हरबार्टपञ्चपदी कुत्र प्रयुज्यते?

This question was previously asked in
RPSC 2nd Grade Sanskrit (Held on 2nd Nov 2018) Official Paper
View all RPSC Senior Teacher Grade II Papers >
  1. पाठयोजनायाम्
  2. सम्भाषणे
  3. लेखने
  4. पठने

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पाठयोजनायाम्
Free
RPSC Senior Grade II (Paper I): Full Test 1
100 Qs. 200 Marks 120 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

प्रश्न का अनुवाद - ''हरबार्टपञ्चपदी'' कहाँ प्रयोग किया जाता है?

स्पष्टीकरण - पाठयोजना में ''हरबार्टपञ्चपदी'' का प्रयोग किया जाता है

  • हरबर्ट की पञ्चपदी का उपयोग पाठ योजना के निर्माण हेतु किया जाता है। इसके जन्मदाता प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री हरबर्ट है।
  • प्रोफेसर हरबर्ट की अधिगम के संबंध में यह धारणा है कि प्रत्येक छात्र बाहर से मिलने वाले ज्ञान को संचित करता रहता है। यदि नवीन ज्ञान को छोटे-छोटे सोपानों में बांटकर उसे पूर्व संचित ज्ञान से संबंधित करके पढ़ाया जाए तो छात्र उसे अधिक शीघ्रता व सुगमता से ग्रहण करता है।
  • हरबर्ट पाठ योजना में स्मृति स्तर पर सीखने को अधिक प्रभावशाली माना जाता है। यह पाठ योजना विषय वस्तु केंद्रित है, इसमें पाठ को छात्रों के सम्मुख प्रस्तुतीकरण को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और उस पर अधिक बल दिया जाता है। छात्रों की आवश्यकता और रुचियों, मूल्यों आदि को इसमें अधिक स्थान नहीं दिया जाता। हरबर्ट ने कक्षा शिक्षण के लिए सर्वप्रथम नियमों का प्रतिपादन किया।

Important Pointsस्पष्टता:- विद्यार्थी के समक्ष प्रस्तुत करना।

संबंध:- प्रस्तुत किए गए जाने वाले पाठ या नवीन ज्ञान को बालक के पूर्व ज्ञान से संबंध करना।

व्यवस्था:- बालक के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ का नवीन ज्ञान को व्यवस्थित रूप देना। 

हरबर्ट ने उपयुक्त चार सोपानों की विवेचना की, जिसे उसके अनुयायियों ने अधिक स्पष्ट व महत्वपूर्ण बनाने का प्रयास किया है।
उसके शिष्य जिलर ने सर्वप्रथम स्पष्टता को दो भागों में विभक्त किया। पाठ की प्रस्तावना और प्रस्तुतीकरण।
हरबर्ट के एक अन्य शिष्य राइन ने इनमें एक उप कथन और जोड़ा वह था उद्देश्य।

इस परिवर्तन के बाद प्रथम पाँच पद इस प्रकार हो गए-
विधि प्रयोग- 

  1. अ )प्रस्तावना - यह छात्रों के पूर्व ज्ञान से सम्बन्धित होती है इसमें पढाए जाने वाले पाठ को सम्बद्ध करने के लिए कुछ सरल प्रश्न पूछे जाते है।.

          ब )उद्देश्य कथन - इस में विषय का उद्दिष्ट क्या है ये स्पष्ट किया जाता है। 

       2.प्रस्तुतीकरण - इस में उद्देश्य कथन के साथ विषय का प्रस्तुतिकरण किया जाता है।

       3.तुलना - जिन जिन स्थलों पर कठिनाई होती है उन शब्दों एवं भावों को स्पष्ट करने के लिए दृश्य श्रव्य सामग्री का प्रयोग किया जाता हैं तथा तुलना करवाते हुए 

           विषय स्पष्ट किया जाता है।

      4.सामान्यीकरण - सार शिक्षक द्वारा बताना तथा छात्रों से प्रश्नों द्वारा मुख्य भाव ज्ञात करना. समान भाव की कविता के आधार पर प्रश्न पूछना आदि।

      5.प्रयोग  - छात्रों से अभ्यास कार्य करवाया जाता हैं. यह अभ्यास कार्य कक्षा कार्य तथा गृहकार्य के माध्यम से सम्पन्न होता हैं. इसका मुख्य उद्धेश्य छात्रों के प्राप्त ज्ञान को परिपुष्ट करना है।

सिखाते हुए इन पाँच प्रयोग का ध्यान रखना आवश्यक है। 
इस प्रकार पाठयोजना में ''हरबार्टपञ्चपदी'' का प्रयोग किया जाता है।

Latest RPSC Senior Teacher Grade II Updates

Last updated on Jul 19, 2025

-> The latest RPSC 2nd Grade Teacher Notification 2025 notification has been released on 17th July 2025

-> A total of 6500 vacancies have been declared.

-> The applications can be submitted online between 19th August and 17th September 2025.

-> The written examination for RPSC 2nd Grade Teacher Recruitment (Secondary Ed. Dept.) will be communicated soon.

->The subjects for which the vacancies have been released are: Hindi, English, Sanskrit, Mathematics, Social Science, Urdu, Punjabi, Sindhi, Gujarati.

More शिक्षण के महत्त्वपूर्ण तत्त्व Questions

Hot Links: teen patti club teen patti gold download teen patti online game teen patti master gold download