखांजलि
- नाट्य-शास्त्र
- उपन्यास रहस्य
- आगरे की शाही इमारतें
- कालिदास के समय का भारत
- दंडदेव का आत्मनिवेदन
- भाषा और व्याकरण
- कवि और कविता
- महाकवि माघ का प्रभात वर्णन
- दमयन्ती का चंद्रोपालम्भ
डॉ. नगेन्द्र-
- जन्म- 1915 - 1999 ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- विचार और विवेचन (1944 ई.)
- विचार और अनुभूति (1949 ई.)
- आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ (1951 ई.)
- विचार और विश्लेषण (1955 ई.)
- अरस्तू का काव्यशास्त्र (1957 ई.)
- अनुसंधान और आलोचना (1961 ई.)
- रस-सिद्धांत (1964 ई.)
- आलोचक की आस्था (1966 ई.)
- आस्था के चरण (1969 ई.)
- नयी समीक्षाः नये संदर्भ (1970 ई.)
- समस्या और समाधान (1971 ई.)
आलोचना Question 7:
आचार्य रामचंद्र शुक्ल की प्रथम सैद्धांतिक आलोचना किस निबंध को माना जाता है
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है - काव्य में रहस्यवाद।
Key Points
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल की प्रथम सैद्धांतिक आलोचना 'काव्य में रहस्यवाद निबंध को माना जाता है।
- इसका प्रकाशन 1929 है।
- रामचंद्र शुक्ल की प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां:- गोस्वामी तुलसीदास, जायसी ग्रंथावली, भ्रमर-गीतसार, रसमीमांसा।
आलोचना Question 8:
'नई कहानी : संदर्भ और प्रकृति' पुस्तक के संपादक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 8 Detailed Solution
'नई कहानी : संदर्भ और प्रकृति' पुस्तक के संपादक देवीशंकर अवस्थी हैं।
नयी कहानी : सन्दर्भ और प्रकृति-
- प्रकाशन वर्ष- 1966 ई.
Key Pointsदेवीशंकर अवस्थी-
- जन्म- 1930-1966 ई.
- रचनाएँ-
- आलोचना और आलोचना (1960)
- रचना और आलोचना (1979)
- आलोचना का द्वन्द्व (1999)
- विवेक के कुछ और रंग (2002) आदि।
- संपादित रचनाएँ-
- कविताएँ (1954)
- कहानी विविधा (राजकमल प्रकाशन से 43वाँ संस्करण 2016 में)
- विवेक के रंग (1965)
- साहित्य विधाओं की प्रकृति (विश्व साहित्य के प्रमुख चिन्तकों-लेखकों के निबन्धों का संकलन-अनुवाद)-1981
Important Pointsनामवर सिंह-
- जन्म-1926-2019ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- छायावाद(1955ई.)
- इतिहास और आलोचना(1957ई.)
- कहानी:नयी कहानी(1965ई.)
- कविता के नये प्रतिमान(1968ई.)
- दूसरी परंपरा की खोज(1982ई.) आदि।
राजेन्द्र यादव-
- जन्म-1929-2005ई.
- कहानी संग्रह-
- देवताओं की मूर्तियाँ(1951ई.)
- खेल खिलौने(1953ई.)
- अभिमन्यु की आत्महत्या(1959ई.)
- टूटना( 1966ई.) आदि।
भैरवप्रसाद गुप्त-
- जन्म -1918-1995 ई.
- कहानी-
- मुहब्बत की राहें (1945 ई.)
- इंसान (1950 ई.)
- सितार का तार (1951 ई.)
- मंजिल (1951 ई.)
- आँखों का सवाल (1965 ई.) आदि।
आलोचना Question 9:
प्रकाशनवर्ष की दृष्टि से सही अनुक्रम है:
A. दूसरी परंपरा की खोज
B. व्योमकेश दरवेश
C. शांतिनिकेतन से शिवालिक तक
D. साहित्यकार और चिन्तक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 9 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से सही अनुक्रम है:-
- दूसरी परंपरा की खोज
- शांतिनिकेतन से शिवालिक तक
- साहित्यकार और चिन्तक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
- व्योमकेश दरवेश
Key Points
- दूसरी परंपरा की खोज
- प्रकाशन वर्ष-1982ई.
- विधा-आलोचना
- रचनाकार-नामवर सिंह
- शांतिनिकेतन से शिवालिक तक
- प्रकाशन वर्ष-1990ई.
- विधा-निबंध
- रचनाकार-शिवप्रसाद सिंह
- साहित्यकार और चिन्तक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
- प्रकाशन वर्ष-1997ई.
- विधा-आलोचना
- रचनाकार-राममूर्ति त्रिपाठी
- व्योमकेश दरवेश
- प्रकाशन वर्ष-2011ई.
- विधा-संस्मरणात्मक
- रचनाकार-विश्वनाथ त्रिपाठी
Additional Informationहजारीप्रसाद द्विवेदी पर लिखी गयीं अन्य रचनाएँ-
रचना | प्रकाशन वर्ष | रचनाकार |
हजारीप्रसाद द्विवेदी | 1889ई. | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी व्यक्तित्व-कृतित्व | 2008ई. | व्यासमणि त्रिपाठी |
हजारीप्रसाद द्विवेदी | 2012ई. | चौथीराम यादव |
आलोचना Question 10:
निम्नलिखित ग्रंथों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए:
सूची I |
सूची II |
||
(a) |
रस मीमांसा |
(i) |
रामविलास शर्मा |
(b) |
हिन्दी साहित्य का आदिकाल |
(ii) |
नन्ददुलारे वाजपेयी |
(c) |
निराला की साहित्य-साधाना |
(iii) |
रामचन्द्र शुक्ल |
(d) |
आधुनिक साहित्य : सृजन और समीक्षा |
(iv) |
महावीर प्रसाद द्विवेदी |
(v) |
हजारीप्रसाद द्विवेदी |
Answer (Detailed Solution Below)
आलोचना Question 10 Detailed Solution
विकल्प 4 (a) - (iii), (b) - (v), (c) - (i), (d) - (ii) सही है।
महावीर प्रसाद द्विवेदी की मौलिक पद्य रचनाएँ-
देवी स्तुति-शतक (1892 ई.)
कान्यकुब्जावलीव्रतम (1898 ई.)
समाचार पत्र सम्पादन स्तवः (1898 ई.)
नागरी (1900 ई.)
कान्यकुब्ज-अबला-विलाप (1907 ई.)
काव्य मंजूषा (1903 ई.)
सुमन (1923 ई.)
द्विवेदी काव्य-माला (1940 ई.)
कविता कलाप (1909 ई.)
शुक्ल जी के आलोचनात्मक ग्रंथ-
- सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा।
हजारी प्रसाद द्विवेदी के आलोचनात्मक ग्रंथ-
- सूर साहित्य (1936), हिन्दी साहित्य की भूमिका (1940), प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
- कबीर (1942), नाथ संप्रदाय (1950), हिन्दी साहित्य का आदिकाल (1952),आधुनिक हिन्दी साहित्य पर विचार (1949), साहित्य का मर्म (1949)
- मेघदूत: एक पुरानी कहानी (1957), लालित्य तत्त्व (1962), साहित्य सहचर (1965)
- कालिदास की लालित्य योजना (1965), मध्यकालीन बोध का स्वरूप (1970)
- हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास (1952), मृत्युंजय रवीन्द्र (1970), सहज साधना (1963)।
रामविलास शर्मा की साहित्यिक आलोचना-
- प्रेमचन्द -1941, भारतेन्दु युग -1943 ,निराला -1946, प्रेमचन्द और उनका युग -1952
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र -1953, प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ -1954
नंददुलारे वाजपेई की आलोचनात्मक कृतियां-
- हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास
- आधुनिक काव्य : रचना और विचार
- नई कविता - 1976
- कवि सुमित्रानन्दन पंत - 1976
- रस सिद्धांत : नये संदर्भ - 1977
- आधुनिक साहित्य : सृजन और समीक्षा - 1977
- हिन्दी साहित्य का आधुनिक युग - 1979
- रीति और शैली - 1979