'चौमासा' शब्द में कौन-सा समास है?

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  1. अव्ययीभाव समास
  2. कर्मधारय समास
  3. बहुब्रीहि समास
  4. द्विगु समास

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Option 4 : द्विगु समास
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दिए गए विकल्पों में से ‘चौमासा’ में ‘द्विगु समास’ होगा। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं। अत: विकल्प 4 द्विगु समास इसका उचित उत्तर है।

Key Points

स्पष्टीकरण:

‘चौमासा’ अर्थात चार मासों का समाहार। इसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण है और चौमासा का समस्त पद चार मासों के समाहार का बोध करा रहा है, इसलिए यहाँ ‘द्विगु समास’ है।

द्विगु समास  

जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण और समस्तपद किसी समूह का बोध करता है।

दोपहर- दो पहरों का समाहार


Additional Information

अन्य विकल्प:

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है ।

पाप-पुण्य- पाप और पुण्य

तत्पुरुष समास

जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।

विद्यालय-विद्या का आलय

राजदूत- राजा का दूत

कर्मधारय समास

पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।

नीलांबर- नील + अंबर

समास

परिभाषा

उदाहरण

बहुव्रीहि समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।

जैसे – कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

विशेष (बहुव्रीहि समास)

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

अव्ययीभाव समास

जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'।

जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।

विशेष (अव्ययीभाव समास)

विशेष : जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि शब्दों से भी कोई प्रभाव न हो जो अपरिवर्तित रहें वे शब्द अव्यय कहलाते हैं।

अव्ययीभाव समास की पहचान के लक्षण:- अव्ययीभाव समास को पहचानने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनायी जा सकती हैं।

(i) यदि समस्तपद के आरंभ में भर, निर्, प्रति, यथा, बे, आ, ब, उप, यावत्, अधि, अनु आदि उपसर्ग/अव्यय हों। जैसे- यथाशक्ति, प्रत्येक, उपकूल, निर्विवाद अनुरूप, आजीवन आदि।

(ii) यदि समस्तपद वाक्य में क्रियाविशेषण का काम करे। जैसे- उसने भरपेट (क्रियाविशेषण) खाया (क्रिया)।

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