मानवों में शरीर के तापमान के विशिष्ट लक्षणों के सन्दर्भ में निम्न कथनें बनाए गये:

A. पर्यावरण तापमान के बदलाव के साथ मूल शारीरिक तापमान में न्यूनतम परिवर्तन होता है।

B. प्रचंड मांसपेशीय व्यायाम के दौरान मलाशयी तापमात्रा 40°C तक बढ़ सकती है।

c. मलाशयी तापमात्रा की तुलना में मुखीय तापमात्रा उच्च होता है।

D. मानवों में जो कि रात्रि में निद्रावस्था में होते है तथा दिन में जाग्रत अवस्था में होते है, मूल शारीरिक तापमात्रा 6:00 AM पर सर्वाधिक होते है तथा सायंकाल में सर्वनिम्न होते है।

E. वृषणकोश की तापमात्रा 37°C पर नियन्त्रित होती है।

F. स्त्रीयों में, अंडोत्सर्ग के तुरन्त पश्चात् बुनियादी शारीरिक तापमान में एक वृद्धि होता है।

निम्नांकित कौन सा एक विकल्प कथनों के गलत मेल को दर्शाता ?

This question was previously asked in
CSIR-UGC (NET) Life Science: Held on (6 June 2023 Shift 2)
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  1. A, B, C
  2. B, C, D
  3. C, D, E
  4. D, E, F

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : C, D, E
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10 Qs. 20 Marks 15 Mins

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 अर्थात C, D, E है

अवधारणा:

  • औसत शरीर का तापमान 37°C (98.6°F) माना जाता है, हालांकि इसमें भी व्यापक भिन्नता देखी जाती है।
  • स्वस्थ लोगों में औसत दैनिक तापमान 0.5°C (0.9°F) तक भिन्न हो सकता है, जिसमें दैनिक उतार-चढ़ाव 0.25 से 0.5°C तक हो सकता है।
  • शरीर का तापमान आमतौर पर शाम 6 बजे के आसपास चरम पर होता है और सुबह 2 से 4 बजे के आसपास सबसे कम होता है
  • किसी व्यक्ति की सर्केडियन लय काफी स्थिर होती है और बुखार या हाइपोथर्मिया के दौरों से अप्रभावित रहती है।
  • दिन-नींद और रात्रि-जागरण चक्रों में निरंतर परिवर्तन के परिणामस्वरूप सर्कैडियन तापमान लय में अनुकूली समायोजन होगा।
  • मलाशय के तापमान की सामान्य सीमा मौखिक तापमान से 0.27–0.38°C (0.5–0.7°F) अधिक होती है। मौखिक तापमान से लगभग 0.55°C (1.0°F) कम अक्षीय तापमान होता है।
  • चिकित्सकीय रूप से उपयोगी उद्देश्यों के लिए किसी रोगी को ज्वरग्रस्त या ज्वरग्रस्त माना जाता है, यदि उसका मौखिक तापमान 37.5°C (99.5°F) तक पहुँच जाता है या उसके मलाशय का तापमान 38°C (100.5°F) से अधिक हो जाता है।
  • जब तापमान 41.1°C (106°F) से ऊपर चला जाता है, तो ज्वर की स्थिति को हाइपरपीरेक्सिया कहा जाता है। 35°C (95°F) या उससे कम का मलाशय तापमान हाइपोथर्मिया माना जाता है।

स्पष्टीकरण:

कथन A: सही

  • मनुष्य होमियोथर्म जीव हैं जो पर्यावरण में परिवर्तन के बावजूद अपने शरीर का तापमान स्थिर बनाए रख सकते हैं।
  • शरीर के आंतरिक तापमान में केवल मामूली परिवर्तन देखा जाता है, अन्यथा समग्र तापमान स्थिर रहता है।
  • अतः, पर्यावरण में परिवर्तन के कारण मनुष्य के शरीर का तापमान बहुत कम बदलता है।
  • अतः यह एक सही कथन है।

कथन B: सही

  • मलाशय का तापमान सामान्य शरीर के तापमान से 0.3°C या 0.6°C अधिक होता है।
  • व्यायाम के बाद मलाशय का तापमान 40°C तक बढ़ाया जा सकता है।
  • अतः यह एक सही कथन है।

कथन C: गलत

  • मलाशय का तापमान मौखिक और बगल के तापमान से अधिक होता है।
  • मलाशय का तापमान मौखिक तापमान से 0.3°C या 0.6 °C अधिक होता है।
  • इसलिए, यह एक गलत कथन है।

कथन D: गलत

  • व्यक्तियों के लिए, शरीर का तापमान सामान्यतः शाम 6 बजे के आसपास सबसे अधिक होता है, जबकि सुबह 3 बजे के आसपास यह सबसे कम होता है।
  • इसलिए, यह एक गलत कथन है।

कथन E: गलत

  • अंडकोष का सामान्य तापमान 34°C बनाए रखा जाता है।
  • यह सामान्य शरीर के तापमान से 2-3°C कम होता है।
  • इसलिए, यह एक गलत कथन है।

कथन F: सही

  • अंडोत्सर्ग के तुरन्त पश्चात् बुनियादी शारीरिक तापमान थोड़ा बढ़ जाता है।
  • अतः यह कथन सही है

अतः, सही उत्तर विकल्प 3 है।

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