Question
Download Solution PDFअश्विनः पाठस्य, अन्यैः भाषितान् किंचिद् शब्दान् च अभिज्ञातुं समर्थः परं तु सः स्वस्य प्रयोगे समर्थः नास्ति। एतादृशाः शब्दाः कस्याम् श्रेण्याम् आयन्ति?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - अश्विन पाठ के और अन्य के द्वारा बोले गये कुछ शब्दों को जानने में समर्थ है, परन्तु वह स्वयं प्रयोग करने में समर्थ नहीं है। ऐसे शब्द किस श्रेणी में आते हैं?
स्पष्टीकरण - उपरोक्त प्रश्न के सन्दर्भ में ऐसे शब्द निष्क्रिय शब्दावली के अन्तर्गत आते हैं। जिनको व्यक्ति समझता है, परन्तु वह स्वयं उन शब्दों का प्रयोग करने में समर्भ नहीं है।
- निष्क्रिय शब्दावली - उन शब्दों का समूह है, जो एक व्यक्ति कान से या पढ़ते समय जानता और समझता है, लेकिन स्वयं उनका उपयोग नहीं कर पाता है।
- जॉन रेनॉल्ड्स और पेट्रीसिया एकर्स के अनुसार - "आपकी निष्क्रिय शब्दावली में सक्रिय से अधिक शब्द होने की संभावना है। अपने लेखन में शब्दावली की सीमा में सुधार करने का एक तरीका है, अपने निष्क्रिय से सक्रिय शब्दावली में शब्दों को स्थानांतरित करने का प्रयास करना।"
- यह निष्क्रिय शब्दावली उन शब्दों से बनी है, जो एक व्यक्ति पहचानता है, लेकिन बोलने और लिखने के दौरान शायद ही कभी उपयोग करता है के रूप में भी जाना जाता है मान्यता शब्दावली ।
- मौखिक स्मृति में संग्रहीत शब्द शामिल हैं, जो लोग आंशिक रूप से समझते हैं, लेकिन सक्रिय उपयोग के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ये वे शब्द हैं, जो व्यक्ति के द्वारा बहुत कम बार उपयोग किये जाते हैं और वे पूरी तरह से भाषा में कम आवृत्ति वाले शब्द हो सकते हैं।
- दूसरे शब्दों में, उन्हें सक्रिय करने में अधिक समय लगता है और यह अधिकांश पाठ संदर्भों की तुलना में अधिक उत्तेजना की मांग करता है।
- शब्दों का उपयोग करने में एक सुविधा विकसित होती है। संदर्भ में एक और तरह की बाधाओं को फिर भी कुछ शब्दों के सक्रिय उपयोग को प्रतिबंधित कर सकते हैं।
अतः कहा जा सकता है कि उपरोक्त प्रश्न के सन्दर्भ में इसे निष्क्रिय शब्दावली कहा जाता है।
Confusion Points
- यहाँ दुर्बोधपदम् उचित विकल्प नहीं होगा, क्योंकि व्यक्ति दुर्बोध (जिसका बोध न हो) पद को समझने में भी असमर्थ होता है। जबकि यहाँ वह उच्चारण के समय उस शब्द को समझ लेता है, किन्तु कह नहीं पाता है। इसलिए क्लिष्टपद उचित विकल्प नहीं है।
- सक्रिय शब्दावली वह है, जिन शब्दों का प्रयोग व्यक्ति निरन्तर करता है, ऐसे शब्दों को व्यक्ति समझता भी है तथा उनके प्रयोग में भी समर्थ होता है।
Last updated on Apr 30, 2025
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