हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (NLMC) (National Land Monetization Corporation in Hindi) की स्थापना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इस निगम को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) के साथ-साथ अन्य सरकारी एजेंसियों की अधिशेष भूमि और संपत्ति परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह लेख राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम पर विस्तृत चर्चा प्रदान करेगा, जो अर्थव्यवस्था खंड में IAS परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।
राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम | National Land Monetization Corporation
एनएलएमसी (NLMC in Hindi) का मुख्य कार्य सीपीएसई और अन्य सरकारी निकायों/संगठनों की अधिशेष भूमि और भवन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करना है। यह एक रणनीतिक कदम है जिसका उद्देश्य देश के संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना है।
पूंजी आवंटन:
- एनएलएमसी 5,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी और 150 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी के साथ अपना परिचालन शुरू करेगी।
संगठनात्मक संरचना:
एनएलएमसी (NLMC in Hindi) को न्यूनतम पूर्णकालिक कर्मचारियों के साथ एक छोटा संगठन बनाया गया है, जिन्हें अनुबंध के आधार पर सीधे बाजार से काम पर रखा जाएगा।
- एनएलएमसी के निदेशक मंडल में वरिष्ठ केन्द्रीय सरकारी अधिकारी और प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो कंपनी के व्यावसायिक संचालन और प्रबंधन को सुनिश्चित करेंगे।
- एनएलएमसी के अध्यक्ष और गैर-सरकारी निदेशकों की नियुक्ति कठोर, योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी।
- एनएलएमसी भी राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष तथा इन्वेस्ट इंडिया जैसी अन्य विशिष्ट फर्मों की तरह पेशेवरों को नियुक्त करेगी।