जहां तक मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 9 का संबंध है, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. कोई भी पक्ष केवल मध्यस्थता कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान ही अंतरिम उपायों के लिए न्यायालय में आवेदन कर सकता है।
  2. मध्यस्थ न्यायाधिकरण द्वारा मध्यस्थता पुरस्कार दिए जाने के बाद भी कोई पक्ष अंतरिम उपायों के रूप में रिसीवर की नियुक्ति की मांग करते हुए न्यायालय में आवेदन कर सकता है।
  3. कोई भी पक्ष मध्यस्थता कार्यवाही शुरू होने से पहले अंतरिम उपायों के लिए आवेदन नहीं कर सकता है। 
  4. उपरोक्त सभी सही हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मध्यस्थ न्यायाधिकरण द्वारा मध्यस्थता पुरस्कार दिए जाने के बाद भी कोई पक्ष अंतरिम उपायों के रूप में रिसीवर की नियुक्ति की मांग करते हुए न्यायालय में आवेदन कर सकता है।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 2 है।  Key Points 

  • मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 9 न्यायालय द्वारा अंतरिम उपायों आदि से संबंधित है।
  • (1) कोई पक्षकार, माध्यस्थम् कार्यवाहियों के पूर्व या उनके दौरान या माध्यस्थम् पंचाट किए जाने के पश्चात् किसी समय किंतु इससे पूर्व कि वह धारा 36 के अनुसार प्रवृत्त किया जाता है किसी न्यायालय को—
    • (i) माध्यस्थम् कार्यवाहियों के प्रयोजनों के लिए किसी अप्राप्तवय या विकृतचित्त व्यक्ति के लिए संरक्षक की नियुक्ति के लिए; या
    • (ii) निम्नलिखित विषयों में से किसी के संबंध में संरक्षण के किसी अंतरिम अध्युपाय के लिए, अर्थात् :
      • (क) किसी माल का, जो माध्यस्थम् करार की विषय-वस्तु है, परिरक्षण, अंतरिम अभिरक्षा या विक्रय ;
      • (ख) माध्यस्थम् में विवादग्रस्त रकम सुरक्षित करने ;
      • (ग) किसी संपत्ति या वस्तु का, जो माध्यस्थम् में विषय-वस्तु या विवाद है या जिसके बारे में कोई प्रश्न उसमें उद्भूत हो सकता है, निरोध, परिरक्षण या निरीक्षण और पूर्वोक्त प्रयोजनों में से किसी के लिए किसी पक्षकार के कब्जे में किसी भूमि पर या भवन में किसी व्यक्ति को प्रवेश करने देने के लिए प्राधिकृत करने, या कोई ऐसा नमूना लेने के लिए या कोई ऐसा संप्रेक्षण या प्रयोग कराए जाने के लिए जो पूर्ण जानकारी या साक्ष्य प्राप्त करने के प्रयोजन के लिए आवश्यक या समीचीन हो, प्राधिकृत करने;
      • (घ) अंतरिम व्यादेश या किसी रिसीवर की नियुक्ति करने ;
      • (ङ) संरक्षण का ऐसा अन्य अंतरिम उपाय करने के लिए जो न्यायालय को न्यायोचित और सुविधाजनक प्रतीत हो, आवेदन कर सकेगा, और न्यायालय को आदेश करने की वही शक्तियां होंगी जो अपने समक्ष किसी कार्यवाही के प्रयोजन के लिए और उसके संबंध में उसे हैं।
  • (2) जहां, मध्यस्थता कार्यवाही के प्रारंभ से पूर्व, न्यायालय उपधारा (1) के अधीन संरक्षण के किसी अंतरिम उपाय के लिए आदेश पारित करता है, वहां मध्यस्थता कार्यवाही ऐसे आदेश की तारीख से नब्बे दिन की अवधि के भीतर या ऐसे अतिरिक्त समय के भीतर, जैसा न्यायालय अवधारित करे, प्रारंभ की जाएगी।

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